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माउस क्या होता है? (फुल फॉर्म, प्रकार, कार्य और उपयोग)

Mouse Kya Hai:आज विश्व में शायद ही ऐसा कोई होगा, जिसने कंप्यूटर नहीं देखा होगा। अगर आप माउस क्या होता है? के बारे में जानकारी गूगल पर ढूंढ रहे है तो उम्मीद करते हैं आपने कंप्यूटर को देखा होगा और उसमें एक ऐसा यंत्र पाया होगा, जो कीबोर्ड के बगल में रखा रहता है और उसमें छेड़छाड़ करने से कंप्यूटर का करसर अपने स्थान को बदलता है।

कंप्यूटर के अंदर अलग-अलग प्रकार के विकल्प होते हैं आइकन टैब और मीनू होते है। जिसे छूकर आप अपने निर्देश कंप्यूटर को समझा सकते है, उन्हें विकल्पों और आवश्यक हिस्सों को छूने के लिए एक खास किस्म का यंत्र बनाया जाता है, जो चूहे की तरह दिखने की वजह से माउस के नाम से प्रचलित है।

Mouse Kya Hai
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कंप्यूटर में अलग-अलग किस्म के यंत्र होते हैं और कुछ यंत्रों को तो इंसानी शरीर से तुलना भी की गई है। अगर हम माउस की तुलना करें तो हम यह कह सकते हैं कि माउस कंप्यूटर के हाथ की तरह है।

माउस क्या होता है? (Mouse kya hai) यह समझना बहुत आवश्यक है ताकि आप कंप्यूटर के कार्य प्रणाली को समझ सके। इसलिए आपसे अनुरोध है कि लेख में दी गई जानकारी को पढ़ते हुए लेख के साथ अंत तक बने रहे।

माउस क्या होता है? (फुल फॉर्म, प्रकार, कार्य और उपयोग) | Mouse Kya Hai

माउस क्या होता है? (Mouse kya hai)

माउस कंप्यूटर का एक अहम हिस्सा है, जिस प्रकार कंप्यूटर में विभिन्न प्रकार के यंत्रों होते हैं, जो इंसान के द्वारा दिए गए निर्देश को समझते हुए हमें परिणाम देते हैं, उन्हें यंत्रों में से एक खास और बहुत ही आवश्यक यंत्र माउस है। यह कंप्यूटर का इनपुट डिवाइस है, जिसे हम पॉइंट इंग डिवाइस भी कहते है।

कंप्यूटर एक बहुत ही आवश्यक टेक्नोलॉजी है और हर कोई इस बात को समझता है कि अलग-अलग प्रकार के यंत्रों और हार्डवेयर को मिलाकर एक कंप्यूटर तैयार होता है, जो इंसान के दिए गए विभिन्न प्रकार के निर्देशों को समझते हुए सटीक परिणाम हमारे समक्ष रखता है। माउस भी एक महत्वपूर्ण यंत्र में से एक है, जो एक्यूजर और कंप्यूटर के बीच संवाद करने के लिए बहुत ही आवश्यक होता है।

अगर आपने कंप्यूटर का इस्तेमाल किया होगा तो आपने यह देखा होगा कि कंप्यूटर में अलग-अलग प्रकार के विकल्प होते हैं। आप चाहे किसी भी प्रकार का निर्देश कंप्यूटर को दे रहे हो, उन सभी निर्देश से जुड़े अलग-अलग प्रकार के विकल्प आपके समक्ष आते हैं, जिसे आप अपनी सुविधा के अनुसार चुन सकते हैं।

कंप्यूटर में आने वाले विकल्प को चुनने के लिए या कंप्यूटर के अंदर मौजूद किसी भी जानकारी को छूने के लिए माउस का इस्तेमाल किया जाता है। माउस वो यंत्र होता है, जिसके आधार पर आप कंप्यूटर में मौजूद जानकारी या तथ्य को छूकर कंप्यूटर को आवश्यकता अनुसार निर्देश दे सकते हैं।

माउस एक ऐसा यंत्र होता है, जो चूहे की तरह दिखता है, जिस प्रकार चूहे का शरीर बहुत छोटा और उसकी एक पूंछ होती है, उसी प्रकार माउस का शरीर चूहे की भांति होता है और उसमें से पूछ के रूप में एक तार निकली हुई होती है, जो कंप्यूटर या अन्य हार्डवेयर यंत्र से जुड़ता है।

आमतौर पर एक माउस में दाई और बाई और एक बटन होता है। साथ ही बीच में एक स्क्रॉलर होता है, जो कंप्यूटर की स्क्रीन को ऊपर नीचे करने का काम करता है।

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माउस का फुल फॉर्म क्या होता है?

माउस की फुल फॉर्म को समझाने से पहले हम आपको बता दें कि माउस का कोई अधिकारिक फुल फॉर्म नहीं है। इंटरनेट पर मौजूद कुछ लोगों के समूह के द्वारा माउस का एक फुल फॉर्म बनाया गया है, जिसे पूरे विश्व में लोग काफी पसंद करते हैं तो उसे ही हम माउस का फुल फॉर्म मानते हैं।

Mouse का full form Manually Operated Utility For Selecting Equipment होता है।

इस फुल फॉर्म का हिंदी तात्पर्य उपकरण के चयन के लिए मैनुअल रूप से संचालित करने वाला यंत्र होता है। इसी के साथ आप समझ गए होंगे कि कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए एक खास किस्म का प्रिंटिंग डिवाइस माउस होता है, जिसकी सहायता से कोई भी यूज़र कंप्यूटर में क्लिक, ड्रैग, ड्रॉप, सेलेक्ट जैसे कार्य कर सकता है।

माउस का आविष्कार किसने किया?

माउस एक आवश्यक यंत्र है, जिस का आविष्कार अमेरिका के एक इंजीनियर Douglas Carl Engelbart ने किया। सबसे रोचक बात यह है कि 1960 में जब उन्होंने सर्वप्रथम माउस का अविष्कार किया था तब वह एक लकड़ी का माउस था, जिसमें दो पहिए लगे हुए थे और एक बटन हुआ करता था।

जब माउस का अविष्कार नहीं हुआ था तब कंप्यूटर में हर चीज के लिए कोड लिखना पड़ता था, उस जमाने की बात है जब पाइथन जैसा साधारण भाषा नहीं हुआ करता था। उस समय कोडिंग भी बहुत जटिल हुआ करती थी। अब कंप्यूटर में हर एक कार्य के लिए अगर आपको किसी फाइल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाना है या फिर किसी फाइल को ओपन करना है तो उसके लिए भी कोड लिखना पड़ता था, जो कि जटिल और बहुत ही समय लेने वाला प्रक्रिया था।

इसी समस्या का समाधान ढूंढते हुए Douglas सबसे पहले एक लकड़ी का ऐसा यंत्र बनाया, जिसमें दो पहिए लगे हुए थे और एक तार निकला हुआ था, जिस तार को कंप्यूटर में लगा देने से अपने आप कंप्यूटर में एक करसर आ जाता था। जिसके माध्यम से आप कंप्यूटर के अंदरूनी चीजों को छू सकते थे और उस माउस में लगे बटन से कंप्यूटर के अंदर मौजूद विभिन्न प्रकार के चीजों को सेलेक्ट या ड्रैग करके कंप्यूटर को निर्देश दे सकते थे।

सबसे पहले Douglas ने इस यंत्र को प्वाइंट इन डिवाइस के नाम से सबके समक्ष लाया था आगे चलके इसके बनावट में कुछ बदलाव किए गए जब इसमें दो बटन जोड़े गए और नीचे का पहिया हटा दिया गया तो यह कुछ चूहे की तरह दिखने लगा और लोगों के मुंह से सबसे पहली बार माउस शब्द निकला आगे चलकर इस शब्द से इस यंत्र को संबोधित किया जाने लगा।

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माउस के प्रकार

केवल Mouse kya hai यह समझने से काम नहीं चलेगा। आपको आज के जमाने में तकनीक का ज्ञान विस्तारपूर्वक होना चाहिए। जिस वजह से आपको पता होना चाहिए कि माउस विभिन्न प्रकार के आते है, दिखने में भले ही यह सभी माउस एक जैसे हो मगर इनके कार्यप्रणाली और इस्तेमाल करने का तरीका अलग होता है, जिसके आधार पर माउस को अलग-अलग प्रकार में विभाजित किया गया है।

मुख्य रूप से माउस चार प्रकार के होते हैं:

  1. Corded Mouse
  2. Cordless Mouse
  3. Mechanical Mouse
  4. Optical Mouse 

कोडेड माउस

यह एक खास किस्म का माउस है, जिसमें एक लंबी सी तार निकली होती है, जो कंप्यूटर पर लगाने से यह माउस कंप्यूटर के साथ जुड़ जाता है। माउस को कार्य के लिए पावर की आवश्यकता होती है, जो कंप्यूटर के साथ जुड़ने पर कंप्यूटर को मिलने वाली पावर का इस्तेमाल करके कोडेड माउस कार्य कर पाता है।

इस तरह के माउस को ज्यादा सटीक माना जाता है। क्योंकि यह किसी नेटवर्क के जरिए जुड़ा हुआ नहीं होता है ना ही यह किसी बैटरी के ऊपर चलता है। इस वजह से बैटरी खत्म होना और नेटवर्क इशू आने जैसी समस्या इसमें नहीं आती। मगर इस तरह के माउस का इस्तेमाल अब बहुत कम कर दिया गया है। यह माउस का प्रकार माउस के अविष्कार के बाद एक शुरुआती दौर में बहुत चला था। मगर आजकल इस तरह के माउस का इस्तेमाल कम कर दिया गया है।

कॉर्डलेस या वायरलेस माउस

आजकल इस तरह के माउस को साधारण रूप से घर ऑफिस या स्कूल कॉलेज में देखा जा रहा है। यह एक ऐसा माउस होता है, जिसमें किसी भी प्रकार का तार नहीं निकला होता यह कंप्यूटर से ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी के जरिए जुड़ जाता है। कंप्यूटर के साथ कार्य करने के लिए इस तरह का माउस बैटरी के आधार पर कार्य करता है।

माउस में बैटरी प्राइस जाती है और उस बैटरी से पावर लेकर यह माउस अपने ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी को चालू करता है और कंप्यूटर के ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी के साथ जुड़ जाता है और जो भी निर्देश आप माउस में देते हैं, वह कंप्यूटर में दिखाई देता है।

एक तार जुड़ा हुआ नहीं होता है। इस वजह से आप इस माउस को बड़ी आसानी से अपनी सुविधा के अनुसार कहीं भी खिला सकते हैं या थोड़ी दूरी तक लेकर भी जा सकते हैं।

Mechanical mouse

यह एक ऐसा माउस होता है, जिसके अंदर बहुत सारे बॉल लगे हुए होते हैं और वह सब बॉल एक दूसरे से जुड़े होते हैं। जब आप माउस को हिलाते हैं तो एक बॉल दूसरे को हिलाता है और इस प्रक्रिया से कंप्यूटर के अंदर का करसार हिल पाता है।

माउस का यह प्रकाश आजकल उतना प्रचलित नहीं है। इसका इस्तेमाल पहले बहुत अधिक किया जाता था वैसे तो यह माउस बहुत ही सटीक होता है और काफी अच्छा कार्य कर पाता है। मगर इस तरह के माउस को समय-समय पर सफ़ाई की आवश्यकता होती है। अगर इस तरह का बॉल वाला मूवीस अंदर से गंदा हो जाता है तो इसके कार्य करने की क्षमता में भी असर दिखाई देता है।

ऑप्टिकल माउस

इस तरह के माउस को स्टैंडर्ड मेकेनिकल माउस का दर्जा मिला हुआ है। जैसे एक बॉल माउस कंप्यूटर में होने वाले मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए बॉल का इस्तेमाल करता है, उसी प्रकार इस तरह के माउस मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट का इस्तेमाल करते हैं, जो माउस के अंदर लगा हुआ होता है।

यह माउस किस तरह काम करेगा, यह इसके सरफेस पर डिपेंड करता है, जहां इस माउस को रखा गया है। अगर उसके नीचे पूरी तरह से समतल और प्लेन सर्फेस है तो यह माउस बड़े अच्छे तरीके से कार्य कर पाता है। आजकल ऑप्टिकल माउस बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया जा रहा है और यह बड़ी तेजी से लोगों का लोकप्रिय माउस बन चुका है।

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माउस के कार्य और उपयोग

अगर आप उसके कार्यप्रणाली और उसके उपयोग के तरीके को समझने का प्रयास करेंगे तो माउस के अलग-अलग हिस्से को समझना होगा। एक साधारण माउस को देखने पर आप पाएंगे कि उसमें दो मुख्य बटन होते हैं दाहिना बटन और बाया बटन। उन दोनों के बीच में एक स्क्रॉलर होता है, जो कंप्यूटर की स्क्रीन को ऊपर नीचे करने का कार्य करता है।

केवल इतनी सी बात समझ जाने से आप माउस के कार्य प्रणाली को समझ नहीं सकते। किस बटन से क्या होता है और किस प्रकार माउस का उपयोग किया जाता है, इसे समझने के लिए माउस के हरेक हिस्से को विस्तार पूर्वक नीचे समझाया गया है, उसे ध्यान से पढ़ें।

माउस का दाहिना बटन (Right Button)

माउस में दाहिनी तरफ एक बटन होता है, जो बहुत ही आवश्यक होता है और बहुत सारे निर्देश को काबू करने का कार्य करता है। इस बटन को राईट बटन या राइट क्लिक के नाम से जाना जाता है। जब किसी भी आइकन, पिक्चर या फोल्डर को सेलेक्ट करके रखने के लिए या फिर अगर किसी फाइल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लेकर जाना होता है तो हम उस फाइल या फोल्डर पर राइट क्लिक करते है।

सरल शब्दों में कहें तो माउस के दाहिनी तरफ एक बटन होता है, जिसे दबाने पर राइट क्लिक कहा जाता है। अगर आपको किसी फाइल या फोल्डर को एक स्थान से खींच कर दूसरे स्थान पर ले जाना है या किसी पिक्चर का आइकन पर क्लिक करके रखना है तो हम इस दाहिने बटन का इस्तेमाल करते है।

माउस का बाया बटन (Left Button)

माउस में एक और बटन होता है, जो बाई तरफ होता है। इस बटन को left-click भी कहा जाता है। जब भी आपको कंप्यूटर में किसी भी विकल्प को चुनना हो या किसी चीज को ओपन करना हो या फिर किसी भी चीज को सेलेक्ट करना हो क्लिक करना हो तो इस बटन का इस्तेमाल किया जाता है।

जैसा कि अब तक आप समझ गए होंगे माउस का मुख्य रूप से इस्तेमाल कंप्यूटर में किसी चीज को ओपन करने के लिए या उसे सेलेक्ट करने के लिए किया जाता है और बाया बटन इसी के काम आता है। अगर आप कंप्यूटर में मौजूद किसी भी फाइल को ओपन करना चाहते है तो आपको उस फाइल, एप्लीकेशन या फोल्डर पर दो बार क्लिक करने की जरूरत पड़ेगी।

माउस का स्क्रॉलर बटन (Scroller)

हमने आपको बताया दाहिने बटन और बाएं बटन के बीच में केस क्रॉलर होता है जब भी आपको कंप्यूटर की स्क्रीन को ऊपर या नीचे करना हो तो इस बटन का इस्तेमाल किया जाता है। यह बटन बाकी बटन की तरह दिखता नहीं है, इसमें एक चक्की बनी हुई होती है, जिसे आप उंगली के सहारे घुमा सकते हैं।

अगर आप इसे अपनी तरफ घूम आते है तो कंप्यूटर का स्क्रीन ऊपर की तरफ जाने लगता है। अगर आप इस बटन को कंप्यूटर की तरफ घूम आते हैं तो आपका स्क्रीन नीचे जाने लगता है।

FAQ

माउस का आविष्कार किसने किया?

माउस का आविष्कार एक अमेरिकी इंजीनियर Douglas Carl Engelbart ने 1960 के दशक में किया था।

माउस का क्या इस्तेमाल है?

माउस का कंप्यूटर के सभी यंत्रों में एक खास दर्जा है। यह कंप्यूटर की हाथ की तरह कार्य करता है। कंप्यूटर में मौजूद किसी भी फाइल या विकल्प को खोलना सेलेक्ट करना या खींचकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए हम माउस नाम के यंत्र का इस्तेमाल करते हैं।

माउस कितने प्रकार के होते हैं?

माउस विभिन्न प्रकार के होते हैं। मगर मुख्य रूप से माउस के यंत्र को चार प्रकार में विभाजित किया गया है – Corded Mouse, Cordless Mouse, Mechanical Mouse, Optical Mouse

सबसे अच्छा कौन सा माउस होता है?

वैसे तो कोडेड और मैकेनिकल माउस बहुत अच्छे तरीके से कार्य करता है। मगर यह वक्त के साथ पुराना हो चुका है। आज के जमाने में आपको वायरलेस ऑप्टिकल माउस चुनना चाहिए, जो आपके कार्य को तेज बनाएगा साथ ही यह माउस दिखने में भी बहुत आकर्षक होता है।

निष्कर्ष

जैसा कि आज के लेख में आपने पढ़ा की माउस क्या होता है? (Mouse kya hai) और कंप्यूटर का कार्य करता है। अगर इस लेख को पढ़ने के बाद आपने माउस के प्रकार और इसके कार्य प्रणाली को अच्छे से समझा है। साथ ही किस प्रकार अमेरिका के विज्ञानिक ने साठ के दशक में सर्वप्रथम कंप्यूटर इस यंत्र का निर्माण किया और आज इसे कंप्यूटर के हाथ के रूप में एक अभिन्न दर्जा मिला है।

माउस से जुड़ी इन सभी प्रकार की जानकारियों को पढ़ने के बाद अगर आपको यह लेख लाभदायक लगता है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथ ही अपने सुझाव और विचार हमें कमेंट के रूप में बताना ना भूलें।

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Rahul Singh Tanwar
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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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