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सुहाने और रोमांटिक मौसम पर शायरी

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इस मौसम शायरी कलेक्शन में सुहाना मौसम शायरी, रोमांटिक मौसम शायरी, मौसम शायरी २ लाइन, बदलते मौसम पर शायरी आदि से जुड़ी शायरी शामिल की गई है।

यदि आपको शायरी पढ़ने का शौक है और मौसम पर शायरी पढ़ना चाहते हैं तो यह कलेक्शन आपके लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।

मौसम शायरी (Mausam Shayari in Hindi)

ये मौसम बहुत खूबसूरत है,
इसे हम दोनों की जरूरत है।

Mausam Shayari in Hindi

मेरी ख्वाइश आज मुझसे पूछती है,
तेरी ख्वाइश क्या है?

तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है
तुम्हारे बाद ये मौसम बहुत सताएगा।

जान ये मौसम तो कुछ लम्हों में बदल जाएगा,
वादा करो तुम नहीं बदलोगे।

मुझे मौसम का नहीं,
तेरे बदल जाने का डर है।

मौसम मौसम फैल रही है ख़ुश्बू
दूर से तुझ को आता देख रहा हूँ।

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे
मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।

मिरी धूप में आने से पहले
कभी देखे थे मौसम ऐसे।

कम से कम अपनी जुल्फे तो बाँध लिया करो।
कमबख्त. बेवजह मौसम बदल दिया करते हैं।।

सुहाने मौसम में दिल भी कहीं भटक जाता है
उस गली में ही कहि फिर से दिल अटक जाता है

mausam shayari

सतरंगी अरमानों वाले,
सपने दिल में पलते हैं,
आशा और निराशा की,
धुन में रोज मचलते हैं,
बरस-बरस के सावन सोंचे,
प्यास मिटाई दुनिया की,
वो क्या जाने दीवाने तो
सावन में ही जलते है।

Mausam Shayari in Hindi

जब तुम यूँ मुस्कुराते हुए आते हो,
तो संग मौसम बाहर का लाते हो.

कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं?
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ? “मौसम” की या “अपनों” की!

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सुहाना मौसम भी बिगड़ जाता है
आँधियों के चलने से
धोखेबाज भी बदल जाते है
धोखेबाजियों के चलने से

तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,
काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे।

विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,
मौसम तो इंसान के अंदर होता है.

रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,
गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!

जो आना चाहो हज़ारों रास्ते
न आना चाहो तो हज़ारों बहाने।
मिज़ाज-ऐ-बरहम , मुश्किल रास्ता
बरसती बारिश और ख़राब मौसम।।

अरे इतना भी मत सताओ
मौसम सुहाना है……
थोड़े नखरे कम करो
दूर क्यूँ हो ,थोड़ा पास आजाओ।

कुछ तो हवा भी सर्द थी
कुछ था तेरा ख़याल भी,
दिल को ख़ुशी के साथ साथ
होता रहा मलाल भी।

Mausam Shayari in Hindi

सुहाना मौसम शायरी

मौसम का मिजाज समझ में नही आता है,
यह भी इंसानों की तरह बेवफा हो जाता है.

अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना !
लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू.”

लुत्फ़ जो उस के इंतज़ार में है।
वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है।।

जमाने भर का गम अपने कंधो पर उठा रखा है
नज़रों का कहर दिल में दबा रखा है
अपने मौसम को तो तूने सुहाना बना रखा है
हमारे मौसम को धुंए में जला रखा है

कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आए,
और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी।

आज मौसम ने मूड सुहावना बना रखा है
चलो अंदर चलते है बेफ़िजूली बातों में क्या रखा है

इश्क़ में सुहाना लगता है हर मौसम,
हर मौसम टूटे दिल को देता है सिर्फ़ गम.

बरसती बारिशों से बस इतना ही कहना है
के इस तरह का मौसम मेरे अंदर भी रहता है

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे।
मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।।

नीचे गिरे पत्ते भी सुख जाया करते है
सर्दी के मौसम में जोड़े भी रूठ जाया करते है

ये मौसम कितना प्यार है,
खूबसूरत कितना यह नजारा है,
इश्क़ करने का गुनाह हमारा है,
मेरे सीने में धड़कता दिल तुम्हारा है.

काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड,
और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह..!

Mausam Shayari in Hindi

यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते,
बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते।
जो आने वाले हैं मौसम उनका एहतराम करो,
जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।।

बेईमान मौसम से पूछो कुछ हरकत कर रहा है
बताता नहीं क्या ……
ये मेरे हमसफर से डर रहा है

सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ,
उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ.

जैसा मूड़ हो वैसा मंजर होता है..
मौसम तो इंसान के अंदर होता है…

आज है वो बहार का मौसम,
फूल तोड़ूँ तो हाथ जाम आए।।

mausam shayari in hindi

इस सर्दी के मौसम ने भी बोहोत सताया है
फिर तेरी यादों ने भी नींदो से हमें जगाया है
ठन्डे मौसम में भी हमे जोरों से रुलाया है
अकेलेपन से मुझे मेरे मित्रों ने ही तो बचाया है

आ देख मेरी आँखों के, ये भीगे हुए मौसम,
ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गये हम.

Mausam Shayari in Hindi

बलखाने दे अपनी जुल्फों को हवाओं में,
जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर.

मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,
हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा।।

भूली यादों को याद कर के आज रोया हूँ
भूले जख्मो को आज फिर से म भिगोया हूँ
तभी ठंडी के मौसम में भी लंबी चदर को तान सोया हूँ।

टूटे दिल से मत पूछों कौन-सा मौसम अच्छा लगता है,
जब वो साथ होता है तो हर मौसम अच्छा लगता है.

सुहाने से मौसम में, रूहानी सी बात कह गई,
उससे प्यार नही करना था, मगर प्यार हो गई.

तुम मौसम की तरह बदल रही हो,,
मैं फसल की तरह बरबाद हो रहा हूँ..!!

कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ, जुर्म दोनो संगीन है।।

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Mausam Shayari in Hindi

दिसंबर में मौसम भी कति प्यारा होता है
होता ठंडा है मगर
फिर भी सबका दुलारा होता है।

मौसम गए सुकून गया ज़िन्दगी गई
दीवानगी की आग में क्या-क्या गया न पूछ।।

इस ठंडे मौसम की बाहर बन कर
ठंडी में भी गर्मी की फुहार बनकर
शुर मय जीवन में छनकार बनकर
तेरी मोहोब्बत में फसा हूँ
एक लाचार बनकर।

मौसम की तरह इंसान नही बदलते है,
मौसम बदलने का पता चल जाता है,
मगर इंसान के बदलने का पता
बड़ी देर में चलता है.

जाता हुआ मौसम लौटकर आया है,
काश वो भी कोशिश करके देखे?

mausam quotes in hindi

तेरे इंतजार का मजा ही कुछ और है
अरे उसके आगे तो तेरे इस मौसम का मजा भी कमजोर है

कोई दिल में इस कदर उतर जाता है,
जिसके बाद हर मौसम रंगीन नजर आता है,
उसे ना देखों तो दिल बेचैन हो जाता है,
उसे देख लो तो उस पर प्यार आता है

मौसम भी है सुहाना, बारिश भी हो रही है,
बस एक कमी है तेरा मुझसे गले लग जाना।।

Mausam Shayari in Hindi

मस्त मौसम दिल में बहार लता है
बिछड़े हुआ जोड़े को फिर से मिलता है

किसने कहा इश्क़ बेवफा होता है,
किसने कहा इश्क़ सजा देता है,
किसी के इश्क़ में पूरी तरह डूब कर देखो
उसकी यादों का मौसम भी मजा देता है

कुछ तो मौसम-ए-हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख्याल भी,
दिल को खुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी।।

बहुत ही सर्द है अब के दयार-ए-शौक़ का मौसम,
चलो गुज़रे दिनों की राख में चिंगारियाँ ढूँडें।।

हँसाना नहीं बस रुलाना जानता है
ये मौसम भी ना बस औरों को फसाना जानता है।

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था,
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था.

मौसम ने बनाया है निगाहों को शराबी,
जिस फूल को देखूं वोही पैमाना हुआ है।।

इस हसीं शाम ने मौसम बना रखा है
वैसे पीता तो नहीं पर फिर भी …….
नशा पूरा चढ़ा रखा है।

मौसम की मिसाल दूँ या तुम्हारी
कोई पूछ बैठा है बदलना किसको कहते हैं।।

सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला

सुहाने मौसम पर शायरी 2 line

जो उन मासूम आँखों ने दिए थे
वो धोके आज तक मैं खा रहा हूँ

तब्दीली जब आती है मौसम की अदाओं में,
किसी का यूँ बदल जाना बहुत ही याद आता है।।

मौसम की तरह बदलना तुम्ही ने सिखाया है
तभी तो आज ये चाँद तेरे लिए नहीं…….
तेरी दोस्त के लिए आया है

आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया
ख़त्म सभी का इंतज़ार हो गया।
बारिश की बूंदे गिरी इस तरह से
लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया।।

चांद का इशारा है चाँदनी मौसम आपका नहीं बस ये सिर्फ हमारा है।

हर किसी के जीवन में एक ऐसा वक़्त आता है,
जिसे दिल से चाहों वो मौसम की तरह बदल जाता है.

मौसम की पहली बारिश में तुम मिले इस तरह
जैसे धरती मिल गई हो आसमान से
जैसे बूँदों ने पहली बार किया हो ।
आलिंगन माटी के सीने से और उसी माटी की सौंधी
खुशबू की तरह फैल रहा है हर तरफ प्यार तेरा।।

दिल की बाते कौन जाने,
मेरे हालात को कौन जाने,
बस बारिश का मौसम है।
पर दिल की ख्वाहिश कौन जाने,
मेरी प्यास का एहसास कौन जाने?

मौसम शायराना अंदाज में कहता है
तेरी जुल्फों की लहरहाट देख
दिल मेरा यूँ डग मगा सा गया है
तेरी नशीली आँखों का जहर
इस दिल में समा सा गया है
तेरी करीबियों का ये आलम
दिल घबरा सा गया है
कहना चाहते थे कुछ बाते
हाय …… मन शर्मा सा गया है

कुछ अपना अंदाज है,
कुछ मौसम रंगीन है,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ
जुर्म दोनो ही संगीन है.

Mausam Shayari in Hindi

mausam ki shayari

महबूब के बिना हर मौसम उदास सा लगता है,
महबूब हो पास तो हर मौसम ख़ास सा लगता है.

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तेरे तसव्वुर की धूप ओढ़े खड़ा हूँ छत पर।
मिरे लिए सर्दियों का मौसम ज़रा अलग है।

रिमझिम बरस पड़े हो तुम तो फुहार बन के
आया है अब तो मौसम कैसा खुमार बन के
मेरे दिल में यूँहीं रहना तुम प्यार प्यार बन के।।

इस सुहाने मौसम का थोड़ा एहतराम तो कर ले
घर तेरे आयें है थोड़ा इंतजाम तो कर ले
इन झूठी बातों पर थोड़ा लगाम तू कर ले
सोचेगा क्या इतना अरे ……..
इंतजाम तो कर ले।

इन्सान हमेशा शिकायत करता है,
कि ये मौसम अच्छा नही होता है,
वो मौसम अच्छा होता है, लेकिन
जब इंसान मेहनत करता है और
सफलता मिलती है तब हर मौसम
अच्छा और रंगीन लगता है.

उस को भला कोई कैसे गुलाब दे।
जिसके आने से बारिश का मौसम और गुलाबी हो जाता है।।

रंगरलियां करते हुए इस मौसम से पूछो जरा
मेरा महबूब के घर और गलियों का पता
उनके अंदर के नेचर और फिलिंग का पता
अरे मौसम रुक मत तू जल्दी बता
मुझे लव है उन्हें क्या ये भी है पता
प्यारे मौसम तू रुक मत चल जल्दी बता।

जिसे भीगने का डर होता है,
वो बारिश का मजा कहाँ ले पाता है,
जिसे बिछड़ने का डर होता है,
वो सच्चा इश्क़ कहाँ कर पाता है.

mausam par shayari

शहर देखकर ही अब हवा चला करती है।
अब इंसान की तरह होशियार मौसम होते हैं।।

जाते मौसम से ज़बान पूछती
कल फिर इसी अंदाज में लोट आओगे ना
थोड़ा जल्दी नहीं पर देर से भी आ जाओगे ना
थोड़ी मुश्किल होगी पर फिर चले आओगे ना
अब कुछ बोल दो कल फिर से लोट आओगे ना

मेरे दिल को तोड़कर तू मिलने का बहाना न कर,
दर्द हमने बहुत सहे है, इस मौसम को सुहाना न कर.

छु कर निकलती है जो हवाएँ तेरे चेहरे को,
सारे शहर का मौसम गुलाबी हो जाता है।।

Mausam Shayari in Hindi

Mausam Shayari in Hindi

तेरे चेहरे को देख दिल में सवाल होता है
तेरी जुल्फों से भी हाय….. क्या कमाल होता है
गलों से भी दिल में बवाल होता है
पर तेर दिल को देख मुझको मलाल होता है

दिल खुश हो जाता था जिसके मुस्कुराने से,
ये मौसम बेरंग हो गया है उसके छोड़ जाने से.

मौसम शायरी

दूर जाकर भी मुझे तुम कितना सताते हो,
इस सर्द मौसम में तुम बहुत याद आते हो.

ये बारिश का मौसम, और तुम्हारी याद।
चलो फिर मिलते है ,एक कप चाय के साथ।।

मौसमी रंग भी कितना रंगीन होता है
ठहरता है बस कुछ वक्त के लिए
पर फिर भी ये मौसम हसीन होता है

जो मजा आपके इन्तजार में है,
वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है.

जब इंसान की फितरत बदल रही हो तो
ये जरुरी नहीं की इंसान बदल गया,
हो सकता है बाहर का मौसम बदल रहा हो।।

कब तलक दिल में जगह दोगे हवा के ख़ौफ़ को।
बादबाँ खोलो कि मौसम का इशारा हो चुका।।

आज मौसम भी बड़ी बेईमानी कर रहा है
खुद तो अच्छे से देख रहा है उन्हें
पर म देखूं
तो परेशानी कर रहा है।

सर्द मौसम में आग लगाया ना करों,
बाजार में जुल्फों को लहराया ना करों.

मौसम शायरी हिंदी

हमें इस सर्द मौसम में तेरी यादें सताती हैं।
तुम्हें एहसास होने तक दिसंबर बीत जायेगा।।

तेरी जुल्फों के साये में कई मौसम गुजरे है
हम तो मर ही गए थे …..
लेकिन जिए तेरे उस मौसम के सहारे है

मोहब्बत करने का कोई मौसम नही होता है,
इस जमाने में कोई बेवफा हो जाएँ तो गम नही होता है.

जब बेवफाई का मौसम आता है,
बात करने का लहजा बदल जाता है.

जब से तेरे ख़याल का, मौसम हुआ है दोस्त
दुनिया की धूप-छाँव से आगे निकल गये।।

उदास जिन्दगी लगती है,
उदास वक़्त लगता है,
उदास ये मौसम लगता है,
जब उदास तू लगता है.

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अरे बारिश का मौसम भी कुछ बता रहा है
खुले बाल कर उनका यूँ मेरी तरफ चले आना
ओह अरे……. मुझे शता रहा है।

इसमें मौसम का क्या कसूर है,
जब मेरी चाहत ही मुझसे दूर है.

इस मौसम ने सबको सताया है
जो भीगा नहीं था …..
आज उसको भी भिगाया है
कीचड़ में भिगाया है
नाले में बहाया है
इस मौसम ने सबको नचाया है

मंजर भी बेनूर थे
और फिजायें भी बेरंग थी,
तुम्हारी याद आयी और
मौसम सुहाना हो गया।।

Mausam Shayari in Hindi

सुहाने मौसम पर शायरी

इस मौसम से सब परेशान है
नाक में झरना और झरने पर रुमाल
ये सब इसी मौसम की तो पहचान है

लोग कहते है कि –
दिन छोटा होता है तब रातें लम्बी हो जाती है,
मैं कहता हूँ कि –
जब दिल टूटता है तब रातें लम्बी हो जाती है.

वाह मौसम तेरी वफा पे आज दिल खुश हो गया,,
याद-ए-यार मुझे आयी और बरस तू पड़ा

बगल वाली भाभी को देख कर कहता है
मौसम को रंगीन बना रखा है
फिगर को हसीन बना रखा है
जी चाहता है पा लूँ तुझे म आज
पर क्या करूं बीवी ने पति से ज्यादा
मशीन बना रखा है।

बरसात के मौसम में खुद को भिगा दें,
दिल बहुत रोया है, आखों को भी रूला दें.

प्यार करने का मौसम नहीं आता हैं,
पर जब तुम सामने आते हो, तो हर
मौसम मजेदार बन जाता हैं।।

ऊपर से तो सूरज की गर्मी ने सता रखा है
नीचे इस लड़की की अग्नि ने जला रखा है

मौसम बदलता है तुम भी बदल गये,
ये नये जमाने का इश्क़ है हम भी बदल गये.

दर्द दर्द में कोई मौसम प्यारा नही होता,
दिल हो प्यासा तो पानी से गुजारा नही होता,
कोई देखे तो हमारी बेबसी,
हम सभी के हो जाते हैं ,
पर कोई हमारा नही होता।।

गर्मी वाले मौसमी मज़े
ठंडे पानी से नहाने का मजा
ठंडी कुल्फी को खाने का मज़ा
निम्बू पानी को बनाने का मज़ा
भरी गर्मी में बत्ती जाने का मज़ा

रोमांटिक मौसम शायरी

मौसम का मजा तो गरीब लेते है,
अमीरों को गर्मी, सर्दी और
बरसात के मौसम का पता ही
कहाँ चलता है.

कुछ दर्द कुछ नमी कुछ बातें जुदाई की।
गुजर गया ख्यालों से तेरी याद का मौसम।।

गर्मी के मौसम का भी एक पल आता है
जिसमे आधे कपड़े और ठंडे पानी का नल भाता है

प्यार के मौसम में जीवन बीत जाएँ,
तो वो जिंदगी सबसे खूबसूरत है,
एक तरफ़ा प्यार में जीवन बीत जाएँ,
वो भी जिन्दगी हसीन है,
मगर जिसको किसी से प्यार नही है,
उसके जीना ही बेकार है.

एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरबाई भी।
ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी।।

हँसाना नहीं बस रुलाना जनता है
हाय ये गर्मी का मौसम बस … जलाना जानता है

बाहर के मौसम से यूँ भी बेखबर होया न कर,
किसी की यादों में यूँ भी दिन-रात खोया न कर.

कोई मौसम हो दिल-गुलिस्ताँ में।
आरज़ू के गुलाब ताज़ा हैं।।

किसने जाना है बदलते हुए मौसम का मिज़ाज।
उसको चाहो तो समझ पाओगे फ़ितरत उसकी।।

उदास ज़िन्दगी, उदास वक्त, उदास मौसम।
कितनी चीज़ों पे इल्ज़ाम लग जाता है तेरे बात न करने से।।

साहिल. रेत. समंदर लहरें बस्ती .जंगल सहरा दरिया
खुशबू मौसम फूल दरीचे बादल सूरज चाँद सितारे
आज ये सब कुछ नाम तुम्हारे।।

shayari on mausam

अच्छा सुनो तुम अपना जरा ध्यान रखना,
अभी मौसम बीमारी का भी हैं और इश्क का भी।।

टपक पड़ते हैँ आँसू जब किसी की याद आती है।
ये वो बरसात है जिसका कोई मौसम नहीँ होता।।

शहर में बिखरी हुई हैं, ज़ख्म-ए-दिल की खुशबुएँ,
ऐसा लगता है के दीवानों का मौसम आ गया।।

जुदाई की रुतों में सूरतें धुंधलाने लगती हैं,
सो ऐसे मौसमों में आइना देखा नहीं करते।।

वही पर्दा, वही खिड़की, वही मौसम, वही आहट।
शरारत है, शरारत है, शरारत है, शरारत है।

सर्द मौसम में छनी हुयी धुप सी लगते हो।
कोई बादल हरे मौसम का फ़िर ऐलान करता है।।

मौसम पर शायरी

इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने।
धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें।।

मौसम अच्छा हो गया है,
लगता है मेरी जिंदगी में
तुम आने वाले हो।।

मौसम इस कदर खुमारी मे है।
मेरा शहर भी शिमला होने की तैयारी में है।।

बालकनी से बाहर आकर कर देखो ये जानेजाना।
मौसम तुम से मेरे दिल की बात कहने आया है।।

रंग पैराहन का खुश्बू जुल्फ लहराने का नाम।
मौसम-ए-गुल है तुम्हारे बाम पर आने का नाम।।

बदला जो रंग उसने हैरत हुयी मुझे।
मौसम को भी मात दे गयी फ़ितरत जनाब की।।

suhana mausam shayari

हमें क्या पता था, ये मौसम यूँ रो पड़ेगा।
हमने तो आसमां को बस अपनी दास्ताँ सुनाई है।।

वाह मौसम आज तेरी अदा पर
दिल को प्यार आ गया, वो पास आई,
और तू बारिश बनकर बरस गया।।

क्यों आग सी लगा के गुमसुम है चाँदनी,
सोने भी नहीं देता मौसम का ये इशारा।।

उसे छुआ तो दिसम्बर में प्यास लगने लगी।
कि उसके ज़िस्म का मौसम तो जून जैसा है।।

कहानी बस इतनी सी थी तेरी मेरी मोहब्बत की।
मौसम की तरह तुम बदल गए
और फसल की तरह हम बरबाद हो गए।।

धूप भी खुल के कुछ नहीं कहती ,
रात ढलती नहीं थम जाती है।
सर्द मौसम की एक दिक्कत है ,
याद तक जम के बैठ जाती है।।

क्यूँ किसी की यादों को सोच कर रोया जाए,
क्यूँ किसी के ख्यालों में यूँ खोया जाए।
बाहर मौसम बहुत ख़राब हैं,
क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए।।

लो बदल गया मौसम।
हूबहू तुम्हारी तरह।।

जब जब आता है यह बरसात का मौसम,
तेरी याद होती है साथ हरदम।
इस मौसम में नहीं करेंगे याद तुझे यह सोचा है हमने,
पर फिर सोचा की बारिश को कैसे रोक पाएंगे हम।।

हम कि रूठी हुई रुत को भी मना लेते थे।
हम ने देखा ही न था मौसम-ए-हिज्राँ जानाँ।।

कहीं फिसल ना जाओ ज़रा संभल के रहना।
मौसम बारिश का भी है और मुहब्बत का भी।

बदलते मौसम पर शायरी

बरसता, भीगता मौसम है कमज़ोरी मेरी लेकिन,
मैं ये रिमझिम, घटा, बादल तुम्हारे नाम करता हूँ।।

ये सुहाना मौसम, ये हल्की हवायें. फरवरी आ रही हैं।
बोलो, पट रहे हो तुम या हम किसी और को पटाये।।

ये दिसम्बर तो बातोँ का मौसम था।
दुआ करो कि जनवरी बांहोँ का मौसम हो।।

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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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