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पोला त्यौहार कब है और पोला त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

pola kab hai

Pola Kab Hai: भारत में मनाए जा रहे सदियों से प्रत्येक त्यौहार का एक अलग ही महत्व होता है चाहे वह देवी देवताओं का त्यौहार हो या किसानों से संबंधित फसल का त्यौहार हो या लोहड़ी का त्यौहार हो। प्रत्येक त्यौहार को मनाने के पीछे एक रहस्य छुपा होता है। जिसे बहुत कम ही लोग जानते हैं।

इस लेख में बैल पोला त्यौहार (bail pola 2024) के बारे में जानने के साथ ही पोला कब है (pola kab hai), पोला क्यों मनाया जाता है आदि के बारे में विस्तार से बताया है।

पोला त्यौहार क्या है?

पोला एक प्रकार का त्यौहार है, जिसे छत्तीसगढ़ में किसानों के द्वारा मनाया जाता है। जब किसान अपनी फसल की जुताई और पुताई पूरी कर लेते हैं तब वह बैलों को पूजन के रूप में इस त्यौहार को मानते हैं।

pola festival के दिन मिट्टी और लकड़ी के बैलों को बनाया जाता है, जिसकी दो या तीन दिन तक अच्छी तरह से विधि-विघ्नों पूजा की जाती है। इसलिए पोला त्यौहार को बैलों के रूप में मनाना शुभ माना गया है।

इस दिन बैलों के लिए खासकर पोला पुरी तथा अन्य व्यंजनों को बनाकर उनकी खेती के रूप में दिए गए योगदान की सहारणा की जाती है और उन्हें सम्मान दिया जाता है।

पोला क्यों मनाया जाता है?

pola festival का संबंध भगवान श्री कृष्ण से जोड़कर देखा जाता है। जब भगवान श्री कृष्ण जी धरती पर अवतार के रूप में जन्म लेकर आए थे तब उनके मामा कंस ने उनको याचनाएं देने के लिए बहुत से आसूरों को उनको मारने के लिए भेजा था।

इसी दौरान एक पोला असुर नाम का राक्षस था, जिसे कंस के द्वारा भगवान श्री कृष्ण को मारने के लिए भेजा गया था। भगवान श्री कृष्ण ने बाकी असुरों की तरह पोला असुर को भी मुक्ति प्रदान की।

जब पोला असुर को मारा गया तब अमावस्या का दिन था और भद्रा का महीना था। जिसे बाद में पोला महीने के नाम से भी जाना जाने लगा।

इसका और कारण भी है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन धान का पौधा दूध के आचरण को पा लेता है, जिस कारण से अंन्नमाता गर्भ धारण करती है। इसलिए पोला त्यौहार को अन्य माता के गर्भधारण से भी जोड़कर देखा जाता है।

पोला कब है 2024

छत्तीसगढ़ में पोला त्यौहार 2024 में 2 सितम्बर (सोमवार) को बड़े ही धूमधाम से मनाया जायेगा।

पोला त्यौहार कब मनाया जाता है?

पोला या पोरा के नाम से इस त्यौहार को भादो माह के अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन बैलों का अच्छी तरह से सिंगार किया जाता है, जिसके बाद उनकी विधि विधान पूर्वक पूजा की जाती है।

इस दिन ऐसा माना जाता है कि लकड़ी और मिट्टी के बने बैलों की पूजा करना शुभ माना गया है। इसीलिए भादो माह में पोला त्यौहार को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ के किसान इस त्यौहार को मुख्य रूप से मनाते हैं।

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Rahul Singh Tanwar
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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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