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सर्वनाम किसे कहते हैं? (परिभाषा, भेद और उदाहरण)

Sarvanam Kise Kahate Hain: नमस्कार दोस्तों, आज हमने यहां पर हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण भाग सर्वनाम की परिभाषा, उदाहरण और सर्वनाम के कितने भेद हैं (Sarvanam ke Bhed) के बारे में विस्तार से बताया है। हर कक्षा की परीक्षा में पूछा जाने वाले यह एक विशेष महत्वपूर्ण सवाल है। यहां पर हम सर्वनाम (Pronoun in Hindi) को निम्न स्टेप्स में जानेंगे।

  • सर्वनाम किसे कहते हैं (Sarvanam Definition in Hindi)
  • सर्वनाम के प्रकार (Sarvanam ke Prakar)
  • सर्वनाम के उदाहरण
Sarvanam
Sarvanam Kise Kahate Hain

सर्वनाम किसे कहते हैं?

Sarvanam Kise Kahate Hain: वह शब्द जिनका प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है अर्थात् संज्ञा के बारे में बुलाने के लिए या संज्ञा के बारे में बताने के लिए संज्ञा की जगह पर जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं, उन्हें सर्वनाम कहा जाता है। उदाहरण के लिए- मैं, तुम, हम, वह, उसके आदि।

सर्वनाम एक शब्द होता है, जो संज्ञा अर्थात किसी भी व्यक्ति के नाम के स्थान पर या फिर जगह के स्थान पर प्रयोग किया जाता है। मुख्य रूप से सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ होता है, सबका नाम और यह सर्व और नाम नामक शब्दों से मिलकर बना है, जिसका विच्छेदित अर्थ भी सबका नाम ही होता है।

जब हम किसी वाक्य को पढ़ते या फिर लिखते हैं तो एक ही नाम बार-बार आता है और उसके स्थान पर हम किसी अन्य शब्द जैसे कि वह, उसे, उसके इत्यादि का उपयोग करते हैं, ऐसे ही शब्दों को सर्वनाम कहते हैं, इतना ही नहीं हम लोग जानते भी हैं कि सर्वनाम संज्ञा के स्थान में प्रयोग किया जाते हैं और यह इसका एक बहुत ही सरल रूप होता है, जो वाक्य को आसान बना देता है।

सर्वनाम के उदाहरण

आइए अब हम सभी लोग सर्वनाम को कुछ विशेष उदाहरणों के माध्यम से समझते हैं:

राम जाता हैवह जाता है।

इस वाक्य में मुख्य रूप से राम के स्थान पर वह शब्द का उपयोग किया गया है, जोकि संज्ञा और सर्वनाम है अर्थात राम शब्द एक संज्ञा है और वह सर्वनाम।

हिंदी भाषा में कुल कितने सर्वनाम होते हैं?

हिंदी भाषा में मुख्य रूप से कुल 11 सर्वनाम होते हैं और इन्हीं सर्वनामों को हिंदी में मूल सर्वनाम भी कहा जाता है। यही 11 सर्वनाम किसी भी शब्दों को रूपांतरित करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं और इन्हीं सर्वनाम के प्रयोग से किसी भी पुरुष वचन या फिर कारक को आसानी से बदला जा सकता है और इन सभी चरणों को योगिक सर्वनाम कहा जाता है।

हिंदी भाषा के ये 11 सर्वनाम नीचे निम्नलिखित है;

  • मैं
  • आप
  • वह
  • यह
  • तू
  • जो
  • सो
  • क्या
  • कोई कोई
  • कुछ
  • कौन

सर्वनाम का प्रयोग क्यों किया जाता है?

अक्सर हिंदी के भाषा में ही नहीं बल्कि अंग्रेजी भाषा में भी कई बार बोलते समय संज्ञा की पुनरावृति बार-बार होने लगती है और इसी पूर्ण आवृत्ति के कारण वाक्य को बोलने में काफी कठिनाई होती है और वाक्य सही नहीं लगता। इसी के लिए संज्ञा के स्थान पर सर्वनाम का उपयोग किया जाता है।

अर्थात हम सभी लोग यह कह सकते हैं किसी वाक्य में बार-बार संज्ञा की पुनरावृत्ति होने के कारण संज्ञा के स्थान पर हम जिन शब्दों का उपयोग करते हैं, उसे सर्वनाम कहते हैं।

हम किसी वाक्य को जब बोलते या लिखते हैं तो उन वाक्यों में बार-बार उसी संज्ञा की पुनरुक्ति से बचने के लिए सर्वनाम का प्रयोग करते हैं। अर्थात् एक वाक्य में संज्ञा का बार-बार दोहरान होगा तो वह वाक्य सुनने और लिखने में अच्छा नहीं लगेगा, इसलिए संज्ञा के स्थान पर सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है।

आइए अब हम आप सभी लोगों को सर्वनाम के कुछ उदाहरण बताते हैं, इन उदाहरणों के माध्यम से आप सभी लोग सर्वनाम को बड़ी ही आसानी से और सरलतापूर्वक समझ पाएंगे।

  • सुरेश आज गांव गया है, सुरेश बस में गया है, सुरेश के साथ उसकी दादी भी गई है।

सुरेश आज गांव गया है, वह बस में गया है, उसके साथ उसकी दादी भी गई है।

यहां पर सुरेश के नाम को बार-बार प्रयोग में नहीं लेकर उसके नाम के स्थान पर सर्वनाम का प्रयोग करने से वाक्य में शुद्धता आई है अर्थात् सुरेश के नाम की पुनरावृत्ति नहीं हुई है। इन वाक्यों में वह और उसके शब्द सर्वनाम का काम कर रहे हैं।

  • रमेश आज बहुत खुश है, रमेश आज बाजार से आया है रमेश साथ में सब्जी भी लाया है।

रमेश आज बहुत खुश है, वह आज बाजार से आया है, वह साथ में सब्जी भी लाया है।

यहां पर रमेश के नाम को बार-बार प्रयोग में नहीं लेकर उसके नाम के स्थान पर सर्वनाम का प्रयोग करने से वाक्य में शुद्धता आई है अर्थात् रमेश के नाम की पुनरावृत्ति नहीं हुई है। इन वाक्यों में वह शब्द सर्वनाम के स्थान पर काम कर रहा है।

मुख्य रूप से सर्वनाम 11 होते हैं जो निम्न है आप, मैं, यह, वह, तू, कोई सो जो कुछ कौन आदि।

सर्वनाम के भेद

सर्वनाम के 6 भेद होते हैं जो निम्न है:

  1. पुरूषवाचक सर्वनाम (तू, मैं, हम, वह, मैंने)
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम (वह, यह)
  3. निजवाचक सर्वनाम (आप)
  4. प्रश्नवाचक सर्वनाम (क्या, कौन)
  5. संबंधवाचक सर्वनाम (जो, सो)
  6. अनिश्चयवाचक सर्वनाम (कुछ, कोई)

पुरूषवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग वक्ता द्वारा दूसरों के लिए या खुद के लिए किया जाता है, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं, अर्थात पुरुषवाचक सर्वनाम ऐसे सर्वनाम होते हैं, जिन्हें बात करते समय खुद के नाम के स्थान पर या किसी व्यक्ति को दर्शाने के लिए किया जाता है।

जैसे – मैं, हम (वक्ता द्वारा खुद के लिए), तुम और आप (सुनने वाले के लिए) और यह, वह, ये, वे (किसी और के बारे में बात करने के लिए) आदि।

पुरुषवाचक सर्वनाम के उदाहरण

  • मैं घूमना चाहता हूँ।
  • वह ईमानदार लड़का है।
  • तुझे कम बोलना चाहिए।
  • मैं जिम्मेदारी उठाना चाहती हूं।

पुरुषवाचक सर्वनाम के भेद

उत्तम पुरुष

जिस सर्वनाम का प्रयोग वक्ता/बोलने वाला लिखने वाला खुद के बारे में बताने के लिए करता है। जैसे: मैं, मुझे, मुझको, मेरा, मेरी, हमारी, हम, हमारा, हमें आदि। जैसे- मैं स्नान करना चाहता हूँ।

मध्यम पुरुष

जिस सर्वनाम का प्रयोग वक्ता सुनने वाले व्यक्ति के लिए करता है। जैसे: आप, तुम, तुमको, तुझे, तू आदि। जैसे- मैं आपको कुछ दिखाना चाहता हूँ।

अन्य पुरुष

जिस सर्वनाम का प्रयोग वक्ता किसी तीसरे व्यक्ति के बारे में बताने के लिए करता है। तब इस सर्वनाम का प्रयोग होत्ता है। जैसे: यह, वह, ये, वे, आदि। जैसे- वह फुटबॉल बहुत अच्छा खेलता है।

पुरुषवाचक सर्वनाम के बारे विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें पुरुषवाचक सर्वनाम (परिभाषा, भेद एवं उदाहरण)

निश्चयवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों से किसी दर के या समीप वस्तु, व्यक्ति प्राणियों या स्थान, घटना-व्यापार की निश्चितता का जिक्र हो, उन शब्दों को निश्चयवाचक सर्वनाम कहा जाता हैं। जैसे- यह, ये, उस, इस, वे आदि।

इस सर्वनाम के तहत ‘यह’ और ‘वह’ आते हैं। ‘यह‘ पास की वस्तु के लिए आता है। ‘वह‘ दूर की वस्तु के लिए प्रयुक्त होता है। मतलब, जिस सर्वनाम से वक्ता के नजदीक या दूर की किसी वस्तु के निश्र्चय का जिक्र होता है, उन शब्दों को ‘निश्च्यवाचक सर्वनाम’ के अंतर्गत रखा जाता हैं।

निश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण

  • यह मेरी कार है।
  • ये मोहिनी की किताबें हैं।
  • यह मेरा फॉर्म हाउस है।
  • यह वहीं गाय है जो रोजाना 10 लीटर दूध देती हैं।

इस वाक्य में निश्चितता के लिए ‘यह’ शब्द का प्रयोग किया गया है। ‘यह’ शब्द नजदीक की वस्तु को संकेत करने के लिए प्रयोग किया जाता है। जैसे यह कार, भैंस, किताब आदि। अतः यह निकटवर्ती निश्च्यवाचक सर्वनाम के अंतर्गत आता है।

निश्चयवाचक सर्वनाम के बारे विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें निश्चयवाचक सर्वनाम (परिभाषा एवं उदाहरण)

निजवाचक सर्वनाम

दो शब्द व्यक्ति अपने खुद के लिए प्रकट करता है। अर्थात जिन शब्दों में काम करने वाले व्यक्ति के साथ अपनापन प्रकट होता है। उन शब्दों को निजवाचक सर्वनाम के रूप में जाना जाता है। जैसे: आप, स्वयं, खुद, अपना, हमारा इत्यादि।

निजवाचक सर्वनाम के उदाहरण

  • मैं अपनी बाइक लेकर जा रहा हूं।
  • मैं खुद आ जाऊंगा।
  • आप अपना काम खुद करो।
  • वह काम स्वत: ही हो जाना चाहिए।
  • अपने आप काम करो।

यहां पर आप शब्द का प्रयोग बोलने वाले द्वारा सुनने वाले के लिए प्रयोग किया जा रहा है। यह मध्यम पुरुष माना जाता है।

निजवाचक सर्वनाम के बारे विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें निजवाचक सर्वनाम (परिभाषा और उदाहरण)

प्रश्नवाचक सर्वनाम

जिन शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु, व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, क्रिया-व्यापार आदि के सम्बन्ध में कोई सवाल पूछने या उसके बारे में जाने के लिए किया जाता है, उन शब्दों को “प्रश्नवाचक सर्वनाम” कहते हैं।

प्रश्नवाचक सर्वनाम के उदाहरण

प्रश्नवाचक सर्वनाम में किसका, किसकी, कौन, क्या, कहाँ आदि शब्द आते हैं। कौन का प्रयोग सजीवों हेतु व क्या का प्रयोग निर्जीवों के लिए होता है।

देखो, बाहर कौन आया है?

कोई आया है, परन्तु कौन आया है, मुझे पता नहीं है। हम प्रश्न पूछ रहे हैं कि ‘कौन’ आया है क्योंकि हमको आने वाले इन्सान के बारे में जानते नहीं हैं, अब हम इस बारेे में जानना चाहते हैं।

प्रश्नवाचक सर्वनाम के बारे विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें प्रश्नवाचक सर्वनाम (परिभाषा एवं उदाहरण)

संबंधवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु या व्यक्ति का सम्बन्ध बताने के लिए किया जाए, वे शब्द “सम्बन्धवाचक सर्वनाम” कहलाते हैं।

सम्बन्धवाचक सर्वनाम का प्रयोग वाक्य में दो शब्दों को जोड़ने के लिए भी किया जाता है। जैसे- जैसे-जिसका, जो कि, जो-सो, जितना -उतना आदि।

संबंधवाचक सर्वनाम के उदाहरण

  • जो मेहनत करेगा उसको सफलता मिलेगी ।

ऊपर वाक्य में “मेहनत और सफलता” में कनेक्शन बताया गया है।

  • मेरा वह गिफ्ट कही खो गया जो मुझे जन्मदिन पर मिला था।

ऊपर वाक्य में “गिफ्ट और जन्मदिन” में सम्बन्ध बताया गया है।

संबंधवाचक सर्वनाम के बारे विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें सम्बन्धवाचक सर्वनाम (परिभाषा एवं उदाहरण)

अनिश्चयवाचक सर्वनाम

ऐसे शब्द जिनमें स्थान, व्यक्ति, वस्तु आदि के द्वारा निश्चितता का बोध न होता हो अर्थात् वह शब्द जो वस्तु या पदार्थ के निश्चित होने का बोध नहीं करवाता हो, वे शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। जैसे कुछ, किसी, कोई आदि।

कुछ, किसी, कोई आदि शब्दों में कोई भी निश्चित नहीं हैं अर्थात् अनिश्चितता का बोध हो रहा है। इसलिए ये शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम में आते हैं।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम के उदाहरण

  • कोई आया था और आपके लिए कुछ लाया था।
  • हमारे घर कोई आया है।

उपर्युक्त वाक्य में हमें किसी के आने का बोध हो रहा है ना कि यह पता चल रहा है कि कौन आया है? अर्थात् हमें यह पूरी तरह से निश्चित नहीं है कि कौन आया है।

यहां पर “कोई” संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त हुआ है। लेकिन “कोई” शब्द से हमें किसी व्यक्ति या वस्तु के निश्चित नहीं होने का बोध हो रहा है। इसलिए “कोई” शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम है।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम के बारे विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें अनिश्चयवाचक सर्वनाम (परिभाषा और उदाहरण)

हमने यहां पर “सर्वनाम किसे कहते हैं और उसके भेद (Sarvanam Kise Kahate Hain)” के बारे में विस्तार से जाना है। आपको इससे सम्बंधित कोई सवाल है तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। आप इस जानकारी को आगे शेयर जरूर करें।

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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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