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नवजोत सिंह सिद्धू का जीवन परिचय

Navjot Singh Sidhu Biography in Hindi: नवजोत सिंह सिद्धू एक जाने-माने भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। हालांकि वर्तमान में यह राजनीति के क्षेत्र में जुड़े हुए हैं लेकिन ये खेल, टीवी और मनोरंजन के क्षेत्र में भी अपना करियर बना चुके हैं। नवजोत सिंह सिद्धू अक्सर अपने बयान के कारण और पाकिस्तान दौरे के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं।

Navjot Singh Sidhu Biography in Hindi
Image: Navjot Singh Sidhu Biography in Hindi

आज के इस लेख में हम आपको नवजोत सिंह सिद्धू की पूरी जीवनी के बारे में बताने वाले हैं कि किस तरीके से इन्होंने अपना करियर, खेल, टीवी और मनोरंजन उसके बाद राजनीति में बनाया। इसके अतिरिक्त नवजोत सिंह सिद्धू से जुड़े कुछ रोचक तथ्य भी जानेंगे।

नवजोत सिंह सिद्धू का जीवन परिचय | Navjot Singh Sidhu Biography in Hindi

नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में संक्षिप्त जानकारी

नामनवजोत सिंह सिद्धू
उपनामसिक्सर सिधु, शेरी पाजी और स्विधू पाजी
पेशाक्रिकेटर, कॉमेंटेटर, राजनीति
जन्म20 अक्टूबर 1963
जन्मस्थानपटियाला,पंजाब
ऊंचाई6 फीट 2 इंच
वजन84 किलो ग्राम
जातीजाट,सिख
धर्महिन्दू
शिक्षास्नातक
कॉलेजएचआर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स
आंखों का रंगहल्का भूरा
बालों का रंगकाला
राशितुला राशि
राष्ट्रीयताभारतीय
चुनाव-क्षेत्रअमृतसर
राजनीतिक दलभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दल
स्थाई पता26, यादवेंद्र कॉलोनी, मॉल रोड, पटियाला, पंजाब

नवजोत सिंह सिद्धू का पारिवारिक परिचय

मातास्वर्गीय निर्मल सिद्धू
पितास्वर्गीय सरदार भगवंत सिंह
बहननीलम महाजन, सुमन तूर
पत्नी नवजोत कौर
बेटाराबिया
बेटीकरण

नवजोत सिंह सिद्धू का जन्म

नवजोत सिंह सिद्धू का जन्म 20 अक्टूबर 1963 को भारत के पूर्वी राज्य पंजाब के पटियाला में एक जाट सिख परिवार में हुआ था। नवजोत सिंह सिद्धू के पिता का नाम स्वर्गीय सरदार भगवत सिंह है। इनके पिता भी पेशे से क्रिकेटर थे। इनके माता का नाम स्वर्गीय निर्मल सिद्धू है।

नवजोत सिंह सिद्धू की दो बहने हैं जिनमें से एक बहन जिसका नाम नीलम महाजन है वह अब इस दुनिया में नहीं है। वही उनकी दूसरी बहन का नाम सुमन तूर है। नवजोत सिंह सिद्धू को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। यह पूरी तरीके से शाकाहारी हैं। शराब एवं धूम्रपान का सेवन नहीं करते हैं।

नवजोत सिंह का वैवाहिक जीवन

 बात करें नवजोत सिंह के वैवाहिक जीवन की तो इनकी पत्नी का नाम नवजोत कौर हैं जो पैसे से एक डॉक्टर केवल राजनीतिज्ञ हैं या विधानसभा के पूर्व सदस्य रह चुकी हैं नवजोत सिंह के दो बच्चे हैं एक बेटी एवं एक बेटा है बेटे का नाम करण है और बेटी का नाम राबिया है।

नवजोत सिंह सिद्धू की शिक्षा

नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पटियाला के ही यादविंद्र पब्लिक स्कूल से की थी। उसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी के मोहिंद्र कॉलेज चंडीगढ़ में नामांकन किया । उसके बाद वे मुंबई आ गए और मुंबई के एचआर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स इन्होंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की।

नवजोत सिंह सिधु का करियर

नवजोत सिंह सिद्धू काकरिया बहुमुखी रहा है क्योंकि इन्होंने बहुत सारे क्षेत्र में अपने करियर बनाएं हैं यह खेल जगत में भी अपने करियर बनाएं हैं राजनीति और मनोरंजन के क्षेत्र में भी इन्होंने अपना किस्मत आजमाई है। नवजोत सिंह सिद्धू एक क्रिकेटर ,कॉमेंटेटर, अभिनेता और राजनेता भी रह चुके हैं।

नवजोत सिंह सिधु का क्रिकेट में करियर

नवजोत सिंह सिद्धू ने सबसे पहले क्रिकेटर के रूप में ही अपने जीवन के करियर की शुरुआत की थी इनके पिता खुद भी एक क्रिकेटर थे और उन्हीं से इन्हें बचपन से ही क्रिकेट खेलने की प्रेरणा मिली थी।

मात्र 18 साल की उम्र में इन्होंने प्रथम श्रेणी के क्रिकेट के रूप में अपने राज्य के लिए खेला था। 20 साल की उम्र में भारत के क्रिकेटर टीम में इनका चयन हुआ था। 1983 में इन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी।

यह टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ अहमदाबाद में आयोजित हुआ था जिसमें उन्होंने केवल 19 रन बनाए थे । साल 1990 में इन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम से निकाल दिया गया क्योंकि उस समय वे एक भी विकेट नहीं ले पाए थे।

1987 में नवजोत सिंह सिद्धू ने भारत विश्वकप क्रिकेट में 73 रन बनाए थे। उन्होंने कुल 5 मैचों में 4 अर्धशतक भी बनाए थे। 1989 में नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के खिलाफ शारजाह में पहला वनडे शतक लगाया था।

1997 में नवजोत सिंह सिद्धू ने वेस्टइंडीज दौरे के समय में दोहरा शतक लगाया था इसी बीच मोहम्मद अजहरुद्दीन के बीच इंग्लैंड दौरे के समय मतभेद हो गया था जिस कारण टीम से बाहर हो गए थे। जिसके बाद जो क्वींस पार्क ओवल में आयोजित दूसरे टेस्ट मैच में उनकी वापसी हुई थी जिसमें वे दो शतक बनाए थे।

साल 1999 में इंग्लैंड के खिलाफ आयोजित ग्वालियर के मैच में 134 रन बनाए थे जो उनके करियर का सबसे अच्छा स्कोर माना गया।

नवजोत सिंह सिधु का कमेंटेटर के रूप में करियर

नवजोत सिंह सिद्धू बतौर क्रिकेटर रह चुके हैं। लेकिन क्रिकेटर से संन्यास लेने के बाद इन्होंने कई सारे क्षेत्रों में अपना करियर बनाया है। इन्होंने एक कमेंटेटर के रूप में भी काम किया है जिसकी शुरूआत इन्होंने साल 2001 में भारतीय टीम के श्रीलंका दौरे से किया था।

नवजोत सिंह सिद्धू कई तरह के भारत के चैनल पर एक क्रिकेट विश्लेषक के रूप में भी अपने बातों को रखते हुए नजर आ चुके हैं। यहां तक कि साल 2012 में इन्होंने एसपीएन स्टार स्पोर्ट्स के लिए भी काम किया था।

आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस नवजोत सिंह सिद्धू ने कमेंटेटर के रूप में भी काम कर चुके हैं एक समय रिपोर्टर से जवाब देने में बहुत डरा करते थे। दरअसल इनकी अंग्रेजी बहुत कमजोर थी। इसीलिए भी किसी भी रिपोर्टर के पास खड़े होने से भी डरते थे।

यदि कोई मैच जीत भी जाते थे तो उससे ज्यादा डर तो इन्हें रिपोर्टर के सवालों का जवाब देने में लगता था। लेकिन बाद में एक अनुभव के बाद इन्होंने अपने कमी को पूरा कर दिखाने का ठाना और बाद में एक अच्छे कमेंटेटर के रूप में उभर कर आए।

नवजोत सिंह सिधु का फिल्मों में करियर

नवजोत सिंह सिद्धू ने खेल एवं राजनीति क्षेत्र के अतिरिक्त फिल्मी दुनिया में भी अपना आजमा चुके हैं। इन्होंने कपिल शर्मा की शो “कॉमेडी नाइट विद कपिल” और “कपिल शर्मा शो “में बतौर जज के रूप में काम कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त इन्होंने “द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज” में भी शेखर सुमन के साथ जज की भूमिका निभाई है।

इन्होंने बॉलीवुड की कई फिल्मों में भी अपनी भूमिका निभाई है जिसमें से सलमान खान और अक्षय कुमार की फिल्म “मुझसे शादी करोगी” में दिख चुके हैं। इस फिल्म में इन्होंने क्रिकेट कमेंटेटर के रूप में नजर आए थे।

इसके अतिरिक्त नवजोत सिंह सिद्धू ने एबीसीडी 2 में भी एक कैमियो के रूप में अपनी भूमिका दर्ज कराई है। इन्होंने “मेरा पिंड” नाम का एक पंजाबी फिल्म में भी काम किया है जिसमें उन्होंने एक एनआरआई नर्वोज़ सिंह लम्बा का पात्र निभाया है।

नवजोत सिंह सिद्धू कलर्स पर आने वाला टीवी शो बिग बॉस के सीजन 6 में भी दिख चुके हैं जिसे राजनीतिक कारण उन्होंने बीच में ही छोड़ दिया।

नवजोत सिंह सिधु का राजनीती करियर

साल 2004 में नवजोत सिंह सिद्धू को भारतीय जनता पार्टी से भारत के आम चुनाव में टिकट प्राप्त हुआ और अमृतसर से इन्होंने जीत भी हासिल की लेकिन उस दौरान अदालत में उनके खिलाफ मामले चल रहे थे जिस कारण इन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।

साल 2009 में दोबारा लोकसभा चुनाव में अमृतसर से खड़े हुए और इनके विपक्षी ओम प्रकाश सोनी को 6858 मतों से हराकर जीत प्राप्त की थी।

फिर साल 2014 में भारतीय आम चुनाव हुआ लेकिन उस समय नवजोत सिंह सिद्धू को भारतीय जनता पार्टी से अमृतसर के लिए टिकट नहीं मिला जिस कारण वे काफी दुखी हो गए थे क्योंकि उनका मानना था कि अमृतसरी वही स्थान है, जहां से उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और इन्होंने यहां की जनता से वादा भी किया है कि इस स्थान को छोड़कर वे कहीं और नहीं जाएंगे। इसीलिए वह कहीं और से चुनाव में नहीं खड़े हुए।

28 अप्रैल 2019 को नवजोत सिंह सिद्धू को राज्यसभा का सदस्य नियुक्त किया गया लेकिन कुछ ही महीने के बाद उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता वापस दे दी और परगट सिंह और बैंस भाईयो के साथ मिलकर “आवाज-ए-पंजाब” नाम का एक नई पार्टी का गठन किया।

उसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू साल 2017 में भारत के राष्ट्रीय कांग्रेस दल में शामिल हो गए।

फिर साल 2017 में पंजाब लोकसभा चुनाव में अमृतसर के पूर्वी क्षेत्र से खड़े हुए और 42809 मतों से जीत प्राप्त करके  स्थानीय निकाय मंत्री बने।

उसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की सरकार में इन्हें पंजाब का ऊर्जा मंत्रालय एवं नवीन ऊर्जा स्त्रोत आवंटित किया गया।

18 जुलाई 2021 को इन्हे पंजाब कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया लेकिन 28 सितंबर को इन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया।

नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में रोचक तथ्य

15 जनवरी 2017 को नवजोत सिंह सिद्धू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे।

नवजोत सिंह सिद्धू “मुझसे शादी करोगी”, abcd2,” मेरा पिंड” जैसे कई फिल्मों में भी विशेष भूमिका निभा चुके हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू क्रिकेटर भी रह चुके हैं। दिसंबर 1999 में उन्होंने क्रिकेटर से सन्यास लिया।

नवजोत सिंह सिद्धू को उनके परिवार एवं दोस्त प्यार से सिक्सर सिद्धू ,जोंटी सिंह और सिद्धू पाजी भी बुलाते हैं।

साल 2019 में नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब राज्य सरकार के द्वारा पर्यटन, सांस्कृतिक मामले और संग्रहालय के मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।

1993 में नवजोत सिंह सिद्धू ने इंग्लैंड के खिलाफ 134 रन बनाकर अपना सर्वोच्च एकदिवसीय स्कोर प्राप्त किया था।

नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब के भारतीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में18 जुलाई साल 2021 को नियुक्त किया गया, जिस पद से उन्होंने उसी साल 28 सितंबर को इस्तीफा दे दिया।

नवजोत सिंह सिद्धू सोनी सब पर आने वाला लोकप्रिय” द कपिल शर्मा” शो के जज के रूप में भी काम कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त वह “कॉमेडी नाइट्स विद कपिल” में भी जज के रूप में काम किए हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू ने sherryontopp.com नामक एक वेवसाइट भी शुरू की थी।

नवजोत सिंह सिद्धू से जुड़े विवाद

नवजोत सिंह सिद्धू बयानों के कारण काफी ज्यादा चर्चे में रहते हैं। इसके अतिरिक्त इनके पाकिस्तान में भी आना जाना काफी होता है जिस कारण कई विवादों में ये घिरे हुए हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू सबसे पहले विवादों में तब घिरे थे जब साल 1991 में उन पर गुरनाम सिंह पर हमला करने का आरोप लगाया गया था । माना जाता है उस समय उनके सहयोगी भूपिंदर सिंह संधू ने भी उनका साथ दिया था।

जिसके बाद नवजोत सिंह सिंधू को पंजाब पुलिस के द्वारा गिरफ्तार करके पटियाला के जेल में कई दिनों तक रखा गया था।

इस बीच सिंधु ने कई बार अपने आपको निर्दोष साबित करने की कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने उन्हें बिना किसी आधार के आरोप किया है। अदालत में वे दावा कर सकते हैं कि वह निर्दोष है उन पर झूठा आरोप लगाया गया है।

लेकिन पिडीत के चाचा जसविंदर सिंह नवजोत सिंह के दावे को खंडित करते हुए बोले थे कि वह अपराध के साक्षी हैं और वे नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ गवाही देने के लिए भी तैयार हैं।

उसके बाद साल 2006 के दिसंबर में भी नवजोत सिंह विवादों में फंस गए थे। दरअसल उस समय उन पर वर्ष 1988 में एक रोडवेज की हुई घटना का दोषी ठहराया गया था। उन्हें 3 साल की सजा भी सुनाई गई थी जिस कारण उस समय संसद की सदस्यता भी इनसे छीन ली गई थी।

लेकिन फिर इन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से अपील की जिसके बाद इन्हें फरवरी 2007 में अमृतसर से लोकसभा सीट लड़ने की अनुमति प्रदान की गई थी। इसी रोडवेज मामले को लेकर फिर से साल 2018 में नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने ₹1000 जुर्माना भरने का आदेश दिया था।

उसके बाद फिर से 19 मई साल 2022 को इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को 1 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई।

साल 2014 में भी उन पर स्टार इंडिया ने यह कहते हुए आरोप लगाया था कि नवजोत सिंह सिद्धू ने सेट मैक्स के इंडियन प्रीमियर लीग साल 2014 के एक कमेंटेटर के रूप में काम करके एक अनुबंधन समझौते का उल्लंघन किया है।

एक बार फिर साल 2018 में भारतीयों के द्वारा इनकी खूब आलोचना की गई थी। जब 18 अगस्त 2018 को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में राष्ट्रपति भवन में नवजोत सिंह सिद्धू इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित हुए थे। इतना ही नहीं यह पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद भाजपा को भी गले लगाए थे।

नवजोत सिंह सिद्धू अपने संसदीय क्षेत्र से कई दिनों तक गायब रहे थे जिस कारण उनके क्षेत्र के एक निजी संगठन ने उन पर ₹2 लाख का इनाम घोषित कर दिया था ताकि वे अपने संसदीय क्षेत्र में वापस आ जाएं।

यह हास्यास्पद घटना उस वक्त काफी चर्चा में रहा था, ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन ने भी उन पर आरोप लगाया था कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अकाल तख्त के लिए कुर्बानी के शब्दों को घुमा कर, बदलकर बोला है।

पुलवामा हमले में भारत के 40 जवानों के शहीद हो जाने पर भी नवजोत सिंह सिद्धू ने एक प्रेस वार्ता के दौरान पाकिस्तान पर बहुत ही नरमी भरा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि गाली और गोली से कुछ नहीं होता हमें बातचीत करके समाधान करना चाहिए।

इनके इस तीखे बयान के बाद तो सभी भारतीयों ने उनका खूब आलोचना किया इन्हें सब टीवी पर कपिल शर्मा के शो मे से भी निकालने की मांग चलने लगी। जिसके बाद अंत में कपिल शर्मा के शो से निकल जाना पड़ा। अन्य पार्टी के भी कई बड़े नेताओं ने सिंधु की कड़े शब्दों में निंदा की थी।

नवजोत सिंह सिद्धू के अनमोल वचन

  • जब जीवन में जोखिम उठाते हैं तब सफलता जरूर मिलती हैं। इसीलिए जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए साहसिक कदम उठाने की जरूरत पड़ते हैं।
  • जिस तरीके से व्यक्ति जब सड़क पर यात्रा करता है, तो उसको एक या दो पंचर का सामना करना ही पड़ता है ठीक उसी तरह जीवन में भी कई तरह की मुश्किलों का सामना करते रहना पड़ता है। मुश्किलों का सामना करते हुए जीवन यात्रा में सफलता मिलती है।
  • मैंने कई तरह की महिलाओं को कई तरह के शैलियों में अपने आपको प्रदर्शित करते हुए देखा है। महिलाएं अपने आपको किसी भी शैली में ढालने की क्षमता रखती हैं।
  • देश के हर एक कोने में भारतीय फैले हुए हैं यदि उनको ढूंढने लगे तो सुई की नोक के समान अंतर दिखने लगेंगे।
  • विकेट उन पत्नियों की तरह होती है जिनके बारे में कहा नहीं जा सकता कि कब और कौन से दिशा में मुड़ेगी अचानक से वह कहीं भी मुड़ सकती है।
  • जीवन में कभी ऐसे व्यक्ति पर भरोसा नहीं करना चाहिए जो पहले से ही खुद नग्न अवस्था में हो। जब ऐसा व्यक्ति आपको कमीज उतार कर देता है तो उसेसे सावधान रहना चाहिए।
  • क्रिकेट खेलने के दौरान बोल को एक जुए की पासे की तरफ फेंका जाता है जिसमें पता नहीं होता है कि यह कैसा होगा? आप यह नहीं सोच सकते कि हर बात छह ही आएगा।

नवजोत सिंह सिद्धू की पसंद

बात करें नवजोत सिंह सिद्धू की पसंद की तो नवजोत सिंह सिद्धू के पसंदीदा खेल क्रिकेट है एवं इनका पसंदीदा क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर है।

बात करें इनके पसंदीदा अभिनेता और अभिनेत्री की तो अमिताभ बच्चन इनके पसंदीदा अभिनेता हैं एवं माधुरी दीक्षित और कंगना रनौत इनकी पसंदीदा अभिनेत्री है।

नवजोत सिंह सिद्धू को खाने में छोले भटूरे बहुत पसंद है।

नवजोत सिंह सिद्धू की कुल संपत्ति

नवजोत सिंह सिद्धू ने साल 2017 के पंजाब विधानसभा के चुनाव के दौरान एक हलफनामा दिया था, जिसमें उन्होंने अपने कुल संपत्ति का जिक्र किया था। उनके हलफनामे के अनुसार उस समय उनके पास 45 करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति है। वही ₹400000 से भी ज्यादा उनके पास कैश है।

नवजोत सिंह सिद्धू को लग्जरी कारों का भी काफी शौक हैं उनके एक हलफनामे के अनुसार उनके पास एक करोड़ से भी ज्यादा रुपए की गाड़ी है जिसमें फॉर्च्यूनर, टोटोजा लैंड क्रूजर और मिनी कूपर शामिल है। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि नवजोत सिंह सिद्धू के पास एक ऐसी घड़ी है जिसकी कीमत ₹44 लाख है।

FAQ

नवजोत सिंह सिद्धू को क्रिकेटर बनने की प्रेरणा किससे मिली थी?

नवजोत सिंह सिद्धू को क्रिकेटर बनने की प्रेरणा उनके पिताजी से मिली थी। 20 साल की उम्र में ही है भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के 1 ट्रायल देने के बाद टीम में चयनित हो गए थे।

नवजोत सिंह सिद्धू का पेशा क्या है?

वर्तमान में नवजोत सिंह सिद्धू एक राज भारतीय राजनेता है। राजनीति के अतिरिक्त नवजोत सिंह सिद्धू फिल्मी और खेल जगत में भी अपना करियर बना चुके हैं। सबसे पहले इन्होंने क्रिकेटर के रूप में अपना करियर बनाया था। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह कई सारे फिल्म एवं टीवी शो में नजर आ चुके थे उसके बाद इन्होंने राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा।

नवजोत सिंह सिद्धू ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कब डेब्यू किया था?

साल 1983 में नवजोत सिंह सिद्धू ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच खेला था जिसमें वह केवल 19 रन ही बना पाए थे दो टेस्ट मैच खेलने के बाद उन्हें टीम से बाहर निकाल दिया गया। वेस्टइंडीज के खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 19 रन बनाए थे।

नवजोत सिंह सिद्धू ने पहला वनडे शतक कब लगाया था?

नवजोत सिंह सिद्धू ने 1989 में शारजाह में पाकिस्तान के खिलाफ पहला वनडे शतक लगाया था।

नवजोत सिंह सिद्धू के कितने भाई बहन हैं?

नवजोत सिंह सिद्धू की दो बहने हैं जिनमें से एक बहन जिसका नाम नीलम महाजन है वह अब इस दुनिया में नहीं है। वंही उनकी दूसरी बहन का नाम सुमन तूर है।

नवजोत सिंह सिद्धू कहां तक पढ़े हैं?

नवजोत सिंह सिद्धू ने एचआर कॉलेज से अर्थशास्त्र के विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है।

नवजोत सिंह सिद्धू का क्रिकेट के क्षेत्र में कितने सालों का सफर रहा था?

नवजोत सिंह सिद्धू का एक क्रिकेटर के रूप में 18 साल का कैरियर रहा था जिसमें वे 50 से भी अधिक टेस्ट मैच एवं 100 से भी अधिक एकदिवसीय मैचों में खेल कर उन्होंने 7000 से भी अधिक रन बनाए थे।

निष्कर्ष

इस तरह आज के इस लेख में आपने भारत के जाने माने राजनीतिज्ञ नवजोत सिंह सिद्धू का जीवन परिचय ( Navjot Singh Sidhu Biography in Hindi) के बारे जाना। उम्मीद है कि आज का यह लेख आपको पसंद आया होगा। इसे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए अन्य लोगों के साथ जरूर शेयर करें। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो आप हमें कमेंट में लिखकर जरूर बताएं।

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