कहाँ ढूंढोगे मुझको, मेरा पता लेते जाओ, एक कब्र नई होगी उस पर जलता दिया होगा।
जिन्दगी कशमकश-ए-इश्क के आगाज का नाम, मौत अंजाम इसी दर्द के अफसाने का।
छोड़ दिया मुझको आज मेरी मौत ने यह कह कर, हो जाओ जब ज़िंदा, तो ख़बर कर देना।
पता नहीं कौन सा जहर मिलाया था तुमने मोहब्बत में, ना जिंदगी अच्छी लगती है और ना ही मौत आती है।
क्या कहूँ तुझे… ख्वाब कहूँ तो टूट जायेगा, दिल कहूँ, तो बिखर जायेगा। आ तेरा नाम ज़िन्दगी रख दूँ, मौत से पहले तो तेरा साथ छूट न पायेगा।
एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जायेंगे, सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे, जितना जी चाहे सता लो मुझको, एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।
मौत एक सच्चाई है उसमे कोई ऐब नहीं, क्या लेके जाओगे यारों कफ़न में कोई जेब नही।
हद तो ये है कि मौत भी तकती है दूर से, उसको भी इंतजार मेरी खुदकुशी का है ।
Maut Shayari in Hindi
सुलगती जिंदगी से मौत आ जाये तो बेहतर है, हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता।
तुम दर्द भी हो मेरा और दर्द की दवा भी हो, मेरी मौत का कारण भी हो तुम, जीने की वजह भी हो, खुली नज़रो से तुम दूर हो बहुत मुझसे, बंद आँखों में हर जगह मेरे पास भी हो तुम।
यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगी, हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत न मिली।
चूम कर कफ़न में लपटे मेरे चेहरे को उसने तड़प के कहा, नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी नहीं’।
जहर पीने से कहाँ मौत आती है, मर्जी खुदा की भी चाहिए मौत के लिए।
ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ, एक कब्र नई होगी एक जलता दिया होगा।
इक तुम हो जिसे प्यार भी याद नहीं, इक में हूँ जिसे और कुछ याद नहीं, ज़िन्दगी मौत के दो ही तो तराने हैं, इक तुम्हें याद नहीं इक मुझे याद नहीं।
जिसकी याद में सारे जहाँ को भूल गए, सुना है आजकल वो हमारा नाम तक भूल गए, कसम खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो, आज वो हमारी लाश पर आना भूल गए।
इश्क से बचिए जनाब, सुना है धीमी मौत है ये।
एक दिन निकला सैर को मेरे दिल में कुछ अरमान थे, एक तरफ थी झाड़ियाँ… एक तरफ श्मशान थे, पैर तले इक हड्डी आई उसके भी यही बयान थे, चलने वाले संभल कर चलना हम भी कभी इंसान थे।
इतनी शिद्दत से चाहा उसे की खुद को भी भुला दिया, उनके लिए अपने दिल को कितनी ही बार रुला दिया, एक बार ही ठुकराया उन्होंने, और हमने खुद को मौत की नींद सुला दिया।
तमाम उम्र जो हमसे बेरुखी की सबने, कफ़न में हम भी अजीज़ों से मुँह छुपा के चले।
इश्क कहता है मुझे इक बार कर के देख, तुझे मौत से न मिलवा दिया तो मेरा नाम बदल देना।
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बे-मौत मर जाते है, बे-आवाज़ रोने वाले। “मौत पर शायरी”
आसमान के परे मुकाम मिल जाए, खुदा को मेरा ये पैगाम मिल जाए, थक गयी है धड़कनें अब तो चलते चलते, ठहरे सांसे तो शायद आराम मिल जाए।
आता है कौन कौन तेरे ग़म को बांटने, तू अपनी मौत की अफवाह उड़ा के देख।
लम्बी उम्र की दुआ मेरे लिए न माँग, ऐसा न हो कि तुम भी छोड़ दो और मौत भी न आये।
तमन्ना ययही है बस एक बार आये, चाहे मौत आये चाहे यार आये।
कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊँगी, मैं तो नदी हूँ समुंदर में उतर जाऊँगी।
मौत को तो यूँ ही बदनाम करते हैं लोग, तकलीफ तो साली ज़िन्दगी देती है!!
ऐ हिज्र वक़्त टल नहीं सकता है मौत का, लेकिन ये देखना है कि मिट्टी कहाँ की है।
Maut Shayari in Hindi
जनाजा रोक कर मेरा, वो इस अंदाज़ से बोले, गली हमने कही थी तुम तो दुनिया छोड़े जाते हो।
अपनी मौत भी क्या मौत होगी, एक दिन यूँ ही मर जायेंगे तुम पर मरते मरते।
चले आओ सनम बस आखिरी साँसें बची हैं कुछ, तुम्हारी दीद हो जाती तो खुल जातीं मेरे आँखें।
ऐ मौत आ कर हमको खामोश तो कर गयी तू, मगर सदियों दिलों के अंदर हम गूंजते रहेंगे।
आखिरी दीदार कर लो खोल कर मेरा कफ़न, अब ना शरमाओ कि चश्म-ए-मुन्तजिर बेनूर है।
अपने वजूद पर इतना न इतरा ए ज़िन्दगी, वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है।
शिकायत मौत से नहीं अपनों से थी मुझे, जरा सी आँख बंद क्या हुई वो कब्र खोदने लगे।
लिया हो जो न आपने ऐसा कोई इम्तिहान न रहा, इंसान आखिर मोहब्बत में इंसान न रहा, है कोई बस्ती जहाँ से न उठा हो जनाज़ा दीवाने का, आशिक की कुर्बत से महरूम कोई कब्रिस्तान न रहा।
मैंने खुदा से एक दुआ मांगी, दुआ में अपनी मौत मांगी, खुदा ने कहा मौत तो तुझे दे दूँ, पर उसका क्या जिसने हर दुआ में तेरी जिंदगी मांगी।
तमाम गिले-शिकवे भुला कर सोया करो यारो, सुना है मौत किसी को कोई मोहलत नहीं देती।
मोहब्बत के नाम पे दीवाने चले आते हैं, शमा के पीछे परवाने चले आते हैं, तुम्हें याद न आये तो चले आना मेरी मौत पर, उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं।
वफ़ा सीखनी है तो मौत से सीखो, जो एक बार अपना बना ले फिर किसी का होने नहीं देती।
कफ़न की गिरह खोल कर मेरा दीदार तो कर लो, बंद हो गई हैं वो आँखे जिन से तुम शरमाया करती थी।
कौन जाने कब मौत का पैगाम आ जाये, ज़िंदगी की आखरी शाम आ जाये, हम तो ढूंढते हैं वक़्त ऐसा जब, हमारी ज़िन्दगी आपके काम आ जाये।
अब तलक हम मुन्तजिर रहे हैं जिनके, उनको हमारा ख्याल तक न आया, उनके प्यार में हमारी जान तक चली गयी, उनको हमारी मौत का मलाल तक न आया।
तू बदनाम न हो जाए इस लिए जी रहा हूँ मैं, वरना मरने का इरादा तो रोज ही होता है।
ना जाने मेरी मौत कैसी होगी, पर ये तो तय है की तेरी बेवफाई से तो बेहतर होगी। दर्द भरी मौत पर शायरी
मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई, मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई, ऐ खुदा कुछ पल की मोहलत और दे दे, उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई।
लम्हा लम्हा सांसें खत्म हो रही हैं, ज़िन्दगी मौत के पहलू में सो रही है, उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह, वह तो ज़माने को दिखने के लिए रो रही है।
चले आओ मुसाफिर आखिरी साँसें बची हैं कुछ, तुम्हारी दीद हो जाती तो खुल जातीं मेरे आँखें।
ऐ मौत तुझे एक दिन आना है भले, आ जाती शब्-ए-फुरकत में तो एहसान होता।
साज़-ए-दिल को महकाया इश्क़ ने, मौत को ले कर जवानी आ गई।
आशिक़ मरते नहीं सिर्फ दफनाए जाते हैं, कब्र खोद कर देखो इंतज़ार में पाए जाते हैं।
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इश्क के नाम पर दीवाने चले आते हैं, शमा के पीछे परवाने चले आते हैं, तुम्हें याद ना आये तो चले आना मेरी मौत पर, उस दिन तो बेगाने भी चले आते हैं।
न उढाओ ठोकरों में मेरी खाके-कब्र ज़ालिम, येही एक रह गयी है मेरे प्यार की निशानी।
मौत से क्या डर मिनटों का खेल है, आफत तो ज़िन्दगी है जो बरसो चला करती है।
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इंतज़ार है हमें तो बस अपनी मौत का, उनका वादा है कि उस दिन मुलाकात होगी।
मौत मांगते हैं तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है, ज़ेहर लाते हैं तो वो भी दवा हो जाता है, तू ही बता ए मेरे दोस्त क्या करूँ, जिसको भी चाहते हैं वो बेवफा हो जाता है।
जला है जिस्म तो दिल भी जल गया होगा, कुरेदते हो जो अब राख जुस्तजू क्या है?
किसी कहने वाले ने भी क्या खूब कहा है कि, मेरी ज़िन्दगी इतनी प्यारी नहीं की मैं मौत से डरूं।
एक मुर्दे ने क्या खूब कहा है, ये जो मेरी मौत पर रो रहे है, अभी उठ जाऊं तो जीने नहीं देंगे।
चैन तो छिन चुका है अब बस जान बाकी है, अभी मोहब्बत में मेरा इम्तेहान बाकी है, मिल जाना वक़्त पर पर ऐ मौत के फ़रिश्ते, किसी को गिला है किसी का फरमान बाकी है।
कितनी अज़ीयत है इस एहसास में, कि मुझे तुझसे मिले बिना ही मर जाना है।
उम्र तमाम बहार की उम्मीद में गुजर गयी, बहार आयी है तो मौत का पैगाम लायी है।
Maut Shayari in Hindi
करूँ क्यों फ़िक्र मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी, जहाँ होगी दोस्तों की महफिलें, मेरी रूह वहाँ मिलेगी।
उसकी यादों ने मुझे पागल बना रखा है, कहीं मर ना जाऊं कफ़न सिला रखा है, मेरा दिल निकाल लेना दफ़नाने से पहले, वो ना दब जाए जिसे दिल मे बसा रखा है।
मौत से कह दो की हम से नाराज़गी खत्म कर ले अब, वह भी बहुत बदल गए हैं जिनके लिए जिया करते थे हम।
मुझे रुला कर सोना तो तुम्हारी आदत बन गयी है, अगर मेरी आँख ही न खुली तो तड़पोगे बहुत तुम।
सुना है मौत एक पल की भी मोहलत नहीं देती, मैं अचानक मर जाऊ तो मुझे माफ़ कर देना।
अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले, वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे।
जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले, इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो।
बहाने मौत के तो तमाम नज़र आते हैं, जीने की वजह तेरे सिवा कुछ नही भी।
मौत का नही खौफ मगर एक दुआ है रब से, कि जब भी मरु तेरे होने का एहसास मेरे साथ मर जाये।
कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में, लेकिन वो पत्थर दिल पिघलता नहीं, अगर मिले खुदा तो माँगूंगी उसको, मगर ख़ुदा मरने से पहले मिलता नहीं।
जीना चाहता हूँ मगर जिंदगी रास नहीं आती, मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती, उदास हूँ इस जिंदगी से इसलिए क्योंकि, उसकी यादें तड़पाने से बाज नहीं आतीं।
Maut Shayari in Hindi
चंद साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो, झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो, ज़िन्दगी तो वीरान थी मौत भी गुमनाम ना हो, मुझे गले लगा लो फिर चाहे मौत हजार दे दो।
कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे, ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे, यूँ घुट-घुट के जीने से मौत बेहतर है, मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।
ज़िंदगी इक हादसा है और कैसा हादसा, मौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं।
कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता, किसी की बर्बादी का किस्सा सुनाया नहीं जाता, एक बार जी भर के देख लो इस चेहरे को, क्योंकि बार बार कफ़न उठाया नहीं जाता।
ना चाँद अपना था और ना तू अपना था, काश दिल भी मान लेता की सब सपना था कोई नही आएगा मेरी ज़िदंगी मे तुम्हारे सिवा, एक मौत ही है जिसका मैं वादा नही करता।
दो गज़ ज़मीन सही मेरी मिल्कियत तो है, ऐ मौत तूने मुझको ज़मींदार कर दिया।
वादे तो हजारों किये थे उसने मुझसे, काश एक वादा उसने निभाया होता, मौत का किसको पता कि कब आएगी, पर काश उसने जिंदा दफनाया न होता।
मौत से तो दुनिया मरती है, आशिक तो प्यार से ही मर जाता है।
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दिले ख्वाहिश जनाब कोई उनसे भी तो पूछे, ख्वाहिश में जरुर वो मेरी मौत ही मांगेंगे देखना।
सांसें रुक जाती हैं जब मौत आती है, सांसें ही मगर मौत का एहसास क्यों है।
मेरी मौत के सबब आप बने, इस दिल के रब आप बने, पहले मिसाल थे वफ़ा की, जाने यूँ बेवफ़ा कब आप बने।
थक गई मेरी जिन्दगी भी लोगो के जवाब देते, अब कही मेरी मौत न लोगो का सवाल बन जाऐ।
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रूह ए इश्क़ का अंजाम तो देखो अपनी मौत का पैगाम तो देखो, खुदा खुद लेने आया है जमीन पर ये टूटे दिल का इनाम तो देखो।
ज़िंदगी से तो ख़ैर शिकवा था, मुद्दतों तो मौत ने भी तरसाया।
हमारे प्यार का यूँ इम्तिहान न लो, करके बेरुखी मेरी तुम जान न लो, एक इशारा कर दो हम खुद मर जाएंगे, हमारी मौत का खुद पे इल्ज़ाम न लो।
दो अश्क मेरी याद में बहा जाते तो क्या जाता, चंद कलियाँ लाश पे बिछा जाते तो क्या जाता, आये हो मेरी मय्यत पर सनम नकाब ओढ़कर. अगर ये चाँद का टुकड़ा दिखा जाते तो क्या जाता।
अच्छाई अपनी जिन्दगी, जी लेती हैं, बुराई अपनी मौत, खुद चुन लेती है।
जिंदगी तो हमेशा से ही, बेवफा और ज़ालिम होती है मेरे दोस्त, बस एक मौत ही वफादार होती है, जो हर किसी को मिलती है।
कोई नहीं आयेगा मेरी ज़िनदगी में तुम्हारे सिवा, बस एक मौत ही है जिसका मैं वादा नहीं करता।
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जिंदगी गुजर ही जाती है तकलीफें कितनी भी हो, मौत भी रोकी नहीं जाती तरकीबें कितनी भी हो।
बादे-फना फिजूल है नामोनिशां की फिक्र, जब हम नहीं रहे तो रहेगा मज़ार क्या?
अगर रुक जाए मेरी धड़कन तो मौत न समझना, कई बार ऐसा हुआ है तुझे याद करते करते।
मेरी ज़िंदगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे, मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए।
अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जायेंगे, मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे।
Maut Shayari in Hindi
तलब मौत की करना गुनाह है ज़माने में यारों, मरने का शौक है तो मुहब्बत क्यों नहीं करते।
आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई, आँसुओं में भीग जाने की हवस पूरी हुई, आ रही है जिस्म की दीवार गिरने की सदा, एक अजब ख्वाहिश थी जो अबके बरस पूरी हुई।
पैदा तो सभी मरने के लिये ही होते हैं पर मौत ऐसी होनी चाहिए, जिस पर जमाना अफसोस करे।
जो दे रहे हो हमें ये तड़पने की सज़ा तुम, हमारे लिए ये सज़ा ऐ मौत से भी बदतर है।
मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम, गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।
सुहाना मौसम और हवा में नमी होगी, आंसुओं की बहती नदी न थमी होगी, मिलना तो हम तब भी चाहेंगे आपसे, जब आपके पास वक़्त और… हमारे पास साँसों की होगी।
मौत रिश्वत नहीं लेती।
वादा करके और भी आफ़त में डाला आपने, ज़िन्दगी मुश्किल थी अब मरना भी मुश्किल हो गया।
मिटटी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई, मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई, कुछ पल की मोहलत और दे दे ए खुदा, उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई।
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।