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अल्पप्राण व्यंजन (परिभाषा और प्रकार)

Alpapran Vyanjan: व्यंजन जिसे हिंदी व्याकरण की मुख्य शाखा माना जाता है। व्यंजन को अलग-अलग भागों में उच्चारण के आधार पर विभाजित किया गया है। व्यंजन और स्वर हिंदी व्याकरण के मुख्य अंग है। हिंदी व्याकरण व्यंजन और स्वर के माध्यम से ही निर्मित होते हैं।

Alpapran Vyanjan
Image: Alpapran Vyanjan

आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे अल्पप्राण व्यंजन के बारे में। अल्पप्राण व्यंजन कितने प्रकार के होते हैं एवं उनकी परिभाषा के बारे में भी चर्चा करेंगे। यदि आप अल्पप्राण व्यंजन के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा।

अल्पप्राण व्यंजन किसे कहते है?

अल्पप्राण व्यंजन की परिभाषा: अल्पप्राण व्यंजन वह व्यंजन होते हैं, जिनके उच्चारण में बहुत कम वायु प्रवाह में होता है। जैसे कि क, ग, ज और प।

दूसरे शब्दों में अल्पप्राण व्यंजन ऐसे व्यंजन है, जिनके उच्चारण करते समय या बोलते समय मुख से कम वायु निकलती है, उन्हें अल्पप्राण व्यंजन कहा जाता है। इनकी संख्या वर्णमाला में 20 होती है।

अल्पप्राण के भेद

क, ग, ङ, च, ज, ञ, ट, ड, ण, ड़, त, द, न, प, ब, म, य, र, ल, व। इसमें या इसके अंतर्गत क वर्ग का पहला, तीसरा, पांचवा अक्षर, चा वर्ग का पहला, तीसरा, पांचवा अक्षर, क वर्ग का पहला, तीसरा, पांचवा अक्षर एवं प वर्ग का पहला, तीसरा, पांचवा अक्षर इसके अलावा चारों अंतस्थ व्यंजन य, र, ल, व एक उच्छिप्त व्यंजन ङ आते हैं।

जैसे:-

  • क वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
  • च वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
  • ट वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
  • त वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
  • प वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
  • चारों अन्तस्थ व्यंजन – य र ल व
  • एक उच्छिप्त व्यंजन – ङ

अल्पप्राण में हकार जैसी ध्वनि नहीं होती हैं। सभी स्वर वर्ण को प्रत्येक वर्ग का पहला, तीसरा और पांचवा वर्ण। इसके अलावा समस्त अंतस्थ वर्ण अल्पप्राण होते हैं। इनके उच्चारण में कम श्रम करना होता है।

निष्कर्ष

उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका अल्पप्राण व्यंजन से जुड़ा कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

व्यंजन के अन्य प्रकार

स्पर्श व्यंजनसंयुक्त व्यंजनअन्तःस्थ व्यंजनउष्म व्यंजन
सघोष व्यंजनअघोष व्यंजनअल्पप्राण व्यंजनमहाप्राण व्यंजन

हिंदी व्याकरण के अन्य महत्वपूर्ण भाग

उपसर्गप्रत्ययलिपि
भाषावर्णपद
वाक्यसमाससंज्ञा
सर्वनामकारकविशेषण
Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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