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नाराजगी शायरी

Narazgi Shayari in Hindi: प्यार में रूठना और मानना चलता रहता है इससे प्यार में मिठास आती है। लेकिन अधिक समय तक रूठे प्रेमी को मानना भी बहुत जरूरी होता है। नाराजगी भी वहीँ पर होती है, जहाँ पर प्यार अधिक होता है। यह किसी के भी बीच हो सकती है चाहे वो पति-पत्नी के बीच हो या प्रेमी-प्रेमिका।

Narazgi Shayari in Hindi

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नाराजगी शायरी | Narazgi Shayari in Hindi

क्यों नाराज़ होते हो मेरी इन नादान हरकतों से,
कुछ दिन की ज़िन्दगी है,
फिर चले जाएंगे तुम्हारे इस जहाँ से

मेरी नाराज़गी को मेरी
बेवफ़ाई मत समझना,
नाराज़ भी उसी से होते है
जिससे बेइंतिहा मोहब्बत हो।

उसकी हर गलती भूल जाता हूँ
जब वो मासूमियत से पूछती है
नाराज है क्या ?

जिंदगी में अपनापन तो हर कोई दिखाता है
पर अपना हैं कौन ?यह वक़्त ही बताता हैं

naraz shayari

हमसे कोई खता हो जाए तो माफ़ करना
हम याद ना कर पाएं तो माफ़ करना
दिल से तो हम आपको कभी भूलते नहीं
पर ये दिल ही रुक जाए तो माफ़ करना

Narazgi Shayari in Hindi

खामोशियां ही बेहतर हैं,
शब्दों से लोग नाराज़ बहुत हुआ करते हैं।

तुम यूँ न नाराज हुआ कर
हमसे जब तुम चुप होते हो जाता

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना

गलती तो सबसे होती है, हाँ मुझसे भी हो गयी
अब माफ़ भी कर दे मुझे, क्यों दूर इतना हो गई
एक गलती के लिए क्यों ऐसे साथ छोड़ गयी

आज कुछ लिख नही पा रहा,
शायद कलम को
मुझसे नाराजगी हैं कोई।

Narazgi Shayari in Hindi

दोस्त की नाराजगी पर शायरी

फोन कर के रो रहा था मै उसको
सुनो तुम्हारी याद आ रही है
उसने फोन यह कह के काट दिया
सुनो तुम्हारी आवाज़ खराब आ रही है !

एक नाराज़गी सी है
जहन में जरुर,
पर मैं खफ़ा किसी से नहीं।

जब नफरत करते थक जाओ
एक मौका प्यार को भी दे देना !

नाराज़ ना होना हमारी
बेमतलब की शायरियों से क्योंकि,
इन्ही हरकतों से
हम हमेशा आपको याद आयेंगे।

तू एक नज़र हम को देख ले
बस इस आस में
कब से बेकरार बैठे है !

नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मै
मुहब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हु मै !

जब तड़पेगी तू प्यास से
तूझे वो बादल याद आएगा
जब छोड़ जाएगा तूझे वो
तब तूझे ये पागल याद आएगा !

Narazgi Shayari in Hindi

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naraz shayari in hindi

झगड़ा तब होता है जब शिकायत होती है |
और शिकायतें उनसे होती है जिनसे प्यार होता है

चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही लेकिन
रवैये अजनबी हो जाये तो बडी तकलीफ देते हैं

तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी ना रहेगी
तुम्हारे बिना चिरागो में रौशनी न रहेगी
क्या कहे क्या गुज़रेगी इस दिल पर,
ज़िंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी ना रहेगी

बेशक मुझपे गुस्सा करने का हक है तुम्हे,
पर नाराजगी में हमारा प्यार मत भूल जाना।

नाराज़गी हो तो जता लेना,
लेकिन नफ़रत न करना,
चाहत किसी और हो जाएं तो बता देना,
बस बेवफाई न करना।

shayari on narazgi

भूल जाऊ हो नहीं सकता
मैंने नहीं मेरे दिल ने चुना है तुमको

वो पगली आज बरसो बाद मिली तो
गले लगकर खूब रोई में हल्का सा मुस्कुराया
और बोला तुम वही होना जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे तो हजारो मिलेंगे

खता हो गयी तो फिर सजा सुना दो
दल में इतना दर्द क्यों है वजह बता दो
देर हो गई याद करने में ज़रूर,
लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल मिटा दो

न जाने किस “”””
बात पे नाराज हैं वो हमसे…..!!
ख्वाबों में भी “””” मिलती है
तो बात नहीं करती….!!

हम बेबस हैं बे-परवाह नहीं हम उदास हैं खफ़ा नहीं
कदर करते हैं दोस्तों की दिल से
हम जिंदगी में मजबूर तो हो सकते हैं लेकिन बेवफ़ा नहीं

कुछ नाराज़गी सिर्फ गले लगने से ही दूर होती हैं,
समझने समझाने से नहीं।

Narazgi Shayari in Hindi

बहुत उदास है कोई शख्स तेरे जाने से
हो सके तो लौट के आजा किसी बहाने से
तू लाख खफा हो पर एक बार तो देख ले
कोई बिखर गया है तेरे रूठ जाने से

नाराजगी शायरी 2 लाइन

जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया,
तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया।

Narazgi Shayari in Hindi

सुन जाना……!!
एक तेरे चक्कर में अब तो खुदा भी
हमसे नाराज हो गया…….!

तु हर साँस के साथ याद आती है
अब तु ही बता तेरी याद को रोक दूँ या अपनी साँस को

हो सकता है हमने आपको कभी रुला दिया
आपने तो दुनिया के कहने पे हमें भुला दिया
हम तो वैसे भी अकेले थे इस दुनिया में
क्या हुआ अगर आपने एहसास दिला दिया

किसी को मनाने से पहले ये जान लेना
कि वो तुमसे नाराज है या परेशान।

आज तो दिल भी
धमकियाँ दे रहा है
करो याद उसे व
रना धड़कना छोड़ दूंगा!

ज़िन्दगी का ये हूनर भी
आज़माना चाहिए
जंग अगर अपनो से
हो तो हार जाना चाहिए!

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नाराज शायरी

लडाई कितनी भी हो हम
फिर भी तुमको मना सकते
है सोचा तुमसे बात करने
की फिर याद आता है तुमने
कहा था आप जा सकते है!

कब तक रह पाओगे आखिर यूँ दूर हमसे
मिलना पड़ेगा कभी न कभी ज़रूर हमसे
नज़रे चुराने वाले ये बेरुखी है कैसी
कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हम से!

Narazgi Shayari in Hindi

काश ये दिल बेजान होता
ना किसी के आने से धडकता
ना किसी के जाने पर तडपता !!

हिम्मत बहुत की है मैने तुम्हे
भुलाने की पर कम्बक्त इश दिल
से अव तक नही निकाल पाया हू
मै हा तुम्हे नही भूल पाया हूं मै !

मुझे खुद से दूर कर किसी ओर को दिल
मै बसाया ही क्यो ओर अव ये तू ही सोच
हमारे बीच कोई तीसरा आया ही क्यो !

कुछ इस तरह वो
रिश्तों की नुमाइश करती है
खुदको अच्छी दिखाने के लिए
वो अक्सर मेरी बुराई करती है !

अजीब शख्स है नाराज हो
के हंसता है मैं चाहता हूँ
खफा हो तो खफा ही लगे!

नाराजगी शायरी हिंदी

मुझसे नाराज़ हो क्या
जो नज़रे हमसे चुराते हो
वो कौनसी ऐसी बात है
जो होथो मै अपनी दबाते हो!

तुम्हारी हर अदा है सबसे नियारी
जब रूठ जाती हो तुम
तो लगती हो बहुत प्यारी !!

खुद के बनाए रिश्तों मैं
उलझता जा रहा हूं
एक तुझे पाने की ज़िद मैं
खुद को खोता जा रहा हूं!

Narazgi Shayari in Hindi

देखा है जिंदगी मनाने को कुछ
इतने करीब से लगने लगे है
तमाम चेहरे अजीब से!

वो रोए तो बहुत पर मुझसे मूह मोड़ कर रोए
कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़ कर रोए
मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े
पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए !

narazgi status

चुभने लगा हूं मै इतना छूरा तो
नहीं हूं जानी तुम जितना बताते
हो मेरे बारेमे उतना बुरा तो नही हूं!

तुम हो मेरी धड़कन
तुम हो मेरी जान मान जाओ न अब
और कितना करेंगे हमें परेशान !

इश्क़ मै उसका हाथ क्यो छूट
जाता है मोहब्बत सच्ची होकर
भी हर कोई क्यों टूट जाता है !!

ज़माने से रुठने की
जरूरत ही क्यो है
जब मेरे अपने ही
मेरे बने रकीब है!

सुनो_ नादान सी मोहब्बत है हमारी निभा लेना!!
कभी तुम नाराज हुए तो हम झुक जाएंगे!! कभी हम नाराज रहे तो तुम सीने से लगा लेना!!

तुम भी online मैं
भी online..छुप छुपकर देख रहे है..
नो typing.. नो typing..

हम रूठे भी तो किसके बहाने रूठे
कौन है जो आएगा हमें मनाने
हो सकता है तरस आ भी जाए आपको
पर दिल कहाँ से लाये आपसे रूठ जाने के लिए

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प्यार में नाराजगी वाली शायरी

किस बात पर खफा हो,
यह जरूर बता देना।
अक्सर दिल में छुपी नाराजगी से,
रिश्तों की डोर कमजोर हो जाती है।

बस यही बात उसकी मुझे अच्छी लगती है
उदास कर के भी कहती हैं
तुम नाराज तो नहीं हों ना——-!!

यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने
कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं

माना आजकल काम देता तुझे वक्त हूँ
Mana आजकल थोड़ा सा सख्त हूँ
माना तेरा हाल नहीं पूछ पाता
पर ये तुझसे कोई चोरी नहीं है
बस ये समझ ले तेरे बिना मेरी राते पूरी नहीं है

रिश्ते दूर तक चलते अगर,
नाराजगी की उम्र कम हो।

मेरे दिल को जिसकी आदत थी
उसी ने मेरा साथ निभाया वो मुझसे नाराज थी_ और उसी ने मुझे गले लगाया!!

narajgi shayari

वो रोए तो बहुत, पर मुझसे मूह मोड़ कर रोए
कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़ कर रोए
मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े
पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए

तेरी मोहब्बत की तालाब थी
तो हाथ फैला दिए हमने
वरना हम तो अपनी ज़िन्दगी
के लिए भी दुआ नहीं मांगते

तेरी बात को खामोशी से मान लेना,
ये भी अंदाज है मेरी नाराज़गी का।

कहीं नाराज न हो जाए उपरवाला मुझसे
हर सुबह उठते ही सबसे पहले तूझे
जो याद करता हूँ

ठुकरा दिया तूने अच्छा किया
मुझे मोहब्बत चाहिए अहसान नहीं

कब तक रह पाओगे आखिर यूँ दूर हमसे,
मिलना पड़ेगा कभी न कभी ज़रूर हमसे
नज़रे चुराने वाले ये बेरुखी है कैसी..
कह दो अगर हुआ है कोई कसूर हमसे

Narazgi Shayari in Hindi

निकाल दिए गए कुछ दिलों से,
उन्हें हमसे गीला भी नहीं,
और एक हम हैं के कबसे
ज़हेन में नाराजगी लिए बैठे हैं।

रूठे रिश्ते और नाराज लोग सबूत हैं
इस बात के कि ज़ज्बात अब भी
जुड़े रहने की ख्वाहिश रखते हैं

मुझे अपने किरदार पे इतना तो यकीन है की
कोई मुझे छोड़ सकता है लेकिन भूल नही सकता

तुम हँसते हो मुझे हंसाने के लिए
Tum रोते हो मुझे रुलाने के लिए
तुम एक बार रूठ कर तो देखो
मर जाएंगे तुम्हे मनाने के लिए

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तेरी नाराज़गी, मेरी दीवानगी,
चल देखें किसकी उम्र ज्यादा है।

वो कहते है कि हमें भूल जाओ….
कैसे भूलु में आपको कैसे भुलू में
आपकी हर बातों को, कैसे भुलू में आपका वो
नाराज़ होना कैसे भूलू में आपका यूं
मझे मनाना इतना आसान नहीं है,
हमें यूं आपको भूलना।।

” बड़ा आदमी वो हे ,
जो अपने पास बेठे व्यक्ति को
छोटा मेहसूस ना होने दे..”

याद रखना भी बहुत हिम्मत का काम है
क्यूंकि किसी को भुला देना
आजकल बहुत आम बात है

देखो नाराज़गी मुझसे ऐसे भी जताती हैं वो,
छुपाती भी कुछ नही जताती भी कुछ नही।

naraj shayari

नाराजगी वहाँ मत रखिएगा …
मेरे दोस्त, जहाँ आपको ही बताना पड़े …
आप नाराज हैं …

कोई खास फर्क नहीं पड़ता अब ख़्वाहिशें अधूरी रहने पर
बहुत करीब से कुछ सपनों को टूटते हुये देखा है मैंने

कितना करीब थी तू मेरे जैसे सांसो में समायी हो,
एक दम से कैसे कह दिया कि तुम मुझे भूल जाओ
उस पल ऐसे लगा जैसे मेरी मौत आयी हो

तुम मेरी कल थी,
और मैं आज हो गया हूं |
अब मैं मनाने नहीं आऊंगा,
क्योंकि मैं नाराज हो गया हूं।

किस बात पे खफा हो,
नाराज लग रहे हो…
लगते हो जैसे हरदम,
ना आज लग रहे हो ।

जब जब आँखें बंद होती है,
बस तू साथ होती है
तेरी यादो के तकिये पर
बस राते मेरी सोती है
अब आजा बात मान कर
याद तेरी बहुत तड़पती है

नखरे तेरे, नाराजगी तेरी,
देख लेना!
एक दिन जानले लेगी मेरी।

बेशक किसी की गलती पर उससे
नाराज रहो मगर इतना भी नाराज़ मत हो जाओ
की वो इंसान को खुदसे ही नफरत हो जाए।।

मुस्कुराने से भी होता है ग़में-दिल बयां
मुझे रोने की आदत हो ये ज़रूरी तो नहीं

तू क्यों दूर है इतना मुझसे, तुझे चाहता हूँ मैं
पूरे दिल से सुन ले मेरी आरज़ू
तू ही मेरी जान है, तू ही सारा जहाँ है

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जैसे मैं तुम्हारी हर नाराजगी समझता हूं,
काश वैसे हीतुम मेरी सिर्फ एक मजबूरी समझते।

Narazgi Shayari in Hindi

तुझसे नहीं तेरे वक्त से नाराज़ हु
जो तुझे कभी मेरे लिए मिला_ ही_नहीं।।

मेरी फितरत में नहीं है किसी से नाराज होना,
नाराज वो होते हैं जिनको अपने आप पर गुरुर होता है।

जबवो नाराज होती है, तब मुझे_
दुनिया की सबसे महँगी चीज
उसकी “मुस्कान “लगती है।।

नाराज हूँ मैं उससे उसने मनाया भी नहीं,
वो लोगों से कहता फिरता है बेवफा हूँ मैं।

नाराज़ हूं , खफा हूं ,
आखिर तुम मेरी पहली मोहब्बत हो ।।

नाराज़गी उनसे भले बेशुमार रहती है,
पर उन्हें देखने की चाहत बरकरार रहती हैं।

आप नाराज़ हो, रूठे,
की खफा हो जाए,
बात इतनी भी ना बिगड़े की जुदा हो जाए ।।

Narazgi Shayari in Hindi

आज मौसम भी कमबख्त खुशमिज़ाज है,
क्या करे अब हमारा यारा थोड़ा नाराज है।

नाराज़ हो कर भी नाराज़ नहीं होते,
ऐसी मोहब्बत है तुमसे

मुद्दतों से था जो नाराज़ मुझसे,
आज वही मुझसे मेरी नाराजगी की वजह पूछता है।

नाराज हमसे खुशियाँ ही होती है,
गमों के तो इतने नखरे नही होते !!!

सुनों ना!
कभी कभी मेरा मन भी नाराज होने का करता हैं,
पर ये सोच के खुश हो जाते हैं मनाएगा कौन।

हमें नहीं भाता तेरा किसी और को ताकना,
फक़त नाराज़गी भी रखिए तो सिर्फ हमसे।

वे उम्र भर करते रहे इन्तेज़ार के
कोई पैगाम आए मेरा,
और वो समझ बैठे थे के
नाराज हैं हम उनसे।

यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है,
दौर नाराजगी का ख़त्म हो फिर बात करते है।

नाराज़गी जायज़ है तुमसे,
मगर नफ़रत मुमकिन नही।

शिकायतें करनी छोड़ दी हैं मैंने उससे,
जिसे फर्क मेरे आँसुओं से नहीं पड़ता,
मेरे नाराजगी से क्या होगा।

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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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