वचन (परिभाषा, भेद और उदाहरण) | Vachan Kise Kahate Hain
वचन किसे कहते हैं?
वचन के शाब्दिक अर्थ को संख्या वचन के नाम से भी जाना जाता है। संख्या वचन को भी वचन ही कहते हैं। जब किसी संख्या के किसी भी रुप से किसी व्यक्ति वस्तु या शब्द को एक या एक से अधिक होने का प्रमाण मिलता है तो उसे वचन कहते हैं।
अर्थात
संज्ञा के जिस भी रुप से संख्या का पता चले उसे वचन कहते हैं या संज्ञा, विशेषण, सर्वनाम और क्रिया के जिस भी रूप से हमें उसके एक या एक से अधिक होने का पता चले उसे वचन कहते हैं।
अर्थात
भाषा विज्ञान में एक वचन एक सर्वनाम विशेषण क्रिया और संज्ञा आदि की व्याकरण से संबंध रखता हो, जो किसी शब्द की संख्या की सूचना देता हो (एक या एक से अधिक) उसे वचन कहते हैं। ज्यादातर भाषाओं में दो वचन का प्रयोग किया जाता है, जोकि एकवचन और बहुवचन के नाम से जाना जाता है, परंतु कुछ अन्य भाषा जैसे संस्कृत भाषा में द्विवचन भी होता है।
उदाहरण
- राधा खेलती है।
- लड़कियां पढ़ती है।
- यहां बहुत सी सब्जियां रखी है।
- तलाब में मछलियां रहती है।
- बगीचे में बहुत सारे फूल है।
उपर्युक्त वाक्यों में राधा, लड़कियां, सब्जियां, तालाब, मछलियां, बगीचे, फूल जैसे शब्द उनके एक या एक से अधिक होने का प्रमाण देते हैं। अतः यहां पर लड़की, तलाब, बगीचा, एकवचन के शब्द है तथा लड़कियां, सब्जियां मछलियां, फूलों सभी बहुवचन के शब्द हैं।
किसी भी शब्द के जिस रूप से उसके एक या उससे अधिक होने का पता चलता हो, उस शब्द को हिंदी व्याकरण में वचन कहते हैं।
वचन के भेद
हिंदी व्याकरण में वचन के मुख्य दो भेद होते हैं।
- एकवचन
- बहुवचन
संस्कृत व्याकरण में वचन के तीन प्रकार होते हैं।
- एकवचन
- द्विवचन
- बहुवचन
अंग्रेजी व्याकरण में भी वचन के दो भेद होते हैं।
- सिंगुलर (Singular)
- प्लूरल (Plural)
एकवचन किसे कहते हैं?
किसी संख्या के जिस भी रूप से किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु या पदार्थ के सिर्फ एक वस्तु होने का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं।
अर्थात
जिस शब्द के कारण किसी वस्तु, व्यक्ति, प्राणी, आदि के एक होने का ज्ञान हो, उसे एक वचन कहते हैं।
जैसे: गाय, सिपाही, बच्चा, लड़का, लड़की, कपड़ा, माता-पिता, माला, पुस्तक, स्त्री, टोपी, बेटी, बेटा, घोड़ा, नदी, कमरा, घर-घर, पर्वत, में, वह, यह, रुपया, बकरी, माली, अध्यापक, अकेला, गाड़ी, चिड़िया, संतरा, चूहा, तोता, गमला, स्त्री, बंदर, इत्यादि।
बहुवचन किसे कहते हैं?
किसी शब्द के जिस भी रुप से किसी वस्तु, व्यक्ति के एक से अधिक होने का ज्ञान हो, उसे बहुवचन कहते हैं।
अर्थात
जिस किसी भी शब्द के कारण हमें व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पदार्थ आदि के एक से अधिक होने या अनेक होने का बोध हो, उसे बहुवचन कहते हैं।
जैसे: लड़के, कपड़े, लड़कियां, गाय, मालाएं, माताएं, पुस्तकें, टोपियां, गुरुजनों, रोटियां, कलम, में, पेंसिले, कॉपियां, पर्वतों, नदियों, केले, गमले, हुए, तोते, घोड़े, घरिया, हम, वह, यह, बकरियां, गाड़ियां, रुपया इत्यादि।
एकवचन और बहुवचन के पहचानने के नियम
1. किसी भी आदरणीय, सम्मानीय व्यक्तियों के लिए हमें सदैव बहुवचन का इस्तेमाल या उपयोग करना चाहिए। क्योंकि यहां एक वचन व्यक्तिवाचक संज्ञा को ही बहुवचन में प्रयोग कर वाक्य बनाया जाता है।
जैसे
- महात्मा गांधी जी पश्चिम चंपारण गए थे।
- हमारे गुरु जी कल बीमार हो गए थे।
- कल मेरे पापा जी कोलकाता जा रहे हैं।
- शास्त्री जी बहुत ही अच्छे व्यक्ति थे।
- भीमराव अंबेडकर जी ने छुआछूत के विरोध में कानून लाया था।
2. एकवचन और बहुवचन का प्रयोग हम सदैव किसी भी संबंध को दर्शनीय संबंध के लिए समान रूप से इस्तेमाल करते हैं।
जैसे नाना, ताऊ, मामी, ताई, मामा, नानी, चाचा, चाची, दादा-दादी इत्यादि।
3. किसी द्रव्य का इस्तेमाल करने के लिए द्रव्य सूचक संख्याओं का उपयोग करते हैं। इसलिए इसमें एकवचन का ही उपयोग होता है।
जैसे: पानी, दूध, दही, लस्सी, तेल, घी, रायता इत्यादि।
4. कुछ ऐसे शब्द होते हैं, जो हमेशा बहुवचन में ही प्रयोग किए जाते हैं।
जैसे: हस्ताक्षर, अश्रु, आंसू, अक्षर, आशीर्वाद, धाम, दर्शन, प्राण, लोग, समाचार, दर्शक, भाग्य के स्रोत इत्यादि।
उदाहरण
- राम का हस्ताक्षर किसी विद्वान आदमी की तरह है।
- कुछ तो लोग कहेंगे। लोगों का काम है, कहना!
- आजकल मंदिरों में दर्शन मिलना मुश्किल हो गया है, क्योंकि लॉकडाउन के कारण सभी मंदिर बंद है।
- पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं।
- आजकल तो समाचार में अच्छा न्यूज़ आता ही नहीं सिर्फ फालतू की न्यूज़ समाचार वाले देते रहते हैं।
- सीता ने अपने विद्यालय में लॉकडाउन होने के बाद घर आकर सबसे पहले उसने अपने माता-पिता के आशीर्वाद लिए।
5. पुल्लिंग वचन में ईकारांत, उकारांत और ऊकारांत जैसे शब्दों में हमेशा दोनों वचनों का समान रूप से ही प्रयोग किया जाता है।
जैसे: एक डाकू, 10 डाकू, एक आदमी, 100 आदमी, मुनि, एक मुनी, 4 मुनि।
6. कभी बड़प्पन दिखाने या बड़ों का आदर करने के लिए वह और मैं की जगह है वह और हम का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे:
- मालिक ने अपने नौकर से कहा की हम कहीं जा रहे हैं, दुकान को अच्छे से संभाल लो।
- जैसे ही गुरुजी कक्षा में आए तो वह बहुत ही क्रोधित हो गए।
- हमें याद नहीं की हमने कब अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेला हो।
7. अच्छा व्यवहार करने के लिए तुम किधर है आप का भी उपयोग किया जा सकता है। जैसे:
- आप हमारे दोस्त हैं इसलिए हम आपके दोस्त हैं।
- आप तो अभी बस 5 साल के ही हो फिर भी कितनी तेज हो।
8. एकवचन और बहुवचन दोनों में जातिवाचक संज्ञा का प्रयोग होता है। जैसे:
- लड़का पढ़ रहा है।
- लड़के पढ़ रहे हैं।
- मोहन जा रहा है।
- सोहन मोहन दोनों जा रहे हैं।
- बैल के चार पैर होते हैं।
- बैल के चार पैर होते हैं।
- शेर एक जंगली जानवर है।
- शेर जंगली जानवर होते हैं।
- जंगल का राजा शेर है।
- शेरों में बहुत तेज दिमाग होता है।
9. किसी भी धातु की जाति बताने के लिए संज्ञा का एकवचन में होता है जैसे: सोना, चांदी, तांबा, पीतल, धन इत्यादि।
उदाहरण
- सोना का दाम बहुत ही बढ़ गया है।
- आप की बनाई हुई चांदी अच्छी नहीं है।
- तांबा का बहुत अच्छा मूर्ति है।
10. किसी वस्तु के गुण को बताने के लिए गुणवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा दोनों का प्रयोग एकवचन और बहुवचन दोनों में उपयोग किया जाता है। जैसे:
- पतंजलि की दवाइयों में बहुत सारी खूबियां है।
- डॉ राजेंद्र प्रसाद बहुत ही सज्जन व्यक्ति थे।
- हमारे गुरुजी बहुत विद्वान है।
- प्रीति धोखे से ग्रस्त है।
11. केवल एक वचन में ही हर एक प्रत्येक और हर का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे:
- यहां के हरे कुएं में मीठा पानी आता है।
- भारत के प्रत्येक युवा में बहुत सारे कौशल पाए जाते हैं।
- आजकल हर इंसान एक दूसरे से झूठ बोलता है।
12. समूहवाचक संज्ञा का उपयोग केवल एक वचन के साथ ही किया जाता है जैसे:
- एक राज्य में 90% जनता अनपढ़ है।
- बंदरों की एक टोली ने बगीचे का सारा केला और अन्य फल खराब कर दिया।
13. एक से अधिक समूहों का बोध करने के लिए समूहवाचक संज्ञा का उपयोग बहुवचन में किया जाता है। जैसे:
- इस स्कूल में बहुत सारे विद्यार्थियों पढ़ते हैं।
- शहंशाह अकबर की सदी में अनेकों देशों की प्रजापत बहुत सारे अत्याचार किए गए थे।
14. एक से अधिक अवयवों का प्रयोग बहुवचन के साथ होता है, लेकिन एक वचन में उनके आगे एक लगाकर एकवचन में प्रयोग किया जा सकता है। जैसे: आंख, कान, दांत, पर, उंगली, अंगूठे, इत्यादि।
उदाहरण:
- राम के दांत बहुत ही चमकीले हैं।
- ्रीति की बाल सफेद हो चुके हैं।
- राधा के बाल झड़ रहे हैं।
- सुशीला की एक आंख मैं लोहे के कन जाने के कारण खराब हो गई है।
- हमारे पड़ोस के एक लड़की मंजू के सारे दांत गिर गए।
15. करण कारक के शब्द जैसे जारा गर्मी प्यास भोग इत्यादि को हमेशा बहुवचन के साथ ही प्रयोग किया जाता है जैसे:
- शहर के सारे भिकारी भूखे मर रहे हैं।
- ठंड में कुत्ते के बच्चे ठिठुर रहे हैं।
- मई-जून की गरमी बहुत ही खतरनाक होती है।
16. एकवचन संज्ञा शब्दों के साथ उन लोग समूह जन बृंदवन दल जाति जैसे शब्दों के साथ बहुवचन मैं उपयोग किया जाता है जैसे:
- छात्र गन बहुत ही व्यस्त हो गए हैं।
- मजदूर लोग की नौकरी चली गई है।
- आजकल स्त्री जाति हर जगह है।
- अपना कौशल का झंडा का रही है।
एकवचन से बहुवचन बनाने के मुख्य बिंदु
एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम इस प्रकार हैं:
1.जब आकारांत के पुल्लिंग शब्दों में एक ही जगह एक लगाकर शब्द को बहुवचन में परिवर्तित किया जाए तो निम्नलिखित उदाहरण से आप समझ सकते हैं।
जूता |
जूते |
तारा |
तारे |
लड़का |
लडके |
घोडा |
घोड़े |
बेटा |
बेटे |
मुर्गा |
मुर्गे कपड़ा – कपड़े |
गधा |
गधे |
कौआ |
कौए |
केला |
केले |
2. जब आकारांत के स्त्रीलिंग शब्दों में ओके जगह ए की मात्रा में परिवर्तन करके बहुवचन में परिवर्तित किया जाता है, तो वह सब निम्नलिखित होते हैं।
कलम |
कलमें |
बात |
बातें |
रात |
रातें |
किताब |
किताबें |
गाय |
गायें |
बहन |
बहनें |
झील |
झीलें |
सडक |
सडकें |
दवात |
दवातें |
आँख |
आँखें |
पुस्तक |
पुस्तकें |
3. जब आकारांत की स्त्रीलिंग शब्द में आ की मात्रा की जगह एँ की मात्रा मैं परिवर्तित किया जाए, तो निम्नलिखित प्रकार के शब्द बनेंगे।
कविता |
कविताएँ |
लता |
लताएँ |
अध्यापिका |
अध्यापिकाएँ |
कन्या |
कन्याएँ |
माता |
माताएँ |
भुजा |
भुजाएँ |
पत्रिका |
पत्रिकाएँ |
शाखा |
शाखाएँ |
कामना |
कामनाएँ |
कथा |
कथाएँ |
कला |
कलाएँ |
वस्तु |
वस्तुएँ |
दवा |
दवाएँ |
4. जल स्त्रीलिंग के शब्दों में या की जगह यँ में परिवर्तित किया जाता है, तो निम्नलिखित प्रकार के शब्द बनेंगे।
बिंदिया |
बिंदियाँ |
चिड़िया |
चिड़ियाँ |
डिबिया |
डिबियाँ |
गुडिया |
गुड़ियाँ |
चुहिया |
चुहियाँ |
बुढिया |
बुढियाँ |
लुटिया |
लुटियाँ |
गैया |
गैयाँ |
कुतिया |
कुतियाँ |
5. अकारांत और अकारांत के स्त्रीलिंग शब्दों में में या की मात्रा लगाकर ही कोई कर दिया जाए, तो निम्नलिखित प्रकार के शब्द बनेंगे।
नीति |
नीतियाँ |
नारी |
नारियाँ |
गति |
गतियाँ |
थाली |
थालियाँ |
रीति |
रीतियाँ |
नदी |
नदियाँ |
लडकी |
लडकियाँ |
घुड़की |
घुड़कियाँ |
चुटकी |
चुटकियाँ |
टोपी |
टोपियाँ |
6. जब उ, ऊ, आ, अ, इ, ई और औ की जगह ऍ की मात्रा को लगाया जाए ,तो और को में बदल दिया जाता है, तो निम्नलिखित प्रकार के शब्द बनते हैं।
वस्तु |
वस्तुएँ |
गौ |
गौएँ |
बहु |
बहुएँ |
वधू |
वधुएँ |
गऊ |
गउएँ |
लता |
लताएँ |
माता |
माताएँ |
धातु |
धातुएँ |
धेनु |
धेनुएँ |
लू |
लुएँ |
जू |
जुएँ |
7. जब दल, वृंद, वर्ग, जन लोग, गण आदि शब्दों को जोड़ा जाए, तो निम्नलिखित प्रकार की शब्द बनते हैं।
साधु |
साधुलोग |
बालक |
बालकगण |
अध्यापक |
अध्यापकवृंद |
मित्र |
मित्रवर्ग |
विद्यार्थी |
विद्यार्थीगण |
सेना |
सेनादल |
आप |
आपलोग |
गुरु |
गुरुजन |
श्रोता |
श्रोताजन |
गरीब |
गरीबलोग |
पाठक |
पाठकगण |
अधिकारी |
अधिकारीवर्ग |
स्त्री |
स्त्रीजन |
नारी |
नारीवृंद |
दर्शक |
दर्शकगण |
वृद्ध |
वृद्धजन |
व्यापारी |
व्यापारीगण |
8. जब किसी शब्द में एकवचन और बहुवचन दोनों एक जैसे होते हैं तो निम्नलिखित प्रकार के शब्द बनते हैं।
राजा |
राजा |
नेता |
नेता |
पिता |
पिता |
चाचा |
चाचा |
क्षमा |
क्षमा |
प्रेम |
प्रेम |
बाजार |
बाजार |
दादा |
दादा |
जल |
जल |
गिरी |
गिरी |
योद्धा |
योद्धा |
फल |
फल |
पानी |
पानी |
क्रोध |
क्रोध |
फूल |
फूल |
9. जब किसी एक ही शब्दों को एक से अधिक बार लिखा जाता हो तो निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं।
भाई |
भाई भाई |
बहन |
बहन बहन |
गॉंव |
गाँव गाँव |
घर |
घर घर |
शहर |
शहर शहर |
विभक्ति सहित संज्ञा के शब्दों की नियम
विभक्ति सहित संज्ञा के शब्दों के नियम कुछ इस प्रकार हैं।
1. जब अकारांत, आकारान्त और एकारांत के संज्ञा शब्दों में अ, आ , तथा ए की जगह पर ओं कर दिया जाता है। जब इन संज्ञाओं के साथ ने, को, का, से आदि परसर्ग होते हैं तब भी इनके साथ ओं लगा दिया जाता है। जैसे:
लडके को बुलाओ |
लडकों को बुलाओ। |
बच्चे ने गाना गाया |
बच्चों ने गाना गाया। |
नदी का जल बहुत ठंडा है |
नदियों का जल बहुत ठंडा है। |
आदमी से पूछ लो |
आदमियों से पूंछ लो। |
लडके ने पढ़ा |
लडकों ने पढ़ा। |
गाय ने दूध दिया |
गायों ने दूध दिया। |
चोर को छोड़ना मत |
चोरों को छोड़ना मत। |
2. जब संस्कृत की आकारांत और हिंदी की उकारांत, ऊकारांत, अकारांत और औकरांत में पीछे ओं जोड़ दिया जाता है। ओं जोड़ने के बाद ऊ को उ में बदल दिया जाता है। जैसे :
लता |
लताओं |
साधु |
साधुओं |
वधू |
वधुओं |
घर |
घरों |
जौ |
जौओं |
दवा |
दवाओं |
3. जब इकारांत और ईकारांत संज्ञाओं के पीछे यों जोड़ दिया जाता है और ई को इ में बदल दिया जाता है। जैसे:
मुनि |
मुनियों |
गली |
गलियों |
नदी |
नदियों |
साड़ी |
साड़ियों |
श्रीमती |
श्रीमतियों |
गाड़ी |
गाड़ियों |
झाड़ी |
झाड़ियों |
वचन परिवर्तन के अन्य उदाहरण
एकवचन और बहुवचन के उदहारण इस प्रकार हैं।
पत्ता |
पत्ते |
बच्चा |
बच्चे |
बेटा |
बेटे |
कपड़ा |
कपड़े |
लड़का |
लडके |
बात |
बातें |
आँख |
आँखें |
पुस्तक |
पुस्तकें |
किताब |
किताबें |
रुपया |
रुपए |
तिनका |
तिनके |
भेड़ |
भेड़ें |
बहन |
बहनें |
घोडा |
घोड़े |
तस्वीर |
तस्वीरें |
कक्षा |
कक्षाएँ |
ऋतु |
ऋतुएँ |
कमरा |
कमरे |
भाषा |
भाषाएँ |
सेना |
सेनाएँ |
कविता |
कविताएँ |
वस्तु |
वस्तुएँ |
लता |
लताएँ |
बुढिया |
बुढियां |
चिड़िया |
चिड़ियाँ |
चुहिया |
चुहियाँ |
गुडिया |
गुड़ियाँ |
कहानी |
कहानियाँ |
घड़ी |
घड़ियाँ |
कुर्सी |
कुर्सियां |
हड्डी |
हड्डियाँ |
मिठाई |
मिठाइयाँ |
दवाई |
दवाईयाँ |
हिंदी में एकवचन के स्थान पर बहुवचन के उपयोग करने के लिए उदाहरण
किसी को सम्मानीय ऑर्डर देने के लिए बहुवचन का उपयोग किया जाता है। जैसे:
- पितामह भीष्म ने पूरी महाभारत को तीरों की शैया पर लेटे लेटे देखा था।
- हमारे स्कूल की गुरुजी बहुत ही दयालु हैं।
- छत्रपति शिवाजी भारत की सबसे शक्तिशाली वीर थे।
किसी को बड़प्पन देने के लिए कुछ लोग वह के स्थान पर भी और मैं के स्थान पर हम का भी प्रयोग करके एकवचन और बहुवचन में प्रयोग करते हैं जैसे मालिक ने अपने बगीचे के माली से कहा की हम कहीं जा रहे हैं।
कुछ शब्द जैसे कि अश्रु, प्राण, दर्शन, लोग, दर्शक, के समाचार, धाम, हूं, भाग्य, आदि जैसे शब्द में हमेशा बहुवचन का ही उपयोग होता है। जैसे:
- बहुत प्रीति की केस बहुत ही काले।
- कुछ तो लोग कहेंगे।
- कल क्या होगा यह भाग्य पर छोड़ दो।
बहुवचन के स्थान पर एक वचन के प्रयोग के कुछ अन्य उदाहरण
1.एक एकवचन, जिसको की बहुवचन में ‘तुम’ कहते हैं, परंतु कुछ सब लोग आजकल लोग व्यवहार में एकवचन के लिए तु का ही उपयोग करते हैं। जैसे कि:
- मित्र तुम कैसे हो।
- क्या तुम लोगों ने आज का समाचार सुना।
2.वर्ग, वृंद, दल, जनजाति आदि शब्द अनेकता को बोध कराते हैं, किंतु इनका व्यवहार हमेशा एक वचन के जैसा होता है। जैसे कि:
भारत की स्त्री जाति बहुत कम साक्षर है भारत के सैनिक दल हमेशा बॉर्डर पर तैनात रहते हैं
3. जातिवाचक शब्दों का प्रयोग हमेशा एक वचन के से होता है।
- मुंगेर का समोसा फेमस है।
- पटना का लिट्टी चोखा स्वादिष्ट होता है।
- सोना भारत में बहुत-बहुत मूल्य बहुमूल्य है।
इस लेख में आपने जाना वचन किसे कहते हैं (Vachan Kise Kahate Hain) और वचन के कितने भेद होते हैं। उसके साथ आप लोगों ने वचन के कुछ उदाहरण भी देखें। जिससे कि आपको समझ में आ गया होगा, यह कितने प्रकार के होते हैं। और किस तरह से वचन शब्द मिलकर किसी वाक्य को परिवर्तित कर देते हैं। वचन, परिभाषा, भेद और उदाहरण आदि सभी की जानकारी इस लेख में दी गई है।
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