Ravindra Singh Bhati Biography in Hindi: आपने अपने जीवन में बहुत से छात्र नेता देखे होंगे और इतना ही नहीं आप में से बहुत से लोग अपने कॉलेज में छात्र संघ सदस्य की अध्यक्षता को संभाले भी होंगे। परंतु क्या आप कभी भी इतना पॉपुलर हुए हैं, जितना कि एक विधानसभा या किसी पार्टी का कोई अध्यक्ष होता है।
हमारे प्रश्न के बाद आपका जवाब ज्यादातर ना ही होगा, परंतु आज हम आपको एक ऐसे युवा छात्र संघ के अध्यक्ष के विषय में जानकारी बताने वाले हैं, जोकि मात्र 2 वर्षों के ही छात्र संघ की अध्यक्षता में इतने ज्यादा पॉपुलर हो चुके हैं कि इनके चाहने वाले इन्हें विधानसभा का चुनाव तक लड़ने का सुझाव दे रहे हैं।

अब तो आप सभी लोग समझ गए होंगे कि हम किसकी बात कर रहे हैं? जी हां, आपने बिल्कुल सही अनुमान लगाया हम बात कर रहे हैं, बाड़मेर के रहने वाले रविंद्र सिंह भाटी के विषय में। रविंद्र सिंह भाटी मात्र 2 वर्षों में ही अपने छात्रसंघ अध्यक्ष के सीट पर इतने ज्यादा पॉपुलर हो गए हैं कि वर्तमान समय में इनके बहुत से फॉलोअर्स हो चुके हैं।
आज आपको हम अपने इस महत्वपूर्ण लेख के माध्यम से रविंद्र सिंह भाटी के विषय में संपूर्ण जानकारी बड़ी ही विस्तार पूर्वक से बताने वाले हैं। आपको हमारे द्वारा लिखे गए इस महत्वपूर्ण लेख में जानने को मिलेगा कि रविंद्र सिंह भाटी कौन है?, रविंद्र सिंह भाटी का जन्म, रविंद्र सिंह भाटी का जेएनवीयू सफर इत्यादि। यदि आप रविंद्र सिंह भाटी के जीवन परिचय के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया हमारे द्वारा लिखे गए इस महत्वपूर्ण को अवश्य पढ़ें।
रविंद्र सिंह भाटी का जीवन परिचय | Ravindra Singh Bhati Biography in Hindi
रविंद्र सिंह भाटी के विषय में संक्षिप्त जानकारी
नाम | रविंद्र सिंह भाटी |
उपनाम | जेएनवीयू किंग |
जन्म | 3 दिसंबर 1990 |
उम्र | 31 वर्ष |
जन्म स्थान | दुधोड़ा, बाड़मेर (राजस्थान) |
माता | ज्ञात नहीं |
पिता | शैतान सिंह भाटी |
प्रारंभिक शिक्षा विद्यालय | मयूर नोबल एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (बाड़मेर) |
कॉलेज | जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर (राजस्थान) |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी | ज्ञात नहीं |
भाषा | हिंदी, इंग्लिश, राजस्थानी |
धर्म | हिंदू |
पेशा | जेएनवीयू छात्रसंघ अध्यक्ष (2019-2022) |
रविंद्र सिंह भाटी कौन है?
रविंद्र सिंह भाटी जातिवाद से कोसों दूर स्थित राजस्थान के सबसे बड़े विश्वविद्यालय जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष रह चुके हैं। इन्होने अपने जीवन भर में बहुत से उतार चढ़ाव देखे, परंतु कभी भी खुद को कमजोर नहीं होने दिया। यह लगभग 3 वर्षों तक जेएनवीयू के छात्र संघ अध्यक्ष रहे हैं। वर्तमान समय में बहुत से इनके फॉलोअर्स ऐसे हैं, जो कि इन्हें विधानसभा का चुनाव लड़ने की भी अपील कर रहे हैं।
रविंद्र सिंह भाटी ने यह चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा और भारी से भारी मतों से जीत हासिल कर वहां के सभी लोगों को चौंका दिया। वर्तमान समय में यह सोशल मीडिया की दुनिया में इतना ज्यादा छाए हुए हैं कि इनके फॉलोअर्स दिन प्रतिदिन इतनी ज्यादा संख्या में बढ़ते जा रहे हैं कि जैसे यह एक सेलिब्रिटी बन गए हैं।
रविंद्र सिंह भाटी विश्वविद्यालय में छात्र छात्राओं के हित में सभी कार्यों को करवाते हैं। इनको विश्वविद्यालय में छात्र छात्राओं के लिए जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के मैनेजर से कई बार आपस में झगड़ते हुए भी देखा गया है। रविंद्र सिंह भाटी ने खुद अपने एक इंटरव्यू में कहा है कि “मैं छात्र-छात्राओं के उन सभी अटके हुए काम को करवाने के लिए अपना पूरा योगदान देता हूं, जिन्हें सभी अध्यापक एवं कॉलेज के कर्मचारी करने के लिए काफी समय लगाते हैं और छात्र-छात्राओं का काम सही समय पर नहीं करते हैं”।
उन्होंने यह तक कहा है कि यदि कोई अध्यापक विद्यालय में जाकर छात्रों को पढ़ाई के अलावा इधर उधर की बातें बताता है तो उसे अध्यापक कहलाने का कोई अधिकार नहीं है। रविंद्र सिंह भाटी बहुत ही सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं। यह सभी समाज के छात्र छात्राओं को अपने साथ लेकर चलते हैं और ना केवल उन लोगों को अपने साथ लेकर चलते हैं, बल्कि उनके हित के लिए काम करते हैं। वर्तमान समय में रविंद्र सिंह भाटी का मार्गदर्शन जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के लिए बहुत ही ज्यादा अच्छा रहा और यह विद्यालय इन के मार्गदर्शन में काफी आगे भी निकल चुका है।
हालांकि रविंद्र सिंह भाटी को हिंदी तथा अंग्रेजी के साथ-साथ राजस्थानी भाषा का पूरा ज्ञान है, परंतु इन्होंने पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े विश्वविद्यालय के अध्यक्ष होने के बाद भी इनमें कोई घमंड नहीं है और यह किसी भी इंटरव्यू में छात्रों के हित के लिए सदैव राजस्थान की मातृभाषा का ही उपयोग करते हैं।
रविंद्र सिंह भाटी को अपनी मातृभाषा से इतना ज्यादा लगाव है कि यह कभी भी यदि किसी कार्यक्रम में जाते हैं तो मंच पर सदैव अपनी मातृभाषा का ही प्रयोग करके भाषण दिया करते हैं। राजस्थान की मातृभाषा इतनी ज्यादा मीठी होती है कि किसी भी व्यक्ति को यह भाषा भद्र नहीं लगती और सभी लोग इसे सुनना भी पसंद करते हैं। राजस्थान के सभी लोग इनके द्वारा ऐसी भाषा का प्रयोग होने से काफी ज्यादा खुश रहते हैं, क्योंकि इसमें राजस्थान का गर्व है।
रविंद्र सिंह भाटी का जन्म
रविंद्र सिंह भाटी का जीवन एक सरल व्यक्ति की तरह ही है। इनका जन्म भारत के पश्चिम में स्थित राजस्थान के बाड़मेर जिले के दुधोड़ा नामक गांव में 3 दिसंबर 1990 को हुआ था।
रविंद्र सिंह भाटी का पारिवारिक संबंध
रविंद्र सिंह भाटी का इनके माता पिता की तरह ही शुरुआती समय में बहुत ही सरल स्वभाव रहा। इनके परिवार में इनके माता-पिता या परिवार का कोई भी व्यक्ति पॉलिटिक्स के क्षेत्र में नहीं है, इन्होंने खुद से और खुद के दम पर अपने जीवन के लक्ष्य के रूप में पॉलिटिक्स को चुना। इनके माता पिता एक विद्यालय में अध्यापक पद पर कार्य कर चुके है।
रविंद्र सिंह भाटी के परिवार के लगभग सभी सदस्य सरकारी नौकरी पर कार्यरत थे और वर्तमान समय में भी इनके परिवार के कुछ सदस्य ऐसे हैं, जो सरकारी पद पर हैं। रविंद्र सिंह भाटी विवाहिता हैं।
रविंद्र सिंह भाटी को प्राप्त शिक्षा
रविंद्र सिंह भाटी ने अपनी स्कूली शिक्षा को अपने ही जन्मस्थली बाड़मेर के एक विद्यालय से पूरी की। इन्होंने अपने प्रारंभिक विद्यालय मयूर नोबल्स एकेडमी बाड़मेर से प्राप्त करने के बाद इन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई को जारी रखा और इन्होंने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ba. llb की।
इन्होंने इस उच्च से स्तरीय शिक्षा को प्राप्त करने के बाद वर्ष 2015 में राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय से इन्होंने अपनी एलएलबी को शुरू किया और वर्ष 2016 में राजनीति में इंटरेस्ट होने के कारण कॉलेज की राजनीति में भी शामिल हो गए। अर्थात रविंद्र सिंह भाटी ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2016 से की और मात्र 4 वर्षों में इस पोजीशन को हासिल कर लिया इनके पोजीशन की सबसे अनुभवी समय विगत 3 वर्षों को माना जाता है।
रविंद्र सिंह भाटी की शारीरिक बनावट
रविंद्र सिंह भाटी फिजिकली रूप से बहुत ही ज्यादा फिट एवं मेंटेन है।
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मातृभाषा से है लगाव
हम अक्सर अंग्रेजी भाषा को बहुत ज्यादा महत्व देते हैं। जब भी किसी इंटरव्यू या मंच पर बोलने की बारी आती है तो लोगों में इंप्रेशन बढ़ाने के लिए हम सबसे पहले अंग्रेजी भाषा को ही प्राथमिकता देते हैं। लेकिन रविंद्र सिंह भाटी ऐसे बिल्कुल भी नहीं है। उन्हें राजस्थानी भाषा का पूरा ज्ञान होने के साथ ही हिंदी और अंग्रेजी भाषा का भी पूरा ज्ञान है।
लेकिन उसके बावजूद अपनी मातृभाषा को बहुत ज्यादा महत्व देते हैं। जब भी किसी इंटरव्यू या कार्यक्रम में मंच पर बोलते हैं तभी सदैव अपनी मातृभाषा राजस्थानी का ही प्रयोग करते हैं। यही कारण है कि सभी राजस्थानी लोग इन्हें काफी ज्यादा पसंद करते हैं।
रविंद्र सिंह भाटी का जेएनवीयू अध्यक्ष बनने तक का सफर
रविंद्र सिंह भाटी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा एवं कॉलेज के शिक्षा को प्राप्त करने के बाद इन्होंने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय राजस्थान से एलएलबी की पढ़ाई शुरू कर दी और उन्होंने वर्ष 2016 में छात्र के हित के लिए राजनीति में भी अपने कदम जमाना शुरू किये। उन्होंने छात्र-छात्राओं के हित के लिए बहुत से ऐसे आंदोलन भी किये, जिसके माध्यम से छात्र-छात्राओं को काफी लाभ हुआ। यहीं से शुरुआत हुआ था, रविंद्र सिंह भाटी के राजनीतिक कैरियर का सफर।
रविंद्र सिंह भाटी वर्ष 2016 में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय राजस्थान रह चुके अध्यक्ष कुणाल सिंह भाटी और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रविन्द्र सिंह राणावत के काफी अच्छे दोस्त भी हैं। कुणाल सिंह भाटी भी छात्र के हितों के लिए सदैव अपना एक माननीय एवं अपूर्व योगदान देते थे। अतः रविंद्र सिंह भाटी भी इनके साथ सदैव रहते थे।
अतः इन्हीं के माध्यम से रविंद्र सिंह भाटी का भी चेहरा लोगों के साथ काफी अच्छे तरीके से जुड़ चुका था। इतना ही नहीं रविन्द्र सिंह भाटी और वर्ष 2016 में रह चुके प्रेसिडेंट कुणाल सिंह भाटी एक दूसरे के प्राथमिक शिक्षा विद्यालय से ही मित्र थे।
रविंद्र सिंह भाटी ने अपने साथ किसी भी जाति का भेदभाव नहीं किया और उन्होंने सभी धर्म एवं समाज के छात्रों को साथ लेकर चलना उचित समझा और इसी नीति के कारण यह सभी छात्रों के मध्य बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है और यह सभी छात्र-छात्राओं को काफी ज्यादा प्रभावित भी करते हैं।
रविंद्र सिंह भाटी किसी भी छात्र को उसकी जाति के आधार पर छोटा या बड़ा नहीं मानते बल्कि यह छात्र छात्राओं को छोटा या बड़ा उनके कार्यप्रणाली और उनके द्वारा किए जा रहे मेहनत पर निर्धारित करते हैं। इनके अंदर यह खूबी बहुत ही शानदार खूबी कही जाती है और इसी खूबी के कारण इन्होंने सभी छात्र के बीच अपनी एक अच्छी प्रतिमा स्थापित कर ली है।
इन सभी के बाद आखिरकार वर्ष 2019 में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय राजस्थान में छात्रसंघ अध्यक्ष के चुनाव का समय आ गया। राजस्थान के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में उम्मीदवारों के लिए छात्रसंघ अध्यक्ष पद हेतु पर्चे भरे जा रहे थे।
इसी परिचय में से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी ने भी उम्मीदवार पद के लिए पर्चा भरना चाहा, परंतु इन्हें टिकट नहीं मिला। तब इन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया और इसमें अन्य सभी उम्मीदवारों को भारी टक्कर देते हुए इन्होंने 1294 वोट पाकर जीत हासिल की और एक रिकॉर्ड ही बना डाला।
बड़े ही उदार दिलवाले रविंद्र सिंह भाटी ने अपने जीत का पूरा का पूरा श्रेय और सम्मान उन सभी छात्रों को दिया, जिन्होंने इनके साथ खड़े रहकर इन्हें यह विश्वास दिलाया कि इन्हें अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ना चाहिए। इन्होंने इसका श्रेय उन सभी लोगों को दे दिया, जिन्होंने इनके साथ खड़े रहे और इन्हें जीत हासिल करने में सहायता प्रदान की। राजस्थान के इस विश्वविद्यालय जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी निर्दलीय उम्मीदवार को इतने ज्यादा वोट मिले हैं।
ना केवल रविंद्र सिंह भाटी बल्कि भारत के राजनेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भारत के जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत राजस्थान के इसी जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय से की। इसी विश्वविद्यालय से इन्होने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और अध्यक्ष पद के बाद धीरे-धीरे अनेकों पदों पर अपना पदार्पण करते चले गए। वर्तमान समय में ऐसे ही उभर कर आए हैं, राजस्थान के विश्वविद्यालय के वर्तमान अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी।
रविंद्र सिंह भाटी ने जय नारायण विश्वविद्यालय में अध्यक्ष बनने के बाद छात्रों के उच्च शिक्षा प्राप्त करने की हक की लड़ाई के लिए लगातार लड़ते रहे और वर्तमान समय में इन्होंने इस विद्यालय की जमीन को मुद्दे को लेकर सामने आए हैं और उन्होंने इस मुद्दे को लेकर बहुत ही बड़ा आंदोलन किया, जिसके कारण वर्तमान समय में सोशल मीडिया एवं अन्य प्लेटफार्म पर बड़े ही ज्यादा पॉपुलर हुए हैं। रविंद्र सिंह भाटी के इस काम में उनके साथियों ने भी खूब सहयोग दिया और इसी वजह से यह मुद्दा जीत गया, आज छात्रों को उनका हक मिल गया।
रविंद्र सिंह भाटी में एक अच्छे राजनीतिज्ञ का गुण होने के साथ ही एक सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं, जो हमेशा ही समाज के छात्र छात्राओं को अपने साथ लेकर चलते हैं और उनके हित के लिए काम करते हैं। छात्र छात्राओं के हित के लिए रविंद्र सिंह भाटी कई बार जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जो राजस्थान में स्थित है, वहां के मैनेजर से भी झगड़ चुके हैं। इन्हीं के मार्गदर्शन के कारण आज यह विश्वविद्यालय काफी आगे निकल चुका है।
रविंद्र सिंह भाटी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे सभी छात्र छात्राओं के अटके हुए काम को पूरा करने में अपना पूरा योगदान देना चाहते हैं। वह दूसरे अध्यापक और कॉलेज के कर्मचारियों की तरह छात्राओं के काम को पूरा करवाने में ज्यादा समय नहीं लेना चाहते चाहते हैं। वे चाहते हैं कि बच्चों का काम सही समय पर पूरा हो जाए। एक इंटरव्यू में इन्होंने यह भी कहा था कि जो अध्यापक विश्वविद्यालय में छात्रों को पढ़ाई के अलावा इधर उधर की बातें बताता है, वह सही अध्यापक नहीं हो सकता है।
रविंद्र सिंह भाटी ने किया बेरोजगारों के हल्ला बोल का नेतृत्व
13 सितम्बर 2021 को जयपुर में रविंद्र सिंह भाटी ने फिर से अपना एक आंदोलन जारी किया, जिसमें इन्होंने अपने सभी युवा छात्रों के साथ विधानसभा का घेराव किया। इनका कहना है कि पिछले कुछ समय से सभी युवा छात्रों का शोषण किया जा रहा है और जब कभी भी इनके द्वारा उनके हक के लिए आवाज उठाया जाता है तो प्रशासन के द्वारा इनके आंदोलनकारी प्रदर्शन को दबा दिया जाता है।
पूरे प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों, अलग-अलग जिले और अलग-अलग तहसील से प्रत्येक विद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्षों ने मिलकर के इस आंदोलन को शुरू किया है, जिसमें रविंद्र सिंह भाटी विशेष रूप से इस बेरोजगारी आंदोलन का नेतृत्व किया। रविंद्र सिंह भाटी के इस आंदोलन में लगभग प्रदेश के 5000 से भी ज्यादा युवा छात्र एकत्रित हुए और अपने हक की इस लड़ाई में उन्होंने बढ़-चढ़कर रविंद्र सिंह भाटी का साथ दिया।
रविंद्र सिंह भाटी और इनके 5000 से भी अधिक युवा छात्रों की इस रैली को देखकर प्रशासन के द्वारा पुलिस सुरक्षा बल तैनात किया गया और इनकी इस रैली को बंद करने के लिए विशेष प्रकार के काम किए गये। इतना ही नहीं पुलिस कर्मियों के साथ-साथ यहां पर पीएसी बल भी तैनात कर दी गई। युवाओं के इस आंदोलन को रोकने के लिए अनेकों प्रकार के प्रयास किये गये, परंतु पुलिसकर्मियों और पीएसी बल का इस रैली पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
रविंद्र सिंह भाटी और इनके साथ जुड़े सभी युवा इस रैली को करने में अपना विशेष योगदान निभाया। रविंद्र सिंह भाटी का कहना है कि “हमारी बहुत ही मांगे हैं, जिन्हें पूरा किया जाए और हम अपनी बातें सरकार तक अवश्य पहुंचाएंगे और बिना विधानसभा तक पहुंचे और सरकार को अपनी बात बताएं बिना हम इस रैली को बंद नहीं करेंगे।” इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि “जब कभी भी युवाओं के द्वारा उनके हक के लिए कोई लड़ाई लड़ी जाती है तो सदैव प्रशासन के द्वारा इनकी बातों को दबा दिया जाता है और विशेष प्रकार की कार्यवाही कर इनका शोषण किया जाता है।”
इसी कारण से रविंद्र सिंह भाटी इस आंदोलन को स्वयं में समावेशित किया और इस आंदोलन का नेतृत्व रविंद्र सिंह भाटी ने किया। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं, रविंद्र सिंह भाटी एक बहुत ही प्रेरणादाई और छात्रों के हित के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। अतः इसी कारण इन्होंने छात्रों के कहने के बाद बेरोजगारों के हल्ला बोल आंदोलन का नेतृत्व करना शुरू किया। रविंद्र सिंह भाटी ने प्रशासन की एक भी नहीं सुनी और अपनी बातें सरकार तक पहुंचाने के लिए इन्होंने पुलिसकर्मियों और पीएससी बालों का सामना करते हुए आखिरकार विधानसभा तक पहुंच गए।
विधानसभा पहुंचने के बाद विधानसभा को चारों तरफ से छात्रों के द्वारा घेर लिया गया है। ऐसा इसलिए नहीं किया गया है कि कोई भाग ना सके बल्कि छात्रों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उन्हें वहां खड़ा होने के लिए जगह कम पड़ रही थी। अतः इसीलिए इन्होंने विधानसभा के चारों तरफ खड़े होकर अपने प्रदर्शन को जारी रखा।
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FAQ
रविंद्र सिंह भाटी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा मयूर नोबल्स एकेडमी बाड़मेर से पूरी की। उसके बाद वे मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और वहां से अपनी स्नातक की शिक्षा पूरी की। उसके बाद वे साल 2015 में एलएलबी की पढ़ाई के लिए जोधपुर में स्थित जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया।
रविंद्र सिंह भाटी राजस्थान के बहुत ही पॉपुलर और चर्चित छात्रसंघ अध्यक्ष है। यह राजस्थान के जोधपुर में स्थित जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष हैं। इन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की और इस तरीके से इन्होंने एक रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया। क्योंकि पिछले 60 सालों में इस यूनिवर्सिटी से कोई भी छात्रसंघ अध्यक्ष निर्दलीय नहीं चुना जा सका सिवाय रविंद्र सिंह भाटी के।
रविंद्र सिंह भाटी के पिता का नाम शैतान सिंह भाटी है, जो पेशे से एक शिक्षक हैं।
दुधोड़ा, बाड़मेर (राजस्थान)
निष्कर्ष
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण लेख रविंद्र सिंह भाटी का जीवन परिचय (Ravindra Singh Bhati Biography in Hindi) अवश्य ही पसंद आया होगा। यदि आपको रविंद्र सिंह भाटी बायोग्राफी पसंद आई हैं तो इसे कृपया इसे अवश्य शेयर करें। यदि आपके मन में इस लेख को लेकर किसी भी प्रकार का कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में हमें अवश्य बताएं।
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