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शब्द (परिभाषा, भेद और उदाहरण)

Shabd Kise Kahate Hain: आज हम आपको हिंदी व्याकरण के बहुत ही महत्वपूर्ण विषय शब्द के बारे में विस्तार से जानकारी बताने वाले हैं। व्याकरण के सभी भागों को समझने के लिए हमें वर्णमला के बाद शब्द के बारे में समझना बेहद आवश्यकता है और शब्द के बिना हम हिंदी भाषा में व्याकरण के ज्ञान को समझ नहीं सकते हैं अर्थात संपूर्ण व्याकरण में शब्द एक ऐसा विषय है, जिसके बिना संपूर्ण हिंदी साहित्य की कल्पना करना मुश्किल है और इसीलिए शब्द को समझना भी बेहद आवश्यक है।

shabd kise kahate hain
Image: shabd kise kahate hain

आज हम आप सभी लोगों को इस लेख के माध्यम से हिंदी साहित्य की नीव शब्द के विषय में बड़े ही विस्तार पूर्वक से जानकारी प्रदान करने वाले हैं। यदि आप भी चाहते हैं कि हिंदी व्याकरण को आप बड़ी ही आसानी से समझ पाए तो यह लेख आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है।

इस लेख में हम आपको शब्द की परिभाषा क्या है? (Shabd Kise Kahate Hain), शब्द के भेद क्या है? और इसके साथ-साथ कुछ उदाहरण के साथ हम आपको शब्द के विषय में जानकारी प्रदान करने का प्रयत्न करेंगे। आइए शुरू करते हैं यह महत्वपूर्ण लेख और समझते हैं शब्द और इसके प्रकार।

शब्द किसे कहते हैं?

वर्णमाला के बाद हिंदी व्याकरण की सबसे छोटी इकाई इस शब्द को ही कहा जाता है। जिस किसी भी भाषा में सार्थक शब्द का प्रयोग हो जाता है, तो ऐसे शब्दों के जुड़ जाने से एक वाक्य स्पष्ट होता है और यह वाक्य पूर्ण रूप से किसी शब्द का अर्थ प्रकट करने में सक्षम हो जाते हैं।

कोई भी शब्द स्थाई नहीं होता, वह समय के अनुसार बदलते रहते हैं अर्थात शब्द परिवर्तनशील होते हैं। इतना ही नहीं शब्द आवश्यकता के अनुसार जूते रहते हैं और विलुप्त भी हो जाते हैं।

शब्द की परिभाषा

दो या दो से अधिक वर्णमाला के ऐसे वर्ण जो आपस में मिलकर एक नए स्वतंत्र सार्थक ध्वनि की उत्पत्ति करते हैं, ऐसे वर्णों के मेल को शब्द कहा जाता है। यदि हम आसान भाषा में समझने का प्रयत्न करें तो शब्दों में दो या दो से अधिक वर्णमाला वर्ण मिले होते हैं, वर्णमाला के मेल से बने शब्द का अर्थ भिन्न हो जाता है।

उदाहरण:- कार, देवता, बर्फ, घर, मनुष्य, जानवर इत्यादि।

शब्द के भेद

शब्दों को वर्गीकरण के आधार पर मुख्यता चार भागों में विभक्त किया गया है। अब हम बारी-बारी से एक-एक के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे।

प्रयोगों के आधार पर शब्द के भेद

ऐसे शब्दों का प्रयोग समाजिक परिस्थिति और भौगोलिक स्थिति के आधार पर किया जाता है। शब्दों के प्रयोग स्थिति के आधार पर बदलता रहता है। प्रयोगों के आधार पर शब्दों को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है, जिनका विवरण इस प्रकार से निम्नलिखित है:

तकनीकी शब्दावली के शब्द

ऐसे शब्द जिनका प्रयोग शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान, व्यवसाय आदि के क्षेत्रों में किया जाता है, ऐसे शब्दों को तकनीकी शब्दावली के शब्द करते हैं। तकनीकी शब्दावली के शब्दों के उपयोग करने से किसी भी व्यक्ति के अध्ययन की क्षमता और उसके ज्ञान के विषय में जानकारी प्राप्त हो जाती है। उदाहरण: दुकान, बाजार, इंस्टीट्यूट इत्यादि।

सामान्य शब्दावली के शब्द

ऐसे शब्द जिनका उपयोग आम बोलचाल की भाषा और किसी व्यक्ति विशेष के लिए और इसके साथ-साथ किसी एक समुदाय या समूह के लिए किया जाता है तो ऐसे शब्दों को सामान्य शब्दावली के शब्द कहते हैं। सामान्य शब्दावली के शब्द के अंतर्गत आम बोलचाल भाषा के लिए उपयोग में लाए जाने वाले शब्द आते हैं। उदाहरण:- शारीरिक, आवश्यकता, परिवार, बाजार, खानपान, समस्या इत्यादि।

अर्ध तकनीकी शब्दावली के शब्द

ऐसे शब्द जिनका उपयोग व्यक्तियों के द्वारा तकनीक और स्वयं के लिए मिश्रित शब्दों के लिए किया जाता है, ऐसे शब्दों को तकनीकी शब्दावली के शब्द कहते हैं। अर्थ तकनीकी शब्दों को हम ज्ञान विज्ञान के क्षेत्रों में भी उपयोग कर सकते हैं, इसी कारण ऐसे शब्दों को अर्थ तकनीकी शब्दावली के शब्द कहा जाता है। उदाहरण:- दुकान, बाजार, इंस्टीट्यूट इत्यादि।

रचना/व्युत्तपत्ति के आधार पर शब्द के भेद

रचना के आधार पर शब्दों को मुख्य रूप से तीन वर्गों में विभाजित किया गया है, जिनका विवरण नीचे विस्तार पूर्वक से वर्णित किया गया है।

यौगिक शब्द

ऐसे शब्द जिनके अर्थ का बोध अवयवों की प्रकृति से होता है, ऐसे शब्दों को यौगिक शब्द कहा जाता है। योगिक शब्द दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के मेल से बने होते हैं, योगिक शब्द जिन शब्दों से मिलकर बने होते हैं, उन शब्दों को विभाजित करने पर भी उनके अर्थ अलग-अलग होते हैं। उदाहरण:- राजपुरुष, देवदूत, महाभारत इत्यादि।

रूढ़ शब्द

ऐसे शब्द जिनके अर्थ का बोध अवयवों की प्रकृति से होता है, ऐसे शब्दों को यौगिक शब्द कहा जाता है। रूढ़ शब्द जो किसी अन्य शब्दों के मेल से नहीं बने होते हैं, वह स्वयं में ही एक विशेष अर्थ प्रकट करता है। उदहारण:- घर, दिन, घोड़ा, शेर इत्यादि।

योगरूढ़ शब्द

ऐसे शब्द जिनका बोध समुदाय और अवयवों की प्रकृति से होता है, ऐसे शब्दों को योगरूढ़ शब्द कहा जाता है। योगरूढ़ शब्द ऐसे होते हैं, जो योगिक शब्द तो होते हैं, परंतु उन्हें विभक्त कर देने पर वे अपना अलग-अलग अर्थ स्पष्ट कर पाते। उदाहरण: पंकज, प्रकट इत्यादि।

अर्थ के आधार पर शब्द के भेद

अर्थ के आधार पर शब्दों को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है, जिनका विवरण विस्तारपूर्वक से नीचे वर्णित किया गया है:

विलोम शब्द

ऐसे शब्द जिनके अर्थ एक दूसरे के ठीक विपरीत होते हैं, दूसरे आसान शब्दों में विलोम शब्द ऐसे शब्द होते हैं, जो किसी शब्द के ठीक विपरीत होते हैं। उदाहरण: उल्टा-सीधा, गलत-सही, धर्म-अधर्म, सुख-दुख, सत्य-असत्य इत्यादि।

अनेकार्थी शब्द

ऐसे शब्द जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं, अनेकार्थी शब्द कहलाते हैं अर्थात अनेकार्थी शब्द वह होते हैं, जिनके अर्थ अलग-अलग होते हैं। उदाहरण: सिक्का-मोहर, सुख का भाव, मुद्रा इत्यादि।

पर्यायवाची शब्द

ऐसे शब्द जो एक से अधिक शब्दों की ओर इशारा करते है, ऐसे शब्द पर्यायवाची शब्द चलाते हैं, पर्यायवाची शब्द का अर्थ है, एक ही शब्द के जैसे अन्य शब्द।

उदहारण

  • आंख – नयन, नेत्र, चक्षु।
  • कमल – जलद, पंकज, नीरज।
  • आसमान – आकाश, गगन, नभ, अंबर।

उत्पत्ति के आधार पर शब्द के भेद

शब्दों की उत्पत्ति के आधार पर इसे चार वर्गों में विभाजित किया गया है, जो कि नीचे विस्तार पूर्वक से वर्णित किए गए हैं:

तत्सम शब्द

हिंदी व्याकरण में ऐसे शब्द जिनका उपयोग संस्कृत भाषा से बिना किसी परिवर्तन किए हैं, किसी अन्य भाषा में उपयोग कर लिया जाता है, ऐसे शब्दों को तत्सम शब्द कहते हैं। उदहारण: वायु, सूर्य, अश्व, प्रातः, मानव इत्यादि।

तद्भव शब्द

हिंदी व्याकरण के ऐसे शब्द जो समय के साथ साथ परिवर्तन के दौरान संस्कृत भाषा से हिंदी भाषा में बदलकर स्थापित कर दिए गए हैं, ऐसे शब्दों को तद्भव शब्द कहा जाता है। उदाहरण: हवा, सूरज, घोड़ा, सुबह, मनुष्य इत्यादि।

Read Also: तत्सम और तद्भव शब्द किसे कहते हैं?

देसी/देशज शब्द

हिंदी बोलचाल की भाषा में ऐसे शब्द जो क्षेत्रीय प्रभाव के कारण परिवर्तन और आवश्यकता के अनुसार प्रचलित कर दिए गए शब्दों को देशज शब्द कहते हैं। उदहारण: गाड़ी, खटखटाना, थैला, पेट, साइकिल इत्यादि।

विदेशी/विदेशज शब्द

वर्तमान समय में बोलचाल की भाषा में प्रयुक्त किए जाने वाले ऐसे शब्द जो विदेशी जातियों के संपर्क में रहने से प्रचलित हुए हैं, ऐसे शब्दों को विदेशी शब्द कहते हैं। उदहारण: स्कूल, पेंसिल, टीवी, पेन, बॉटल, मशीन, टिकट इत्यादि।

क्या बिना शब्द के ज्ञान के हिंदी साहित्य की कल्पना की जा सकती है?

जी नहीं।

शब्द किसे कहते हैं?

दो या दो से अधिक वर्णों के मेल से बनी सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं।

मुख्य रूप से शब्दों को कितने आधार पर बांटा गया है?

शब्द को मुख्यातः चार आधार पर बांटा गया है।
प्रयोग के आधार पर।
अर्थ के आधार पर।
रचना के आधार पर।
उत्पत्ति के आधार पर।

शब्दों को कुल कितने वर्गों में विभाजित किया गया है?

शब्दों को कुल 13 वर्गों में विभाजित किया गया है, विस्तारपूर्वक से जानकारी प्राप्त करने के लिए लेख को अवश्य पढ़ें।

निष्कर्ष

दोस्तों हमें उम्मीद है कि आज का हमारा शब्द के विषय पर लिखा गया यह लेख “शब्द किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद और उदाहरण (Shabd Kise Kahate Hain)” आपको काफी पसंद आया होगा। यह विषय परीक्षा के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। आपके मन में इस लेख को लेकर किसी प्रकार का सवाल है तो कमेंट बॉक्स में अवश्य शेयर करें।

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Rahul Singh Tanwar
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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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