Lipi Kise Kahate Hain: लिपि मानव सभ्यता का एक अहम और अभिन्न हिस्सा है, जो हर व्यक्ति को अपनी भावनाओं और विचारों को अद्वितीय तरीके से सभी के सामने व्यक्त करने के लिए माध्यम है।
यदि भाषा नहीं होगी तो हम आपस में अपने विचार व्यक्त नहीं कर पाएंगे और अपने विचारों को एक गति नहीं दे पाएंगे। लिपि से ही भाषा को लिखित रूप दिया जाता है।

यहां पर हम लिपि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे। लिपि की परिभाषा (lipi ki paribhasha) और लिपि के उदाहरण विस्तार से जानेंगे, जिससे आप लिपि के बारे में आसानी से समझ सके।
लिपि किसे कहते है?
किसी भाषा के लिखने के ढंग या भाषा की लिखावट को लिपि कहा जाता है।
किसी ध्वनि या आवाज़ को लिखना हो, पढ़ना हो या उसे देखने योग्य बनाना, उसे लिपि कहते हैं।
ध्वनियां अस्थायी होती है परंतु जो लिपि होती है, वो स्थाई होती है। हमारे वाणी से ध्वनि का संचार होता है परंतु ध्वनियों को लिपि के जरिये लिखित रुप प्रदान किया जाता है।
लिपि के प्रकार
लिपि मुख्यतः यह तीन प्रकार की होती हैं, जो निम्न है:
- चित्र लिपि
- अल्फाबेटिक लिपि
- अल्फासिलेबिक लिपि
चित्र लिपियाँ
चित्र लिपि के जरिये लोग अपने भावों और अपने विचारों को चित्र के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं, चित्र लिपि के तीन प्रकार हैं।
- चीनी लिपि: चीनी (कैण्टोनी, मंदारिन)
- प्राचीन मिस्त्री लिपी: प्राचीन मिस्त्री
- कांजी लिपि: जापानी
अल्फाबेटिक लिपियाँ
अल्फाबेटिक लिपि में स्वर व्यंजन के बाद और अपने पूरे रूप के साथ आता है, अल्फाबेटिक लिपियों के प्रकार निम्न हैं:
- यूनानी लिपि: गणित के चिन्ह और यूनानी भाषा
- अरबी लिपि: अरबी, कश्मीरी, उर्दू, फ़ारसी
- इब्रानी लिपि: इब्रानी
- रोमन लिपि (लैटिन लिपि): पश्चिम और यूरोप की सभी भाषाएं और अंग्रेजी, फ्रांसिसी, जर्मन, कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग
- सिरिलिक लिपि: सोवियत संघ की लगभग सारी भाषाएं, रूसी
अल्फासिलैबिक लिपियाँ
अल्फासिलेबिक लिपि के अनुसार इसकी प्रत्येक इकाई में अगर एक या एक से अधिक व्यंजन होता है तो उस पर स्वर की मात्रा का चिन्ह लगाया जाता है।
अगर इकाई में व्यंजन नहीं होता है तो स्वर का पूरा चिन्ह लगा दिया जाता है। अल्फासिलेबिक लिपियों के प्रकार निम्न हैं:
- देवनागरी लिपि: हिन्दी भाषा, बंगाली भाषा, भोजपुरी भाषा, असमिया भाषा, गुजराती भाषा, काठमाण्डू भाषा (नेपाली भाषा), गढ़वाली भाषा, कोंकणी, मारवाड़ी भाषा, राजस्थानी भाषा, उड़िया भाषा (कलिंग भाषा), छत्तीसगढ़ी भाषा, मराठी, सिन्धी भाषा, अवधी।
- शारदा लिपि: तिब्बती भाषा, कश्मीरी भाषा, गुरुमुखी/पंजाबी भाषा, पहाड़ी/हिमाचली/डोंगरी भाषा, लद्दाखी भाषा, उत्तर – पश्चिमी भारतीय भाषा की लिपि।
- मध्य भारतीय लिपि: तेलुगू भाषा।
- द्रविड़ लिपि: मलयालम भाषा, तमिल भाषा, कोलंबो (श्रीलंकाई) भाषा, कन्नड़ भाषा।
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ब्रेल लिपि किसे कहते हैं?
ब्रेल लिपि के जनक लुइस ब्रेल थे। इनका जन्म 4 जनवरी 1809 ई को फ्रांस में हुआ था। इनके एक्सीडेंट होने की वजह से इनकी आंखों की रोशनी चली गयी।
उस समय उनकी उम्र महज 8 वर्ष ही थी, जिसके पश्चात उन्होंने एक ऐसी लिपि का अविष्कार किया, जो आज ब्रेल लिपि के नाम से दुनियाभर में प्रचलित है।
ब्रेल लिपि एक ऐसी लिपि है, जो नेत्रहीन लोगों के पड़ने और लिखने के लिए है, जो 6 डॉट्स और उभरे हुए बिंदु पर आधारित है।
इसमें 64 अक्षर होते हैं और प्रत्येक आयताकार सेल में 6 उभरे हुए बिंदु 2 पंक्तियों में दिए गए होते हैं। ब्रेल लिपि के एक डॉट्स की ऊंचाई लगभग 0.02 इंच की होती है।
आज के समय मे कुछ ब्रेल लिपि में कुछ चेंजमेंट हो गए हैं। इस लिपि को 6 डॉट्स की बजाय 8 डॉट्स में विकसित कर दिया गया है, जिसकी वजह से नेत्रहीन लोग और ज्यादा शब्द और चिन्ह को पढ़ सकते हैं।
इस लिपि में 256 अक्षर और चिन्ह होता है। विराम चिन्ह, गणित चिन्ह के अलावा हम इसमें संगीत से जुड़े नोटेशन भी देख सकते हैं।
भारत की 22 भाषाएं और उनकी लिपि
भारत की 22 भाषाएं और उनकी लिपि निम्न प्रकार है, इसे संविधान में विशेष दर्जा प्राप्त है।
भाषा का नाम | लिपि का नाम |
हिंदी | देवनागिरी |
सिंधी | देवनागिरी/फ़ारसी |
पंजाबी | गुरुमुखी |
कश्मीरी | फ़ारसी |
गुजराती | गुजराती |
मराठी | देवनागिरी |
उड़िया | उड़िया |
बांग्ला | बांग्ला |
असमिया | असमिया |
उर्दू | फ़ारसी |
तमिल | ब्राह्मी |
तेलुगु | ब्राह्मी |
मलयालम | ब्राह्मी |
कन्नड़ | कन्नड़/ब्राह्मी |
कोकड़ी | देवनागिरी |
संस्कृत | देवनागिरी |
नेपाली | देवनागिरी |
संथाली | देवनागिरी |
डोंगरी | देवनागिरी |
मणिपुरी | मणिपुरी |
वोडों | देवनागिरी |
मैथिली | देवनागिरी/मैथिली |
FAQ
किसी ध्वनि या आवाज़ को लिखना हो, पढ़ना हो या उसे देखने योग्य बनाना, उसे लिपि कहते हैं।
लिपि के मुख्य 3 भेद होते हैं, जो निम्न है: चित्र लिपि, अल्फाबेटिक लिपि, अल्फासिलेबिक लिपि।
रोमन लिपि, देवनागरी, गुजराती, टाकरी, पंजाबी, गुरुमुखी, कैथी आदि लिपि के उदाहरण है।
वर्तमान समय में सबसे बड़ी और कठिन लिपि चीनी लिपि है।
ब्राह्मी लिपि भारत की सबसे प्राचीनतम लिपियों में एक मानी जाती है। यह बाएँ से दाएं लिखी जाती है। इसके उदाहरण अशोक के अभिलेखों में उपलब्ध है।
हमने क्या सीखा?
हमने यहां पर लिपि क्या है, लिपि किसे कहते हैं (Lipi Kise Kahate Hain), लिपि के प्रकार और भारत की भाषाओं की लिपि आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है।
उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर की गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। आपको यह जानकारी कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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