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भाषा किसे कहते हैं (परिभाषा और भेद)

Bhasha Kise Kahate Hain: नमस्कार दोस्तों, आज हम यहां पर भाषा क्या है, भाषा कितने प्रकार की होती है, भाषा की उत्पत्ति कैसे हुई आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने वाले है। भाषा के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े।

bhasha kise kahate hain
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भाषा किसे कहते हैं?

भाषा की परिभाषा (Bhasha ki Paribhasha): भाषा की परिभाषा के विषय मे बात करें तो भाषा वह ज़रिया है, जिसके द्वारा व्यक्ति अपने मन के भावों को बोलकर, लिखकर, सुनकर व पढ़कर व्यक्त करता है।

प्राचीन समय के विद्ववानों ने भाषा के सम्बंध में अपने-अपने मत भी दिये है। जैसे मनुष्य की भाषा और पशु पक्षियों की भाषा में मतभेद है। पशु पक्षियों की भाषा अवव्यक्त है और मनुष्यों की भाषा स्पष्ट भाषा है अर्थात व्यक्त भाषा है।

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भाषा की उत्पत्ति

भाषा की उत्पत्ति कुछ इस प्रकार से हुई कि जब मनुष्य ने बोलना और हिंदी भाषा को सीखना आरम्भ किया। भाषा शब्द संस्कृत के भाक शब्द से लिया गया है। संस्कृत भाषा को सबसे प्राचीन भाषा माना गया है व भाक शब्द का अर्थ होता है बोलना और भाषा को सर्वप्रथम पुरापाषाण काल मे लोगों ने लिखना शुरू किया।

भाषा के सिद्धांत

  • सबसे पहले बात करेंगे दैवी उत्पत्ति सिद्धांत की। इसका संबंध प्राचीन मत से है, इसी सिद्धांत के अंतर्गत संस्कृत भाषा को सबसे मुख्य व प्राचीन भाषा माना गया है।
  • अब बात करते हैं अनुकरण सिद्धांत की। इसके अंतर्गत मनुष्यों ने आस पास की वस्तुओं का अनुकरण करके उसके नए शब्दों की उत्पत्ति की, इसलिए इसे अनुकरण सिद्धांत कहा जाता है।
  • अब बात करते हैं संगीत सिद्धांत की। जिसके अंतर्गत संगीत में प्रयोग किये जाने वाले अक्षरों की रचना की गई तथा इनके नए शब्दों का प्रयोग किया गया।
  • विकासात्मक सिद्धांत के अनुसार विभिन्न कालों में विभिन्न भाषाओं का विकास होता रहता है।

भाषा के प्रकार

सामान्यतः हिंदी में भाषा के तीन प्रकार होते हैं, जो मुख्य रूप से दिए गए हैं:

  1. मौखिक भाषा
  2. लिखित भाषा
  3. सांकेतिक भाषा

मौखिक भाषा: मौखिक भाषा, भाषा का वह रूप है जिसके माध्यम से हम अपने विचारों को अपने मुख के माध्यम से बोलकर सामने वाले को प्रस्तुत करते हैं। अर्थात जो वक्ता अपनी बात को कहकर प्रस्तुत करता है और श्रोता उसे सुनकर बात को समझता है।

लिखित भाषा: लिखित भाषा, भाषा का वह रूप है जिसे हम लिखकर प्रस्तुत करते हैं। उदाहरण के तौर में हम यह कह सकते हैं किसी के द्वारा किसी को पत्र लिखना।

सांकेतिक भाषा: सांकेतिक भाषा, भाषा का वह रूप है जिसे हम इशारों से दूसरे व्यक्ति को समझा सकते हैं। यह अधिकतर वे लोग प्रयोग करते हैं जो बोल या सुन नही सकते हैं।

हमने क्या सीखा?

हमने यहां पर भाषा किसे कहते हैं, भाषा के प्रकार और भाषा के सिद्धांत आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह अच्छे से समझ आ गया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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