विशेष अर्थ प्रकट करने वाले व्याकांश को मुहावरा कहते है। यहां पर ऊंट के मुंह में जीरा अर्थ (unt ke munh mein jeera) और वाक्य प्रयोग विस्तार से जानेंगे।
ऊंट के मुंह में जीरा अर्थ और वाक्य प्रयोग
- लोकोक्ति: ऊंट के मुंह में जीरा।
- अर्थ: बहुत कम मात्रा में कोई वस्तु देना, आवश्यकता से बहुत कम प्राप्त होने वाली चीज, जरूरत से कम प्राप्त होना, आवश्यकता अधिक होना लेकिन वस्तु पर्याप्त ना होना, खुराक से बहुत कम खाना मिलना।
- वाक्य प्रयोग: मोहनलाल पहलवान है और उसे 100 ग्राम जलेबी खिलाई गई। यह तो वही बात हो गई ऊंट के मुंह में जीरा का होना।
ऊंट के मुंह में जीरा वाक्य प्रयोग
- 20 साल के मोहन को खाने में दो रोटी दोगे तो उसे भूख लगी रहेगी। यह तो ऐसे हो गया कि ऊंट के मुंह में जीरा होना।
- सोहन को जिम करने का बहुत शौक है लेकिन उसके घर में उससे एक गिलास दूध से ज्यादा नहीं दिया जाता। ऐसे में तो ऐसे में ही कहा जाता है ऊंट के मुंह में जीरा होना।
- सोहनलाल बहुत ही अमीर आदमी है लेकिन जब भी कोई व्यक्ति उसके घर में आता है तो भोजन में केवल 3 रोटी ही देता है, उससे ज्यादा नहीं देता है। इसे ही कहा जाता है ऊंट के मुंह में जीरा होना।
अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग
खेला खाया होना | उलटे बाँस बरेली को | ओस चाटे प्यास नहीं बुझती |
काया पलट देना | ईंट का जवाब पत्थर से देना | एक-एक नस पहचानना |
अपना रख पराया चख | उड़ती चिड़िया पहचानना | कागज काला करना |
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी