Dil Ko Chune Wali Shayari
दिल को छूने वाली शायरी | Dil Ko Chune Wali Shayari
Dil Ko Chune Wali Shayari
एक वो था बदल गया,
एक में था बिखर गया,
एक वक़्त था गुज़र गया।
उन्होंने हमें आजमाकर देख लिया,
इक धोखा हमने भी खा कर देख लिया.
क्या हुआ हम हुए जो उदास,
उन्होंने तो अपना दिल बहला के देख लिया
इश्क ऐसा था कि उनको बता ना सके ,
चोट थी दिल पे जो दिखा ना सके ,
नहीं चाहते थे हम उनसे दूर होना ,
लेकिन दूरी इतनी थी कि हम मिटा ना सके ।
टूटे हुए काँच की तरह चकनाचूर हो गए,
किसी को लग ना जाये इसलिए सबसे दूर हो गए।
ढूंढ तो लेते अपने प्यार को हम, ;
शहर में भीड़ इतनी भी न थी..;
पर रोक दी तलाश हमने, ;
क्योंकि वो खोये नहीं थे, बदल गये थे
रब से आपकी खुशीयां मांगते है,
दुआओं में आपकी हंसी मांगते है,
सोचते है आपसे क्या मांगे,
चलो आपसे उम्र भर की मोहब्बत मांगते है।
बहुत आसान है दर्द को छुपाना,
पर नहीं आसान किसी अपने को भुलाना।
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई
जानने की कोशिश की थी तुमको,
तुमने कभी मुझ पर ध्यान ना दिया,
औरों पर तुम्हे गहरा विश्वास था,
जिसने अपना समझा उस पर विश्वास ना किया।
उसने कहा था आँखें भर के देखा कर मुझे,
अब आँखें तो भर आती हैं पर वो नहीं दिखते।
यह आरजू नहीं कि किसी को भुलाएं हम;
न तमन्ना है कि किसी को रुलाएं हम;
जिसको जितना याद करते हैं;
उसे भी उतना याद आयें हम
मुझे समझना है तो बस अपना समझ लेना,
क्योंकि हम अपनों का साथ,
खुद से ज़्यादा निभाते है।
जिसकी गलतियों को भुला
के मैंने रिश्ता निभाया है,
उसी ने मुझे बार बार फालतू
होने का एहसास दिलाया है।
तू तो हँस हँसकर जी रही है,
जुदा होकर भी….कैसे जी पाया होगा वो,
जिसने तेरे सिवा जिन्दगी कभी सोची ही नहीं
सच जान लो अलग होने से पहले,
सुन लो मेरी भी अपनी सुनने से पहले,
सोच लेना मुझे भुलने से पहले,
रोई है बहुत ये आंखे मुस्कुराने से पहले।
किसी को भूल कर सो जाना इतना असान नहीं होता,
ये दिल के दर्द हैं जनाब ये दिखाई नहीं देता।
पास आ ज़रा दिल की बात बताऊँ तुझको,
कैसे धड़कता है दिल की आवाज़ सुनाऊँ तुझको,
आकर देख ले दिल पर नाम लिखा है तेरा,
तूँ कहे तो दिल चीर के दिखाऊँ तुझको।
वो लड़की थी जो सब
कुछ भूल गई एक रोने के बाद,
और वो लड़का था
जो तड़पता रहा उसे खोने के बाद।
वो हर बार अगर रूप बदल कर न आया होता,
धोका मैने न उस शख्स से यूँ खाया होता,
रहता अगर याद कर तुझे लौट के आती ही नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैने तुझे यु न गवाया होता
हस्ती मिट जाती है आशियाँ बनाने मे,
बहुत मुस्किल होती है अपनो को समझाने मे,
एक पल मे किसी को भुला ना देना,
ज़िंदगी लग जाती है किसी को अपना बनाने मे।
Dil Ko Chune Wali Shayari
चला गया वो हमें छोड़ कर बेगानों की तरह,
जैसे कभी हमे अपना समझा ही नही।
एक फूल का दर्द उसकी जुकि डाली समझते हे,
बाग की बात बाग का माली ही समझते हे,
ये किस तरह की रात बनाई हे दुनियावाले ने,
दिए का दिल जलता हे और लोग रोशनी समजते हे
दिल का दर्द एक राज बनकर रह गया,
मेरा भरोसा मजाक बनकर रह गया,
दिल के सोदागरोसे दिल लगी कर बैठे,
शायद इसीलिए मेरा प्यार इक अल्फाज बनकर रह गया।
एक शक्स की ही तो बात है,
“मौला”
पुरी कायनात कीसने मांगी है।
हम वो नही जो तुम्हे गम में छोड़ देंगे,
Ham वी नही जो तुजसे नाता तोड़ देंगे,
हम वो हे जो तुम्हारी साँसे रुके तो,
अपनी साँसे छोड़ देंगे।
दीवाना हूं मैं उसके लिए इस तरह,
दीवानी है वो किसी और के लिए जिस तरह।
तेरी याद आई ती थोड़ा उदास हो जाऊंगा,
जिन्दगी से फिर एक बार निराश ही जाऊंगा,
कभी सोचा भी ना था ऐसा भी होगा,
तेरी खुशी के लिए मै खुद को रूलाऊंगा।
तरस गए हैं हम थोड़ी सी वफा के लिए,
अब ये उम्र भी कम पड़ने लगी है
इश्क़ में सजा के लिए।
मेरी साँसों को भी आज टूट जाने दे ए-खुदा
मेरे ख्वाबों की तरह, उसके वादों.
तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे दिल में
रुह तक गिरवी है मेरी, तेरी चाहत में.
उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं,
ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी।
ख्वाइश नही अब कुछ भी पाने की,
जब जाना ही था तुझे जो जरूरत ही क्या थी
मेरी जिंदगी में आने की।
तन्हाई का उसने मंज़र नहीं देखा
अफ़सोस की मेरे दिल के अन्दर नहीं देखा
दिल टूटने का दर्द वो क्या जाने,
वो लम्हा उसने कभी जी कर नहीं देखा
चलो यूँ ही सही हम बेवफ़ा हैं,
मगर ये तो बताएँ आप क्या हैं।
ज़रा देर क्या हुई मेरे आने में,
सब्र नहीं किया तूने घर बसाने में।
उसे उड़ने का शौक था
और हमें उसके प्यार की कैद पसंद थी,
वो शौक पूरा करने उड़ गयी जो
आखिरी सांस तक साथ देने को रजामंद थी
नींद चुराने वाले पूछते हैं सोते क्यों नही,
इतनी ही फिक्र है तो फिर हमारे होते क्यों नही।
मेरी वफ़ा की कदर ना की
अपनी पसंद पे तो ऐतबार किया होता
सुना है वो उसकी भी ना हुई,
मुझे छोड दिया था उसे तो अपना लिया होता
पूरी दुनिया, नफरतों में जत रही है
फिर भी ना जाने कैसे ठंड तगरही है
अब मैं अपनी जिन्दगी से कोई हसरत क्यों करूँ,
बेवफाई उसने की है तो गाँव से नफरत क्यों करूँ।
Read Also: भरोसा शायरी
Dil Ko Chune Wali Shayari
सुनो जानू वह जो लाखों में एक होता है ना
मेरे लिए आप वही हो।
वो चांद सा हर रात चमकता रहा,
मैं तारा सा एक रात टूट गया।
खुशी मेरी काँच के जैसी थी ऐ दोस्तों,
ना जाने कितनों को चुभ गयी
गुस्सा इतना के मैसेज ना करना और प्यार इतना
की बार बार देखना उनका मैसेज आया के नहीं।
जब मिलो किसी से
तो जरा दूर का रिश्ता रखना,
बहुत तङपाते है
अक्सर सीने से लगाने वाले।
खुद को औरों की तवज्जो का तमाशा न करो,
आइना देख लो अहबाब से पूछा न करो,
शेर अच्छे भी कहो, सच भी कहो, कम भी कहो,
दर्द की दौलत-ए-नायाब को रुसवा न करो
टुकड़े पड़े थे राह में किसी हसीना की तस्वीर के,
लगता है कोई दीवाना आज समझदार हो गया ।
कुछ सपने बुरे वक़्त ने तोड़ दिए,
और कुछ हमने देखने ही छोड़ दिए।
बिखरे अरमान, भीगी पलकें और ये तन्हाई,
कहूँ कैसे कि मिला मोहब्बत में कुछ भी नहीं
न जाने क्या बात है।
तुझमें जो तुझसे बात करते ही
सारे दर्द दूर हो जाते हैं।
शिकायत करे भी तो किससे,
वो सुनने वाले नहीं रहे,
घाव दिखाये भी तो किसको
वो मलहम लगाने वाले नहीं रहे।
कहीं किसी रोज़ यूँ भी होता,
हमारी हालत तुम्हारी होती,
जो रात हमने गुज़ारी तड़प कर,
वो रात तुमने गुज़ारी होती
ज़िन्दगी को टुकड़ो में जी रहा हूँ,
कल उसकी मोहब्बत में जीया,
आज उसकी यादो में जी रहा हूँ।
कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये,
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह,
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए,
सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह
जरूरी नहीं जो साथ होते है वो खास होते है,
अक्सर जो दूर होते है वही दिल के पास होते है।
हमे कहां मालुम था इश्क होता क्या है
बस एक तुम मिलें और जिन्दगी मुहब्बत बन गई
हम क्या उम्मीद करते अंजान लोगो से,
जब मुसीबत के समय हमारे
अपनों ने ही हमारा साथ छोड़ दिया।
मेरे दिल में ज्यादा देर तक रुकता नहीं कोई..
लोग कहते हैं मेरे दिल में साया है तेरा.
अब न खोलो मेरे घर के उदास दरवाज़े,
हवा का शोर मेरी उलझनें बढ़ा देता है।
जब जब तुम होगे तनहा, मैं साथ रहूँगी…
न रहूँ जहाँ मे फिर भी बन के अहसास रहूँगी
Dil Ko Chune Wali Shayari
लिखना था कि खुश हैं,
तेरे बगैर भी यहां हम,
मगर कमबख्त आंसू हैं कि,
कलम से पहले ही चल दिए।
देखी है बेरुखी की… आज हम ने इन्तेहाँ,
हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए
मत खोल मेरी किस्मत की किताब को,
हर उस शख्श ने दिल को दुखाया है
जिस पर मुझे नाज़ था।
गवाह कोई नहीं साहब सबूत भी है नहीं कोई
मगर मेरे दिल की चोरी की तो तुम ने ही की है
सच कहा था किसी ने अकेले
जीना सीख लो,
मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो
साथ छोड़ ही जाती है।
बदल जाती हो तुम कुछ पल साथ बिताने के बाद
यह तुम मोहब्बत करती हो या नशा
कौन कहता है सिर्फ नफरतो में ही दर्द है,
कभी कभी बेपनाह मोहब्बत भी बहुत दर्द देती है।
अपनी हालात का ख़ुद अहसास नहीं है मुझको
मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूं मैं
वो जिसे समझते थे जिंदगी,
मेरी धड़कनों का फरेब था,
मुझे मुस्कराना सिखा के,
वो मेरी रूह तक रुला गए।
क्या अजीब खेल रहा है
इस मोहब्बत का भी,
किसी को हम न मिले
और कोई हमें न मिला।
तुम भी कर के देख लो मोहब्बत किसी से,
जान जाओगे की हम मुस्कुराना क्यों भूल गए।
Read Also