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भारतीय जनता पार्टी का इतिहास

History of BJP in Hindi: भारतीय जनता पार्टी भारत का एक प्रमुख राजनीतिक दल साथ ही सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। प्राथमिक सदस्यता के मामले में यह दुनिया का सबसे बड़ा दल है। इस दल का गठन 6 अप्रैल 1980 को नई दिल्ली के कोटला मैदान में आयोजित एक कार्यकर्ता अधिवेशन में किया गया था।

दल का लक्ष्य एक समर्थ राष्ट्र बनाने का था। दल के प्रथम अध्यक्ष श्री अटल बिहारी वाजपई निर्वाचित हुए। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष दल के चुने हुए प्रमुख होते हैं, जिन्हें 2 सालों के लिए नियुक्त किया जाता था। हालांकि अब यह समय बदल कर 3 साल के लिए हो गया है।

History of BJP in Hindi
Image: History of BJP in Hindi

2019 में अमित शाह भाजपा पार्टी के अध्यक्ष रहे थे, वर्तमान में जेपी नड्डा भाजपा के अध्यक्ष हैं। भाजपा पार्टी के स्थापना के साथ ही अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और लोकहित के विषयों पर मुखर रहते हुए भारतीय लोकतंत्र में अपनी सशक्त भागीदारी दर्ज की। इस पार्टी को लोग कमल के चिन्ह से पहचानते हैं।

इस दल का इतिहास काफी पुराना है। यदि भारतीय जनता पार्टी के इतिहास और उसके बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़ें। क्योंकि आज के लेख में हम भारत के जनता पार्टी से जुड़ी कई सारे तथ्य और भारतीय जनता पार्टी का इतिहास (Bharatiya Janata Party History in Hindi) को बताने वाले हैं।

भारतीय जनता पार्टी का इतिहास | History of BJP in Hindi

भारतीय जनता पार्टी का इतिहास

भारतीय जनता पार्टी का इतिहास जनसंघ से जुड़ा हुआ है। स्वतंत्रता के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु बने, जिन्होंने पाकिस्तान में रहे हिंदुओं की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ दिया। सरदार वल्लभभाई पटेल और गांधी जी की मृत्यु के बाद कांग्रेस में नेहरू का अधिनायकवाद प्रबल होने लगा।

नेहरू के सरकार में अल्पसंख्यक तुष्टीकरण, राष्ट्रीय सुरक्षा पर लापरवाही, लाइसेंस परमिट कोटा राज, राष्ट्रीय मामलों में भारतीय हितों की अनदेखी आदि विषय पर उद्विग्न होकर डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी ने नेहरू मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। नेहरू के पश्चात्य प्रेम से ऐसी नीतियां बनने लगी, जिससे भारत की संस्कृति असुरक्षित होने लगी थी।

अब कांग्रेस गांधीवाद को बिस्मत कर नेहरू वाद के मार्ग पर चलने लगा था। जिससे डॉक्टर श्याम प्रसाद बनर्जी के साथ अन्य राष्ट्रीय नेताओं ने भी इस खतरे को भापा और फिर भारत में एक नए राजनीतिक दल की आवश्यकताओं को महसूस किया। इस तरह 31 अक्टूबर 1951 को डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी के अध्यक्षता में भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई।

नई राजनीतिक दल की स्थापना होने के बाद मार्च 1953 को जनसंघ ने जम्मू कश्मीर के पूर्ण विलय पर दिल्ली में सत्याग्रह शुरू किया। डॉक्टर श्याम प्रसाद बनर्जी ने बिना परमिट के कश्मीर में प्रवेश करने का निर्णय किया और गर्जना करते हुए लोगों को कहा कि एक देश में दो विधान, दो निशान दो प्रधान नहीं नहीं चलेगा।

अपने दृढ़ संकल्प और जनता के पूर्ण सहयोग से डॉक्टर श्याम प्रसाद बनर्जी ने 11 मई 1953 को कश्मीर में बिना परमिट के प्रवेश किया। जिससे नेहरू के अधिनायकवाद रवैया के कारण डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया। जहां 23 जून 1953 को उनकी रहस्य पूर्ण स्थिति में मृत्यु हो गई।

डॉक्टर श्याम प्रसाद बनर्जी के शहीद से पूरा देश शोक में चला गया। उनके बलिदान के प्रभाव से 9 अगस्त 1953 को जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री पद से शेख अब्दुल्ला को हटाकर उन्हें बंदी बना लिया गया और जम्मू कश्मीर में परमिट व्यवस्था को हमेशा के लिए खत्म कर दिया गया।

जनसंघ दल की राष्ट्रवादी गतिविधियां

डॉक्टर श्याम प्रसाद बनर्जी के मृत्यु के बाद नई पार्टी को सशक्त बनाने की जिम्मेदारी पंडित दीनदयाल उपाध्याय के कंधों पर आ गया। भारतीय चीन युद्ध में भारतीय जनसंघ ने महत्वपूर्ण भूमिका, निभाई नेहरू की नीतियों का डटकर विरोध किया। 1947 को ब्रिटिश हुकूमत से देश को आजादी मिल गई लेकिन देश के कई हिस्से अभी भी विदेशी ताकतों के कब्जे में थी।

उन सभी हिस्सों को मुक्त करने के लिए पार्टी ने गोवा मुक्ति आंदोलन शुरू किया, पांडुचेरी और दादर हवेली को मुक्त करने के लिए दादर हवेली स्वाधीनता आंदोलन शुरू किया। यहां तक कि पश्चिम बंगाल के बेरुबॉडी को पाकिस्तान के हाथों सौंपने से बचाने के लिए भी अभियान किया और इसका विरोध किया।

कच्च समझौता का भी विरोध किया, गौ हत्या के विरुद्ध अभियान शुरू किया। यहां तक कि 1965 में पाकिस्तान ने जब धोखे से भारत पर हमला किया और कच्छ के कई इलाकों पर कब्जा कर लिया। तब जनसंघ ने विरोध किया यहां तक कि देश भर से 5 लाख लोग इकट्ठा होकर दिल्ली में आकर ‘फौज ना हारी, कौम ना हारी, हार गई सरकार हमारी’ का नारा दिया।

जनसंघ के दल की इन राष्ट्रवादी गतिविधियों मैं लोगों के समर्थन देख तत्काल प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को हिम्मत मिली और फिर भारत के सेना ने पाकिस्तानी सेनाओं का सामना किया और उस पर विजय प्राप्त की।

भारतीय जनसंघ का जनता पार्टी में विलय

70 के दशक के दौरान देश में इंदिरा गांधी का शासन था। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार निरंकुश होते जा रही थी, जिसके कारण लोगों में कांग्रेस के प्रति असंतोष की भावना उत्पन्न होने लगी। गुजरात नवनिर्माण आंदोलन के साथ बिहार में छात्र आंदोलन शुरू हो गया।

आंदोलन रोकने के लिए इंदिरा गांधी ने दमन का रास्ता अपनाया। इंदिरा गांधी के इस कार्य से लोग काफी नाराज हुए और कांग्रेस के शासन का विरोध शुरू हो गया। 1971 में देश पर भारत-पाक युद्ध और बांग्लादेश में विद्रोह के स्वरूप देश में आपातकाल लागू कर दिया गया। जो युद्ध की समाप्ति के बाद भी जारी रहा, जिसके कारण इसे हटाने की मांग होने लगी।

लोगों के आंदोलन से घबराई हुई इंदिरा गांधी जनता की आवाज को दमन चक्र से कुचलने का प्रयास किया, जिससे 25 जनवरी 1975 को देश में दोबारा आपातकाल लागू किया गया।

इस दौरान कई बड़े राष्ट्रीय नेताओं को जेल में डाल दिया गया। यहां तक कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगा दिया गया, समाचार पत्र पर सेंसर लगा दिया गया और अन्य कई राष्ट्रवादी संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया, हजारों कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया।

इन सब कारण से लोकतंत्र पर खतरा उत्पन्न होने लगा और जन संघर्ष और भी ज्यादा तेज होने लगी, जिससे अंत में घबराकर इंदिरा गांधी ने 18 जनवरी 1977 को लोकसभा भंग कर दिया। जिसके बाद देश में फिर से नहीं सरकार के लिए चुनाव हुआ।

जिसके बाद जयप्रकाश नारायण के आवाहन पर एक नए राष्ट्रीय दल जनता पार्टी का गठन हुआ और उनके नेतृत्व में देश को नई सरकार मिली। हालांकि वह सरकार ज्यादा दिन टिक नहीं सकी। आपसी लड़ाई और कांग्रेस के षड्यंत्र से सरकार बहुत कम समय में ही गिर गई।

जनता पार्टी की सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस ने कई दांव पेंच खेलें और पार्टी में आए सदस्यों को अलग-थलग करने के लिए दोहरी सदस्यता का मामला उठाया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध रखने पर जनता पार्टी पर आपत्ति जताई और उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य होने पर प्रतिबंध लगाया।

जिसके कारण 4 अप्रैल 1980 को जनता पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी का गठन किया। इस तरह भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई।

भारतीय जनता पार्टी के राजनीति में एक नया बदलाव

1987 के दौरान देश में राजीव गांधी की सरकार थी। उनके सरकार पर कई भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए, शाहबानो मामले में उनकी अल्पसंख्यक वोट बैंक की राजनीति का भी पर्दाफाश हो गया। 25 फ़रवरी 1989 को दीनदयाल उपाध्याय के जयंती पर लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से रामरथ की यात्रा निकाली और यह यात्रा देश के जिस-जिस हिस्से से निकली वहां से लोगों का अपार जनसमर्थन मिला।

इस तरीके से इस यात्रा ने भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक दल को बदल कर रख दिया। 1991 का वह दौर आया जब आतंकवाद अपने चरम सीमा पर था। जम्मू कश्मीर काफी हद तक आतंकवाद के प्रभाव में थी तब भारतीय जनता पार्टी कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने का निर्णय किया।

फिर दिसंबर 1991 को भाजपा के तत्काल अध्यक्ष डॉ मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में एकता यात्रा निकाली गई और श्रीनगर के लाल चौक पर 26 जनवरी 1942 को तिरंगा फहराया गया। इस तरीके से भाजपा के इस नई रणनीति ने भारत की एकता और अखंडता का संदेश दिया।

जिसके बाद 1996 1998 और 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और फिर अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने देश का काफी सफल तरीके से नेतृत्व किया।

वर्तमान स्थिति

वर्तमान में देश में भाजपा की पार्टी की सरकार है। साल 2014 को नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण किया। सत्ता में नरेंद्र मोदी के आते ही भाजपा ने अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की। वर्तमान सरकार द्वारा लागू अनेक योजनाओं ने देश का आर्थिक, सामाजिक विकास किया।

भाजपा ने महिलाओं के उत्थान से लेकर किसानों की स्थितियों को भी काफी बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभाई। स्किल इंडिया योजना लाकर रोजगार के अवसर खड़े किए, मेक इन इंडिया योजना से देश को खुद पर निर्भर होना सिखाया, डिजिटल इंडिया, दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना, अमृत मिशन जैसी योजनाओं से भारत को आधुनिक रूप से सशक्त बनाने में कदम बढ़ाया।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जन धन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाओं से देश में बेटीयों के लिए एक नए भविष्य की ज्योत को जलाया। इस तरीके से आज आने को राज्य में भाजपा और उसके गठबंधन सरकार जनकल्याण करने में लगी हुई है। ‘सबका साथ सबका विकास’ उद्घोषणा के साथ बीजेपी गौरव संपन्न भारत का पुल निर्माण कर रही है।

भाजपा पार्टी से जुड़े तथ्य

  • 1996 में भाजपा के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी बने थे। लेकिन पूर्ण बहुमत न होने के कारण 13 दिन में ही उनकी सरकार गिर गई।
  • 1980 में बीजेपी के गठन के बाद 1984 में बीजेपी ने पहला आम चुनाव लड़ा, जिसमें भाजपा के पास मात्र दो ही सीटें थी।
  • 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 282 सीटें हासिल कर कांग्रेस के बाद देश की एकमात्र ऐसी पार्टी बन गई, जिसने अपने बल बूते बहुमत हासिल की।
  • 1965 में दीनदयाल उपाध्याय द्वारा सर्वप्रथम दी गई एकात्मक मानवतावाद भाजपा की कथित विचारधारा रही है, जो ऐतिहासिक रूप से हिंदू राष्ट्रीयवाद की पक्षधर रही है।
  • 6 दिसंबर 1993 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिरने के मामले में भाजपा के कई बड़े नेता जिसमें लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं इस कांड में शामिल होने का आरोप लगाया गया।
  • भाजपा ने कई विवादास्पद मुद्दे को सुलझा कर जनता के नजर में सर्वोपरि बन गई, जिसमें जम्मू कश्मीर के लिए विशेष संवैधानिक दर्जा खत्म करना, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करना और सभी भारतीयों के लिए समान नागरिकता कानून लागू करना शामिल है।
  • भारत के जनता पार्टी को मजबूत बनाने में अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी की अहम भूमिका रही। उसके बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और भी ज्यादा ताकतवर हुई।
  • अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने अनेक नए प्रतिमान स्थापित किए, जिसमें अग्नि मिसाइल का सफल प्रक्षेपण, पोखरण में परमाणु विस्फोट का परीक्षण, कारगिल विजय है।
  • 2013 से 14 के बीच में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह रहे, इसके बाद 2014 से 2020 के दौरान अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे। वर्तमान में जेपी नड्डा भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष हैं। वहीं संसदीय दल अध्यक्ष नरेंद्र मोदी जी हैं।

FAQ

भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक कौन थे?

अटल बिहारी वाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक हैं।

भारतीय जनता पार्टी की स्थापना कब हुई?

भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को नई दिल्ली के कोटला मैदान में हुई।

वर्तमान में लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की कुल कितनी सीटें हैं?

वर्तमान में भारत के लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी की 545 में से 303 सीटें हैं। वहीं राज्यसभा की 245 सीटों में से 93 सिटी भारतीय जनता पार्टी की है।

भारतीय जनसंघ की स्थापना किसने की?

1951 में श्याम प्रसाद बनर्जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की, जो वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के नाम से जानी जाती है।

निष्कर्ष

आज भारतीय जनता पार्टी एक प्रमुख राष्ट्रवादी शक्ति के रूप में उभर चुकी है। इसके लगातार हो रहे विस्तार इस बात के साक्षी हैं कि लोगों की आस्था और विश्वास इन पर बढ़ रही है और लोगों का अपार जनसमर्थन मिल रहा है। इस दल को लाखों-करोड़ों कार्यकर्ता ने सिंचा है। आज यह देश के विकास, एकता, अखंडता और सुशासन के लिए कृतसंकल्प है।

आज के लेख में हमने आपको भारत के प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी के इतिहास (History of BJP in Hindi) के बारे में बताया तो हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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