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इंद्रधनुष पर निबंध

Essay on Rainbow in Hindi : इंद्रधनुष्य नाम तो सभी ने सुना ही होगा। क्या आपको पता है कि इंद्रधनुष क्या होता है? इंद्रधनुष कैसे बनता है? इंद्रधनुष दिखाई देने के पीछे क्या रहस्य है? हम यहां पर इंद्रधनुष पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में इंद्रधनुष के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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इंद्रधनुष पर निबंध | Essay on Rainbow in Hindi

इंद्रधनुष पर निबंध (250 शब्द)

भगवान इंद्र के धनुष को इंद्रधनुष कहा जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार भगवान इंद्र को बारिश का देवता माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है। सभी को बारिश बहुत ही प्रिय होती है । बारिश होने के पश्चात इंद्रधनुष आसमान में दिखाई देता है। यह आकार में बहुत ही बड़ा होता है और इसमें सात रंग बहुत ही सुंदर तरीके से सजे हुए होते हैं, जो बहुत ही आकर्षित होते हैं। इंद्रधनुष सब को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। यह धरती के एक कोने से शुरू होकर आधे गोले के आकार में धरती के दूसरी तरफ जाता है और वहीं पर खत्म होता है।

यह तभी बनता है, जब आसमान में बारिश हो जाने के बाद नन्ही नन्ही बारिश की बूंदे रहती है और उन पर सूर्य की किरणें पड़ती है क्योंकि जो बारिश की बूंदे प्रिज़्म का काम करती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि जब सूरज की रोशनी एक पतली माध्यम से एक सघन माध्यम से होकर गुजरती है तो सफेद रोशनी में मौजूद सभी सात रंग अर्ध गोलाकार का निर्माण करते हैं, उसे ही इंद्रधनुष कहा जाता है।

इंद्रधनुष में सात रंग सजे होते हैं। जिसमें से होते हैं, बैंगनी, इंडिगो, नीला, हरा, पीला, नारंगी, और लाल। लोगों का मानना है कि जब बारिश के बाद इंद्रधनुष दिखाई देता है, तो उसके पश्चात बारिश नहीं होती है। कभी-कभी बारिश होने के पश्चात दो इंद्रधनुष भी दिखाई देते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जब लाल रंग के कारण प्रकाश कम मुड पाता है, जिसकी वजह से दो इंद्रधनुष दिखाई देते हैं।

इंद्रधनुष पर निबंध (850 शब्द)

प्रस्तावना

सात रंगों से सजा हुआ इंद्रधनुष बहुत ही सुंदर प्रतीत होता है। यह वर्षा होने के पश्चात दिखाई देता है। इंद्रधनुष अर्थात इंद्र का धनुष । ऐसा कहा जाता है कि बारिश के देवता इंद्र है और अक्सर इंद्र देव की पूजा भी की जाती थी। आसमान में होने वाले इस रंग बिरंगी धनुष के आकार की आकृति को इन्द्रधनुष कहा गया है ।

क्या होता है इंद्रधनुष?

इंद्रधनुष अक्सर बारिश के पश्चात दिखाई देता है। जो कि 7 रंगों से बना हुआ होता है। सबसे ऊपर इसमें बैंगनी रंग और सबसे नीचे लाल रंग होता है। इसका निर्माण बारिश के मौसम में बादलों में जो जल की छोटी-छोटी बूंदे रह जाती हैं। उसी की वजह से इंद्रधनुष का निर्माण होता है। अगर वैज्ञानिकों के अनुसार कहा जाए तो आसमान में संध्या समय पूर्व दिशा में और प्रातकाल पश्चिम दिशा में सात रंगों का एक अर्ध गोलाकार का निर्माण होता है। उसे ही इंद्रधनुष का नाम दिया गया है और यह एक प्राकृतिक घटना है।

यह कार्य पूरी तरह से आंतरिक परिवर्तन कि वजह ही होता है क्योंकि जब वर्षा की बूंदे प्रकाश के अंदर होकर गुजरती हैं, तो उसमें मौजूद प्रिज़्म के तहत किरण सात रंगों में विभक्त होती है। इसी प्रकार यह एक साथ 7 रंगों वाली इस संरचना का निर्माण होता है। जिसे हम खुली आंखों से भी देख सकते हैं, और इसे ही इंद्रधनुष का नाम दिया गया है।

इंद्रधनुष के प्रकार

  • प्राथमिक इंद्रधनुषप्राथमिक इंद्रधनुष के तहत इसका निर्माण उस समय होता है, जब प्रकाश की किरण पर बारिश की छोटी-छोटी बूंदे पड़ती हैं और वह दो बार पूर्ण आंतरिक परिवर्तित हो जाता है इसी की वजह से इंद्रधनुष दिखाई देता है।
  • द्वितीयक इंद्रधनुषइसके तहत इंद्रधनुष का निर्माण तब होता है, जब पानी की बूंदे दो बार अपरिवर्तित तथा दो बार परिवर्तित हो लेकिन इस इंद्रधनुष की गति कम होने के कारण यह कम दिखाई देता है, इसे देखने के लिए बहुत ही ध्यान पूर्वक देखना पड़ता है।

सात रंगों का महत्व

ऐसा माना जाता है, कि हमारे आसपास जितने भी रंग हैं। सभी रंगों का कोई ना कोई अलग महत्व होता है और यह हमारे ही जीवन से जुड़े होते हैं। इससे हमारे शरीर का संतुलन भी बने रहता है क्योंकि यह हमें नई दिशा एवं नई ऊर्जा प्रदान करते हैं।

हमने कई बार देखा है, बारिश के मौसम से पहले घने बादल छा जाते हैं या बरसात रिम-झिम प्रकृति की होती है और धूप भी निकलती है। उस समय हमें इंद्रधनुष दिखाई देता है। यह इंद्रधनुष सात रंगों में विभाजित होता है। इन सात रंगों का अलग अलग महत्व है। इसे अंग्रेजी में VIBGYOUR कहा जाता है।

बैंगनी रंग के बारे में ;-

ऐसा कहा जाता है, बैंगनी रंग इंद्रधनुष में देखने पर सबसे कि ऊपर दिखाई देता है। जिसको एक सब्जी के नाम पर रखा गया है जिसका नाम है बैंगन। बैंगनी रंग हर्ष उल्लास लग्जरी आनंद इन सभी चीजों को प्रदर्शित करने वाला रंग है।

जामुनी रंग के बारे में;-

दूसरे नंबर पर इंद्रधनुष में जामुनी रंग दिखाई देता हैज़ जो जामुन के समान गहरा नीला होता है। इस रंग से हमें हमेशा ऊंचा उठने के लिए और निडर होकर आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।

नीला रंग के बारे में

आसमान का रंग नीला और समुंद्र का होता हैज़ जो इंद्रधनुष के तीसरे नंबर पर पाया जाता है। इस रंग के द्वारा हमें शांति से ठंडे दिमाग से सोचने एवं कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। इसके साथ ही यह कलर हमें नम्रता दर्शाने के लिए भी प्रेरित करता है।

हरा रंग के बारे में

यह रंग इंद्रधनुष में चौथे नंबर पर पाया जाता है। हरा रंग जिस तरह से इसका नाम है, उसी तरह से यह प्रतीत होता है। इस रंग के तहत हरियाली संपन्नता और पृथ्वी हरियाली रूपी हरि चुनरी को दर्शाता है। यह रंग हमेशा खिलखिलाते रहें और हमेशा हरे भरे रहने की प्रेरणा देता है।

पीला रंग के बारे में

इंद्रधनुष का पांचवा रंग है, जो रंग सूरज में पाया जाता है। इस रंग से हमें ऊर्जावान और हमेशा अच्छे कार्य करने की प्रेरणा मिलती है एवं हमारी क्षमता बुद्धि को भी दर्शाता है।

नारंगी रंग के बारे में

नारंगी रंग इंद्रधनुष का छटा रंग है, यह रंग हमेशा अच्छा सोचना और आशा का प्रतीक माना जाता है। इस रंग से हमें यह भी ज्ञात होता है, कि हर रात के बाद सुबह जरूर होती है इसका मतलब निराशा के बाद आशा जरूर होती है।

लाल रंग के बारे में

इंद्रधनुष का यह अंतिम रंग होता है, लाल रंग लाल रंग हमेशा त्याग बलिदान सफलता उत्साह भक्ति सौभाग्य इन सभी की राह पर चलने के लिए प्रेरणा देता है।

निष्कर्ष

इंद्रधनुष बहुत ही सुंदर प्रतीत होता है। इंद्रधनुष के रंगों से कोई ना कोई संकेत जरूर मिलता है, जिस तरह से रंगों से हमारी दुनिया रंगीन हो जाती है और हर रंग का कोई ना कोई मतलब जरूर होता है। उसी तरह से इंद्रधनुष के रंगों का भी संकेत होता है और हमें अच्छी राह पर चलने के लिए प्रेरणा देता है। कहा जाता है दुनिया में कोई भी चीज बेमतलब की नहीं होती है। हर चीज का कोई ना कोई मतलब जरूर होता है।

अंतिम शब्द

दोस्तों, आज हमने इस लेख में आपको  इंद्रधनुष पर निबंध ( Essay on Rainbow in Hindi) के बारे में महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। आशा करते हैं, कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपको इससे संबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो, आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं।

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Ripal
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