Karak Kise Kahate Hain: हिन्दी व्याकरण में कारक काफी महत्व रखता है। कारक के बारे में जानकारी लेना हर विद्यार्थी के लिए काफी जरूरी है। हिंदी व्याकरण में कारक को मुख्य रूप से पढ़ा जाता है। यहां पर कारक के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
यहां पर कारक की परिभाषा (Karak ki Paribhasha), कारक के भेद और उसके उदाहरण आदि के बारे में विस्तार से जानने वाले है।
यहां पर हम कारक को निम्न स्टेप्स में जानेंगे:
- कारक किसे कहते हैं (Karak Kise Kahate Hain)
- कारक के भेद (Karak ke Bhed)
- कारक के उदाहरण (Karak ke Udaharan)
कारक किसे कहते हैं?
किसी भी क्रिया को करने वाले को कारक कहा जाता है अर्थात् जिसके द्वारा क्रिया को पूर्ण किया जाता है, उन्हें कारक कहा जाता है।
कारक के उदाहरण
- रमेश ने फल काटा।
- सुरेश ने दौड़ लगाई।
- अनिल साईकिल चला रहा है।
- मैंने स्नान किया।
- राम ने रावण को मारा।
- मैंने आज का होमवर्क पूरा कर लिया।
कारक के भेद
कारक के मुख्य रूप से 8 भेद होते हैं, जो निम्न है:
- कर्ता कारक
- कर्म कारक
- करण कारक
- सम्प्रदान कारक
- अपादान कारक
- सम्बन्ध कारक
- अधिकरण कारक
- संबोधन कारक
कारक के चिन्ह
क्र.सं. | कारक | चिह्न | अर्थ |
01 | कर्ता | ने | कार्य करने वाला |
02 | कर्म | को | कार्य का जिस पर प्रभाव पड़े |
03 | करण | से, के | कर्ता जिसके द्वारा कार्य करे |
04 | सम्प्रदान | के लिए, को | क्रिया जिसके लिए की जाए |
05 | अपादान | से (अलग होने के लिए) | जिससे अलग हो |
06 | सम्बन्ध | का, के, की, ना, ने, नो, रा, रे, री | सम्बन्ध के लिए |
07 | अधिकरण | भीतर अंदर, ऊपर, बीच | आधार (क्रिया का) |
08 | संबोधन | हे!, अरे!, अजी! | बुलाना या पुकारना |
कर्ता कारक
कोई भी वाक्य जिसमें कार्य करने वाले का पता लगता है, उन्हें कर्ता कारक कहा जाता है। कर्ता कारक में विभक्ति चिह्न के रूप में ने का प्रयोग होता है।
जैसे: राम ने केला खाया, प्रियंका ने गाड़ी चलाई इत्यादि।
कर्ता कारक के उदाहरण
- राम ने आज क्रिकेट खेला।
- रमेश ने बीमार की सहायता की।
- राकेश ने न्यूज़पेपर पूरा पढ़ लिया।
- राधा ने आम खाया।
कर्ता कारक के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें कर्ता कारक (परिभाषा और उदाहरण)
कर्म कारक
किसी भी वस्तु या व्यक्ति द्वारा वाक्य में की गई क्रिया का प्रभाव पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते हैं। कर्म कारक में ‘को’ विभक्ति चिन्ह का प्रयोग होता है।
कर्म कारक के उदाहरण
- राम ने रावण को मारा।
- अध्यापक ने छात्र को बुलाया।
- पापा ने भाई को डांटा।
- रमेश ने राम को मारा।
कर्म कारक के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें कर्म कारक (परिभाषा और उदाहरण)
करण कारक
वह साधन जिसके द्वारा क्रिया पूरी होती है अर्थात् जिसकी जरिये कोई भी कार्य पूरा किया जाता है, उसे करण कारक कहा जाता है।
करण कारक में विभक्ति चिह्न के रूप में से और के का प्रयोग होता है।
करण कारक के उदाहरण
- बच्चे खिलौनों से खेल रहे हैं।
- लेटर को पेन से लिखा गया है।
- राधा ने रोहन से काम करवाया है।
- राहुल सारा ज्ञान न्यूज़ पेपर से लेता है।
करण कारक के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें करण कारक (परिभाषा और उदाहरण)
सम्प्रदान कारक
सम्प्रदान का मतलब देना होता है और जब किसी भी वाक्य में कुछ दिया जाए या कुछ किया जाए, उन वाक्य को सम्प्रदान कारक के अंतर्गत रखा जाता है।
सम्प्रदान कारक में के लिए और को विभक्ति चिन्ह का उपयोग होता है।
सम्प्रदान कारक के उदाहरण
- मम्मी राहुल के लिए खाना लेकर आओ।
- पापा राधा के लिए नई गाड़ी लेकर आओ।
- राकेश गरीबों के लिए खाना लेकर आओ।
- श्याम ने राधा को गिफ्ट दिया।
सम्प्रदान कारक के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें सम्प्रदान कारक (परिभाषा और उदाहरण)
अपादान कारक
ऐसे शब्द जिनके माध्यम से संज्ञा व सर्वनाम के किसी रूप से दो वस्तुओं का अलग-अलग बोध होता हो, उनको अपादान कारक कहा जाता है।
अपादान कारक में से विभक्ति चिन्ह का प्रयोग होता है।
अपादान कारक के उदाहरण
- राम बिल्डिंग से गिर गया।
- चूहा बिल से बाहर निकला।
- चंद्रमा सूर्य से काफी दूर है।
- बिजली के तार खंभे से नीचे गिर गए।
अपादान कारक के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें अपादान कारक (परिभाषा और उदाहरण)
सम्बन्ध कारक
ऐसे शब्द जिनके माध्यम से संज्ञा एवं सर्वनाम का वह रूप जो किसी दो वस्तुओं के बीच में संबंध बताता हो, उन्हें संबंध कारक कहते हैं। इस कार्य के नाम से ही आपको पता चल गया होगा कि इसमें किन्ही वस्तुओं के संबंध के बारे में बौद्ध होगा।
संबंध कारक के विभक्ति चिन्ह के रूप में का, के, की, ना, ने, नो, रा, रे, री इत्यादि का प्रयोग होता है।
संबंध कारक के उदाहरण
- यह बाइक पूजा की है।
- वह राम की बेटी है।
- राधा ने मोबाइल फेंक दिया।
- बच्चे का सिर दर्द कर रहा है।
संबंध कारक के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें संबंध कारक (परिभाषा और उदाहरण)
अधिकरण कारक
अधिकरण का मतलब आश्रय होता है, संज्ञा का वह स्वरूप जिसमें किया कि आधार का बोध होता हो, उसे अधिकरण कारक कहते हैं।
अधिकरण कारक में विभक्ति चिन्ह में भीतर अंदर, ऊपर, बीच इत्यादि शब्दों का प्रयोग होता है।
अधिकरण कारक के उदाहरण
- मछलियां पानी में रहती है।
- घर के अंदर दीपक जल रहे हैं।
- राम ने क्लास बीच में छोड़ दी।
- राधा के घर के अंदर चोर था।
अधिकरण कारक के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें अधिकरण कारक (परिभाषा और उदाहरण)
संबोधन कारक
ऐसे शब्द जिनके माध्यम से संज्ञा और सर्वनाम के रूप में किसी को बुलाने, पुकारने और बोलने का बोध कराया जाता है। उन्हें संबोधन कारक कहा जाता है।
संबोधन कारक में हे, अरे, अजी विभक्ति चिन्ह का प्रयोग होता है। संबोधन कारक में विराम चिन्ह के रूप में (!) इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
संबोधन कारक के उदाहरण
- अरे! रमेश तुम क्या कर रहे हो।
- अरे! राम यह क्या हो गया।
- हे भगवान! हमारे साथ ऐसा क्यों किया।
- अरे! बच्चों इतना शोर क्यों मचा रहे हो।
संबोधन कारक के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां पर क्लिक करें सम्बोधन कारक (परिभाषा और उदाहरण)
हमने क्या सिखा?
हमने यहां पर कारक किसे कहते हैं (Karak in Hindi), कारक के भेद और इसके उदाहरण के बारे में विस्तार से जाना है। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। इस जानकारी को आगे शेयर जरूर करें।
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