हिंदी वर्णमाला
Hindi Varnamala: कोई भी भाषा हो, उस भाषा में शब्दों का निर्माण करने के लिए अक्षरों का ज्ञान होना बहुत ही जरूरी है। अक्षर को वर्ण भी कहा जाता है और वर्णों के समूह को वर्णमाला कहा जाता है। हिंदी
Hindi Varnamala: कोई भी भाषा हो, उस भाषा में शब्दों का निर्माण करने के लिए अक्षरों का ज्ञान होना बहुत ही जरूरी है। अक्षर को वर्ण भी कहा जाता है और वर्णों के समूह को वर्णमाला कहा जाता है। हिंदी
Hindi Vyakaran: किसी भी भाषा को पूर्ण रूप से सीखने के लिए हमें उसकी व्याकरण का ज्ञान होना बहुत ही जरूर है। यदि व्याकरण का सम्पूर्ण ज्ञान होगा तभी हम उस भाषा को अच्छे से समझने के साथ ही लिख,
Varno ka Ucharan Sthan: हिंदी वर्णमाला में अलग-अलग वर्णों का उच्चारण अलग अलग तरीके से होता है। जब तक वर्णों का सही से उच्चारण ना हो तब तक सही शब्दों का उच्चारण भी सही तरीके से नहीं किया जा सकता
यहां पर विलोम शब्द (Vilom Shabd in Hindi) के बारे में जानने वाले है। हर शब्द का एक निश्चित अर्थ और मतबल होता है, किसी शब्द का उल्टा अर्थ या विपरीत अर्थ देने वाले शब्द को उस शब्द का विलोम
Vakya Kise Kahate Hain: भाषा चाहे कोई भी हो बिना वाक्य के हम अपने बातों को प्रस्तुत नहीं कर सकते हैं। जैसा कि आप जानते हैं अक्षरों के समूह को शब्द कहते हैं, वहीं शब्दों के समूह को वाक्य कहा
हिंदी व्याकरण में वाक्य का काफी महत्व है। वाक्य को समझने के बाद ही आप व्याकरण को स्पष्ट रूप से समझ पाएंगे। यहां पर वाक्य के मुख्य भाग विस्मयादिबोधक वाक्य (Vismayadibodhak Vakya) के बारे में विस्तार से जानने वाले है।
हिंदी व्याकरण में एक महत्वपूर्ण अंग अव्यय होता है। अव्यय के भागों में विस्मयादिबोधक भी एक भाग है। यहां पर हम विस्मयादिबोधक के बारे में जानेंगे। यहां पर हम विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं, विस्मयादिबोधक अव्यय के उदाहरण, विस्मयादिबोधक के
Lipi Kise Kahate Hain: लिपि मानव सभ्यता का एक अहम और अभिन्न हिस्सा है, जो हर व्यक्ति को अपनी भावनाओं और विचारों को अद्वितीय तरीके से सभी के सामने व्यक्त करने के लिए माध्यम है। यदि भाषा नहीं होगी तो
Varn Kise Kahate Hain: यदि आप हिंदी व्याकरण सीख रहे हैं तो सबसे पहले आपको वर्ण के बारे में पूरा ज्ञान होना जरूरी है। क्योंकि वर्ण व्याकरण का एक अहम और महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके बिना पूरी व्याकरण ना के
Dravya Vachak Sangya: हिंदी व्याकरण में संज्ञा का विशेष महत्व है और संज्ञा के 3 प्रकार व्यक्तिवाचक संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा भाग है। जातिवाचक संज्ञा के दो भाग है, जो द्रव्यवाचक संज्ञा और समूहवाचक संज्ञा। यहां पर हम द्रव्यवाचक संज्ञा