Khafa Shayari in Hindi
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खफा शायरी |Khafa Shayari in Hindi
खफा नहीं हूँ तुझसे ए जिंदगी, बस जरा दिल लगा बैठा हूँ इन उदासियों से.
इस तरह मेरी मोहब्बत का इम्तेहान न लीजिये, खफा हो क्यूँ मुझ से यह बता तो दीजिये, माफ़ कर दो अगर हो गयी हो हमसे कोई खता, पर याद न करके हमें यूँ सजा तो न दीजिये।
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रूठ जाना तो मोहब्बत की अलामत है मगर, क्या खबर थी वो इतना खफा हो जाएगा।
वो आए थे मेरा दुख-दर्द बाँटने के लिए, मुझे खुश देखा तो खफा होकर चल दिये
किस-किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम, तू मुझ से खफा है, तो जमाने के लिए आ.
तू छोड़ गयी अकेला तुझसे क्या खफा होना, खुदा ने ही लिखा था तुझसे जुदा होना।
इतना तो बता जाओ खफा होने से पहले, वो क्या करें जो तुम से खफा हो नहीं सकते।
नाराज क्यों हो हमसे किस बात पे हो रूठे, अच्छा चलो ये माना तुम सच्चे हम झुठे, कब तक छुपाओगे तुम हमसे हो प्यार करते, गुस्से का है बहाना दिल में हो हम पे मारते।
जो भी मिला वो हम से खफा मिला देखो हमे मोहब्बत का क्या सिला मिला, उम्र भर रही फ़क़त वफ़ा की तलाश हमे पर हर शख्स मुझ को ही क्यों बेवफा मिला.
उनसे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन, कि उनके मनाने का अंदाज़ कैसा है।
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अजीब शख्स है भेद ही ना खुलते उसके, जब भी देखूं तो दुनिया से खफा ही देखूं।
कुछ इस तरह खूबसूरत रिश्ते टूट जाया करते हैं, दिल भर जाता है तो लोग रूठ जाया करते हैं।
थोड़ी ही सही मगर बाते तो किया करो, चुपचाप रहते हो तो खफा से लगती हो।
क्यों वो रूठे इस कदर के मनाया न गया, दूर इतने हो गए के पास बुलाया न गया, दिल तो दिल था कोई समंदर का साहिल नहीं, लिख दिया नाम वो फिर मिटाया न गया।
तुम खफा हो गए तो कोई खुशी न रहेगी, तुम्हारे बिना चिरागों में रौशनी न रहेगी, क्या कहें क्या गुजरेगी दिल पर, जिंदा तो रहेंगी पर ज़िन्दगी न रहेगी।
तोड़कर अहदे-करम न आशना हो जाइये, बंदापरवर जाइये अच्छा खफा हो जाइये.
तुम हसते हो मुझे हँसाने के लिए, तुम रोते हो मुझे रुलाने के लिए, तुम एक बार खफा होकर तो देखो, मर जायेंगे तुम्हें मानाने के लिए।
आग दिल मे लगी जब वो खफा हुए, महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए, कर के वफ़ा कुछ दे ना सके वो, पर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफा हुए.
मुझे न सताओ इतना कि मैं खफा हो जाऊं तुमसे, मुझे अच्छा नहीं लगता अपनी सासों से जुदा होना।
रुठने का हक हैं तुझे, पर वजह बताया कर, खफा होना गलत नहीं, तू खता बताया कर.
परवाह नहीं अगर ये जमाना खफा रहे, बस इतनी सी दुआ है की आप मेहरबां रहे.
दिल से तेरी याद को जुदा तो नहीं किया, रखा जो तुझे याद कुछ बुरा तो नहीं किया, हमसे तू नाराज है किस लिए बता जरा, हमने कभी तुझे खफा तो नहीं किया।
हर एक शख्स खफा मुझसे अंजुमन में था, क्योंकि मेरे लब पे वही था जो मेरे मन में था.
उस से खफा होकर भी देखेंगे एक दिन, के उसके मानाने का अंदाज़ कैसा है।
हक़ हूँ में तेरा हक़ जताया कर, यूँ खफा होकर ना सताया कर.
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जमाना अगर हम से रूठ भी जाये तो, इस बात का हमें गम कोई न होगा, मगर आप जो हमसे खफा हो गए तो, हम पर इस से बड़ा सितम न कोई होगा।
हर बार इल्जाम हम पर लगाना ठीक नहीं, वफ़ा खुद से नहीं होती खफा हम पर होते हो.
Khafa Shayari in Hindi
जाने क्या कमी है हम में या खुदा, जाने क्यों सब हमसे खफा रहते हैं, हमने तो चाहा बनाना सबको अपना, जाने क्यों सब हमसे जुदा रहते हैं।
खुश रहो या खफा रहो मुझसे दूर रहो और दफा रहो.
हर बार इल्जाम हम पर ही लगाना ठीक नहीं, वफ़ा खुद से नहीं होती और खफा हम पर होते हो.
ख़ुदाई को भी हम न ख़ुश रख सके ख़ुदा भी ख़फ़ा का ख़फ़ा रह गया
लगता है आज जिंदगी कुछ खफा है, चलिए छोड़िये, कौन सी पहली दफा है.
ख़फ़ा तुम से हो कर ख़फ़ा तुम को कर के, मज़ाक़-ए-हुनर कुछ फ़ुज़ूँ चाहता हूँ.
करते है मोहब्बत और जताना भूल जाते है पहले खफा होते हैं फिर मनना भूल जाते है, भूलना तो फितरत सी है ज़माने की लगाकर आग मोहब्बत की बुझाना भूल जाते है.
खफा होने से पहले खता बता देना, रुलाने से पहले हँसना सिखा देना, अगर जाना हो कभी हम से दूर आप को, तो पहले बिना सांस लिए जीना सिखा देना.
इस दिल में आग सी लग गई जब वो खफा हुए, फर्क तो तब पड़ा जब वो जुदा हुए, हमे वो वफ़ा करके तो कुछ दे न सके, लेकिन दे गये वो बहुत कुछ जब वो वेबफा हुए.
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हमारे दिल न देने पर ख़फ़ा हो लुटाते हो तुम्हीं ख़ैरात कितनी.
या वो थे ख़फ़ा हम से या हम हैं ख़फ़ा उन से कल उन का ज़माना था आज अपना ज़माना है.
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझसे, तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझसे.
जो खफा होगा , वही बेपनाह इश्क़ करेगा मुझसे, और जो बेपनाह इश्क़ करेगा, ओ खफा नहीं होगा.
वो खामखाँ ही मुझसे ख़फा ख़फा है, छोड़ो मेरा इश्क़ तो एक तरफा है.
कभी हमसे खफा न हो जाना, जानेमन बेवफा न हो जाना जो, याद आए मगर मिल न सके तू भी, कोई खुदा न हो जाना.
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यही हालात इब्तिदा से रहे, लोग हम से ख़फ़ा ख़फ़ा से रहे.
सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं दूर वो मुझसे हैं पर मैं खफा नहीं, मालूम है अब भी वो प्यार करते हैं मुझसे वो थोड़ा सा जिद्दी है, मगर बेवफा नहीं.
Khafa Shayari in Hindi
आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हो गए, महसूस हुआ तब जब वो जुदा हो गए. करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो हमें, पर बहुत कुछ दे गए जब बेवफ़ा हो गए.
यों लगे दोस्त तेरा मुझसे ख़फा हो जाना जिस तरह फूल से ख़ुश्बू का जुदा हो जाना.
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
इक तेरी बे-रुख़ी से ज़माना ख़फ़ा हुआ ऐ संग-दिल तुझे भी ख़बर है कि क्या हुआ
इश्क़ में तहज़ीब के हैं और ही कुछ फ़लसफ़े तुझ से हो कर हम ख़फ़ा ख़ुद से ख़फ़ा रहने लगे.
ढूंढ़ रही है वो मुझसे ख़फ़ा होने का तरीका, सोचता हूँ थप्पड़ मारकर उसकी मुश्क़िल आसान कर दूँ.
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मै, आँख से देखोगे तो खुश पाओगे दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मै.
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खफा होने से पहले कोई वजह तो बताते जाते, वजह नहीं तो ना सही झूठा कोई इल्जाम ही लगाते जाते.
लब तो खामोश रहेंगे ये वादा है मेरा तुमसे, गर कह बैठें कुछ निगाहें, तो खफा मत होना.
दौड़ती भागती ज़िन्दगी में बस यही तोहफा है, खूब लुटाते रहे अपनापन फिर भी लोग खफा है.
Khafa Shayari in Hindi
मेरी बेताबियों से घबरा कर कोई मुझ से ख़फ़ा न हो जाए
काश कोई मिले ऐसा जो मुझसे खफ़ा न हो, समझे मेरे मिज़ाज़ को और कभी जुदा न हो.
मेरे दोस्त की पहचान यही काफी है वो हर शख्स को दानिस्ता खफा करता है.
ख़फ़ा हैं फिर भी आ कर छेड़ जाते हैं तसव्वुर में, हमारे हाल पर कुछ मेहरबां अब भी होते. है.
क्या कहूँ क्या है मेरे दिल की ख़ुशी तुम चले जाओगे ख़फ़ा हो कर.
वो दिल न रहा जा नाज़ उठाऊँ मैं भी हूँ ख़फ़ा जो वो ख़फ़ा है.
ये जो सीने में धड़कता है, बेवफा सा है, मुझमे रहकर भी ये दिल मुझी से खफा सा है.
थोडी थोडी ही सही मगर बाते तो किया करो, चुपचाप रहती हो तो खफा खफा सी लगती हो.
एक ही फ़न तो हम ने सीखा है जिस से मिलिए उसे ख़फ़ा कीजे.
मोहब्बत ने इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है की, आगे बढ़े तो सब खफा और पीछे हटे तो बेवफा.
कमाल का शख्स था, जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी, राज़ की बात ये है. दिल उससे खफा अब भी नहीं.
जिस की हवस के वास्ते दुनिया हुई अज़ीज़ वापस हुए तो उसकी मोहब्बत ख़फ़ा मिली.
कोई अच्छा सा बहाना बनाना तुम मुझ से खफ़ा होने का, क्यूँकि तुझे चाहने के सिवा, मैने अब तक कोई गुनाह नहीं किया है.
हाले-दिल सुनाने की मुद्दतो से ख्वाहिश हैं, मगर सुना है मुझसे खफा-खफा मेरे हुजूर रहते हैं?
वो तुझे भूल ही गया होगा, इतनी देर कोई खफा नहीं रहता.
तुझसे नराज़ नहीं ज़िन्दगी, बस खुद से खफा हैं, जी रहे हैं बिन तमन्ना, शायद ये ही दर्द ए दिल की दवा हैं.
कभी बोलना वो ख़फ़ा ख़फ़ा कभी बैठना वो जुदा जुदा वो ज़माना नाज़ ओ नियाज़ का तुम्हें याद हो कि न याद हो.
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