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दुनिया के सात अजूबे के नाम और फोटो

मनुष्य ने अपनी कला से ऐसे कई प्रदर्शन किये है, जिसे देखकर दुनिया आज भी हैरान है। अपनी उत्कर्ष्ट कला से कई इमारतें, मन्दिर, मस्जिद, स्मारक, मकबरा जैसे भवनों का निर्माण किया है, जो आज भी पूरी दुनिया के लिए अजूबा बना हुआ है।

इन इमारतों की बेहतरीन बनावट और कलाकृति सभी को हैरान करने वाली है। इन्हीं इमारतों में से कुछ Duniya Ke Ajoobe हैं, जिन्हें हम विश्व के सात अजूबे के नाम से जानते हैं। इस पोस्ट में दुनिया के सात अजूबे के नाम और फोटो सहित पूरी जानकारी बताने जा रहे हैं।

Duniya Ke Saat Ajoobe
Duniya Ke Saat Ajoobe

अजूबा का हिन्दी में अर्थ होता है कि सभी को हैरान करने वाला, सबसे विचित्र या फिर सबसे अनोखा। आज भी कई लोग ऐसे जिन्हें अभी तक Duniya ke Saat Ajoobe Kaun Kaun se Hain इनका सही से पता नहीं है। इसलिए यहां पर दुनिया के सात अजूबे के फोटो और नाम सहित पूरी जानकारी दे रहे हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्राचीन दुनिया के अजूबे चुनने का सबसे पहले विचार हेरोडोटस और कल्लिमचुस को 2200 साल पहले आया था। इन्होंने एक अजूबो की सूची तैयार की, जिसमें दुनिया के सात अजूबे थे। ये अजूबे धीरे-धीरे नष्ट हो गये।

फिर एक नई विश्व के अजूबो की सूची शोधकर्ताओं और इंजीनियरों द्वारा तैयार की गई, जिसे पूरी दुनिया से सहमती नहीं मिल पाई। फिर एक विशेष प्रक्रिया का सहारा लिया गया।

दुनिया के सात अजूबे कैसे चुने गए?

पहले चुने गए दुनिया के अजूबे नष्ट हो चुके थे, इसलिए दुनिया के अजूबे की सूची वापस तैयार करने का विचार किया गया। अजूबो की सूची तैयार करने की शुरूआत स्विटजरलैंड में की गई।

वहां एक फाउंडेशन का गठन किया गया। इस फाउन्डेशन ने एक वेबसाइट बनाई और इस वेबसाइट पर एक 200 धरोहरों की सूची बनाई। फिर इंटरनेट और मोबाइल के द्वारा एक पोल बनाया गया, जिसमें दुनिया के सभी लोगों ने वोट किये।

इस वोटिंग में 100 मिलियन लोगों ने अपने मोबाइल के जरिये भागीदारी निभाई। यह वोटिंग लम्बे समय तक चली थी और 2007 में इस वोटिंग का परिणाम आया। जिसमें हमारे सामने एक नई दुनिया के 7 अजूबे के नाम की लिस्ट थी।

दुनिया के सात अजूबे के नाम और फोटो (Duniya ke Saat Ajoobe)

यहां पर दुनिया के सात अजूबे कौनसे है, उनके नाम, निर्माण और कहां पर स्थित है के बारे में एक सारणी के माध्यम से बता रहे है।

अजूबे का नामजगह (देश)निर्माण
चीन की दीवारचीनसातवी BC शताब्दी
ताजमहलभारत1653
कोलोसियमइटलीAD 80
माचू पिच्चुपेरूAD 1450
पेट्राजोर्डन100 BC
क्राइस्ट रिडीमरब्राजील1931
चिचेन इत्जामैक्सिकोAD 600

चीन की दीवार

इस दीवार को चीन के शासकों द्वारा अपने राज्यों की सुरक्षा के लिए बनाया गया था। फिर धीरे-धीरे इस दीवार को जोड़ दिया गया। चीन की विशाल दीवार को दुनिया में सभी जानते हैं।

आज के समय में इस दीवार की आकृति एक किलेनुमा जैसी है। इस दीवार को बनाने में काफी समय लगा था। इस दीवार का निर्माण सातवीं शताब्दी से सोलहवीं वीं शताब्दी तक हुआ।

इसकी शानदार कलाकृति और बनावट के कारण इसे ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना (Great Wall of China) के नाम से भी जाना जाता है। इस दीवार पर मानव द्वारा सुन्दर कलाकृति की गई है। यह दीवार वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष से भी दिखाई दी।

Duniya Ke Saat Ajoobe
Great Wall of China, China

इसकी लम्बाई लगभग 6400 किलोमीटर तक है। इस दीवार का विस्तार चीन के पूर्व के दंदोग से पश्चिम के लोप लेक तक है। चीन की दीवार की ऊंचाई 35 फीट है और चौड़ाई में 10 से 15 लोग आसानी से चल सकते हैं।

इसके निर्माण में ईंट, लकड़ी, पत्थर, मिट्टी और दूसरी सामग्री भी शामिल है। इस दीवार को लेकर ऐसा भी माना जाता है कि 20 लाख से 30 लाख लोगों ने इसके निर्माण में अपना जीवन लगा दिया था। यह दीवार पूरी तरह से मानव निर्मित है।

अजूबे का नामग्रेट वाल ऑफ़ चाइना (Great Wall of China)
कहां स्थित हैचीन
लम्बाई6400 किलोमीटर
चौड़ाई35 फीट
निर्माण कब हुआसातवी BC शताब्दी
निर्माण सामग्रीईंट, लकड़ी, पत्थर, मिट्टी और दूसरी सामग्री

ताजमहल

दुनिया के सात अजूबो में से एक अजूबा ताजमहल है, जो भारत के आगरा में स्थित है। ताजमहल बेपनाह मोहब्बत की निशानी के रूप में पूरे विश्व में जाना जाता है।

इसका निर्माण मुगल शासक शाहजहां द्वारा 1632 में करवाया गया था। इसे पूर्ण रूप से बनने में लगभग 22 वर्ष का समय लगा था। यह मुख्य रूप से 1642 में बनकर तैयार हो गया था लेकिन वैज्ञानिक महत्व और वास्तुकला में हिसाब से इसे 10 वर्ष और अधिक लग गए।

शाहजहाँ अपनी बेगम मुमताज से बेपनाह मोहब्बत करते थे। उन्होंने अपने प्यार को हमेशा के लिए इतिहास के पन्नो में दर्ज करवाने और लोग इसे याद रखे, इसलिए ताजमहल का निर्माण करवाया था।

Duniya Ke Saat Ajoobe
Taj Mahal, India

ताजमहल अपनी बनावट, कलाकृति और खूबसूरती के कारण पूरे विश्व जाना जाता है। इसके जैसी कलाकृती विश्व में और कहीं नहीं मिल सकती। ताजमहल पूरी तरह से सफ़ेद संगमरमर के पत्थरों से बना एक मकबरा है, जो पूरा सफ़ेद ही है।

इसके चारों ओर बगीचा बना हुआ है और सामने पानी की एक बारी बनी हुई है। इस महल को बनने में 20 साल तक का समय लग गया था। इसकी एक विशेष बात ये भी है कि ये चारों और देखने पर एक जैसा ही दिखाई देता है।

जब ये बनकर तैयार हो गया था तब शाहजहाँ ने इसको बनाने वाले मजदूरों के हाथ काटवा दिए थे ताकि ऐसी कोई और चीज नहीं बना सके। ताजमहल को मुमताज का मकबरा और मुमताज महल के नाम से भी जाना जाता है।

अजूबे का नामताजमहल
निर्माण कब हुआ1653
निर्माण किसने करवायाशाहजहाँ
कहां स्थित हैआगरा, भारत
निर्माण सामग्रीसफ़ेद संगमरमर के पत्थर
किसका प्रतीक हैप्रेम का प्रतीक

ताजमहल का इतिहास और इससे जुड़े रहस्य जानने के लिए यहां क्लिक करें।

कोलोसियम

इटली देश के रोम नगर में स्थित यह एक विशाल अंडाकार रूप का स्टेडियम है। इस स्टेडियम में पहले के समय में सांस्कृतिक कार्यक्रम, जानवरों की लड़ाई, खेलकूद के कार्यक्रम, रोमन शासन काल की महिमा का जश्न मनाने और गुलामों के बीच खूनी लड़ाई का कार्यक्रम आदि हुआ करते थे।

कोलोसियम दुनिया की प्राचीन वास्तुकलाओं में से एक है। वहां पर भूकंप आदि के आ जाने से थोड़ा बहुत ये प्रभावित हुआ है। ये स्टेडियम उस समय इतना विशाल था कि यहां पर एक समय में 50 हजार से 80 हजार लोग एक साथ बैठ सकते थे।

Duniya Ke Saat Ajoobe
Colosseum, Italy

इसका निर्माण उस समय के वहां के शासक वेस्पियन ने 70वीं-72वीं ईस्वी में शुरू करवाया था और इसको पूरा सम्राट टाईटस ने किया था।

इसके निर्माण में कंक्रीट और रेत का प्रयोग किया गया है। ये स्टेडियम 24000 वर्गमीटर में फैला हुआ है। इसकी बनावट इस प्रकार है कि आज के समय में इसके जैसी वापस कोई भी इमारत नहीं बनाई जा सकती।

अजूबे का नामकोलोसियम
निर्माण कब हुआ70वीं-72वीं ईस्वी
कहां स्थित हैरोम नगर, इटली
निर्माण सामग्रीकंक्रीट और रेत

माचू पिच्चु

माचू पिच्चु नाम का एक शहर है, जो एक पहाड़ी पर स्थित है। ये दक्षिण अमेरिका के पेरू देश में स्थित है। इसकी ऊंचाई 2430 फीट मानी जा रही है।

इस शहर को इनकान सम्राट के शासन काल में 15वीं शताब्दी में बसाया गया था। यहां पर ऐसा माना जाता है कि इंका सभ्यता निवास किया करती थी।

माचू पिच्चु कुज्को से 80 किलोमीटर उतर पश्चिम में है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इसका निर्माण 1400 के आसपास राजा पचाकुती द्वारा करवाया गया था।

Duniya Ke Saat Ajoobe
Machu Picchu, Peru

ऐसा कहा जाता है कि स्पेन ने इस पर आक्रमण कर इसे प्राप्त कर लिया था। लेकिन बाद में इसे ऐसे ही बिना देखरेख के छोड़ दिया। इसके कारण यहां की सभ्यता धीरे-धीरे गायब होती गई।

फिर 1911 में हीरम बिंघम नाम के इतिहासकार ने इसे वापस दुनिया के सामने लाने का काम किया। आज तक भी लोग हैरान है कि इतनी ऊंचाई पर इतना बड़ा शहर कैसे बस सकता है। आज के दिनों में ये एक आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

अजूबे का नाममाचू पिच्चु
निर्माण कब हुआ1400
निर्माण किसने करवायाराजा पचाकुती
कहां स्थित हैपेरू देश, दक्षिण अमेरिका
ऊंचाई2430 फीट

पेट्रा

ये एक शहर है, जो पश्चिम एशिया के जॉर्डन में स्थित है। इस शहर में लाल बलुआ पत्थर से बनी इमारते बहुत प्रसिद्ध है। इसका निर्माण चट्टनों को काटकर किया गया है। इसे रोससिटी के नाम से भी जाना जाता है।

Duniya Ke Saat Ajoobe
Petra, Jordan

ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण 1200 ईसा पूर्व हुआ था। यहां पर कई सुन्दर इमारतें मौजूद है, जिसमें ओपन स्टेडियम, नहर, तालाब, एक 138 फीट ऊंचा मंदिर आदि मौजूद है। इन सभी इमारतों पर बहुत ही खूबसूरत और सुंदर नक्काशी की गई है।

अजूबे का नामपेट्रा
कहां स्थित हैजॉर्डन, पश्चिम एशिया
निर्माण कब हुआ1200 ईसा पूर्व
निर्माण सामग्रीलाल बलुआ पत्थर

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क्राइस्ट रिडीमर

ये दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक प्रतिमा है, जो ईसा मसीह की है। ये प्रतिमा ब्राजील के रियो डी जेनेरो में स्थापित है। इस प्रतिमा का निर्माण 1922 में शुरू हुआ था और 12 अक्टूबर 1931 को वहां पर स्थापित कर दिया गया था।

Duniya Ke Saat Ajoobe
Christ Redeemer, Brazil

यह प्रतिमा 130 फीट ऊंची और 98 फीट चौड़ी है। इसके निर्माण में कंक्रीट और पत्थर का प्रयोग हुआ है। इस प्रतिमा का भर 635 टन के आसपास माना जाता है। यह प्रतिमा रियो शहर की 700 मीटर ऊंची कोरकोवाडो की पहाड़ी पर स्थित है।

ये पहाड़ी समुंद्र तल से 2300 फीट है, वहां से पूरा शहर साफ़ दिखाई देता है। इस प्रतिमा को ब्राजील के सिल्वा कोस्टा ने डिज़ाइन किया और फ्रेंच के मूर्तिकार लेनदोव्सकी ने बनाया। इसे ईशा धर्म का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है।

अजूबे का नामक्राइस्ट रिडीमर
कहां स्थित हैरियो डी जेनेरो, ब्राजील
निर्माण कब हुआ1922 में शुरू
निर्माण सामग्रीकंक्रीट और पत्थर
ऊंचाई130 फीट
चौड़ाई98 फीट
भार635 टन

चिचेन इट्ज़ा

ये मैक्सिको में स्थित एक प्राचीन मयान मंदिर है। इसका निर्माण 600 AD में हुआ था। ये एक पिरामिड की आकृति का है, जो 5 किलीमीटर के मैदान में फैला हुआ है। इसकी ऊंचाई 79 फीट है और इसके चारों ओर सीढियाँ ऊपर जाने के लिए बनाई गई है।

Duniya Ke Saat Ajoobe
चिचेन इट्ज़ा

चारों दिशाओं में हर दिशा में 91 सीढियां है। इसमें सभी सीढियां 364 है, जो एक साल के सभी दिनों का प्रतीक है और ऊपर बने चबूतरे को 365वां दिन माना जाता है।

चिचेन इत्जा माया का सबसे बड़ा शहर है और यहां पर अधिक जनसंख्या निवास करती है। यहां पर हर साल 1.4 मिलियन लोग घूमने आते हैं।

अजूबे का नामचिचेन इट्ज़ा
कहां स्थित हैमैक्सिको
निर्माण कब हुआ600 AD
ऊंचाई79 फीट

निष्कर्ष

मैं उम्मीद करता हूँ कि मेरे द्वारा शेयर की गई यह जानकारी दुनिया के सात अजूबे के नाम और फोटो (Duniya ke Saat Ajoobe) आपको पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह कैसी लगी, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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