जैसा कि हम जानते है कंप्यूटर को विभिन्न प्रकार के कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मगर कंप्यूटर सभी प्रकार के कार्य को समझने और आदेश अनुसार प्रक्रिया करने के लिए सीपीयू का इस्तेमाल करता है। अगर आपको नहीं पता कि सीपीयू क्या है (CPU kya hai) और यह किस प्रकार काम करता है तो इस लेख के साथ अंत तक बने रहे।
आज के समय में कंप्यूटर की जानकारी होना बहुत आवश्यक है। क्योंकि जिस रफ्तार से हम तकनीक की ओर बढ़ते जा रहे है आने वाले समय में बिना कंप्यूटर के किसी भी कार्य को संपन्न करना मुश्किल हो जाएगा। इस वजह से आपको पता होना चाहिए कि सीपीयू क्या है (what is cpu in hindi) और किस प्रकार कंप्यूटर की सारी गतिविधियां सीपीयू पर निर्भर करती हैं।
सीपीयू क्या है? (CPU Kya Hai)
सरल भाषा में कहें तो कंप्यूटर का इस्तेमाल हम अपने दिए गए इनपुट के बदले आउटपुट लेने के लिए करते है। इस प्रक्रिया के लिए कंप्यूटर के अंदर विभिन्न प्रकार के यंत्र लगे हुए होते है। मगर कौन सा यंत्र कब कार्य करेगा या किस निर्देश पर कंप्यूटर के किस यंत्र को कार्य करना चाहिए इसके लिए कंप्यूटर के सीपीयू की आवश्यकता पड़ती है।
सीपीयू कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण यंत्र होता है, जो कंप्यूटर में लगे विभिन्न प्रकार के यंत्रों को काबू करता है और किस निर्देश पर कैसा कार्य करना है इसका संकेत देता है। कंप्यूटर का सीपीयू बहुत सारे छोटे-छोटे यंत्रों के समूह से बनता है, जो कंप्यूटर के विभिन्न इनपुट के अनुसार विभिन आउटपुट देने के लिए जिम्मेदार है।
अगर हम CPU के सटीक परिभाषा की बात करें तो कंप्यूटर का वह भाग जो प्राप्त इनपुट के बदले आउटपुट देने की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होता है, उसे सीपीयू (CPU) कहते हैं।
सीपीयू का पूरा नाम क्या है?
यह काफी आम सवाल है, जो अक्सर किसी परीक्षा में पूछा जाता है। सीपीयू का फुल फॉर्म Central Processing Unit (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) होता है।
आप चाहे कंप्यूटर को कैसा भी कार्य दे दें सीपीयू में लगे हुए यंत्रों की मदद से वह समझ जाता है कि कब कौन सा कार्य करना है। जैसा कि मनुष्य का दिमाग मनुष्य को विभिन्न परिस्थिति में विभिन्न प्रकार के कार्य करने का आदेश देता है। सीपीयू भी कंप्यूटर को उसी प्रकार निर्देश देता है। इस वजह से CPU को कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है।
सीपीयू कहां होता है?
अगर आप पहले कि किसी कंप्यूटर को देखेंगे तो आप पाएंगे कि कंप्यूटर में मॉनिटर और कीबोर्ड के साथ एक चरखुट आकार का एक यंत्र दिया रहता है, जो कंप्यूटर के मॉनिटर के साथ तार के सहारे जुड़ा हुआ होता है, उसे सीपीयू कहते हैं।
मगर आजकल ज्यादातर लोग लेपटॉप का इस्तेमाल कर रहे है और लैपटॉप में आपको इस प्रकार का कोई यंत्र नहीं मिलता तो उसमें CPU कहां होता है? इस बात को समझते हुए आपको बता दें कि लैपटॉप में मदरबोर्ड होता है, मदरबोर्ड में सीपीयू फैन लगा हुआ होता है।
जब आप लैपटॉप को चालू करेंगे तो उस फैन की आवाज आपको करीब जाने पर सुनाई देगी। उसी मदरबोर्ड फैन के नीचे चरखुट आकार का एक इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोचिप लगा होता है, जो सीपीयू होता है।
जिस प्रकार कंप्यूटर दिन पर दिन छोटा होता जा रहा है और उसमें लगे यंत्र को कम करने की कोशिश चल रही है। इस प्रक्रिया में सीपीयू को काफी छोटा एक चिप के आकार का बना दिया गया है, जिस वजह से लैपटॉप में जिस सीपीयू का इस्तेमाल होता है, उसे इलेक्ट्रॉनिक माइक्रोचिप कहते हैं।
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सीपीयू के कार्य
CPU के क्या कार्य होते है, इसे समझने के लिए नीचे बताए गए सभी जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़े।
- सीपीयू आउटपुट देने के लिए पहले इनपुट को रीड करता है और इसके लिए कंप्यूटर की मेमोरी को एक्सेस करता है।
- कंप्यूटर को माउस और कीबोर्ड के जरिए जितना भी निर्देश दिया जाता है, वह सीपीयू में जाता है और उन निर्देशों पर कंप्यूटर के किस विभाग या यंत्र को कार्य करना है यह CPU बताता है।
- CPU कंप्यूटर में होने वाले सभी प्रकार के कार्य को प्रोसेस और कंट्रोल करने की जिम्मेदारी लेता है।
- सीपीयू कंप्यूटर में होने वाले अंकिया गणना और तार्किक गणना पर काम करता है।
- आम शब्दों में कहें तो कंप्यूटर में होने वाला सभी प्रकार का कार्य CPU से होकर गुजरता है और सीपीयू तय करता है कि किस कार्य को किस प्रकार किया जाए और किस यंत्र के द्वारा किया जाए।
सीपीयू के भाग
आपको बता दें कि सीपीयू विभिन्न प्रकार के यंत्रों का एक संगठन है। कंप्यूटर में लगाए गए यंत्र सभी कार्य को अच्छे से कर सके और दी जाने वाली सभी प्रकार की जानकारी को समझ सके इसके लिए सीपीयू को मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है।
अर्थमैटिकल लॉजिकल यूनिट (ALU)
कंप्यूटर के सबसे प्रमुख भाग को अर्थमैटिकल लॉजिकल यूनिट कहते है, जिसे संक्षिप्त में ALU कहा जाता है। सीपीयू का यह भाग कंप्यूटर में किए जाने वाले अंकगणितीय और तार्किक कार्यों के लिए जिम्मेदार है।
आसान भाषा में कहें तो आप कंप्यूटर में अगर गुनाह जोड़, घटाओ, गुणा, भाग जैसे काम कर रहे है तो यह सीपीयू के ALU विभाग में नियंत्रित किया जाता है। इसके अलावा हां या ना वाले प्रश्न और सेलेक्ट करना, मैच करना जैसे कार्य CPU के ALU भाग के द्वारा निर्धारित किया जाता है।
Control unit (CU)
यह सीपीयू का एक प्रमुख भाग होता है, जो सभी इनपुट यंत्रों और आउटपुट यंत्रों के बीच तालमेल बैठाने का कार्य करता है। इसके अलावा कंप्यूटर के इनपुट डिवाइस के जरिए जितने भी निर्देशन कंप्यूटर को देते है, वह CU में जाता है।
सभी कंप्यूटर में प्रोसेसर होता है, जो कंप्यूटर के अंदर सॉफ्टवेयर और बाहर के हार्डवेयर को निर्देश अनुसार कार्य करने की सुविधा प्रदान करता है। इन सभी के बीच तालमेल बैठाना और उन्हें अपने अनुसार नियंत्रित करने का कार्य कंट्रोल यूनिट करता है।
Memory unit (MU)
यह सीपीयू का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है क्योंकि हम कंप्यूटर में जो भी कार्य करते है, उसे स्टोर करके रखने की जिम्मेदारी मेमोरी यूनिट की होती है। आप चाहे कंप्यूटर को कोई भी निर्देश दे रहे हो या कंप्यूटर आप के निर्देश के अनुसार किस प्रकार कार्य कर रहा है इन सभी चीजों को मेमोरी यूनिट में स्टोर करके रखा जाता है।
इसकी कार्यप्रणाली को समझाने के लिए इस बात को समझ गए कि कंप्यूटर में जब भी किसी कार्य को करना होता है तो हम कंप्यूटर को निर्देश देते हैं। कंप्यूटर उसे अपने मेमोरी में इंस्टॉल करता है। उसके बाद उसी निर्देश को मेमोरी से लेता है और निर्देश अनुसार कार्य करता है, जिसके पश्चात अपनी सभी आउटपुट को मेमोरी में डाल देता है और कंप्यूटर वहां से उसे उपयोगकर्ता तक पहुंचाता है।
अर्थात मेमोरी यूनिट का इस्तेमाल केवल किसी चीज को स्टोर करके रखने के लिए नहीं किया जाता बल्कि किसी भी कार्य को आगे बढ़ाने के लिए कंप्यूटर में जानकारी इकट्ठा करने के लिए भी किया जाता है।
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सीपीयू कैसे काम करता है?
कंप्यूटर का एक प्रमुख हिस्सा होता है। सीपीयू इसके बिना हम कंप्यूटर को चाहे कोई भी निर्देश दे दें, हमें कोई आउटपुट नहीं मिलेगा। अर्थात सीपीयू के सहारे ही कंप्यूटर कार्य कर पाता है। CPU के कार्य करने की प्रणाली को समझना आवश्यक है। इस वजह से यह कैसे काम करता है, इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी नीचे दी गई है:
फेच
CPU के कार्य प्रणाली का पहला कार्य होता है जानकारी को फेच करना। इस चरण में कंप्यूटर को भेजी जाने वाली सभी जानकारियों को एक जगह पर स्टोर किया जाता है। आप कंप्यूटर को जितना भी इनपुट देते है, वह रैम में स्टोर होता है और कंप्यूटर रैम में मौजूद सभी जानकारी को छोटे-छोटे सेट में विभाजित कर देता है। उन सभी सेट को वह बायनरी नंबर में लिखता है।
उसके बाद हर सेट को हल करने के लिए अलग-अलग यंत्रों को सौंप दिया जाता है। जब सभी सेट के निर्देश सफलतापूर्वक हल हो जाते है तो कौन सा सेट किस के बाद आएगा इसके लिए काउंटर पीसी का इस्तेमाल किया जाता है।
उसके बाद कंप्यूटर सभी जानकारी को वापस उसी सेट में लगा देता है, जिस सेट में उसे यह जानकारी दी गई थी और उन सभी बायनरी भाषा में लिखी हुई सेट को अपने मेमोरी में रजिस्टर कर लेता है।
डिकोड
CPU भेजी गई जानकारी को सफलतापूर्वक पाने के लिए उसके फेच के जरिए स्टोर की गई जानकारी को IR में रखा जाता है और उसके बाद उस जानकारी को डिकोडर से पास करवाया जाता है। उन सभी जानकारियों को सिग्नल में डेकोड किया जाता है और जब सारी जानकारी सिग्नल में डिकोड हो जाती है तो उसे कंप्यूटर के दूसरे भाग में भेज दिया जाता है।
एग्जीक्यूट
यह सीपीयू में किए जाने वाले कार्य प्रणाली का अंतिम छोर होता है। यहां मौजूद सभी जानकारी को आउटपुट के रूप में कंप्यूटर के रजिस्टर में स्टोर कर लिया जाता है। उसके बाद उन सभी जानकारियों को बायनरी भाषा से इंसानी भाषा में बदलकर और टूट के रूप में आपके आगे पेश किया जाता है।
सीपीयू के प्रकार
आपको बता दें कि सीपीयू के विभिन्न प्रकार होते है। जब से कंप्यूटर बना है तब से लेकर आज तक कंप्यूटर में लगातार विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव किए गए हैं और हर बदलाव में कंप्यूटर को पहले से और ज्यादा बेहतर बनाने का प्रयास किया गया है। इस प्रक्रिया में कंप्यूटर को छोटा भी बनाया गया है। जिस वजह से सीपीयू के विभिन्न प्रकार हमारे समक्ष आए है, जिनके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है।
सिंगल कोर सीपीयू
सीपीयू विभिन्न प्रकार के कोर के मिलने से बनता है। एक ऐसा सीपीयू जिसमें केवल एक कोर होता है, उसे सिंगल कोर सीपीयू कहते है। आजकल इस प्रकार के सीपीयू नहीं आते। पुराने जमाने में इस प्रकार के सीपीयू की मदद से हम केवल एक समय में एक ही प्रकार के कार्य कर पाते थे। इसमें मल्टीटास्किंग की फैसिलिटी नहीं होती थी और एक कोर होने की वजह से एक साथ विभिन्न क्षेत्रों में काम करना संभव नहीं था।
डबल कोर सीपीयू
अपने विभिन्न प्रकार के यंत्रों में dual-core लिखा हुआ देखा होगा अर्थात इस यंत्र के CPU में dual-core का सीपीयू लगा होता है, जो सिंगल कोर से अधिक शक्तिशाली होता है। जिस वजह से इस प्रकार के यंत्र काफी तेजी से काम करते है और विभिन्न प्रकार के कार्य करने की क्षमता भी होती है।
क्वॉड कोर सीपीयू
इस प्रकार का सीपीयू और ज्यादा शक्तिशाली होता है। इसमें आप वीडियो एडिटिंग, राइटिंग, गेमिंग तीनों प्रकार के टैब एक साथ चला सकते हैं। क्वॉड कोर सीपीयू मल्टीटास्किंग की एक उन्नत काबिलियत होती है और इसके साथ ही यह सीपीयू आपके निर्देशानुसार काफी तेज काम करता है। ऐसा नहीं है कि यह सीपीयू सबसे पावरफुल होता है। आजकल ऐसे विभिन्न प्रकार के सीपीयू आ चुके है, जो हेक्सा कोर और ऑक्टा कोर भी होते है।
FAQ
कंप्यूटर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर में सभी प्रकार के निर्देशों पर कार्य करना होता है।
CPU का फुल फॉर्म central processing unit होता है।
इस यंत्र का इस्तेमाल कंप्यूटर में दिए गए विभिन्न निर्देशों पर कार्य करने के लिए करते है। अर्थात सीपीयू भी कंप्यूटर के विभिन्न यंत्रों को बताता है कि किस प्रकार कार्य करना है और किस निर्देश पर कैसा फल देना है।
सीपीयू का खोज किसी खास व्यक्ति ने नहीं की। कंप्यूटर को बनाते वक्त उसने दिए के input से output पाने का क्या प्रणाली होगा, इसे सरल बनाने के लिए एक यंत्र बनाया गया, जिसे सीपीयू कहते है। हम यह कह सकते है कि कंप्यूटर बनाने वाले ने ही सीपीयू की खोज की।
फिलहाल आज के समय में सीपीयू के पांच प्रकार है। जिनमें से कुछ का इस्तेमाल अब काफी कम हो चुका है। उन सभी प्रकार के नाम सिंगल कोर, dual-core, ऑक्टा कोर, क्वॉड कोर और हेक्सा कोर है।
निष्कर्ष
सीपीयू क्या है और कैसे काम करता है? (CPU kya hai) से संबंधित हमने यहां पर पूरी विस्तृत जानकारी अपने इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने की कोशिश की है। जिन लोगों को सीपीयू के बारे में जानकारी जानने का मन कर रहा था, उनके लिए हमारा आज का यह लेख हो सकता है महत्वपूर्ण साबित हुआ होगा।
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