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जिंदगी शायरी

Zindagi Shayari in Hindi

Zindagi Shayari in Hindi
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जिंदगी शायरी | Zindagi Shayari in Hindi

मोहब्बत कर लीजिये वे-इन्तहां किताबो से,
जिन्दगी के पन्ने इन्ही से मुक्कमल होते हैं।

ज़िन्दगी तुझसे हर एक साँस पे समझौता करूँ,
शौक़ जीने का है मुझको मगर इतना तो नहीं,
रूह को दर्द मिला… दर्द को आँखें न मिली,
तुझको महसूस किया है तुझे देखा तो नहीं।

समंदर न सही पर एक
नदी तो होनी चाहिए,
तेरे शहर में ज़िंदगी
कहीं तो होनी चाहिए।

परवाह करने की आदत
ने तो परेशां कर दिया,
गर बेपरवाह होते तो
सुकून-ए-ज़िंदगी में होते।

आहिस्ता चल ऐ ज़िंदगी
कुछ क़र्ज़ चुकाने बाकी हैं,
कुछ दर्द मिटाने बाकी हैं
कुछ फ़र्ज़ निभाने बाकी हैं।

इक टूटी-सी ज़िंदगी को
समेटने की चाहत थी,
न खबर थी उन टुकड़ों
को ही बिखेर बैठेंगे हम।

एक साँस सबके हिस्से
से हर पल घट जाती है
कोई जी लेता है
जिंदगी किसी की कट जाती है !

देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से,
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से।

ऐ ज़िन्दगी इतने भी दर्द न दे कि मैं बिखर जाऊं,
ऐ ज़िन्दगी इतने भी ग़म न दे कि ख़ुशी भूल जाऊं,
ऐ ज़िन्दगी इतने भी आँसू न दे कि मैं हँसना भूल जाऊं,
इतने भी इम्तिहान न ले कि मैं हार के जीना भूल जाऊं।

फिक्र है सबको खुद
को सही साबित करने की,
जैसे ये ज़िंदगी,
ज़िंदगी नहीं, कोई इल्जाम है।

आया ही था खयाल कि आँखें छलक पड़ीं
आँसू किसी की याद के कितने करीब हैं!

जो पढ़ा है उसे जीना ही नहीं है मुमकिन,
ज़िंदगी को मैं किताबों से अलग रखता हूँ।

वो हर बार अगर चेहरा बदल कर न आया होता,
धोखा मैंने उस शख्स से यूँ न खाया होता,
रहता अगर याद कर मुझे लौट के आती नहीं,
ज़िन्दगी फिर मैंने तुझे यूं न गंवाया होता।

इक टूटी सी ज़िंदगी को
समेटने की चाहत थी
न खबर थी उन टुकड़ों
को ही बिखेर बैठेंगे हम।

कभी ख़िरद कभी दीवानगी ने लूट लिया,
तरह तरह से हमें ज़िंदगी ने लूट लिया।

ज़िन्दगी दरस्त-ए-ग़म थी
और कुछ नहीं,
ये मेरा ही हौंसला है
की दरम्यां से गुज़र गया।

नफरत सी होने लगी है
इस सफ़र से अब,
ज़िंदगी कहीं तो पहुँचा
दे खत्म होने से पहले।

ख़्वाबों पर इख़्तियार न यादों पे ज़ोर है,
कब ज़िंदगी गुज़ारी है अपने हिसाब में।

ज़िन्दगी हर हाल में एक मुकाम माँगती है,
किसी का नाम तो किसी से ईमान माँगती है,
बड़ी हिफाजत से रखना पड़ता है दोस्त इसे,
रूठ जाए तो मौत का सामान माँगती हैं।

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ज़िंदगी जिसका बड़ा
नाम सुना है हमने,
एक कमजोर सी
हिचकी के सिवा कुछ भी नहीं।

सिर्फ सांसे चलते रहने को
ही ज़िन्दगी नही कहते
आँखों में कुछ ख़वाब और
दिल में उम्मीदे होना जरूरी है!

हजारों उलझनें राहों में
और कोशिशें बेहिसाब,
इसी का नाम है
ज़िन्दगी चलते रहिये जनाब।

दुनिया में सैकड़ों दर्दमंद मिलते हैं,
पर काम के लोग चंद मिलते हैं,
जब मुसीबत का वक़्त आता है,
सब के दरवाजे बंद मिलते हैं।

एक उम्र गुस्ताखियों के लिये भी नसीब हो,
ये ज़िंदगी तो बस अदब में ही गुजर गई।

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो,
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो।

जीत भी मेरी और हार भी मेरी,
तलवार भी मेरी और धार भी मेरी,
ज़िन्दगी ये मेरी कुछ यूं सवार है मुझ पर,
डूबी भी मेरी और पार भी मेरी।

*****

हर बात मानी है
तेरी सिर झुका कर ऐ ज़िंदगी,
हिसाब बराबर कर तू
भी तो कुछ शर्तें मान मेरी।

मुझ से नाराज़ है
तो छोड़ दे तन्हा मुझको
ऐ ज़िंदगीए मुझे रोज
रोज तमाशा न बनाया कर।

Zindagi Shayari in Hindi

जिंदगी बहुत खूबसूरत है, जिंदगी से प्यार करो,
अगर हो रात तो, सुबह का इंतजार करो,
वो पल भी आएगा जिसका तुझे इंतेज़ार है,
बस उस खुदा पर भरोसा और वक्त पर ऐतवार करो।

कदम-कदम पे
नया इम्तिहान रखती है,
ज़िन्दगी तू भी मेरा
कितना ध्यान रखती है।

अब समझ लेता हूँ
मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट,
हो गया है ज़िंदगी
का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा।

मुझे ज़िन्दगी का इतना तजुर्बा तो नही
पर सुना है सादगी में लोग जीने नही देते!

ए ज़िन्दगी तू मुझे उड़ना सिखा दे,
मुझे हालातों से लड़ना सिखा दे,
हर हाल में खुश रहना सिखा दे,
और हर हार से तू मुझे जीतना सिखा दे।

समझ जाता हूँ
मीठे लफ़्ज़ों में छुपे फरेब को,
ज़िन्दगी तुझे समझने लगा हूँ
आहिस्ता आहिस्ता।

मुझे ज़िंदगी का इतना
तजुर्बा तो नहीं है दोस्तों,
पर लोग कहते हैं
यहाँ सादगी से कटती नहीं।

ज़िन्दगी… बहुत खूबसूरत है,
कभी हंसाती है, तो कभी रुलाती है,
लेकिन जो ज़िन्दगी की भीड़ में खुश रहता है,
ज़िन्दगी उसी के आगे सिर झुकाती है।

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मंजिलें मुझे छोड़ गयी
रास्तों ने संभाल लिया,
जिंदगी तेरी जरूरत नहीं
मुझे हादसों ने पाल लिया।

मायने ज़िन्दगी के बदल गये अब तो
कई अपने मेरे बदल गये अब तो
करते थे बात आँधियों में साथ देने की
हवा चली और सब मुकर गये अब तो।

जिंदगी में छांव है तो कभी धूप है,
ऐ जिंदगी न जाने तेरे कितने रूप हैं,
जिंदगी में हालात जो भी हों,
लेकिन जिंदगी में मुस्कुराना नही भूला करते हैं।

*****

जिस दिन किताब-ए-इश्क
की तक्मील हो गई,
रख देंगे ज़िन्दगी तेरा…
बस्ता उठा के हम।

कभी खोले तो कभी
ज़ुल्फ़ को बिखराए है,
ज़िंदगी शाम है
और शाम ढली जाए है।

ज़िन्दगी में ऐसे लोग भी होते है
जिन्हें हम पा नही
सकते सिर्फ चाह सकते है!

Zindagi Shayari in Hindi

इस दुनिया में कोई खुशियों की चाह में रोता है,
कोई गमो की पनाह में रोता है,
अजीब ज़िन्दगी का सिलसिला है,
कोई भरोसे के लिए रोता है,
कोई भरोसा करके रोता है।

ज़िन्दगी जिसको तेरा
प्यार मिला वो जाने,
हम तो नाकाम ही रहे
चाहने वालों की तरह।

पहले से उन कदमों
की आहट जान लेते हैं,
तुझे ऐ ज़िंदगी हम
दूर से पहचान लेते हैं।

रफ़्तार कुछ इस कदर
तेज़ हुई है जिन्दगी की,
कि सुबह का दर्द
शाम को पुराना हो जाता है।

थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ,
ये क्या कम है मैं अपनी पहचान बचा पाया हूँ,
कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकती यादें,
जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।

ज़िन्दगी कभी आसन नही
होती इसे आसान करना
पड़ता है कुछ नजर
अंदाज करके कुछ को बर्दास्त करके!

बस एक नजर है…
ले दे के अपने पास,
क्यूँ देखें ज़िन्दगी
को किसी की नज़र से।

चाहा है तुझको तेरे
तगाफुल के बावजूद,
ऐ ज़िन्दगी तू भी
याद करेगी कभी हमें।

मैंने जिन्दगी से पूछा..
सबको इतना दर्द क्यों देती हो?
जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया,
मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हूँ,
पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है।

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तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम,
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिली से हम,
लो आज हमने छोड़ दिया रिश्ता ए उमीद,
लो अब कभी किसी से गिला ना करेगे हम,
पर जिंदगी मे मिल गये इत्तेफ़ाक से
पुछेगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम।

जब रूह किसी बोझ से थक जाती है,
एहसास की लौ और भी बढ़ जाती है,
मैं बढ़ता हूँ ज़िन्दगी की तरफ लेकिन,
ज़ंजीर सी पाँव में छनक जाती है।

अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है,
सांस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है,
कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है,
जिंदगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।

बाज़ार जा के ख़ुद का कभी दाम पूछना
तुम जैसे हर दुकान में सामान हैं बहुत
आवाज़ बर्तनों की घर में दबी रहे
बाहर जो सुनने वाले हैं शैतान हैं बहुत!

कल न हम होंगे न कोई गिला होगा,
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा,
जो लम्हे हैं चलो हँसकर बिता लें,
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।

*******

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली,
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।

जो मिला कोई न कोई सबक दे गया
अपनी ज़िन्दगी में हर कोई गुरु निकला!

मौत से कैसा डर…
मिनटों का खेल है,
आफत तो जिंदगी है
बरसों चला करती है।

Zindagi Shayari in Hindi

ज़िन्दगी हर पल ढलती है,
जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है,
शिकवे कितने भी हो किसी से,
फिर भी मुस्कराते रहना,
क्योंकि ये ज़िन्दगी जैसी भी है,
बस एक ही बार मिलती है।

तुझसे कोई शिकायत नहीं है
ऐ जिदंगी
जो भी दिया है वही बहुत है।

मशहूर होना पर मगरुर ना होना
कामयाबी से नशे मे चूर ना होना
मिल जाए सारी कायनात आपको अगर
इसके लिए अपनो से कभी दूर मत होना!

चूम लेता हूँ हर मुश्किल
को अपना मान कर मैं,
क्यूँकि ज़िन्दगी कैसी भी है…
है तो मेरी ही।

फुर्सत मिले जब भी
तो रंजिशे भुला देना,
कौन जाने साँसों
की मोहलतें कहाँ तक हैं।

ज़िन्दगी कबकी खामूश हो गयी
दिल तो बस आदतन धड़कता है!

कभी धूप दे… कभी बदलियाँ,
दिलो जान से दोनों क़बूल हैं,
मगर उस नगर में न कैद कर,
जहाँ जिंदगी की हवा न हो।

पढ़ने वालों की कमी हो गयी है
आज इस ज़माने में…
वरना मेरी ज़िन्दगी का हर पन्ना,
पूरी किताब है।

वही रंजिशें वही हसरतें,
न ही दर्द-ए-दिल में कमी हुई,
है अजीब सी मेरी ज़िन्दगी,
न गुज़र सकी न खत्म हुई।

ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था
हमीं सो गए दास्तां कहते कहते!

लोग डूबते हैं तो समंदर को दोष देते हैं,
मंजिल न मिले तो मुकद्दर को दोष देते हैं,
खुद तो संभल कर चल नहीं सकते,
जब ठेस लगती है तो पत्थर को दोष देते हैं।

ज़िंदगी भी तवायफ की तरह होती है,
कभी मजबूरी में नाचती है कभी मशहूरी में।

तुझमे छिपे हैं
मेरी ज़िन्दगी के हजारों राज
तुझे वास्ता ज़िन्दगी
का ज़रा खुद का ख्याल रख!

शुक्रिया ज़िन्दगी…जीने का हुनर सिखा दिया,
कैसे बदलते हैं लोग चंद कागज़ के टुकड़ो ने बता दिया,
अपने परायों की पहचान को आसान बना दिया,
शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया।

इतनी बदसलूकी ना कर…
ऐ ज़िंदगी,
हम कौन सा यहाँ
बार-बार आने वाले हैं।

बारिश में रख दूँ जिंदगी को
ताकि धुल जाए पन्नो की स्याही,
ज़िन्दगी फिर से लिखने का
मन करता है कभी-कभी।

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ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब है,
जिसमें जीने की चाहत होनी चाहिये,
ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे,
सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये।

यह ज़िन्दगी बस सिर्फ पल दो पल है
जिसमें न तो आज और न ही कल है
जी लो इस ज़िंदगी का हर पल इस तरह
जैसे बस यही ज़िन्दगी का सबसे हसीं पल है !

जिंदगी में ये हुनर भी
आजमाना चाहिए,
अपनों से हो जंग
तो हार जाना चाहिए।

*********

हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये,
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे,
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये।

हाथ की लकीरे भी कितनी अजीब है
कमबख्त मुट्ठी में तो है पर काबू में नही !

Zindagi Shayari in Hindi

कभी आंसू तो कभी ख़ुशी देखी
हमने अक्सर मजबूरी और बेकसी देखी
उनकी नाराज़गी को हम क्या समझे
हमने तो खुद अपनी तकदीर की बेबसी देखी !

हथेली पर रखकर नसीब अपना
क्यूँ हर शख्स मुकद्दर ढूँढ़ता है
अजीब फ़ितरत हैए उस समुन्दर की
जो टकराने के लिए पत्थर ढूँढ़ता है !

तंग आ चुके हैं कशमकश ए ज़िंदगी से हम
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे दिली से हम
लो आज हमने छोड़ दिया रिश्ता ए उमीद
लो अब कभी किसी से गिला ना करेगे हम!

ऐ ज़िन्दगी मुझे कुछ
मुश्कुराहते उधार दे दे
अपने आ रहे है
मिलने की रश्म निभानी है !!

शुक्रिया ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया
कैसे बदलते हैं लोग चंद कागज़ के
टुकड़ो ने बता दिया
अपने परायों की पहचान को आसान बना दिया
शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया !

मंजिले तो हासिल कर ही लेगे
कभी किसी रोज ठोकरें कोई जहर
तो नही जो खाकर मर जायेगे !

खूबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है
जाने कब कौन ज़िंदगी का हिस्सा बन जाता है
कुछ लोग ज़िंदगी में मिलते हैं ऐसे
जिनसे कभी ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता है !

हद ए शहर से निकली तो गाँव गाँव चली
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली !

ख़ामोशी से मुसीबत
और भी संगीन होती है
तड़प ऐ दिल तड़पने
से ज़रा तस्कीन होती है !

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