भारत में Jio, Airtel, BSNL, Vi, जैसी कई अलग-अलग टेलीकॉम कंपनियां हैं। आज के समय में लगभग हर कोई मोबाइल का इस्तेमाल करता है और अलग-अलग टेलीकॉम कंपनियों का सिम इस्तेमाल करता है।
लेकिन यूजर्स को टेलीकॉम कम्पनी के अनुसार ही प्लान खरीदना पड़ता है। लेकिन अलग-अलग टेलीकॉम कंपनियों के प्लान अलग-अलग हो सकते हैं।
बहुत बार हम जिस टेलीकॉम कंपनी का सिम इस्तेमाल कर रहे हैं, वह प्लान हमें पसंद नहीं आता है और दूसरे टेलीकॉम कंपनी के सिम का प्लान सस्ता लगता है।
लेकिन आप उस प्लान को नहीं खरीद सकते हैं जब तक कि आप उनके कंपनी का सिम इस्तेमाल ना करें। दूसरी टेलीकॉम कंपनी के सिम इस्तेमाल करने में सबसे बड़ी परेशानी मोबाइल नंबर के बदलने की होती है।
हम जिस मोबाइल नंबर पर बात करते हैं, उस पर कई लोगों के कोंटेक्ट जुड़े होते हैं। ऐसे में दूसरा मोबाइल नंबर इस्तेमाल करने पर हमें फिर से कोंटेक्ट बनाने पड़ते हैं।
लेकिन आप बिना फोन नंबर बदले ही दूसरे टेलीकॉम कंपनी के प्लान को खरीद सकते हैं। इसके लिए बस आपको अपने सिम को पोर्ट करवाना होता है।
Mobile Number Port Kaise Kare की प्रक्रिया बहुत ही आसान है, जिसके बारे में आज के इस लेख में हमने अच्छे तरीके से बताया है।
मोबाइल नंबर पोर्ट क्या है?
मोबाइल नंबर पोर्ट करने का मतलब होता है मौजूदा मोबाइल नंबर को किसी और सिम पर इस्तेमाल करना।
उदाहरण के लिए वर्तमान में आप एयरटेल कंपनी का सिम इस्तेमाल करते हैं लेकिन आप उसके प्लान से खुश नहीं है और आप दूसरे टेलीकॉम कंपनी का प्लान खरीदना चाहते हैं। तो ऐसे में आपको उस कंपनी का सिम इस्तेमाल पड़ेगा।
अगर आप उस कंपनी का सिम इस्तेमाल करते हैं तो आपको नया नंबर मिलेगा। लेकिन अगर आप पुराने नंबर का ही इस्तेमाल करना चाहते हैं, बस सिम केवल चेंज करना चाहते हैं तो आपको मोबाइल नंबर पोर्ट करना पड़ता है।
इस तरह टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों के सिम इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को एक ही नंबर पर अलग-अलग सिम इस्तेमाल करने की सुविधा देती है।
आप अपने नंबर को पोर्ट करवा कर कोई भी सिम इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे सिम अलग हो जाएगा लेकिन नंबर पुराना वाला ही रहेगा।
मोबाइल नंबर पोर्ट के लिए जरूरी शर्तें
अगर आप किसी भी टेलीकॉम कंपनी का मोबाइल नंबर पोर्ट करवाना चाहते हैं तो इसकी कुछ महत्वपूर्ण शर्तों के बारे में जानना जरूरी है।
हालांकि इसमें कोई बड़ी शर्त नहीं है लेकिन कुछ छोटी-छोटी शर्ते हैं, जिन्हें आप आसानी से पूरा कर सकते हैं और अपने मोबाइल नंबर को पोर्ट करवा सकते हैं।
यहां पर हमने उन शर्तों के बारे में बताया है:
- मोबाइल नंबर पोर्ट केवल आपको उसी राज्य में करवा सकते हैं, जिस राज्य का आपका मोबाइल नंबर है।
- आपका मोबाइल नंबर तभी पोर्ट हो सकता है जब आपका मौजूदा सिम नंबर कम से कम 90 दिन पुराना हो।
- अगर आप प्रीपेड बैलेंस का प्रयोग करते हैं तो ऐसे में मोबाइल नंबर पोर्ट करवाने से पहले आपका बैलेंस बकाया नहीं रहना चाहिए।
- मोबाइल नंबर पोर्ट करवाने के लिए सिम कार्ड धारक के पास पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड होना जरूरी है।
यही कुछ शर्ते हैं जो किसी भी मोबाइल नंबर को पोर्ट पोर्ट करवाने से पहले ध्यान रखना जरूरी है।
मोबाइल नंबर पोर्ट करवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज
अगर आप मोबाइल नंबर पोर्ट करवाना चाहते हैं तो इसके लिए कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
हालांकि कुछ लोगों को लगता है कि नया मोबाइल सिम लेते वक्त केवल दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है।
लेकिन जब आप मोबाइल नंबर को पोर्ट करवाते हैं, उस समय भी आपको पहचान पत्र के रूप में कुछ दस्तावेज की जरूरत पड़ती है।
उसके लिए आप निम्नलिखित में से किसी भी एक दस्तावेज का प्रयोग कर सकते हैं:
- आधार कार्ड (Aadhar Card)
- पासपोर्ट (passport)
- ड्राइविंग लाइसेंस (driving license)
- वोटर आईडी (voter id)
- पेन कार्ड (Pan card)
मोबाइल नंबर पोर्ट कैसे करें?
मोबाइल नंबर किस तरीके से पोर्ट करवाने हैं इसके लिए यहां पर हमने प्रक्रिया स्टेप बाय स्टेप बताई है।
आप चाहे किसी भी कंपनी का सिम इस्तेमाल करते हैं, आप इन प्रक्रिया को स्टेप बाय स्टेप फॉलो करके मोबाइल नंबर पोर्ट करवा सकते हैं।
- मोबाइल नंबर को पोर्ट करवाने के लिए आपको एक नंबर पर एसएमएस भेजना पड़ता है।
- आप जिस नंबर को पोर्ट करवाना चाहते हैं, आपको उसी नंबर से Port <space> <अपना 10 संख्या का mobile number> लिखकर इस मैसेज को 1900 पर भेज देना है। उदाहरण के लिए Port 9125xxxxxx और इसे 1900 पर SMS भेज दें।
- जैसे ही आप इस मैसेज को सेंड करेंगे, आपको उसी नंबर पर एसएमएस के जरिए एक UPC (Unique Porting Code) भेजा जाएगा।
- ध्यान रहे यह यूनिक पोर्टिंग कोड केवल 15 दिनों तक के लिए ही वैलिड रहता है। हालांकि असम, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 30 दिनों तक की वैलिडिटी दी जाती है।
- इस समय सीमा के अंदर आपको इस CODE को अपने निकटतम ग्राहक सेवा केंद्र या मोबाइल ऑपरेटर शॉप में जाकर दिखाना होगा।
- ग्राहक सेवा केंद्र या मोबाइल ऑपरेटर शॉप पर आपसे पहचान पत्र के रूप में कोई भी एक दस्तावेज मांगा जाएगा। वहां पर आप अपना आधार कार्ड भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- अब आपको पोंटिंग की पुष्टि के लिए एक मैसेज भेजा जाएगा।
- इस तरीके से ग्राहक सेवा केंद्र या मोबाइल शॉप आपके सिम का पोर्टिन्ग कर देंगे। पोर्टिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद वे आपको एक नया सिम दे देंगे।
- दुकान में आपको जो नया सिम मिलेगा, वह तुरंत एक्टिवेट नहीं होगा। उसके लिए कुछ समय लगेगा। एक्टिवेशन की डेट भी वे आपको बता देंगे।
- जब आपका नया सिम एक्टिवेट हो जाएगा तब आपका पुराना सिम काम करना बंद कर देगा और नई सिम पर आपका मोबाइल नंबर पोर्ट हो जाएगा।
मोबाईल नंबर अन-पोर्ट करने की प्रक्रिया
बहुत बार होता है कि हम अपने मोबाइल नंबर को दूसरे सिम में पोर्ट करवाना चाहते हैं। लेकिन बाद में हमारा विचार बदल जाता है और हम उसी सिम का इस्तेमाल करना चाहते हैं।
ऐसे में अगर आपने मोबाइल नंबर पोर्ट करने का अनुरोध भेज दिया है तो फिर दोबारा मोबाइल नंबर अन पोर्ट करवाना पड़ता है।
मोबाइल नंबर को दोबारा अन पोर्ट करने से पहले इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि आपने मोबाइल नंबर को पोर्ट करने का अनुरोध जब भेजा था, उसके 24 घंटे के भीतर ही आप मोबाइल नंबर को दोबारा अन पोर्ट करने का अनुरोध भेज सकते हैं।
अगर उसके बाद आप अन पोर्ट करने की कोशिश करते हैं तो आपका मोबाइल नंबर अनपोर्ट नहीं होगा।
मोबाइल नंबर पोर्ट करने की प्रक्रिया यहां हमने बताई है:
- मोबाइल नंबर को अनपोर्ट करने के लिए आपको दोबारा sms बॉक्स पर जाना है।
- वहां पर आपको दोबारा एक मैसेज 1900 पर भेजना होगा।
- पिछले बार आपने पोर्ट और अपना मोबाइल नंबर लिखकर एसएमएस किया था। लेकिन इस बार आपको अपने मोबाइल नंबर के साथ cancel लिखकर एसएमएस करना होगा।
- इस तरह cancel का sms करने के बाद आपके मोबाइल नम्बर को पोर्ट करने के अनुरोध को कैंसिल कर दिया जाएगा और आपका मोबाइल नंबर दूसरे सिम पर पोर्ट नहीं होगा।
FAQ
मोबाइल नंबर पोर्ट करवाने के लिए ग्राहक सेवा केंद्र एक नंबर को पोर्ट कराने पर अधिकतम ₹19 का शुल्क ले सकता है।
मोबाइल नंबर के पोर्टिंग प्रक्रिया के दौरान लगभग 2 घंटे के लिए मोबाइल नंबर डेड हो सकता है।
नहीं, अगर आप मौजूदा मोबाइल नंबर को किसी और टेलीकॉम कंपनी के सिम में पोर्ट करवाते हैं तो बकाया बैलेंस नए टेलिकॉम ऑपरेटर को ट्रांसफर नहीं होगा। इसलिए आप बैलेंस का पूरा इस्तेमाल करने के बाद नंबर पोर्ट करवा सकते हैं।
अभी तक एक राज्य से दूसरे राज्य में सिम पोर्ट करने की सुविधा नहीं थी। लेकिन टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने इस सुविधा को भी अप्रूवल दे दिया है। अब जल्द ही टेलीकॉम ऑपरेटर अंतर राज्य सेवाओं को भी चालू कर देगी।
मोबाइल नंबर को दूसरे सिम में पोर्ट करवाने की कोई लिमिटेशन नहीं है। आप जितने बार चाहे, उतने बार मोबाइल नंबर को पोर्ट करवा सकते हैं।
निष्कर्ष
उपरोक्त लेख में आपने किसी भी टेलीकॉम कंपनी के मोबाइल नंबर को किसी अन्य टेलीकॉम कंपनी के सिम पर पोर्ट करवाने की प्रक्रिया के बारे में जाना।
हमें उम्मीद है कि मोबाइल नंबर पोर्ट कैसे करें (Mobile Number Port Kaise Kare) से संबंधित सभी प्रश्नों का जवाब आपको इस लेख में मिल गया होगा।
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