चीज जिसे दिल कहते हैं, भूल गए हैं रख कर कहीं, एहसास जिसे प्यार कहते हैं, भूल गए हैं वो दफना के कहीं।
दिल चीर जाते हैं… ये अल्फाज उनके वो जब कहते हैं हम कभी एक नहीं हो सकते
मेरे दिल से हो या तेरे दिल से हो, प्यार के अल्फ़ाज़ निकलने चाहिए।
अलफ़ाज़ गिरा देते हैं जज़्बात की क़ीमत, हर बात को अलफ़ाज़ में तोला न करो।
अलफ़ाज़ तो बहुत हैं मोहब्बत बयान करने के लिए, पर जो खामोशी नहीं समझ सकते वो अलफ़ाज़ क्या समझेगेे
यहाँ कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फ़ाज़ मेरे, मतलब मोहब्बत में बर्बाद और भी हुए हैं।
रुतबा तो खामोशियों का होता है मेरे दोस्त, अलफ़ाज़ तो बदल जाते है लोगों को देखकर।
बहुत मुश्किल से करता हूँ, तेरी यादों का कारोबार, मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है…
बिखरे पड़े हैं हर्फ कई तू समेट कर इन्हे अल्फाज़ कर दे जोड़ दे बिखरे पन्ने को मेरी जिंदगी को तू किताब कर दे
मेरा अनकहा अल्फाज भी समझ जाती है, एक माँ ही है जो मुझको मुझसे बेहतर समझ पाती है।
कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ, गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ, रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू, मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।
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अगर आप अजनबी थे तो लगे क्यों नहीं, और अगर मेरे थे तो मुझे मिले क्यों नहीं..
मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा
जब तक अल्फाज मेरे महसूस ना होंगे, मोहब्बत के परिंदे रूह कैसे छूं पाएंगे।
मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझसे ,, जिंदगी सारी इस वहम ने ले ली…
यहाँ अलफ़ाज़ की तलाश में न आया करो यारो हम तो बस एहसास लिखते हैं, महसूस किया कीजिये
Alfaaz Shayari In Hindi
कमाल की चीज है ये मोहब्बत अधूरी हो सकती है, पर कभी खत्म नही हो सकती।
खत्म हो गयी कहानी बस कुछ अलफाज बाकी हैं एक अधूरे इश्क की एक मुक़्क़मल सी याद बाकी है
एक उम्र कटी दो अल्फाज में, एक आस में, एक काश में।
खता हो जाती है जज़्बात के साथ, प्यार उनका याद आता है, हर बात के साथ, खता कुछ नहीं, बस प्यार किया है, उनका प्यार याद आता है, हर अलफ़ाज़ के साथ।
मैंने नजदीकियों में खलिश देखी है, मैंने दूरियों में पनपता इश्क़ देखा है।
हां… याद आया उसका आखरी अलफ़ाज़ यही था जी सको तो जी लेना, लेकिन मर जाओ तो बेहतर है
दबे अल्फाजों को आवाज देकर, मानो खुदको खुदसे रिहा कर आऐ हम।
मैंने कब कहा की मिल जाए वो मुझे, गैर ना हो जाए बस इतनी सी हसरत है।
ना अल्फाज झूठे होते है, ना शब्दो के अंदाज झूठे होते है, लिख हुई हर बात में, कुछ सच्चे जज्बात छुपे होते है।
निखरे थे वो भी इश्क़ था बिखरे हैं ये भी इश्क़ है।
अल्फाज तो मेरे अपने है साहब, लेकिन इन अल्फाजो के पीछे कोई और है
चंद अल्फ़ाज़ के मोती हैं मेरे दामन में, है मगर तेरी मोहब्बत का तक़ाज़ा कुछ और।
आंखे थक गई हैं आसमान को देखते देखते, पर वो तारा नही टूटता, जिसे देखकर तुम्हे मांग लूं..
तमाम अल्फाज के मायने ही बदल गए, वह अपने चेहरे पर सो गई किताब रखकर।
हर अल्फाज दिल का दर्द है मेरा पढ़ लिया करो, कौन जाने कौन सी शायरी आखरी हो जाए, ये चेहरा ये रौनक ढल ही जाएंगे एक उम्र के बाद, हम मिलते रहेंगे ताउम्र यूँ ही अल्फ़ाज़ों के साथ।
शहर ग़ैर हो चुका है.. तुम ग़ैर हुए तो क्या हुए…!
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ये लिखे हुए अल्फाज ही तो मुझे मेरे होने का सबूत देते है, वरना इस रूह को अपने रूह की खबर कहाँ।
कुछ अल्फाज के सिलसिले से बनती है शायरी, और कुछ चेहरे अपने आप में पूरी गजल होते हैं।
कभी मोहब्बत करने का दिल करे तो ग़मों से करना मेरे दोस्त, सुना है, जिसे जितनी मोहब्बत करो वो उतना ही दूर चला जाता है।
लिखे हुए अल्फाज तो सभी पढ़ते है साहब, कोई खामोशी समझने वाला भी चाहिए।
Alfaaz Shayari In Hindi
महसूस करोगे तो कोरे कागज पर भी नज़र आएंगे, हम अल्फ़ाज़ हैं तेरे हर लफ्ज़ में ढल जाएंगे।
जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें, उस बदनसीब से ना सहारों की बात कर।
कैसे बयां करूं अल्फाज नहीं है, दर्द का मेरे तुझे एहसास नहीं है, पूछते हो मुझसे क्या दर्द है, मुझे दर्द ये ही कि तू मेरे पास नहीं है।
मुकम्मल ना सही अधूरा ही रहने दो, ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं है। ,
बात ये है कि लोग बदल गए हैं ज़ुल्म ये है कि मानते भी नहीं.
खामोशी को चुना है अब बाकी है सफर के लिए, अब अल्फाजोंको जाया करना हमें अच्छा नहीं लगता।
उलझने क्या बताऊं जिन्दगी की, तेरे गले लगकर तेरी ही शिकायत करनी है।
कई हर्फ़ों से मिल कर बन रहा हूँ, बजाए लफ़्ज़ के अल्फ़ाज़ हूँ मैं।
वो जो संजीदगी से कहना था वो तो हम कह चुके शरारत में।
सारी रात तेरे यादों में खत लिखते रहे, पर दर्द ही इतना था की, अश्क बहते रहे और अल्फाज बहते रहे।
हालात कह रहे हैं अब मुलाकात नही मुमकिन, उम्मीद कह रही है थोड़ा और इंतजार कर.!!
अधूरे रहते हैं मेरे अल्फाज तेरे जिक्र के बिना, मेरी शायरी की रूह तो बस तु है।
बहुत कमियां हैं हम में ये हमें लोग हर रोज बताते हैं.
ये अलग बात कि अल्फ़ाज़ हैं मेरे लेकिन, सच तो बस ये है कि तेरी ही सदा है मुझ में।
मीठे बोल बोलिए क्योंकि अल्फाजों में जान होती है, इन्हीं से आरती अरदास और अजान होती है, ये दिल के समंदर के वो मोती हैं, जिनसे इंसान की पहचान होती है।