Sparsh Vyanjan: आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे स्पर्श व्यंजन के बारे में, यह कितने प्रकार के होते हैं? (Sparsh Vyanjan Kitne Hote Hain) एवं उनकी परिभाषा के बारे में भी चर्चा करेंगे। तो वे सभी लोग जो स्पर्श व्यंजन के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। यह आर्टिकल उनके लिए उपयोगी होगा।
स्पर्श व्यंजन (परिभाषा और प्रकार) | Sparsh Vyanjan
स्पर्श व्यंजन कितने होते हैं?
हिंदी वर्णमाला में यदि बात की जाए तो स्पर्श व्यंजन की कुल संख्या 25 होती है जैसे
क, ख, ग, घ, ङ
च, छ, ज, झ, ञ
ट, ठ, ड, ढ, ण
त, थ, द, ध, न
प, फ, व, भ, म।
स्पर्श व्यंजन की संख्या कितनी है। इसकी बात यदि की जाए तो ‘क’ वर्ण से लेकर ‘म’ वर्ण के अंदर जितने भी वर्ण आते है। उन सभी वर्णों को स्पर्श व्यंजन कहा जाता है। अर्थात हिंदी वर्णमाला के अंतर्गत 5 वर्गों को स्पर्श व्यंजन के अंतर्गत शामिल किया गया है।
स्पर्श व्यंजन किसे कहते हैं?
स्पर्श व्यंजन की परिभाषा: ऐसे वर्ण जिन का उच्चारण करते समय या बोलते समय मुंह से किसी ना किसी अंग का स्पर्श हो, उन वर्णों को स्पर्श व्यंजन कहा जाता है।
दूसरे शब्दों में यदि बात की जाए तो ऐसा व्यंजन जिसमें व्यंजन का उच्चारण करते समय मुख का किन्हीं दो भागों का स्पर्श कराने से वायु प्रवाह पूरी तरह से रोक दिया जाता है।
उदाहरण के लिए
‘ब’ और ‘प’ में होंठ जोड़कर
‘क’ और ‘ग’ में गले में वायु-बहाव रोककर
‘त’ और ‘द’ में जिह्वा को दांतों से छू कर
तथा ‘ट’ और ‘ड’ में जिह्वा को तालू से छू कर यह व्यंजन उच्चारित किए जाते हैं।
स्पर्श व्यंजन को वर्गीय व्यंजन के नाम से भी पहचाना जाता हैं।
जैसे:
‘क’ वर्ग – क, ख, ग, घ, ङ
‘च’ वर्ग – च, छ, ज, झ, ञ
‘ट’ वर्ग – ट, ठ, ड, ढ, ण
‘त’ वर्ग – त, थ, द, ध, न
‘प’ वर्ग – प, फ, व, भ, म
व्यजन को अलग-अलग ग्रुप में बाटा गया है ताकि सभी व्यजनों की आसानी से पहचान हो सकती हैं।
निष्कर्ष
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व्यंजन के अन्य प्रकार
स्पर्श व्यंजन | संयुक्त व्यंजन | अन्तःस्थ व्यंजन | उष्म व्यंजन |
सघोष व्यंजन | अघोष व्यंजन | अल्पप्राण व्यंजन | महाप्राण व्यंजन |
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