विराम चिन्ह (परिभाषा, प्रकार, उदाहरण और प्रयोग) | Viram Chinh in Hindi
हिंदी व्याकरण में विराम चिन्हों से तात्पर्य है- ठहराव, रुकना, गति में मंदता अथवा विश्राम। वाक्यों को लिखते समय उनके ठहराव को दर्शाने के लिए हम कुछ विशेष चिन्हों का प्रयोग करते है, जिन्हें विराम चिन्हों (viram chinh in hindi) के नाम से जाना जाता है।
विराम चिन्ह किसे कहते हैं? (Viram Chinh Kise Kahate Hain)
वाक्यों को लिखते अथवा बोलते समय जहां पर उन्हें विराम देने की आवश्यकता होती है, वहां हम रुक जाते है, लिखते समय वाक्यों को विराम देने के लिए जिस प्रकार के चिन्हों का प्रयोग करते है, उन्हें विराम चिन्ह (Viram Chinh) कहते है।
विराम का अर्थ
विराम का शाब्दिक अर्थ होता है, रुक जाना या ठहर जाना, जब हम वाक्यों को बोलते है तो समय समय पर हमे रुकने की आवश्यकता पड़ती है ताकि भाषा का स्पष्ट रूप सामने आ सके और बोला गया वाक्य और अधिक प्रभावशाली लगे इससे भाषा अर्थवान और पहले से भी अधिक भावपूर्ण लगने लग जाती है। लिखित भाषा में इस ठहराव को हम विशेष चिन्हों के द्वारा व्यक्त करते है।
भाषा में विराम चिन्ह का महत्व
कोई भी व्यक्ति एक सांस में पूरे वाक्य को नहीं बोल सकता। जब दो व्यक्ति में किसी विषय को लेकर संवाद होता है तब उसमें अलग-अलग भाव होते हैं और उन भावों को व्यक्त करने के लिए व्यक्ति अपने उच्चारण में उतार-चढ़ाव लाता है। जैसे कि जहां पर रुकने की आवश्यकता होती है, वहां पर वह विराम लेता है।
जहां पर कुछ उदाहरण बताना होता है, वहां पर थोड़ा-थोड़ा विराम लिया जाता है। ठीक उसी तरह जब शौक या हर्ष जैसे भाव को भी प्रकट करना होता है तो व्यक्ति अपने हाथों, आंखों और मुख से उस भाव को व्यक्त करता है। लेकिन लिखते वक्त ऐसा नहीं होता।
भाषा को जब लिखते हैं तो भावों को प्रकट करने के लिए विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। जैसे कि यदि हम प्रश्न पूछ रहे हैं और वहां पर प्रश्न सूचक चिन्ह का इस्तेमाल करना पड़ेगा। बिना इस चिन्ह् के पता नहीं चलेगा कि लिखा गया वाक्य साधारण वाक्य है या प्रश्नवाचक वाक्य है।
इस प्रकार लिखित भाषा में लेखक के विचार ठीक-ठीक अभिव्यक्त हो सके, इसके लिए विराम चिन्ह के प्रयोग की आवश्यकता पड़ती है और विराम चिन्ह की आवश्यकता सभी भाषाओं में पढ़ती है। हालांकि अलग-अलग भाषाओं में इसके नाम जरूर बदल सकते हैं।
इसके अतिरिक्त कुछ भाषाओं में कुछ विराम चिन्ह के चिन्ह भी बदल जाते हैं। जैसे हिंदी व्याकरण में किसी भी वाक्य का अंत (।) इस चिन्ह से होता है। जबकि अंग्रेजी भाषा में किसी वाक्य का अंत (.) इस चिन्ह के साथ होता है।
यदि वाक्यों में विराम चिन्ह ना लगे तो वाक्यों के अंत का पता ही नहीं चलता और कौन सा वाक्य कहां पर खत्म हो रहा है और कौन से वाक्य का क्या भाव है, इसे पाठक सही से नहीं समझ सकता। इसीलिए भाषा में विराम चिन्ह का बहुत महत्व हैं।
हिंदी व्याकरण में विराम चिन्ह के महत्व को बताते हुए वासुदेवनंद प्रसाद ने लिखा है कि “विराम चिन्ह का प्रयोग पाठक के भाव बोध को सरल एवं सुबोध बनाने के लिए होता है”।
हालांकि यह सत्य है कि किसी भी भाषा मैं विराम चिन्ह वक्त आया लेखक के भव्य विचारों को स्पष्ट करने में आसानी होती है। लेकिन इसका प्रयोग सही से ना किया जाए तो अर्थ का अनर्थ हो सकता है। उदाहरण के लिए
उसे रोको मत जाने दो
उसे रोको मत, जाने दो
उसे रोको, मत जाने दो
उपयुक्त वाक्य में भाव सही से समझ में नहीं आ रहे हैं। लेकिन वहीं पर दूसरा उदाहरण उसे रोको मत, जाने दो इसमें अल्पविराम रोको मत के बाद लगा हुआ है, जिससे वक्ता का यह भाव उत्पन्न हो रहा है कि उस व्यक्ति को नहीं रोकना है उसे जाने देना है।
लेकिन वहीं तीसरे उदाहरण में विराम चिन्ह रोको के बाद है, जिससे भाव उत्पन्न हो रहा है कि उस व्यक्ति को रोकना है, उसे नहीं जाने देना है। इस तरीके से मात्र वाक्य में विराम चिन्ह के स्थान से ही वाक्य के अर्थ बदल जाते हैं। इसीलिए किसी भी वाक्य का सही भाव उत्पन्न करने के लिए उसमें विराम चिन्ह का सही स्थान पर प्रयोग करना आना चाहिए।
विराम चिन्ह के उदाहरण (viram chinh ke udaharan)
तो आइये इन्हीं विराम चिन्हों के कुछ उदाहरण देखते है और समझने का प्रयास करते है।
- मैं पुस्तक पढ़ रही हूँ। (यह वाक्य सामान्य सूचना व्यक्त कर रहा है।)
- दिल्ली में इतने ऊँचे क़ुतुब मीनार का निर्माण किसने करवाया है? (इस वाक्य में प्रश्न के भाव व्यक्त हो रहे है।)
- घनश्याम अपने पैरो पर चलने लगा! (इस वाक्य में आश्चर्य का भाव व्यक्त हो रहा है।)
विराम चिन्हों के प्रयोग (Viram Chinh ka Prayog)
यदि विराम चिन्ह (Viram Chinh) का प्रयोग सही स्थान पर ना किया जाये तो वाक्य अर्थहीन हो जाते है, उनके भाव में विपरीत अर्थ प्रयुक्त हो जाते है, वे अर्थहीन तथा अस्पष्ट प्रतीत होने लग जाते है।
यहां हम उदाहरण के तोर पर एक वाक्य लेते है।
1.रोको मत जाने दो।
यहाँ इस वाक्य से सामान्य सूचना की प्राप्ति हो रही है, एक व्यक्ति सामान्य तौर पर कह रहा है, रोको मत जाने दो।
2. रोको, मत जाने दो।
यहाँ वाक्य तो पहले जैसा ही प्रतीत हो रहा है, रोको मत जाने दो लेकिन यदि रोको शब्द के बाद विराम चिन्ह (Viram Chinh) प्रयोग कर दे तो यहाँ पर यह अर्थ निकलकर आता है कि जाने मत दो रोक लो।
3. रोको मत, जाने दो।
यहाँ भी वाक्य तो समान है किन्तु विराम चिन्ह (Viram Chinh) का स्थान बदल दिया गया है। इस प्रकार यहाँ यह अर्थ निकलता है कि मत रोको उसे जाने दो।
उपर्युक्त उदाहरण से यह स्पष्ट है कि विराम चिन्हों (Viram Chinh) का स्थान बदलने से किस प्रकार वाक्यों का अर्थ भी बदल जाता है। यहाँ पहले वाक्य में अर्थ अस्पष्ट है। जबकि दुसरे तथा तीसरे वाक्य में अर्थो की स्पष्टता बिलकुल साफ है, तीनों वाक्यों में शब्द एक जैसे है किन्तु जरा से विराम की हेरा फेरी से अर्थ भिन्न हो गये है।
विराम चिन्हों के प्रकार (Viram Chinh ke Prakar)
विरामचिन्हे हिंदी के नाम (hindi viram chinh)
- अल्प विराम – (,)
- अर्द्ध विराम – (;)
- पूर्ण विराम – ( ),(.)
- उप विराम – (:)
- विस्मयादिबोधक चिन्ह – (!)
- प्रश्न वाचक चिन्ह – (?)
- कोष्ठक – ( )
- योजक चिन्ह – (-)
- अवतरण चिन्ह या उद्धरण चिन्ह – (” ”)
- लाघव चिन्ह – (०)
- आदेश चिन्ह – (:-)
- रेखांकन चिन्ह – (_)
- लोप चिन्ह – (………..)
- पुनरुक्ति सूचक चिन्ह – (,,)
- विस्मरण चिन्ह – ( )
- दीर्घ उच्चारण चिन्ह – (s)
- तुल्यता सूचक चिन्ह – (=)
- निर्देशक चिन्ह – (-)
विराम चिह्न का नाम (All Punctuation Marks in Hindi)
Sl. |
विराम चिह्न का नाम |
Punctuation Mark Name |
विराम चिह्न |
1. |
अल्प विराम |
A little break |
: |
2. |
अर्द्ध विराम |
Semi stop |
; |
3. |
पूर्ण विराम |
Full stop |
। |
4. |
उप विराम |
Sub stop |
: |
5. |
विस्मयादिबोधक चिह्न |
Exclamation mark |
! |
6. |
प्रश्नवाचक चिह्न |
Question mark |
? |
7. |
कोष्ठक |
Brackets |
( ) |
8. |
योजक चिह्न |
Adder symbol |
– |
9. |
अवतरण चिह्न या उद्धरण चिह्न |
Quotation mark or quotation mark |
”… ” |
10. |
लाघव चिह्न |
Minus sign |
o |
11. |
आदेश चिह्न या विवरण चिन्ह |
Command mark |
:- |
12. |
रेखांकन चिह्न |
Underline |
_ |
13. |
लोप चिह्न या पदलोप चिन्ह |
Omission mark |
… |
14. |
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह |
Repetition indicator |
,, |
15. |
विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्ह |
Exclamation mark |
^ |
16. |
दीर्घ उच्चारण चिन्ह |
Long accent mark |
S |
17. |
तुल्यता सूचक चिन्ह |
Equivalence indicator |
= |
18. |
निर्देशक चिन्ह |
Directive mark |
― |
अल्प विराम:- अल्प विराम को अंग्रेजी में comma कहते है, इस चिन्ह ( ,) से प्रदर्शित करते है। अल्प विराम उस स्थान पर प्रयोग करते है, जहां थोड़े समय के लिए विराम अर्थात रुकने की आवश्यकता होती है। एक स्थान पर एक से अधिक वस्तु को लिखने के लिए इस अल्प विराम चिन्ह (,) का उपयोग करते है।
उदाहरण
- नदी, पहाड़, झरना, पुष्प, पेड़ सभी ईश्वरीय वरदान है।
- मै बाज़ार से पुस्तके, पेन, कॉपी, पेंसिल सारा सामान लाया हूँ।
- तुम्हे थोड़ी देर वहां रुकना चाहिए था, मैं बस पहुंचने ही वाला था।
- तुम चलो, मैं आता हूं।
- मैं जाना चाहती थी लेकिन, नहीं जा पाई।
अर्द्ध विराम:- अर्द्ध विराम को अंग्रेजी में semicolon कहते है, इस चिन्ह (;) से प्रदर्शित करते है। जिस स्थान पर अल्प विराम की अपेक्षा थोड़े अधिक समय के लिए ठहराव की स्थिति उत्पन्न हो जाये, वहां अर्द्ध विराम का प्रयोग करते है।
उदाहरण
- सूर्यास्त हो चुका है; चारो तरफ घना अँधेरा छा जायेगा।
- मेरे पास धन होगा; तब मैं आपकी मदद करूंगा।
- वह हाथ जोड़कर क्षमा मांगता रहा; लोग उसे मारते रहे।
- जो लोग उसे पसंद नही करते; वह उनका भी सम्मान करता है।
- मेरे पास बहुत सारे पैसे हैं; इन पैसों से मैं घर लूंगा।
पूर्ण विराम:- पूर्ण विराम को अंग्रेजी में full stop कहते है, इस चिन्ह को हिंदी में (।) से तथा अंग्रेजी में (.) प्रदर्शित करते है। जब कोई वाक्य पूरा हो जाता है तो वाक्य के अंत में पूर्ण विराम का प्रयोग करते है, वाक्य के लम्बे या छोटे होने से कोई फर्क नही पड़ता।
दोहा, शायरी या छंद में पूर्ण विराम बहुत मायने रहता है। इसमें जब पहला चरण खत्म होता है तो एक पूर्ण विराम लगाया जाता है वहीँ दूसरा चरण खत्म होने के बाद दो पूर्ण विराम आता है।
उदाहरण
- राम 14 वर्षो के लिए वनवास को गये।
- आज शाम 5 बजे पटेल उद्यान में एक सार्वजनिक सभा में प्रधानमंत्री मोदी जी अपना भाषण देंगे।
- रावण लंका का राजा था।
- तुम्हारे मना करने के कारण ही तो मैं वहां पर नहीं गया।
- कल विद्यालय में अभिभावक की मीटिंग आयोजित की गई थी।
उप विराम:- उप विराम को अंग्रेजी में colon कहते है, इस चिन्ह को हिंदी में (:) से प्रदर्शित करते है। इसे संवाद लेखन या एकांकी लिखते समय जिसने ये नाटक लिखा हो, इसके नाम के आगे लिखते है।
उदाहरण
मालिक – बस! रामू अब मैं तुम्हें एक फूटी कौड़ी नहीं दूंगा।
रामू – मालिक! मैंने जीवन भर आपकी सेवा की है।
मालिक – तो क्या सेवा के बदले अपनी जमीन-जायजात दे दू तुम्हें।
रामू – मालिक! मेरा बच्चा बहुत बीमार है, मेरी सहायता करें। कृपाशंकर सहाय।
विस्मयादिबोधक चिन्ह:- विस्मयादिबोधक चिन्ह अथवा sign of interjection को (!) से प्रदर्शित करते है, विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग तब करते है, जब किसी वाक्य में आश्चर्य, घृणा, शोक आदि के भाव व्यक्त करने हो, विस्मयादिबोधक शब्द जैसे -ओह!, छि!, अरे!, हाय!, काश! के अंत में चिन्ह (!)का प्रयोग करते है।
उदाहरण
- क्या! तुम सीढियों से गिर गये।
- अरे! आप यहाँ कैसे।
- छि! वह बहुत गन्दा लड़का है।
- वाह ! यह तो बहुत खूबसूरत ड्रेस है।
- हाय! यह क्या हो गया तुम्हें।
- काश! मैंने उसे सही समय पर रोक लिया होता।
प्रश्न वाचक चिन्ह:- प्रश्न वाचक चिन्हों को अंग्रेजी में question mark कहते है, इसे चिन्ह (?) से प्रदर्शित करते है। इसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से जब कोई प्रश्न पूछता है तब वाक्य के अंत में इसका प्रयोग करते है।
उदाहरण
- तुम बाज़ार कब जाओगे?
- राम की चोट कैसे लगी?
- तुम्हारा नाम पूजा है?
- क्या तुमने अभी तक अपनी पढाई शुरू नही की?
- तुम यहां पर क्यों आए हो?
- मैंने तुम्हें कुछ काम करने को दिया था क्या तुमने किया?
- कल तुम कहां पर गए थे?
- तुमने इतना खूबसूरत ड्रेस कहां से खरिदा?
- तुम्हारा बड़ा भाई मुंबई से गांव वापस कब आ रहा है?
कोष्ठक – कोष्ठक को अंग्रेजी में Bracket कहते है, यदि किसी विशेष शब्द का अर्थ दर्शाना तो तो कोष्ठक ( ) का प्रयोग करते है। शब्दों और वाक्यांशों के अधिक सही तरीके से अर्थ स्पष्ट हो सके, इसके लिए शब्द अथवा वाक्यांशों के आगे कोष्ठक में अर्थ लिख देते है। क्रम सूचक अक्षरों और अंको के साथ भी कोष्ठक का प्रयोग करते है।
उदाहरण
- धर्मराज (युधिष्ठिर) धर्म और सत्य के संरक्षक के रूप में जाने जाते है।
- परशुराम जी (क्रोध में) लक्ष्मण जी से बोले – ऐ राजा के लड़के! तू क्यों अपनी माता को निपूती बनाना चाहता है।
- क्रम सूचक अक्षरों में कोष्ठक का प्रयोग – (1) नाटक, (2) साहित्य, (3) उपन्यास, (4) कहानी, (5) कविता।
योजक चिन्ह – योजक चिन्ह अर्थात Hyphen को शब्दों के बीच भेद को दर्शाने के लिए करते है। इसे (-) से दर्शाते है तथा इसका प्रयोग समस्त पदों के बीच में करते है।
उदाहरण
माता-पिता, दिन-रात, हानि-लाभ, जीवन-मरण, काल-चक्र, यश-अपयश, सोना-चांदी, हीरा-मोती।
वीर सैनिको ने देश की सेवा में अपना तन-मन-धन सब अर्पण कर दिया।
अवतरण चिन्ह या उद्धरण चिन्ह – इसे अंग्रेजी में inverted comma कहते है, इसके लिए (” ”) चिन्ह का प्रयोग करते है। किसी के द्वारा कोई विशेष बात कहने पर उस बात को ठीक उसी प्रकार दर्शाने के लिए अवतरण चिन्ह या उद्धरण चिन्ह का प्रयोग करते है।
उदाहरण
- राम ने कहा – “पिता की आज्ञा का पालन करना प्रत्येक पुत्र का धर्म है”
- गोस्वामी तुलसीदास के वाक्य -“पराधीन सपनेहु सुख नाहीं”
- जयशंकर प्रसाद ने कहा -“यह जीवन इसी विश्व की संपत्ति है”
- गीता में लिखा गया है “कर्म करते जाओ फल की चिंता मत करो”।
- मुझे कल तुम्हारा दोस्त मिला जिस ने कहा ” वह तुम्हारे जन्मदिन के पार्टी पर नहीं आ पाएगा”
लाघव चिन्ह (laghav viram chinh) – लाघव चिन्ह को अंग्रेजी में Abbreviation sign कहते है, इसको दर्शाने के लिए (०) का प्रयोग करते है। किसी बड़े शब्द को संक्षेप में दर्शाने के लिए उस शब्द का पहला अक्षर लिखकर उसके आगे लाघव चिन्ह यानि कि (०) बना देते है।
उदाहरण
उत्तर प्रदेश – उ०प्र०, डॉक्टर – डॉ०, पंडित -पं०, इंजिनियर -इंजी ०, मध्य प्रदेश – म०प्र०
विवरण चिन्ह- विवरण चिन्ह को आदेश चिन्ह के नाम से भी जानते है, इसे अंग्रेजी में sing of following कहते है, इसे (:-) से प्रदर्शित करते है। इस चिन्ह का प्रयोग तब करते है जब वाक्यांशों के विषयों में कोई निर्देश देना हो।
उदाहरण
- वचन के दो भेद होते है:-
- फल खाने के निम्न फायदे है:-
रेखांकन चिन्ह- रेखांकन चिन्ह को अंग्रेजी में underline कहते है, इसे (_) से प्रदर्शित करते है। वाक्यांशों को लिखने में बीच बीच में महत्वपूर्ण शब्द आये तो उन्हें विशेष दिखाने के लिए उस वाक्य के नीचे रेखांकन चिन्ह लगा देते है, उस वाक्य के नीचे रेखा खींच देते है।
उदाहरण
- राम को सारा संसार मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से जानता है।
- क्या सच में तुमने ज्योतिषी विद्या का अध्ययन किया है।
लोप चिन्ह – इसे अंग्रेजी में mark of omission कहते है, इसका प्रतीक चिन्ह (………..) है। वाक्य को लिखते समय कुछ अंशो को छोड़ना पड़े तब लोप चिन्ह का प्रयोग करते है।
उदाहरण
तुम घर तो जा रहे हो पर………..
मैं स्कूल जरुर चलूँगा……पर तुम चलोगे तभी सीता ने रीता को मारा …….
पुनरुक्ति सूचक चिन्ह- पुनरुक्ति सूचक चिन्ह को repeat pointer symbol के नाम से जानते है, इसका प्रतीक चिन्ह (,,) होता है। इस चिन्ह का प्रयोग जब पहली लाइन में लिखा गया कोई शब्द हो उसे दूसरे, तीसरे सभी लाइन में दोहराना हो ताकि शब्द को बार बार ना लिखना पड़े।
उदाहरण
राम एक सीधा सादा लड़का है।
,, के पिता एक किसान है।
,, एक मेधावी छात्र है।
यहाँ बार बार राम ना लिखना पड़े इसके लिए पुनरुक्ति सूचक चिन्ह(,,) का प्रयोग हुआ है।
विस्मरण चिन्ह- विस्मरण चिन्ह को त्रुटीपूरक चिन्ह के नाम से जानते है, अंग्रेजी में इसे oblivion sign कहते है और इसे प्रदर्शित करने के लिए (^) का प्रयोग करते है। जब लिखते समय हम किसी शब्द को भूल से छोड़ देते है, तब (^) का चिन्ह लगाकर उस भूल को सही कर सकते है।
उदाहरण
राम ^ पड़ा,
वह^ जाते जाते बहुत थक गयी,
रानी के ताज में हीरे ^ जड़े थे।
दीर्घ उच्चारण चिन्ह – दीर्घ उच्चारण चिन्ह को c से प्रदर्शित करते है, जहाँ वाक्य में किसी विशेष शब्द में उच्चारण करते समय अन्य शब्दों की अपेक्षा ज्यादा समय लग जाता है, वहां दीर्घ उच्चारण चिन्ह (s) को प्रयोग कर लेते है।
दीर्घ उच्चारण चिन्ह का इस्तेमाल छंदों में वर्ण की गणना के लिए भी होता है। उदाहरण के लिए
रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून
|||| SS S | S || SS || S = 23 मात्राएँ
तुल्यता सूचक चिन्ह- तुल्यता सूचक चिन्ह को बराबर भी कहते है और तुलना से स्वरूप में इसे (=) से प्रदर्शित करते है। इस चिन्ह का प्रयोग तब करते है जब बराबर दिखाने की आवश्यकता पड़ती है।
उदाहरण
- बायाँ पक्ष = दायाँ पक्ष
- माता= प्रेम का सागर
- पिता= छत्रछाया
निर्देशक चिन्ह (nirdeshak chinh)- निर्देशक चिन्ह को (-) से लिखते अथवा दिखाते है। यह चिन्ह तब प्रयोग करते है जब लिखते समय निर्देशन देने की आवश्यकता पड़ती है।
उदाहरण
प्रश्न – तुम कौन हो?
उत्तर – मेरा नाम रामू है।
यहाँ प्रश्न और उत्तर के बाद जो चिन्ह लगाया गया है, वह निर्देश दे रहा है की प्रश्न आगे है, अथवा उत्तर आगे है।
FAQ
लाघव चिन्ह का प्रयोग किसी भी शब्द को पूरा ना लिखकर उसके संक्षिप्त रूप को लिखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए डॉक्टर=डॉ०
वाक्य में जब आश्चर्य, दुख या खुशी का भाव व्यक्त करना होता है तब विस्मय सूचक का प्रयोग होता है। उदाहरण के लिए
हूरे! हम मैच जीत गए।
अर्धविराम चिन्ह को अंग्रेजी में Semi Colon कहा जाता है।
हिंदी के पूर्ण विराम चिन्ह (।) को अंग्रेजी में (.) की तरह लिखा जाता है।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने आपको विराम चिन्ह किसे कहते हैं (viram chinh kise kahate hain), विराम चिन्ह की परिभाषा (viram chinh ki paribhasha), विराम चिन्ह के उदाहरण (punctuation examples) आदि में बताया। बोलचाल में हम भले ही व्याकरण की दृष्टि से बहुत गलतियां करते हो लेकिन लिखने में विराम चिन्ह बहुत मायने रखता है। खास करके जब आप हिंदी ऑनर में अपना स्नातक या उचित स्नातक की डिग्री ले रहे हैं।
इसके अतिरिक्त जो बच्चे किसी प्रकार के सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए विराम चिन्ह के बारे में जानकारी निश्चित होना ही चाहिए। क्योंकि परीक्षा में सही से विराम चिह्न न लगाने से भी आपके अंक कट जाते हैं।
यदि लेख अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें ताकि हर किसी को विराम चिन्ह इस्तेमाल करने का सही तरीका मालूम हो सके। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो कमेंट में लिखकर जरूर बताएं।
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