सुनो मेरी जान तुम्हारा हाथ पकड़कर घूमने का दिल करता है चाहे वो ख़्वाबों में हो या हक़ीक़त में।
आ जाते हैं वो भी रोज ख्वाबों में, जो कहते हैं हम तो कहीं जाते ही नहीं।
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए ये गिला है आपकी निगाहों से फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए
ऐ ख़ुदा बस एक ख़्वाब सच्चा दे दे अबकी बरस मानसून अच्छा दे दे!
कोई ख्वाब फिर से चमक उठा, कोई जख्म फिर से हरा हुआ, मैं समझ रहा था बेवफ़ा, वो हमारे ख्वाब से जुदा हुआ…..!!
कोई मिला ही नहीं जिस को सौपते मोहसिन, हम अपने ख्वाब की खुशबु, ख्याल का मौसम।
तुझसे मिलना तो अब ख्वाब सा लगता है, इसलिए मैंने तेरे इंतज़ार से मोहब्बत की है.
कुछ ख़ास फर्क नहीं पड़ता अब ख्वाब अधूरे रहने पर बहुत करीब से कुछ सपनो को टूटते देखा है!
यहां फूलों की खुशबु न मुझे मिली न तुझे मिली, ये चमन न तेरा हुआ न मेरा हुआ, ख्वाब था मेरे जहन में ना में कह सका ना में लिख सका, जबान मिली तो कटा हुआ, कलम मिली तो बिका हुआ……..!!
खुदा का शुक्र है कि उसने ख्वाब बना दिये, वरना तुम्हें देखने की हसरत रह ही जाती।
ख़्वाब जितने भी थे जल गए सारे अब इन आँखों में नमी के सिवा कुछ भी नही।
चिराग अपनी थकान की कोई सफ़ाई ना दे, वो तीरगी है जो ख्वाब तक दिखाई ना दे, ओर बहुत याद आते हैं वो रिश्ते जो टूट जाते हैं, खुदा किसी को मोहब्बत ना दे, मैं सारी उम्र अंधेरों में काट सकता हूँ, मगर मेरे दीये को रोशनी पराई न दे……..!! अगर यही हाल है दुनिया का तो, मेरी केद भली है मुझे रिहाई ना दे.
सोये थे सारे ख़्वाब शहर के मचल गये मुरझाये सारे फूल गुलसितां के खिल गये नेताजी हमें आपसे उम्मीद है बड़ी तकदीर थी हमारी हमें आप मिल गये।
गुलाब, ख्वाब, दवा, जहर, जाम क्या क्या है…..?? मैं आ गया हूँ, बता इन्तजाम क्या क्या है…..??
ताबीर जो मिल जाती तो एक ख्वाब बहुत था, जो शख्स गँवा बैठे है नायाब बहुत था, मै कैसे बचा लेता भला कश्ती-ए-दिल को, दरिया-ए-मुहब्बत मे सैलाब बहुत था।
तेरे ख्वाबों का भी है शौक़ तेरी यादों में भी है मज़ा, समझ नहीं आता सोकर तेरा दीदार करूँ या जाग कर तुम्हें याद.
हादसा बन के कोई ख्वाब बिखर जाए तो क्या हो वक्त जास्बात को तब्दील नहीं कर सकता, देर हो जाने से एहसास नहीं मर सकता, Mohhabat है दिलों का रिश्ता, ऐसा रिश्ता जो सरहादो में कभी तब्दील नहीं हो सकता, तु किसी ओर की रातों का हँसी चाँद सही, मेरे हर रंग में शामिल तु है, तुमसे रोशन है मेरे ख्वाब, तु किसी भी राह से गुजरू मेरी मंजिल तु है……!!
बस यही दो मसले ज़िन्दगी भर न हल हुए ना नींद पूरी हुई न ख्वाब मुकम्मल हुए।
Khwab Shayari in Hindi
शाम होने को है घर जाते हैं, अब बुलंदियों से उतर जाते हैं, ए जिन्दगी सामने ना आया कर तुझे देख डर जाते हैं , हम ख्वाब क्या देखें, थके हारे लोग सोते हैं ओर मार जाते हैं……!!
ख़्वाब वैसे तो इक इनायत है, आँख खुल जाए तो मुसीबत है।
पूरा अब मेरा ये ख़्वाब हो जाये लिख दू उनके दिल पे किताब हो जाये ना मयकदे की जरूरत हो ना मयखाने की अगर नज़र से पिला दो शराब हो जाये।
मोहब्बत के नशे में झूठे ख्वाब दिखा गई, मैं क्या बताऊँ उसकी अदाएं कमवक्त पानी में आग लगा गई……..!!
पूरा नहीं हुआ , तो क्या हुआ, दिखाने वाले तेरा ख्वाब अच्छा था.
ख्वाब मनुष्य को जीने नहीं देता और मनुष्य ख्वाब को कभी मरने नहीं देता!
निकला हू घर से मिलने की उम्मीद ले के, जानता हूँ मिलोगी नहीं, घर लौटऊंगा उदास हो के, तेरे गली में जाना अच्छा लगता है मुझे, तुझे अपना बनने का ख्वाब सचा लगता है मुझे……!!
तुझे ख्वाबो में पा कर दिल का करार खो ही जाता है, मैं जितना रोकूँ खुद को तुझसे प्यार हो ही जाता है…
वो बचपन की नींद अब ख्वाब हो गई, क्या उमर थी कि, शाम हुई और सो गये.
खुदा का सुक्र है कि उसने ख्वाब बना दिए वरना तुम्हें देखने की तो हसरत रह ही जाती।
नहीं पसंद मोहब्बत में मिलावट मुझको, अगर वो मेरा है तो ख्वाब़ भी मेरे देखे……..!! ख्वाब सा था साथ तुम्हारा, ख्वाब बन के रह गया……..!!
प्यार का ज़ज़्बा भी क्या क्या ख्वाब दिखा देता है, अजनबी चेहरों को महबूब बना देता है.
ये ख़याल था कभी ख़्वाब में तुझे देखते कभी ज़िंदगी की किताब में तुझे देखते!
ख़्वाब ही ख्व़ाब मैं कब तक देखूँए ये आरजू है एक बार समाने भी देखूँ !
सौदा कुछ ऐसा किया है तेरे ख़्वाबों ने मेरी नींदों से या तो दोनों आते हैं या कोई नहीं आता !
राजे दिल सब बताना चाहता हूँ, एक ग़ज़ल तुझ पर सुनाना चाहता हूँ. रात देखे ख्वाब जो तुम संग मैंने, ख्वाब वो सब मैं भुनाना चाहता हूँ ………..!!
काश फिर मिलने की वजह मिल जाए साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए !
डरते है आग से कही जल न जाये, डरते है ख्वाब से कहीं टूट न जाये, लेकिन सबसे ज़्यादा डरते है आपसे, कहीं आप हमे भूल न जाये………….!!
मुझे खबर है तेरे दिल में मैं नहीं तेरे दिल में कोई और ही सही तू कभी भुलाया न जाएगा तू बस एक टूटा हुआ ख्व़ाब ही सही !
दिल की हर यादो में, मै सवारूँ तुझे, तू दिखे तो इन आँखो में उतारू तुझे, तेरे नाम को जुबा पर ऐसे सजाऊ, सो जाऊ तो ख्वाबों मे बस पुकारू तुझे………!!
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छु जाते हो तुम मुझे हर रोज एक नया ख्वाब बनकर ये दुनिया तो खामखा कहती है कि तुम मेरे करीब नहीं !
मेरा हर ख्वाब आज हकीकत बन जाये, जो हो बस तुम्हारे साथ ऐसी जिन्दगी बन जाये, हम लाये लाखो में एक गुलाब तुम्हारे लिए, और ये गुलाब मोहब्बत की शुरुआत बन जाये ………!!
सोने दो मुझे, तुम्हारे ख्वाब भी तो देखने हैं.
Khwab Shayari in Hindi
तुझसे दोस्ती करने का हिसाब ना आया मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया हम तो जागते रहे तेरे ही ख़यालो मे और तुझे सो कर भी हमारा ख्वाब ना आया !
दिल की धड़कन को धड़का गया कोई. मेरे ख्वाबों को जगा गया कोई, हम तो अनजाने रास्तो पे यूं ही चल रहे थे, अचानक ही प्यार का मतलब भी सीखा गया कोई………!
ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूँ काश तुझ को भी इक झलक देखूँ !
ऐसा भी कभी हो मैं जिसे ख़्वाब में देखूँ जागूँ तो वही ख़्वाब की ताबीर बताए
जिसे पाया ना जा सके वो जनाब हो तुम, मेरी जिंदगी का पहला ख्वाब हो तुम, लोग चाहे कुछ भी कहे लेकिन मेरी ज़िन्दगी का एक सुन्दर सा गुलाब हो तुम………..!!
और तो क्या था बेचने के लिए अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं !
न जाने सालों बाद कैसा समां होगा, हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा, फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों में, जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों में……….!!
सुना है वो कह कर गये है के अब तो हम सिर्फ़ तुम्हारे ख्वाबो मैं ही आएँगे कोई कह दे उनसे की वो वादा कर ले हम से ज़िंदगी भर के लिए हम सो जाएँगे !
काश उनकी आँखों में भी मेरे लिए ख्वाब होगा, उनके दिल के किसी कोने में, हमारे लिए प्यार होगा.. यही सोच के गुजारता हु, अपनी हर राते, शायद कभी उन्हें भी हमारा इंतज़ार होगा………!!
ये तो अच्छा है कि मेरे हर ख़्वाब पूरे नहीं होते., वरना मेरे दोस्त किस-किस को
हकीकत की रस्सियों पे लटककर न जाने कितने ख्व़ाब खुदख़ुशी कर गये !
तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है !
कितना अधूरा लगता है तब, जब बादल हो पर बारिश ना हो, जब जिंदगी हो पर प्यार ना हो, जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो, और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो………!!
खुदा का शुक्र है कि ख्वाब बना दिए, वरना तुम्हें देखने की तो हसरत दिल में ही रह जाती.
काश उनका चेहरा आता रोज हमारे ख्वाब में मर जाते पर नींद से उठने की जुर्रत नहीं करते !
फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने, उसने माँगा जो वो सब दे दिया मैंने, वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी, समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने…….!!
मेरे आँखों के ख्वाब, दिल के अरमान हो तुम, तुम से ही तो मैं हूँ , मेरी पहचान हो तुम मैं ज़मीन हूँ अगर तो मेरे आसमान हो तुम, सच मानो मेरे लिए तो सारा जहां हो तुम………!!
ख्वाबों को आँखों से मिन्हा करती है नींद हमेशा मुझसे धोखा करती है।
पागल आंखों वाली लड़की इतने महेंगे ख़्वाब ना देखो थक जाओगी कांच से नाज़ुक ख़्वाब तुम्हारे टूट गए तो पछताओगी .
तुझको ख्वाबो में देखने वाला कितनी मुश्किल से जागता होगा !
रात की गहराई आँखों में उतर आई, कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई, ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के, कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई………..!!
जो उन मासूम आँखों ने दिए थे वो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ !
एक मुस्कान तू मुझे एक बार दे दे, ख्वाब में ही सही, एक दीदार दे दे. बस एक बार कर लें तू आने का वादा, फिर उम्र भर का चाहे इंतजार दे दे………!!
तेरे ख़्वाबों की लत लगी जब से रात का इंतिज़ार रहता है !
जब भी हम मिलेंगे तुमसे तो ढेर सारी बात होगी हकीकत में ना सही कभी ख़्वाबों में ही मुलाकात होगी !
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किताबों के पन्नो को पलट के सोचता हूँ, यूँ पलट जाए मेरी ज़िंदगी तो क्या बात है. ख्वाबों मे रोज मिलता है जो, हक़ीकत में आए तो क्या बात है.
मैं सो रहा हूँ तेरे ख़्वाब देखने के लिए ये आरज़ू है कि आँखों में रात रह जाए !
Khwab Shayari in Hindi
ख़्वाब आँखों से गए, नींद रातों से गई वो गया तो ऐसे लगा, ज़िंदगी हाँथो से गई……..!!
क्या क़यामत है कि आरिज़ उन के नीले पड़ गए हम ने तो बोसा लिया था ख़्वाब में तस्वीर का !
खुली फ़िज़ाओं के आदी हैं ख़्वाब के पंछी, उन्हें क़फ़स में कहाँ आप पालने निकले……..!!
तुम ख़्वाबों में आकर बड़ा सताते हो खुद चैन से सोते हो और मुझे जगाते हो !
एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा आँख हैरान है क्या शख़्स ज़माने से उठा।
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को, मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी………..!!
तुम्हारे ख़्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं सज़ाएँ भेज दो हम ने ख़ताएँ भेजी हैं !
इक मुअम्मा है समझने का न समझाने का, ज़िंदगी काहे को है ख़्वाब है दीवाने का………….!!
आशिक़ी में ‘मीर’ जैसे ख़्वाब मत देखा करो, बावले हो जाओगे महताब मत देखा करो……..!!
दुनिया है ख़्वाब, हासिल-ए-दुनिया ख़याल है इंसान ख़्वाब देख रहा है ख़याल में ………!!
हर घडी तेरा दीदार किया करते हैं हर ख्वाब में तुझसे इज़हार किया करते हैं. दीवाने हैं तेरे हम यह इक़रार करते हैं जो हर वक़्त तुझसे मिलने की दुआ किया करते हैं.
चले ही जाते हैं इक और ख़्वाब के पीछे, सराब बनके यक़ीं को गुमान खींचता है………!!
दिखाई जाने क्या दिया है जुगनुओं को ख़्वाब में खुली है जबसे आँख आफताब माँगने लगे……!!
वो अक़्सर तोलता है ख़्वाब और सिक्के तराज़ू में, ख़ुशी पाने में इक सिक्का हमेशा कम निकलता है………!!
कोई बताएगा कैसे दफनाते हैं उनको, वो ख्वाब जो दिल में ही मर जाते हैं……..!!
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।