अगर मोहब्बत की हद नहीं कोई, तो दर्द का हिसाब क्यूँ रखूं।
बहुत दर्द हैं ऐ जान-ए-अदा तेरी मोहब्बत में, कैसे कह दूँ कि तुझे वफ़ा निभानी नहीं आती।
खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए, ये सोचकर की कोई अपना होता तो रोने ना देता!!
मेरे दर्द ने मेरे ज़ख्मों से शिकायत की है, आँसुओं ने मेरे सब्र से बगावत की है, ग़म मिला है तेरी चाहत के समंदर में, हाँ मेरा जुर्म है कि मैंने मोहब्बत की है।
नसीहत अच्छी देती है दुनिया, अगर दर्द किसी ग़ैर का हो।
कितना लुत्फ ले रहे हैं लोग मेरे दर्द-ओ-ग़म का, ऐ इश्क़ देख तूने तो मेरा तमाशा ही बना दिया।
जरा सी गलतफहमी पर न छोड़ो किसी अपने का दामन क्योंकि जिंदगी बीत जाती है किसी को अपना बनाने में
तुझे जब देखता हूँ तो खुद अपनी याद आती है, मेरा अंदाज़ हँसने का… कभी तेरे ही जैसा था।
गुलशन की बहारों पे सर-ए-शाम लिखा है, फिर उस ने किताबों पे मेरा नाम लिखा है, ये दर्द इसी तरह मेरी दुनिया में रहेगा, कुछ सोच के उस ने मेरा अंजाम लिखा है।
ये सच है कि हम मोहब्बत से डरते हैं, क्यूँ कि ये प्यार दिल को बहुत तड़पाता है, आँख में आँसू तो हम छुपा सकते हैं, दर्द-ए-दिल दुनिया को पता चल जाता है।
आँसू भी आते हैं और दर्द भी छुपाना पड़ता है ये जिंदगी है साहब यहां जबरदस्ती भी मुस्कुराना पड़ता है।
बहुत जुदा है औरों से मेरे दर्द की कैफियत, ज़ख्म का कोई पता नहीं और तकलीफ की इन्तेहाँ नहीं।
खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है, कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते।
मेरे दर्द का जरा सा हिस्सा लेकर तो देखो, सदियों तक याद करते रहोगे तुम भी।
अदाएं कातिल होती हैं आँखें नशीली होती हैं, मोहब्बत में अक्सर होंठ सूखे होते हैं और आँखे गीली होती हैं।
देने आये हैं मेरे दर्द की कीमत मुझको, इतने हमदर्द हैं न जाने क्यों लोग मेरे।
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आँखों में उमड़ आता है बादल बन कर, दर्द एहसास को बंजर नहीं रहने देता।
दिल से महसूस कर सकते हैं उस दर्द को, जो तेरी कलम ने एक-एक करके तराशा है।
Dard Bhari Shayari in Hindi
उन लोगों का क्या हुआ होगा जिनको मेरी तरह गम ने मारा होगा किनारे पर खड़े लोग क्या जाने डूबने वाले ने किस किस को पुकारा होगा।।
वो आज खूने-दिल से मेंहदी लगाये बैठे हैं, सारे किस्से मेरे दिल से लगाये बैठे हैं, ख़ामोशी में भी एक शोर है उनकी, सुर्ख जोड़े में खुद को बेवा बनाये बैठे हैं।
रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे, एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है।
मुस्कुराने से भी होता है दर्द-ए-दिल बयां, किसी को रोने की आदत हो ये जरूरी तो नहीं।
वो नही आती पर अपनी निशानी भेज देती है, ख्वाबो में दास्ताँ पुरानी भेज देती है, उसकी यादों के पल कितने भी मीठे हैं, मगर कभी कभी आँखों में पानी भेज देती है।
दर्द मोहब्बत का ऐ दोस्त बहुत खूब होगा, न चुभेगा.. न दिखेगा.. बस महसूस होगा।
ग़म सलीके में थे जब तक हम खामोश थे, जरा जुबान क्या खुली दर्द बे-अदब हो गए।
जाने लागे जब वो छोड़ के दामन मेरा, टूटे हुए दिल ने एक हिमाक़त कर दी, सोचा था कि छुपा लेंगे ग़म अपना, मगर कमबख्त आँखों ने बगावत कर दी।
लोग मुन्तज़िर ही रहे कि हमें टूटा हुआ देखें, और हम थे कि दर्द सहते-सहते पत्थर के हो गए।
लफ्ज़-ए-तसल्ली तो बस एक तकल्लुफ है, जिसका दर्द उसका दर्द बाकी सब अफ़साने।
कभी रो के मुस्कुराए कभी मुस्कुरा के रोए जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए.
पास जब तक वो रहे दर्द थमा रहता है, फैलता जाता है फिर आँख के काजल की तरह।
उसी का शहर, वही मुद्दई, वही मुंसिफ, हमें यकीन था हमारा क़सूर निकलेगा।
जहर की भी जरुरत नहीं पड़ी हमें मारने के लिए, तुम्हारे ऐसे बर्ताव ने ही हमें मार डाला।
तकलीफ ये नहीं कि तुम्हें अज़ीज़ कोई और है, दर्द तब हुआ जब हम नजरंदाज किए गए।
ज़िन्दगी ने मेरे दर्द का क्या खूब इलाज सुझाया, वक्त को दवा बताया ख्वाहिशों से परहेज़ बताया।
दुआ करना दम भी उसी दिन निकले, जिस दिन तेरे दिल से हम निकले
अपना कोई मिल जाता तो हम फूट के रो लेते, यहाँ सब गैर हैं तो हँस के गुजर जायेगी।
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर, जब भीग कर कहती है कि अब रोया नहीं जाता।
आधा ख्वाब, आधा इश्क़, आधी सी है बंदगी, मेरे हो…पर मेरे नही.. कैसी है ये जिंदगी…
अब तो दामन-ए-दिल छोड़ दो बेकार उमीदों, बहुत दर्द सह लिए मैंने बहुत दिन जी लिया मैंने।
कोई समझता नहीं मुझे इसका ग़म नहीं करता, पर तेरे नजरंदाज करने पर मुस्कुरा देता हूँ, मेरी हँसी में छुपे दर्द को महसूस कर के देख, मैं तो हँस के यूँ ही खुद को सजा देता हूँ।
इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद जैसे हक़ीक़त मिली हो ख्यालों के बाद मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद।
तुझसे पहले भी कई जख्म थे सीने में मगर, अब के वह दर्द है दिल में कि रगें टूटती हैं।
अगर खुदा ने पूछा तो कह देंगे, हुई थी मोहब्बत, मगर जिससे हुई हम उसके काबिल न थे,,,
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और भी कर देता है मेरे दर्द में इज़ाफ़ा, तेरे रहते हुए गैरों का दिलासा देना।
वक़्त ख़ुशी से काटने का मशवरा देते हुये, रो पड़ा वो ख़ुद ही मुझे हौंसला देते हुये ।
Dard Bhari Shayari in Hindi
मुझे बहुत प्यारी है तुम्हारी दी हुई हर एक निशानी, अब चाहे वो दिल का दर्द हो या आँखों का पानी..!!
सब सो गए अपना दर्द अपनों को सुना के, कोई होता मेरा तो मुझे भी नींद आ जाती।
न जाने किस तरह के हैं दुनिया के लोग भी, प्यार भी प्यार से करते हैं और बर्बाद भी प्यार से।
अपना बनाकर फिर कुछ दिन में बेगाना बना दिया, भर गया दिल हमसे तो मजबूरी का बहाना बना दिया।
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया, इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते।
एक दिन हम भी कफन ओढ़ जायेंगे, सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे जितना जी चाहे सता लो मुझको एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।
दिल के ज़ख्मों को हवा लगती है, साँस लेना भी यहाँ आसान नहीं है।
वो सिलसिले वो शौक वो ग़ुरबत न रही, फिर यूँ हुआ के दर्द में शिद्दत न रही, अपनी ज़िन्दगी में हो गए मसरूफ वो इतना, कि हम को याद करने की फुर्सत न रही।
ना आंसूओं से छलकते हैं ना काग़ज़ पर उतरते हैं, दर्द कुछ होते हैं ऐसे जो बस भीतर ही भीतर पलते हैं…
मुझको तो दर्द-ए-दिल का मज़ा याद आ गया, तुम क्यों हुए उदास तुम्हें क्या याद आ गया? कहने को जिंदगी थी बहुत मुख्तसर मगर, कुछ यूँ बसर हुई कि खुदा याद आ गया।
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बैठे है रहगुज़र पर दिल का दिया जलाये, शायद वो दर्द जाने, शायद वो लौट आये।
तुम पर भी यकीन है और मौत पर भी एतबार है, देखते हैं पहले कौन मिलता है हमें दोनों का इंतजार है।
किस दर्द को लिखते हो इतना डूब कर, एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर।
इसी ख्याल से गुज़री है शाम-ए-ग़म अक्सर, कि दर्द हद से जो बढ़ेगा तो मुस्कुरा दूंगा।
एक दो ज़ख्म नहीं जिस्म है सारा छलनी, दर्द बेचारा परेशान है कहाँ से निकले।
Dard Bhari Shayari in Hindi
अगर वो खुश है देखकर आंसू मेरी आंखों में तो रब की कसम हम मुस्कुराना छोड़ देंगे तड़पते रहेंगे उसे देखने के लिए लेकिन उसकी तरफ नज़रें उठाना छोड़ देंगे।
अब दर्द उठा है तो गज़ल भी है जरूरी, पहले भी हुआ करता था इस बार बहुत है।
जब्त कहता है कि खामोशी से बसर हो जाये, दर्द की जिद है कि दुनिया को खबर हो जाये।
टूट जायेगी तुम्हारी जिद की आदत भी उस दिन, जब पता चलेगा की याद करने वाला अब याद बन गया
वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे, हमारी तन्हाइयों से भी आँख चुराते रहे, हमें ही मिल गया खिताब-ए-बेवफा क्योंकि, हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे।
ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना, अपने दिल को थोड़ा बेक़रार कर लेना, ज़िन्दगी का असली दर्द लेना हो तो, बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना।
सुना भी कुछ नही, कहा भी कुछ नही, पर ऐसे बिखरे हैं जिंदगी की कश्मकश में… कि टूटा भी कुछ नही, और बचा भी कुछ नही…
हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम, हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम, अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला, ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम।
जब फुरसत मिले चाँद से मेरे दर्द की कहानी पूछ लेना, सिर्फ एक वो ही है मेरा हमराज तेरे जाने के बाद।
हम हंसते तो हैं लेकिन सिर्फ दूसरों को हंसाने के लिए वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि ठीक से रोया भी नही जाता।
ज़हर देता है कोई कोई दवा देता है, जो भी मिलता है मेरा दर्द बढ़ा देता है।
कहाँ कोई मिला ऐसा जिस पर दिल लुटा देते, हर एक ने धोखा दिया किस किस को भुला देते, अपने दर्द को अपने दिल ही में दबाये रखा, अगर बयां करते तो महफिलों को रुला देते।
तुम्हें पा लेते तो किस्सा खत्म हो जाता, तुम्हें खोया है तो यकीनन कहानी लंबी चलेगी।
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मंजिलों से बेगाना आज भी सफ़र मेरा, है रात बेसहर मेरी दर्द बेअसर मेरा।
तुम मेरी लाश पर रोने मत आना मुझसे बहुत प्यार था ये जताने मत आना दर्द दो मुझे जब तक दुनिया में हूं जब सो जाऊं फिर जगाने मत आना
अब तो हाथों से लकीरें भी मिटी जाती हैं, उसे खोकर मेरे पास रहा कुछ भी नहीं।
ये जरूरी तो नहीं हर शख़्स मसीहा ही हो, प्यार के ज़ख़्म अमानत हैं दिखाया न करो।
Dard Bhari Shayari in Hindi
ऐसे गये दिल की ज़मी बंजर कर के आज तक कोई फूल ना खिल सका बस्ती बस्ती लोग मिले हमराह मगर फिर कभी तेरा पता ना मिल सका..
लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर, मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की जब जहाँ जो मिला अपना लिया, जो न मिला उसकी ख्वाहिश न की।
मुझे क़बूल है हर दर्द, हर तकलीफ़ तेरी चाहत में.. सिर्फ़ इतना बता दे, क्या तुझे मेरी मोहब्बत क़बूल है?
ख़ामोश फ़ज़ा थी कहीं साया भी नहीं था इस शहर में हमसा कोई तनहा भी नहीं था किस जुर्म पे छीनी गयी मुझसे मेरी हँसी मैंने किसी का दिल तो दुखाया भी नहीं था..
यूँ तो हर एक दिल में दर्द नया होता है, बस बयान करने का अंदाज़ जुदा होता है, कुछ लोग आँखों से दर्द को बहा लेते हैं और किसी की हँसी में भी दर्द छुपा होता है।
फैसला ये भी मेरे यार बहुत मुश्किल है, तेरे ज़ुल्म सहें या कि फ़ना हो जाएँ।
प्यार सभी को जीना सिखा देता है वफा के नाम पर मरना सिखा देता है, प्यार नहीं किया तो कर के देख लो यारों जालिम हर दर्द सहना सिखा देता है..,
मेरे इस दर्द की वजह भी वो हैं, और मेरे दर्द की दवा भी तो वो हैं, वो नमक ज़ख्मों पे लगाते हैं तो क्या, मोहब्बत करने की वजह भी तो वो हैं।
दर्द में भी ये लब मुस्कुरा जाते हैं, बीते लम्हे हमें जब भी याद आते है।
जीते थे हम भी कभी शान से महक उठी थी जिंदगी किसी के नाम से मगर फिर गुज़रे उस मुकाम से कि नफ़रत सी हो गई मोहब्बत के नाम से
एक नया दर्द मेरे दिल में जगा कर चला गया, कल फिर वो मेरे शहर में आकर चला गया, जिसे ढूंढते रहे हम लोगों की भीड़ में, मुझसे वो अपने आप को छुपा कर चला गया।
वो दर्द ही न रहा वरना ऐ मता-ए-हयात, मुझे गुमान भी न था मैं तुझे भुला दूंगा।
इश्क़ की नासमझी में हम अपना सबकुछ गवां बैठे, उन्हें खिलौने की जरूरत थी… और हम अपना दिल थमा बैठे!!
तू है सूरज तुझे मालूम कहाँ रात का दर्द, तू किसी रोज मेरे घर में उतर शाम के बाद।
शीशा टूटे और बिखर जाये वो बेहतर है, दरारें न जीने देती हैं न मरने देती हैं।
छोड़ते भी नही हाथ मेरा और थामते भी नही ये कैसी मोहब्बत है उनकी गैर भी नही कहते हमे और अपना मानते भी नही!!
शायरी में कहाँ सिमटता है दर्द-ए-दिल दोस्तो, बहला रहे हैं खुद को जरा कागजों के साथ।
हर दर्द को दफ़न कर गहराई में कहीं, दो पल के लिए सब कुछ भुलाया जाए, रोने के लिए घर में कोने बहुत से हैं, आज महफ़िल में चलो सबको हँसाया जाए।
तू मेरे बिना ही खुश है तो शिकायत कैसी, अब मैं तुझे खुश भी ना देखूं तो मोहब्बत कैसी!
आरजू नहीं के ग़म का तूफान टल जाये, फ़िक्र तो ये है तेरा दिल न बदल जाये, भुलाना हो अगर मुझको तो एक एहसान करना, दर्द इतना देना कि मेरी जान निकल जाये।
न जाने उस पर इतना यकीन क्यूँ है, उसका ख्याल भी इतना हसीं क्यूँ है, सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है, तो आँख से निकला आँसू नमकीन क्यूँ है।
जब आख़िरी मुलाकात हो तो हंस कर देख लेना मुझे, क्या पता अगली बार तुम हमें कफन में देखो और मुस्कुरा भी ना पाओ।
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं, हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ, कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब, मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं।
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लगी है चोट दिल पे दिखा नही सकते, भुलाना भी चाहे तो भुला नही सकते, मोहब्बत का अंजाम यही होता है जिसके लिए तरसते हैं उसे पा नही सकते
इस तरह मेरी तरफ मेरा मसीहा देखे, दर्द दिल में ही रहे और दवा हो जाए।
कभी कभी करते हैं जिंदगी की तमन्ना कभी मौत का इंतजार करते हैं, वो हमसे क्यों दूर हैं पता नही, जिन्हें हम जिंदगी से भी ज्यादा प्यार करते हैं
जिंदगी को मिले कोई हुनर ऐसा भी, सबमे मौजूद भी हो और फना हो जाए।
खून बन कर मुनासिब नहीं दिल बहे, दिल नहीं मानता कौन दिल से कहे, तेरी दुनिया में आये बहुत दिन रहे, सुख ये पाया कि हमने बहुत दर्द सहे।
ज़िंदगी रही तो याद सिर्फ तुम्हे ही करते रहेंगे भूल गए तो समझ जाना अब हम ज़िंदा नही रहे।।
मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है, ये कागज कलम ये गजल आख़िरी है, मैं फिर ना मिलूँगा कहीं ढूंढ लेना, तेरे दर्द का अब ये असर आख़िरी है।
Dard Bhari Shayari in Hindi
ना कोई मंजिल है ना कोई किनारा है, ना हम किसी के ना कोई हमारा है..!!
दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते, गम में आँसू न बहते तो और क्या करते, उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ, हम अपना दिल न जलाते तो और क्या करते।
आज उस ने एक दर्द दिया तो मुझे याद आया, हमने ही दुआओं में उसके सारे दर्द माँगे थे।
हम बहुत हंसते थे, जिंदगी ने आज रोना सीखा दिया,, सबके साथ बैठना अच्छा लगता था, आज अकेले रहना सीखा दिया,, बात करने का शौक तो बहुत था, पर जिंदगी ने आज चुप रहना सीखा दिया,,,
हमें नही आता अपने दर्द का दिखावा करना बस अकेले रोते हैं, और सो जाते हैं…
जिस दिल पे चोट न आई कभी, वो दर्द किसी का क्या जाने, खुद शम्मा को मालूम नहीं, क्यूँ जल जाते हैं परवाने।
कमाल का जिगर रखते है कुछ लोग, दर्द लिखते हैं और आह तक नहीं करते।
ना किया कर अपने दर्द को शायरी में बयान ऐ दिल, कुछ लोग टूट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर।
फिर कोई सवाल सुलगता रहा रात भर, फिर कोई जवाब सिसकता ही रह गया।
नफ़रत करना तो हमने कभी सीखा ही नहीं, मैंने तो दर्द को भी चाहा है अपना समझ कर।
शमा जाओ मुझ में तो पता लगे कि दर्द क्या है? ये वो किस्सा है जो जुबान से बयाँ नही होता।
मेरी हर शायरी दिल के दर्द को करेगी बयाँ, तुम्हारी आँख ना भर आयें कहीं पढ़ते पढ़ते।
बहुत दर्द हैं ऐ जान-ए-अदा तेरे इश्क में, कैसे कह दूँ कि तुझे वफ़ा निभानी नहीं आती।
ज़ख्म दे कर ना पूछ तू मेरे दर्द की शिद्दत, दर्द तो फिर दर्द है कम क्या ज्यादा क्या।
गुजरता वक़्त हमें एहसास दिला देता है, जिसे चाहते हैं हम वो ही दिल दुखा देता है, वक़्त मरहम लगा देता है जिन ज़ख्मो पर, कोई अपना उस दर्द को फिर से जगा देता है।
आवाज़ में ठहराव था आँखों में नमी सी थी, और कह रहा था मैंने सब कुछ भुला दिया।
इलाजे-दर्दे-दिल तुमसे मेरे मसीहा हो नहीं सकता, तुम अच्छा कर नहीं सकते मैं अच्छा हो नहीं सकता।
मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं, फिर भी खुश हूँ मुझे उससे कोई गिला नहीं, और कितने आँसू बहाऊँ मैं उसके लिए, जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा नहीं।
बेवफा वक़्त था..?तुम थे..? या मुकद्दर था मेरा..? बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला ।
तेरे मेरे बीच कुछ भी आखिरी नही..! सिवाय आख़िरी सांस के..!!
इश्क़ में यार का किरदार मत पूछिए मरने वालों से खंजर की धार मत पूछिए
कैसे बयान करें आलम दिल की बेबसी का, वो क्या समझे दर्द आँखों की इस नमी का, उनके चाहने वाले इतने हो गए हैं अब, उन्हें कोई एहसास ही नहीं हमारी कमी का।
उसका मन देखकर मन लगा बैठे मन से मन मिला तो वो तंग आ बैठे।
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तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल में, दर्द हो तो समझ लेना रिश्ता अभी बाकी है।
समेट ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से, अगली मोहब्बत में तुम्हे फिर इनकी जरूरत पड़ेगी।
रोने की सजा है न रुलाने की सजा है, ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सजा है, हँसती हुई आँखों में आ जाते हैं आँसू, ये उस शख्स से दिल लगाने की सजा है।
Dard Bhari Shayari in Hindi
वो नाराज हो जाए तो बेचैन हो जाते हैं हम… हम खफा हो जाए तो वो वजह तक नही पूछते।
हर एक हसीन चेहरे में गुमान उसका था, बसा न कोई दिल में ये मकान उसका था, तमाम दर्द मिट गए मेरे दिल से लेकिन, जो न मिट सका वो एक नाम उसका था।
मज़ा चख लेने दो उसे गैरों की मोहब्बत का भी इतनी चाहत के बाद जो मेरा ना हुआ वो औरों का क्या होगा।
गहरी थी रात लेकिन हम खोए नही, दर्द बहुत था दिल में मगर हम रोए नही, कोई नही हमारा जो पूछे हमसे, जाग रहे हो किसी के लिए या किसी के लिए सोए नही…
अब तुम न कर सकोगे मेरे दर्द का इलाज़, ज़ख्म को नासूर हुए मुद्दतें गुजर गयीं।
साथ मांगा मिला नही खुशी मांगी मिली नही प्यार मांगा किस्मत में था नही और दर्द बिन मांगे ही मिल गया।
ज़हर देता है कोई, तो कोई दवा देता है, जो भी मिलता है मेरा दर्द बढ़ा देता है।
प्यार के उजाले में गम का अंधेरा आता क्यों है? जिसको हम चाहे वही रुलाता क्यों है? अगर वह मेरा नसीब नही? तो खुदा ऐसे लोगों से मिलाता क्यों है।
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।