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हनुमान बेनीवाल का जीवन परिचय

हनुमान बेनीवाल राजनीति की दुनिया में राजस्थान के एक जाने-माने राजनेता है और राजस्थान के राजनीति में उनका काफी चर्चित नाम है।

इन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में भाषण, रैली एवं अनेकों कार्य से राजस्थान के निवासियों को प्रभावित किया है। आज राजस्थान के सैकड़ों युवाओं के आदर्श बन चुके हैं।

वर्तमान में एक सांसद के अतिरिक्त हनुमान बेनीवाल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संस्थापक भी है।

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Hanuman Beniwal Biography in Hindi

राजस्थान के राजनीति में इनके महत्वपूर्ण योगदान होने के कारण आज इनके एक इशारे पर हजारों लोगों की भीड़ उमड़ जाती है। राजस्थान के आगामी चुनाव में इन्हे भावी मुख्यमंत्री भी माना जा रहा है।

इस लेख के माध्यम से हनुमान बेनीवाल का जीवन परिचय (Hanuman Beniwal Biography in Hindi), हनुमान बेनीवाल कहां के रहने वाले हैं, इनका राजनीतिक करियर क्या रहा है, इनके परिवार आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

हनुमान बेनीवाल का जीवन परिचय (Hanuman Beniwal Biography in Hindi)

नामहनुमान बेनीवाल
जन्म और जन्मस्थान2 मार्च 1972, बरनगांव, नागौर (राजस्थान)
पिता का नामश्री रामदेव चौधरी
माता का नामश्रीमती मोहनी देवी
पत्नी का नामकनिका बेनीवाल
संतानदिया बेनीवाल (बेटी), आशुतोष बेनीवाल (बेटा)
शिक्षाबीए, एलएलबी
पेशाराजनेता
धर्महिंदू
राष्ट्रीयताभारतीय
कास्टजाट
पार्टीराष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी

हनुमान बेनीवाल का प्रारंभिक जीवन

हनुमान बेनीवाल का जन्म राजस्थान के नागौर जिले में 2 मार्च 1972 को हुआ था। इनकी माता का नाम मोहिनी देवी एवं उनके पिता का नाम रामदेव हैं।

इनके पिता राजस्थान के मुंडवा विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं, जिसके कारण हनुमान बेनीवाल को बचपन से ही राजनीति का वातावरण प्राप्त हुआ है।

इस माहौल में रहने के कारण इन्होंने बचपन से ही राजनीति में जाने का निर्णय ले लिया था।

हनुमान बेनीवाल की शिक्षा

हनुमान बेनीवाल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जयपुर से पूरी की है। उसके बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी से 1993 में B.A की डिग्री प्राप्त की। 1999 में इन्होंने LLB की डिग्री हासिल की।

छात्र जीवन में एक होनहार छात्र के अतिरिक्त यह राजनीति में भी काफी सक्रिय थे। इन्हें वर्ष 1995 में राजस्थान कॉलेज में प्रेसिडेंट के पद के लिए चुना गया था।

उसके अगले ही साल यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज में और 1997 में राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव भी इन्होंने लडा और जीत भी प्राप्ति की।

हनुमान बेनीवाल का वैवाहिक जीवन

हनुमान बेनीवाल का विवाह कनिका बेनीवाल से वर्ष 2009 में हुआ था। इनकी पत्नी एक ग्रहणी है।

इनके दो संतान है एक बेटा और एक बेटी। इनके बेटे का नाम आशुतोष बेनीवाल है, वहीं इनकी बेटी का नाम दिया बेनीवाल है।

छात्रसंघ अध्यक्ष अरविंद सिंह भाटी का जीवन परिचय विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

हनुमान बेनीवाल का राजनीतिक करियर

हनुमान बेनीवाल का राजनीतिक करियर वर्ष 2003 में शुरू हुआ था, जब इन्होंने पहला विधानसभा चुनाव नागौर के मूंडवा चुनाव क्षेत्र से लड़ा था।

उस समय इन्होंने पहली बार राजनीति के क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमाने का सोचा, जिसके बाद इन्हें ओम प्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने का मौका मिला।

लेकिन वे इस चुनाव में जीत हासिल नहीं कर पाए। हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, जिसके बाद वर्ष 2008 में इन्होंने भाजपा के टिकट पर दोबारा विधानसभा का चुनाव लड़ा।

इस तरह साल 2008 में वे राजस्थान के खींवसर विधानसभा से विधायक के रूप में चुने गए।

बाद में भाजपा के साथ अनबन होने के कारण भाजपा को इन्होंने छोड़ दिया। उस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे, जो कांग्रेस के थे।

लेकिन उसके बावजूद हनुमान बेनीवाल ने अपने क्षेत्र में बहुत विकास किया, जिसके कारण इनकी लोकप्रियता काफी बढ़ रही थी और फिर साल 2013 में राजस्थान के खींवसर से निर्दलीय रूप में विधानसभा का चुनाव लड़ा।

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साल 2018 राजस्थान में तीसरे मोर्चे के रूप में इन्होंने अपनी अलग पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठन किया और फिर 3 विधानसभा सीटों को जीतकर अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई।

2018 के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद बीजेपी इसमें कमजोर साबित हुई, जिसके कारण बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी।

इसीलिए उसने हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से गठबंधन करने के लिए हाथ बढ़ाया। 2019 के आम चुनाव से तकरीबन एक महीना पहले भाजपा ने हनुमान बेनीवाल से संपर्क किया।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (2019 में अध्यक्ष) ने हनुमान बेनीवाल से बातचीत करके भाजपा में विलय करने की बात की। लेकिन हनुमान बेनीवाल इस बात से राजी नहीं थे।

यहां तक कि वे खुद की जगह किसी अन्य को अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाना चाहते थे। लेकिन भाजपा चाहती थी कि वह खुद ही चुनाव लड़े।

अंत में हनुमान बेनीवाल गठबंधन करने के लिए राजी हो गए और वह खुद ही चुनाव भी लड़े। इस तरह 23 मई 2019 को लोकसभा चुनाव का परिणाम आया।

हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के नागौर से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति मिर्धा को भारी वोटों से हराकर जीत हासिल की।

25 मई 2019 को लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद हनुमान बेनीवाल को गुलदस्ता भेंट करके जीत की बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने राजस्थानी अंदाज में उन्हें पीठ ठोक कर आशीर्वाद भी दिया।

संसद भवन में पहले ही दिन हनुमान बेनीवाल ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार से किसानों एवं युवाओं को आर्थिक सहायता देने की मांग की।

इसके साथ ही टिड्डी प्रकोप के कारण किसानों की फसलों में जो नुकसान हुआ था, उनके नुकसान की पूर्ति करने की भी मांग की। हनुमान बेनीवाल की मांग ने राजस्थान के किसानों का दिल जीत लिया।

इस तरह हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के खींवसर विधानसभा से विधायक से लेकर सांसद बनने तक का सफर तय किया।

हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी

भाजपा से अपनी राजनीतिक करियर शुरू करने वाले हनुमान बेनीवाल आगे चलकर भाजपा से अनबन होने के कारण इन्होंने खुद के पार्टी का गठन किया था।

29 अक्टूबर 2018 को जयपुर में हूंकार रैली से इन्होंने अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठन किया।

इस प्रकार इन्होंने राजस्थान में तीसरे मोर्चे के रूप में अपनी पार्टी की शुरुआत की थी और इस पार्टी के जरिए उन्होंने कांग्रेस और भाजपा जैसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का जमकर सामना करने की बात कही थी।

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हालांकि यह पार्टी विधानसभा चुनाव में केवल तीन ही सीटें प्राप्त कर पायी थी। लेकिन 2019 में पार्टी ने भाजपा से गठबंधन कर लिया। इस प्रकार वर्तमान में यह पार्टी बीजेपी के गठबंधन पार्टी एनडीए का एक हिस्सा है।

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राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का उद्देश्य

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का प्रमुख उद्देश्य हनुमान बेनीवाल के अपने बयान के अनुसार राजस्थान के युवा एवं किसानों की सहायता करना है।

राजस्थान में उस समय की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के कारण बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल को बीजेपी से निष्कासित कर दिया था।

चूंकि पहले हनुमान बेनीवाल बीजेपी से ही विधायक थे। लेकिन इस पार्टी से निष्कासित होने के बाद उन्होंने खुद की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी बनाई।

जब इस पार्टी की स्थापना की गई, उसी वक्त किसानों को पूर्ण कर्जमाफी, युवाओं को रोजगार दिलाना, कानून व्यवस्था, मुफ्त बिजली और मजबूत लोकपाल के मुद्दों को लेकर घोषणा की गई थी।

हनुमान बेनीवाल की कुल संपत्ति

हनुमान बेनीवाल राजस्थान के अमीर नेताओं में से एक माने जाते हैं। हालांकि राजस्थान की लोकप्रिय नेता भी हैं।

इनके आय का मुख्य स्त्रोत खेती एवं विधायक के रुप में मिलने वाली पेंशन है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में यह नागौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद है, जिसके कारण सांसद के रूप में भी इन्हें महीने का तनख्वाह मिलती है और अन्य कई सरकारी भत्ते मिलते हैं।

बात करें इनकी कुल संपत्ति की तो माना जाता है कि 500000 से भी ज्यादा कीमत के इनके पास खेत हैं। वहीं 1300000 से भी ज्यादा बैंक डिपॉजिट और अन्य जमा राशि है।

चार लाख से ज्यादा रुपए इनके पास केस है और 15 लाख रुपए के लगभग इनके पास गहने हैं।

इसके अतिरिक्त इनके पास महंगी कार भी है, जिसकी कीमत लाखों में है। इस प्रकार इनकी कुल संपत्ति लगभग 4200000 मानी जाती हैं।

स्पष्टीकरण: यहां पर बताई गई कुल सम्पति इन्टरनेट पर मौजूद विभिन्न स्त्रोतों के माध्यम से बताई गई है। हम इसकी पुस्टी नहीं करते हैं।

हनुमान बेनीवाल से जुड़े कुछ तथ्य

  • हनुमान बेनीवाल सबसे पहले भाजपा से ही खींवसर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे।
  • हनुमान बेनीवाल पर हमले भी हो चुके हैं। जब वे एक बार अपने दो दोस्तों के साथ जयपुर से नागौर अपने कार से जा रहे थे, उसी दौरान रोड ट्रैफिक लगा और वहां 30-40 लोगों ने इनके गाड़ी पर हमला किया और उनके गाड़ी के दरवाजे और खिड़कियां को तोड़ दिया। हालांकि यह भागने में सफल हुए।
  • हनुमान बेनीवाल के पिता रामदेव बेनीवाल राजस्थान के मुंडवा विधानसभा सीट से विधायक रह चुके थे, जिसके कारण हनुमान बेनीवाल को अपने पिता से ही राजनीति में जाने की प्रेरणा मिली थी।
  • भाजपा के द्वारा हनुमान बेनीवाल को निष्कासित कर देने के बाद ही इन्होंने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का गठन किया था।
  • हनुमान बेनीवाल शुरू से ही किसानों के हित के लिए आवाज उठाते आ रहे हैं‌। किसानों का यह हमेशा समर्थन करते हैं और किसानों के समर्थन के लिए इन्होंने कई सरकारों का विरोध किया है। यहां तक कि वसुंधरा राजे का भी इन्होंने विरोध किया था और भाजपा और कांग्रेस पार्टी का भी विरोध कर चुके हैं।
  • हनुमान बेनीवाल अपने बचपन का अधिकांश समय ननिहाल में बिताते थे।
  • हनुमान बेनीवाल किसी भी नेता से नहीं डरते हैं, गलत करने पर यह हमेशा ही विरोध करते हैं। इन्होंने कैबिनेट मंत्री यूनुस खान पर भी गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का साथ देने का आरोप लगाया था।
  • साल 2020 में हुए किसान आंदोलन में किसानों के समर्थन में हनुमान बेनीवाल जमकर खड़े हुए थे। इन्होंने एनडीए से अलग होने की धमकी भी दी थी। किसानों के हित के लिए हनुमान बेनीवाल ने संसद के उद्योग संबंधी स्थाई समिति, याचिका समिति व पेट्रोलियम व गैस मंत्रालय की परामर्श समिति से इस्तीफा पत्र भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजा था।

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हनुमान बेनीवाल की लोकप्रियता

राजस्थान में हनुमान बेनीवाल की लोकप्रियता किसानों के प्रति हितेषी होना है। राजस्थान में इन्होंने जाट किसानों के लिए बहुत कुछ किया है। हालांकि बाकी समुदाय के लोग भी इनके कार्यों से काफी प्रभावित होते हैं।

हनुमान बेनीवाल राजस्थान के एकमात्र ऐसे जाट नेता माने जाते हैं, जिन्होंने सभी पार्टियों से टक्कर ली है, किसानों के हित के लिए इन्होंने सरकार तक का विरोध किया है।

साल 2008 में जब ये भाजपा से विधायक बने थे, उस समय इन्होंने वसुंधरा राजे का विरोध किया था, जिसके कारण पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया। जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों का ही खूब जमकर विरोध किया।

इसके कारण यह राजस्थान के युवाओं के बीच काफी ज्यादा लोकप्रिय हो गए थे और किसानों एवं युवा की हित के लिए हमेशा ही उस कार्यक्रम, आंदोलन और सम्मेलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लेते थे, जो सरकार के खिलाफ थी एवं किसानों एवं युवाओं के हित से जुड़ा होता था।

हमेशा किसानों के हित के लिए आवाज उठाने वाले हनुमान बेनीवाल राजस्थान के हर एक युवा एवं किसानों के लोकप्रिय नेता है।

यही कारण है कि राजस्थान के ज्यादातर निवासी राजस्थान के आने वाले चुनाव में इन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।

आज राजस्थान में हनुमान बेनीवाल एक चर्चित नेता बन चुके हैं और राजस्थान के निवासियों पर इनका इस कदर प्रभाव है कि इनके एक इशारे पर ही लाखों लोग इकट्ठे हो जाते हैं।

FAQ

हनुमान बेनीवाल कौन है?

हनुमान बेनीवाल एक भारतीय राजनेता है। यह राजस्थान के खींवसर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रह चुके हैं। वर्तमान में राजस्थान के नागौर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक भी है।

हनुमान बेनीवाल सबसे पहले राजस्थान के कौन से जगह से विधानसभा का चुनाव लड़े थे?

हनुमान बेनीवाल साल 2013 में राजस्थान के खींवसर विधानसभा से निर्विरोध विधायक के रुप में जीते थे।

हनुमान बेनीवाल के गांव का क्या नाम है?

हनुमान बेनीवाल के गांव का नाम बरणगांव है, जो राजस्थान के नागौर जिले मुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

क्या हनुमान बेनीवाल राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री होंगे?

किसान हितेषी माने जाने वाले हनुमान बेनीवाल राजस्थान में युवाओं एवं किसानों के बीच एक लोकप्रिय राजनेता है। शुरुआत से युवाओं एवं किसानों के हित के लिए कई कार्य करते आ रहे हैं। सरकार से हमेशा उनके समर्थन के लिए मांग करते हैं। ऐसे में राजस्थान में अगले मुख्यमंत्री के रूप में हनुमान बेनीवाल को देखने की संभावना बताई जा रही है।

हनुमान बेनीवाल कौन से पार्टी से सांसद है?

हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी है। लेकिन यह पार्टी बीजेपी के गठबंधन पार्टी एनडीए का एक हिस्सा है और वर्तमान में यह एनडीए पार्टी से सांसद है।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में आपने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संस्थापक एवं राजस्थान के नागौर लोकसभा के सांसद हनुमान बेनीवाल जो राजस्थान के लोकप्रिय राजनेता हैं, उनके बारे में सब कुछ जाना।

हमें उम्मीद है कि उपरोक्त लेख के जरिए हनुमान बेनीवाल का प्रारंभिक जीवन, इनका परिवार, इनका राजनीतिक कैरियर एवं इन से संबंधित अन्य जानकारी प्राप्त हो गई होगी।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख हनुमान बेनीवाल का जीवन परिचय (Hanuman Beniwal Biography in Hindi) पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरुर करें। यदि यह लेख पसंद आया हो तो इसे आगे शेयर जरुर करें।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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