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वर्षा ऋतु पर निबंध

भारत में मुख्य रूप से तीन ऋतु है, जिसमें वर्षा ऋतु लोगों की प्रिय ऋतु होती है। वर्षा ऋतु शुरू होते ही विद्यालयों में बच्चों को वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh) लिखने के लिए दिया जाता है।

Varsha Ritu Par Nibandh
Varsha Ritu Par Nibandh

निबंध के जरिए बच्चे वर्षा ऋतु के आगमन, वर्षा ऋतु का महत्व, वर्षा ऋतु में उत्पन्न धरती के अनुपम सौंदर्य से अवगत हो सके।

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वर्षा ऋतु पर निबंध (Varsha Ritu Par Nibandh)

इस लेख में हम अलग-अलग शब्द सीमा में वर्षा ऋतु निबंध हिंदी (varsha ritu essay in hindi) शेयर कर रहे हैं, जिससे हर कक्षा के विद्यार्थियों को सहायता मिलेगी।

वर्षा ऋतु पर निबंध 100 शब्द

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसके कारण यहां पर वर्षा ऋतु का बहुत ही ज्यादा महत्व है। किसान वर्षा पर ही निर्भर होते हैं, इसीलिए वे साल भर बहुत बेसब्री से वर्षा ऋतु का इंतजार करते हैं। क्योंकि वर्षा ऋतु शुरू होते ही किसान हल लेकर अपने खेत फसल बुवाई के लिए चले जाते हैं।

वर्षा ऋतु भारत में जून महीने में प्रारंभ होती है और सितंबर महीने तक यह मौसम रहता है। वर्षा ऋतु के दौरान चारों तरफ हरियाली छा जाती है। पेड़-पौधे भी लगते हैं, खुशी के मारे झूम रहे होते हैं। वर्षा ऋतु में मोर अपने पंख फैला कर नाचते हैं।

आकाश में उत्पन्न इंद्रधनुष बहुत खूबसूरत दृश्य उत्पन्न करते हैं। बाजार में केला, जामुन, अनानास, सीताफल और अनार जैसे वर्षा ऋतु के फल बिकने लगते हैं। चारों तरफ मेढ़क के टरटराने की आवाज आती है। आसमान घने काले बादल से घिर जाता हैं।

वर्षा ऋतु में बच्चे कागज का नाव बनाकर पानी में खेलते हैं। पहली बारिश की बूंद जब मिट्टी पर पड़ती है तो उसकी खुशबू लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। वर्षा ऋतु हर किसी का पसंदीदा मौसम होता है।

Varsha Ritu Par Nibandh

वर्षा ऋतु पर निबंध 200 शब्द

भारत में तीन प्रमुख ऋतु है, जिसमें से एक है वर्षा ऋतु। भारत में जुलाई महीने में शुरू होती है और फिर सितंबर महीने तक रहती है। वर्षा ऋतु का आगमन होते ही आसमान पूरी तरीके से काले बादल से ढक जाता है।

फिर बादल की गरज और बिजली की चमक के साथ वर्षा की बूंदे धरती पर अपना कदम रखती है। बारिश की बूंदे जैसे ही मिट्टी पर गिरती है, उसकी खुशबू वातावरण को मनमोहन बना देती है। सूरज की जब किरण वर्षा की बूंदों पर पड़ती है तो नीले आसमान में रंग-बिरंगे इंद्रधनुष से देखने लायक दृश्य उत्पन्न होता है।

वर्षा ऋतु का इंतजार न केवल इंसान बल्कि जीव-जंतु, पेड़-पौधे सभी उत्सुकता से करते हैं। जब वर्षा ऋतु शुरू होती है तब पेड़-पौधे भी खुशी से झूम उठते हैं। वर्षा ऋतु के खुशी में मोर भी अपने खूबसूरत रंग-बिरंगे पंख फैला कर नाचने लगता है, मेंढक भी टरटराने लगता है। चारों तरफ हरे-भरे घास उग आते हैं, जिससे गाय भैंस के लिए चारा आ जाता है।

वर्षा ऋतु के कारण पानी के हर एक स्त्रोत में पानी का स्तर बढ़ जाता है। नदी नाले, कुंवे सब में पानी भर जाता हैं। वर्षा ऋतु में लोग पके हुए आम को खाने का आनंद लेते हैं।

वर्षा ऋतु मानव जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है लेकिन कभी कबार अत्यधिक वर्षा के कारण भयंकर बाढ़ भी आ जाता है, जिससे जानमाल का बहुत नुकसान होता है।

वहीं कभी कबार बहुत कम वर्षा होती है, जिसके कारण सूखा भी पड़ जाता है। रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, ओणम, गणेश चतुर्थी जैसे त्योहार वर्षा ऋतु में ही आते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध 250 शब्द

वर्षा ऋतु भारत की ऋतुओं में से वर्ष की सबसे अधिक प्रतीक्षित ऋतुओं में से एक है। पूरे भारत में वर्षा ऋतु की शुरुआत गर्मी के बाद जुलाई से होकर सितम्बर तक चलती है। ये ऋतु असहनीय गर्मी से परेशान हो रहे जीव-जन्तु, लोग आदि के लिए एक राहत की फुहार लेकर आती है।

इस ऋतु का इंतजार लोगों के साथ ही जानवरों, पेड़-पौधों, पक्षियों को भी रहता है। सभी इसका उत्सुकता से इंतजार करने के साथ ही इसके स्वागत के लिए तैयार रहते हैं।

गर्मी की ऋतु में अधिक गर्मी होने के कारण नदी, तालाब, महासागर आदि से जल आकाश में वाष्प के रूप में चला जाता है और वहां पर बादल का निर्माण करता है। फिर जब बादल चलते है तो आपस में टकराते या फिर घर्षण करते हैं तो आकाशीय बिजली गरजती है और वर्षा होती है।

वर्षा ऋतु में वर्षा होने से सभी को आनंद और सुकून की अनुभूति होती है और वातावरण को खुशनुमा बना देती है। आसमान में नीले रंग के चमकदार बादल और सात रंगों से भरा हुआ इन्द्रधनुष दिखाई देता है। जिसका सभी लोग बेसब्री से इन्तजार करते हैं।

भारत देश में गर्मी का तापमान 45 डिग्री से भी ऊपर चला जाता है, जिसके कारण नदी और तालाब सूख जाते हैं और जिसके कारण जानवर आदि भी प्यास से मरने लग जाते हैं। वर्षा ऋतु आने आने पर सभी के चहरे खिल उठते हैं।

वर्षा ऋतु पर निबंध 300 शब्द

प्रस्तावना

3 से 4 महीने तक भीषण गर्मी और तपती ज्वाला में जलने के बाद मनुष्य सहित हर एक जीव जंतु और पेड़ पौधों को बेसब्री से वर्षा ऋतु का इंतजार रहता है। वर्षा ऋतु हर ऋतु की तरह ही मनुष्य और प्राणी के लिए बहुत महत्व रखता है।

हालांकि पूरी दुनिया में हर जगह पर वर्षा ऋतु के आगमन का समय अलग-अलग होता है। इसके साथ ही इसका अंतराल भी कम ज्यादा होता है। कुछ जगह तो ऐसी भी है, जहां पर साल भर वर्षा होती रहती हैं।

वर्षा ऋतु का आगमन

दुनिया के हर जगह अलग-अलग समय पर वर्षा ऋतु का आगमन होता है। बात करें भारत में तो भारत में वर्षा ऋतु का आगमन जून महीने में होता है और सितंबर महीने तक यह रहता है।

भारत में वर्षा ऋतु का आगमन अरब सागर से होते हुए पहले केरल राज्य की ओर बढ़ता है, उसके बाद यह उत्तर भारत की ओर आता है।

वर्षा ऋतु का आगमन होते ही कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोग अपने घर की मरम्मत करने लगते हैं और किसान खेती की तैयारी करने लगते हैं।

प्रकृति का दृश्य

वर्षा ऋतु में धरती का श्रृंगार होते हुए नजर आता है। चारों तरफ हरे-भरे घास और पेड़ पौधे वातावरण में हरियाली भर देते हैं। रंग बिरंगे फूल प्रकृति को और भी खूबसूरत बना देते हैं। वर्षा ऋतु में मानो धरती खिल उठती है।

पेड़ पौधे झूम उठते हैं, बागों में लगी अमिया पक्कर आम बन जाते हैं। प्रकृति और भी खूबसूरत और मनमोहक हो जाता है। चारों तरफ मिट्टी की मनमोहक सुगंध वातावरण को और भी प्रफुल्लित बना देती है।

वर्षा ऋतु का महत्व

वर्षा ऋतु मानव जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। भारत एक कृषि प्रधान देश होने के कारण यहां पर वर्षा ऋतु हर एक किसानों के लिए सबसे खास ऋतु होता है। क्योंकि इस ऋतु में ही वे खेती करना शुरू करते हैं और हर किसी को अन्य मिल पाता है।

वर्षा ऋतु के कारण सूखी नदियों में दोबारा पानी आ जाता है। पेड़ पौधों को फिर से नया जीवन मिल जाता है।

वर्षा ऋतु का नुकसान

वर्षा ऋतु मनुष्य के लिए जरूरी है लेकिन अत्यधिक वर्षा के कारण मनुष्य को परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। आवश्यकता से ज्यादा बारिश होने के कारण नदियों के पानी का स्तर बढ़ जाता है जिससे बाढ़ आ जाती है और बाढ़ के कारण कई जान माल का नुकसान होता है।

अत्यधिक बारिश होने के कारण फसलें भी खराब हो जाती हैं। नदी नाले गड्ढों में गंदा पानी इक्कठा होने के कारण मच्छर का उपद्रव बढ़ जाता है और कई तरह की बीमारी फैलने लगती हैं।

उपसंहार

जल ही जीवन है और जल के स्त्रोतों में पानी बरसा के कारण ही आ पाता है। अगर वर्षा ऋतु ना हो तो पीने के पानी की कटौती हो जाएगी। वर्षा ऋतु ना हो तो किसान फसल नहीं पैदा कर पाएगा और फिर अन्न की कमी हो जाएगी।

इस तरह वर्षा ऋतु हर तरह से मनुष्य के लिए बहुत ही जरूरी है। यह मनुष्य के साथ ही जीव जंतु सभी के लिए जरूरी है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध 500 शब्द

प्रस्तावना

तपती और चिलचिलाती हुई गर्मी को दूर करने के लिए वर्षा ऋतु का आगमन हमारे देश में जुलाई में होता है, जो सितम्बर तक चलता है। वर्षा ऋतु मनुष्य के साथ पेड़, पौधों और जीव जगत को एक नया उत्साह दे जाता है।

वर्षा ऋतु में गर्मी के कारण सूखे पड़े नदी, तालाब और महासागर फिर खिल उठते हैं और पेड़ पौधों को नया जीवन मिल जाता है। जब तपती जमीन पर जल की बूंदे गिरती है और फिर कुछ दिन बाद पूरा वातावरण हरा भरा हो जाता है।

किसान वर्ग को वर्षा ऋतु का बेशब्री से इंतजार रहता है। इस ऋतु के आने के पश्चात किसान अपने खेत में नई फसल की पैदावार करते हैं। वर्षा होने के कारण धूल भरी आंधियों से निजात मिल जाती है।

वर्षा ऋतु का महत्व

हमारे जीवन में वर्षा ऋतु का महत्व उतना ही है, जितना अन्य ऋतुओं का है। यह ऋतु जब शुरू होती है तो हमें तेज गर्मी से राहत मिलती है और इससे पेड़ पौधों को बहुत फायदा होता है। ऐसा मान सकते हैं कि सभी को एक नया जीवन मिल गया हो।

गर्मी अधिक पड़ने के कारण सभी तालाब, नदियां आदि सूख जाते हैं जिसके कारण वातावरण गर्मी से भर जाता है और सभी को परेशानी होने लग जाती है। जब वर्षा ऋतु आती है तो वर्षा होने से ठंडी हवा चलने लग जाती है और चारों ओर पानी से भरे तालाब, हरे भरे पेड़ पौधे और हरियाली छा जाती है, जो सबको उत्साह से भर देती है।

भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर ही निर्भर है। इसके लिए वर्षा ऋतु अपना अहम योगदान अदा करती है। वर्षा ऋतु में सभी किसानों के चहरे खिल उठते हैं।

सभी किसान खुशी ख़ुशी अपने खेतों में फसल की पैदावार करते हैं और उसे अच्छे दामों में बेचते हैं। जिसके कारण उनकी आमदनी हो जाती है।

वर्षा ऋतु के फायदे

वर्षा ऋतु के कई सारे फायदे है, जो कुछ इस प्रकार है:

  • इसके कारण हमें चिलचिलाती और कड़कड़ाती धूप से निजात मिलती है।
  • चारों ओर वातावरण हराभरा हो जाता है। पेड़ और पौधे खिल उठते हैं।
  • नदी और तालाब पानी से भर जाते हैं, जिसके कारण वातावरण में ठंडी हवा चलने लगती है।

वर्षा ऋतु के नुकसान

वर्षा ऋतु के कुछ नुकसान भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

  • वर्षा आने के कारण चारों और कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है।
  • वर्षा ऋतु में बाढ़ आने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
  • गढ़ों में पानी भर जाने के कारण अधिक संख्या में मच्छर पैदा हो जाते हैं।
  • रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है।

उपसंहार

वर्षा ऋतु के आने का सभी लोग इंतजार करते हैं और इसके स्वागत के अपनी तैयारियां शुरू कर देते हैं। वर्षा ऋतु में चारों तरफ हरियाली और आकाश में नीले बादलों में इन्द्रधनुष दिखाई देता है, जो सभी में एक नई ऊर्जा का संचार करता है।

सुहाने मौसम में पक्षियों की चहचहाने की आवाज सुनने को मिलती है और मोर के पंख फैलाकर झुमने लग जाते हैं। चारों तरफ आनंद और उल्लास छा जाता है।

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वर्षा ऋतु पर निबंध 1000 शब्द

प्रस्तावना

ग्रीष्म ऋतु के बाद में आने वाली वर्षा ऋतु प्रकृति में बहुत बदलाव कर जाती है। ग्रीष्म ऋतु में तेज कड़कड़ाती धूप से सभी लोग, जीव-जन्तु परेशान हो जाते हैं।

लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो सभी में एक नई ऊर्जा का संचार होने लग जाता है। सभी इसके आने से पहले अपनी तैयारियों में लग जाते हैं।

वर्षा ऋतु के आने पर सभी ओर नया दृश्य देखने को मिलता है, जो मन को भाने वाला और रोमांचित करने वाला होता है। लोगों के साथ पेड़-पौधे और जीव-जन्तु भी इसका बेशब्री से इन्तजार करते हैं।

वर्षा ऋतु का समय

मई-जून में जब ग्रीष्म ऋतु अपने पूरे प्रकोप में होती है तो फिर वर्षा ऋतु उसके प्रकोप को भंग करने के लिए उसके पश्चात आती है।

इसके आने का समय जून के मध्य का होता है और यह लगभग दो महीने तक सक्रिय रहती है। हिंदी महीनों में इसका समय सावन भदो का होता है।

वर्षा ऋतु का आगमन

मई और जून के महीने में गर्मी अपने पूरे प्रभाव में होती है। इसके कारण नदी, तालाब, महासागर आदि सूख जाते हैं और धरती पर पानी की कमी होने लगती है। इसके कारण प्रकृति में मौजूद पेड़-पौधे सूखने लगते हैं और जीव-जन्तु प्यास से बिलखने लगते है।

तेज गर्म हवाएं आंधियों के रूप में चलने लगती है। तापमान अधिक होने के कारण नदियों, तालाबों आदि का पानी भाप के रूप में आसामान में बादल के रूप में जमा होने लगता है।

जब हवाओं के साथ बादल चलते है तो आपस में एक दूसरे से टकराते है या फिर आपस घर्षण करते हैं तो तेज गर्जनाहट होती है और आकाशीय बिजली कड़कड़ाती है। फिर वर्षा होनी शुरू होती है।

वर्षा होने के बाद सभी ओर पानी ही पानी हो जाता है। सभी नदी, तालाब, महासागर के साथ पूरी जमीन अपनी प्यास बुझाती है। फिर कुछ ही दिनों बाद पूरा वातावरण नए रूप में हमारे सामने आता है।

वर्षा ऋतु का दृश्य

जब वर्षा ऋतु प्रारंभ होती है तो पूरे नीले आसमान में चमकदार और सफेद बादल आ जाते हैं। वर्षा ऋतु के दौरान इन्द्रधनुष भी आसमान में दिखाई देने लगता है।

वर्षा होने के बाद पूरे वातावरण में ठंडी हवा चलने लगती है और चारों ओर पेड़-पौधों पर हरियाली अपना कब्ज़ा जमा लेती है। सभी खेत फसलों से लहराने लगते हैं।

सभी ओर पक्षियों की चहचहाट सुनने को मिलती है और मोर इस मौसम में पंख फैलाकर नाचने लगते है। सभी पक्षियों के साथ ही सभी जानवरों में वर्षा ऋतु की खुशी देखने को मिलती है।

वर्षा ऋतु का महत्त्व

सभी ऋतुओं का अपना अपना महत्व है। इसी प्रकार वर्षा ऋतु का महत्त्व भी अलग है। यह तो हम जानते ही है कि “जल है तो जीवन है” और “जल ही जीवन है” हमारे जीवन में जल सबसे महत्वपूर्ण चीज है।

यदि यह नहीं होगा तो जीवन संभव नहीं है। इसलिए यदि वर्षा नहीं होगी तो धरती पर पानी की कमी हो जाएगी और अकाल का सामना करना पड़ेगा।

जंगलों में रहने वाले जीव-जंतुओं के लिए वर्षा ऋतु बहुत ही अहम योगदान देती है। उनके लिए पीने के लिए पानी और खाने के लिए पेड़-पौधे, झाड़ियां आदि वर्षा से ही संभव है।

भारत कृषि प्रधान देश है, भारत की अधिकतर जनसंख्या कृषि पर आश्रित है। इसके लिए वर्षा का होना बहुत ही जरुरी है। भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का विशेष योगदान है। यदि फसल की अच्छी पैदावार होगी तो सभी को किसानों को अधिक आमदनी होगी। यह सभी वर्षा से ही संभव है।

वर्षा ऋतु के फायदे

  1. वर्षा ऋतु आने से पूरे वातावरण से गर्मी दूर हो जाती है और पूरा वातावरण ठंडा और शांत हो जाता है।
  2. वर्षा ऋतु में चारों ओर हरियाली, पेड़-पौधों और नदी, तालाब खिल उठते हैं।
  3. वर्षा ऋतु में सभी खेत फसलों से लहराने लगते है।
  4. सभी जानवरों के लिए खाने के लिए हरी घास आ जाती है।
  5. चोरों तरफ हरियाली ही हरियाली हो जाती है।
  6. भूमिगत जल में काफ़ी सुधार हो जाता है।
  7. पेड़ों पर पक्षियों की चहचहाने की आवाज सुनाई देने लग जाती है।

वर्षा ऋतु के नुकसान

  1. वर्षा आने से चारों तरफ पानी ही पानी हो जाता है, जिससे आवागमन बाधित हो जाता है।
  2. वर्षा ऋतु में वर्षा अधिक हो जाने के कारण बाढ़ आने की संभावना अत्यधिक हो जाती है।
  3. अधिक वर्षा हो जाने के कारण फसलें भी ख़राब हो जाती है।
  4. गड्ढों में पानी इकठ्ठा हो जाने के कारण मच्छर पैदा हो जाते है, जो कई सारी बीमारीयों को अंजाम देते है।
  5. चारों ओर कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है।

वर्षा ऋतु के दौरान आने वाले त्योहार

भारत एक ऐसा देश है, जहां पर हर दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। विश्व में सबसे अधिक त्यौहार भारत देश में मनाये जाते है। कई त्यौहार ऋतुओं के आधार पर भी मनाये जाते हैं।

जन्माष्टमी, तीज, रक्षाबंधन, ईद उल जुहा, मुहर्रम, ओणम, गणेश पूजा, प्रकाश वर्ष आदि त्यौहार वर्षा ऋतु के दौरान मनाये जाने वाले त्यौहार है। इसलिए वर्षा ऋतु को तीज-त्योहारों का मौसम भी कहा जाता है।

उपसंहार

वर्षा का होना हम सभी के लिए बहुत ही जरूरी है। यदि वर्षा नहीं होगी तो हमारा पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा।

अधिक वर्षा के होने के काफी सारे नुकसान तो होते ही है लेकिन हमारे जीवन के लिए वर्षा का होना बहुत ही जरूरी है। इससे काफी लोगों की आमदनी होती है और यह देश की अर्थव्यवस्था में भी सहयोग करती है।

निष्कर्ष

यहां पर हमने अलग-अलग शब्द सीमा में वर्षा ऋतु हिंदी निबंध (varsha ritu nibandh in hindi) शेयर किये है, जो हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें। यदि इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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