Home > Hindi Vyakaran > पद किसे कहते हैं?, शब्द और पद में अंतर

पद किसे कहते हैं?, शब्द और पद में अंतर

pad kise kahate hain

Pad Kise Kahate Hain: अपने ज्ञान, भावनाओं और संस्कृति को साझा करने के लिए भाषा की जरूरत पड़ती है। भाषा एक सामाजिक माध्यम है। हर एक भाषा में सबसे महत्वपूर्ण घटक शब्द और पद होते हैं। हिंदी भाषा का पूरा ज्ञान लेने के लिए हिंदी व्याकरण का पूरा ज्ञान होना जरूरी है।

शब्द और पद हिंदी व्याकरण में क्या महत्व रखते हैं आप इस लेख के जरिए जानेंगे। इस लेख में हम पद किसे कहते हैं (Pad Kise Kahate Hain), पद की परिभाषा, पद के भेद (pad ke bhed), शब्द और पद में क्या अंतर है? उसके बारे में हम विस्तार से जानेंगे।

हिंदी भाषा को गहराई से सीखने की इच्छा रखने वाले पाठकों के लिए आज का यह लेख बहुत ही उपयोगी है।

पद किसे कहते हैं?

सार्थक वर्णों के समूह को शब्द कहा जाता है। लेकिन वही शब्द जब सार्थक वाक्य में प्रयोग होते हैं तो उसे पद कहा जाता है।

दो या दो से अधिक शब्दों के प्रयोग से जब एक सार्थक वाक्य बन जाता है तब वे शब्द व्याकरण के नियमों में बंध कर उसका रूप बदल जाता है और उन्हें शब्द ना कह कर पद कहा जाता है।

पद के भेद

हिंदी व्याकरण में पद के पांच प्रकार हैं:

  • संज्ञा
  • सर्वनाम
  • विशेषण
  • क्रिया
  • अव्यय

संज्ञा पद

किसी वाक्य में जब व्यक्ति विशेष, गुण, जाती, भाव, द्रव्य, स्थान आदि को बोध कराने वाले शब्दो का उपयोग होता है तो ऐसे शब्दों को संज्ञा पद कहा जाता है।

उदाहरण

  • कैलाश ने राम को दो केले दिए।
  • मोहन दिल्ली जाएगा, इसलिए वह बहुत खुश है।

उपरोक्त प्रथम उदाहरण में कैलाश और राम दो व्यक्ति विशेष संज्ञा पद है। दूसरे उदाहरण में मोहन व्यक्ति विशेष, “दिल्ली” स्थान और “खुश” भाव वाचक संज्ञा पद है।

संज्ञा पद के भेद

  • जातिवाचक
  • व्यक्तिवाचक
  • द्रव्य वाचक
  • समूह वाचक
  • भाववाचक

सर्वनाम पद

वाक्य में संज्ञा के स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है, ऐसे शब्दों को वाक्य में सर्वनाम पद कहा जाता है।

उदाहरण

  • संजू मेरे घर आया था, वह बहुत खुश था, उसके पास बहुत बड़ा घर है।

उपरोक्त उदाहरण में संजू व्यक्तिवाचक संज्ञा है। उसके स्थान पर “वह” और “उसके” दो सर्वनाम पद का इस्तेमाल किया गया है।

सर्वनाम पद के भेद

  • निश्चयवाचक
  • पुरुषवाचक
  • प्रश्नवाचक
  • अनिश्चयवाचक
  • संबंध वाचक
  • निजवाचक

विशेषण पद

वाक्य में जिन शब्दों के जरिए संज्ञा या कर्ता के गुण या उसकी विशेषता का बोध होता हो, ऐसे शब्दों को वाक्य में विशेषण पद कहा जाता है।

उदाहरण

  • गीता कक्षा की सबसे होशियार छात्रा है।

 उपरोक्त उदाहरण में “होशियार” गीता की विशेषता को बता रहा है। अतः यह एक विशेषण पद है।

विशेषण का भेद

  • गुणवाचक
  • परिणाम वाचक
  • संख्यावाचक

क्रिया पद

वाक्य में जिन पदों के जरीए कर्ता के द्वारा किए जा रहे कार्यों का बोध होता हो, उसे क्रियापद कहते हैं।

उदाहरण

  • मोहन खेल रहा है।

उपरोक्त उदाहरण में “खेलना” मोहन की क्रिया को बता रहा है। अतः यह एक क्रियापद है।

क्रिया का भेद

  • सकर्मक
  • अकर्मक
  • संयुक्त
  • प्रेरणार्थक
  • मुख्य सहायक क्रिया

अव्यय पद

वाक्य में प्रयोग शब्द जिसमें वचन, लिंग, कारक, पुरुष आदि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता है, ऐसे शब्दों को वाक्य में अव्यय पद कहा जाता है। ये हमेशा अपरिवर्तित होते हैं जैसे: कब, क्यों, अभी, तब, जब, और, एवं, किंतु आदि।

उदाहरण

  • तुम यहां आओ
  • अब मैं और काम नहीं कर सकता।

अव्यय के भेद

  • क्रिया विशेषण
  • समुच्चयबोधक
  • संबंधबोधक
  • विस्मयादिबोधक
  • निपात

शब्द और पद में अंतर

शब्दपद
दो या दो से अधिक सार्थक वर्णों के समूह को शब्द कहा जाता है।सार्थक शब्दों का प्रयोग जब वाक्य में होता है तब वह पद कहलाता है।
शब्द का अपना स्वतंत्र अर्थ होता है।पद का अर्थ वाक्य के अनुसार होता है।
शब्द का वाक्य से कोई संबंध नहीं होता।पद हमेशा वाक्य से बंधे होते हैं।
हर पद शब्द हो सकता है।हर शब्द पद नहीं हो सकता।
शब्द पर व्याकरण का कोई नियम लागू नहीं होता।पद पर हमेशा व्याकरण का नियम लागू होता है।
शब्द सार्थक और निरर्थक दोनों प्रकार के होते हैं।पद केवल सार्थक शब्दों से बने होते हैं और सार्थक वाक्यो के अर्थ का संकेत देते हैं।

निष्कर्ष

इस लेख में आपने हिंदी व्याकरण का बहुत ही महत्वपूर्ण घटक पद के बारे में जाना। इस लेख में पद क्या होते हैं, pad ki paribhasha, पद के भेद, पद के उदाहरण और शब्द और पद में क्या अंतर होते हैं उसके बारे में विस्तार पूर्वक जाना।

हमें उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद पद क्या होते हैं यह अच्छे से जान गए होंगे। यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अन्य लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें।

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Related Posts

Leave a Comment