इश्क़ लिखने को इश्क़ होना बहुत जरूरी है जहर का स्वाद बिना पिए कोई कैसे बताएगा
बहती हुई आँखों की रवानी में मरे हैं, कुछ ख्वाब मेरे ऐन जवानी में मरे हैं, इस इश्क ने आखिर हमें बरबाद किया है, हम लोग इसी खौलते पानी में मरे हैं, कब्रों में नहीं हमको किताबों में उतारो, हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरे हैं।
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल, इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है…
एक ख़लिश सी रह गयी दिल में, मुझ जैसा इश्क़ करता, मुझ से भी कोई! ~अनिल कुमार साहू
हम एस कदर तुम पर मर मिटेंगे तुम जहाँ देखोगे तुम्हे हम ही दिखेंगे
इश्क का तो पता नहीं पर जो तुमसे है वो किसी और से नहीं !
मैं भी हुआ करता था वकील इश्क वालों का कभी…. नज़रें उस से क्या मिलीं आज खुद कटघरे में हूँ….”
भटक जाते हैं लोग अक्सर इश्क़ की गलियों में, इस सफर का कोई इक नक्शा तो होना चाहिए।
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहिब जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो
चाँद मेरी ज़िंदगी में तब लग जाएँगे जब मेरे एहसासों के साथ-साथ उनके ज़ज़्बात भी जग जाएंगे !
इश्क है वही जो हो एक तरफा; इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है; है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ; जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।
इश्क ने हमसे कुछ ऐसी साजिशें रची हैं, मुझमें मैं नहीं हूँ अब बस तू ही तू बसी है।
चलते तो हैं वो साथ मेरे पर अदाज देखिए जैसे की इश्क करके वो एहसान कर रहें है !
मेरे इश्क़ से मिली है ,, तेरे हुस्न को ये शौहरत , तेरा ज़िक्र ही कहाँ था मेरी दीवानगी से पहले ,,
खुशबू से है वो जब आसपास भी नहीं होते फिर भी महसूस होते है।
कुछ तो शराफत सीख ले, ऐ इश्क़ शराब से………..!! बोतल पे लिखा तो होता है, मैं जानलेवा हूँ………….!!
इश्क का दस्तूर ही ऐसा है जो इस को जन लेता है ये उसकी जन लेता है
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर, ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है.
इश्क में जिसने भी बुरा हाल बना रखा है, वही कहता है अजी इश्क में क्या रखा है !
बंद कर दिए हैं हमने तो दरवाजे इश्क के पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारों से ही चली आई..
इश्क की गहराईयों में.. खूबसूरत क्या है..!! एक मैं हूँ, एक तुम हो और ज़रुरत क्या है..!!
रब ना करें इश्क की कमी किसी को सताए प्यार करो उसी से जो तुम्हें दिल की हर बात बताए
कोहरा सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं !
प्यार करना सीखा है नफरतो का कोई ठौर नही बस तु ही तु है इस दिल मे दूसरा कोई और नही!
कितनी मासुम है दिल की ख्वाहिश……. इश्क भी करना चाहता है और खुश भी रहना चाहता है…..!
किसी ने पूछा कभी इश्क हुआ था हम मुस्कुरा के बोले आज भी है!
तेरी बातों में जिक्र मेरा…. मेरी बातों में जिक्र तेरा…. अजब सा ये इश्क हैं…. ना तु मेरी ना मैं तेरा
वो कहते है भूल जाओ पुरानी बातों को….. कोई उसे समझाये कि इश्क़ कभी पुराना नहीं होता..||||
आग थे इब्तिदा ए इश्क़ में हम अब जो हैं ख़ाक इंतिहा है ये!
इश्क़ इक भारी पत्थर है कब ये तुझ ना तवाँ से उठता है!
ना आह सुनाई दी ना तड़प दिखाई दी….!! बर्बाद हो गए तेरे इश्क में हम बड़ी खामोशी के साथ….!!
आज कोई गज़ल तेरे नाम ना हो जाए आज कही लिखते लिखते शाम ना हो जाए!
दिल इश्क से बंधा हुआ एक जिद्दी परिंदा है ! उम्मीदों से ही घायल है उम्मीदों पर ही जिंदा !!
हुस्न की मल्लिका हो या साँवली सी सूरत…!! इश्क अगर रूह से हो तो हर चेहरा कमाल लगता है…!!
अजब चिराग हूँ दिन रात जलता रहता हूँ थक गया हूँ मैं हवा से कहो बुझाए मुझे।
इश्क का रोग है जाता नहीं कसम से गले में डालकर सारे ताबीज देखे मैंने!
सुनो मुझे इश्क़ हुआ है दूर रहना तुम हमसे सुना है ये मर्ज छूने से बढ़ जाता है !
खुदा तू इश्क न करना वरना बहुत पछतायेगा हम तो मर के तेरे पास आयेंगे तू कहाँ जायेगा!
ज़मीन से आसमान तक इश्क़ का ही बोल बाला है इश्क़ के करने का लेकिन सभी का ढंग निराला है!
जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे उसे ज़िंदगी क्यूँ न भारी लगे !
मै खुद लिखता हूँ मोहब्बत तुम आइने को संवार लो मै अपनी खुशबु बिखेर देता हूँ तुम अपनी जुल्फों को सवार लो !
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चर्चे किस्से नाराजगी आने दो मुझको इश्क़ में और इश्क़ को मुझमें मशहूर हो जाने दो! साथ देना चाहते है आप की हर राह मे जिंदगी जीना चाहते है आप की बाहों मे बन जाना साँसे हमारी ओर कर देना एहसान इतना जो हो हमारा प्यार सच्चा इस दुनिया मे !
तुम चाहो अगर तो लिख दो इश्क़ मेरी तकदीर में तुमसे खूबसूरत इबादत तो जन्नत में भी नही!
मन में छुपे राज़ बताऊ कैसे तुम्हे अपना करीब लावू कैसे दिल के अरमान दिल में रेह न जाए कभी चाहत अपनी तुज पर जताऊ भी तो कैसे!
इश्क़ में भी कोई अंजाम हुआ करता है इश्क़ में याद है आग़ाज़ ही आग़ाज़ मुझे!
Ishq Shayari in Hindi
मैं आदत हूँ उसकी वो ज़रूरत है मेरी मैं फरमाइश हूँ उसकी वो इबादत है मेरी इतनी आसानी से कैसे निकल दू उसे अपने दिल से मैं ख्वाब हूँ उसका वो हक़ीक़त है मेरी !!
सुना है हश्र हैं उस की ग़ज़ाल सी आँखें सुना है उस को हिरन दश्त भर के देखते हैं!
दिल की आवाज़ को इज़हार कहते है झुकी निगाह को इकरार कहते है सिर्फ़ पाने का नाम इश्क़ नही कुछ खोने को भी प्यार कहते हैं!
नशा है इश्क़ खता है इश्क़ क्या करें यारो बड़ा दिलकश है इश्क़!
बादशाह थे हम अपनी मिजाज ए मस्ती के इश्क़ ने तेरे दीदार का फ़क़ीर बना दिया!
फरवरी की एक सर्द शाम और साथ तुम्हारा हो काश कुछ पल ही सही ख़्वाब ये सच हमारा हो!
इश्क़ वही है जो हो एकतरफा हो इज़हार ऐ इश्क़ तो ख्वाहिश बन जाती है है अगर मोहब्बत तो आँखों में पढ़ लो ज़ुबान से इज़हार तो नुमाइश बन जाती है!
इक बात कहूँ इश्क़ बुरा तो नहीं मानोगे, बड़ी मौज के थे दिन, तुमसे पहचान से पहले।
यह वही है जो मुझे जीवन पर गर्व करता है, आपने मुझे बहुत देर कर दी है प्यार से कोई तरकीब करते हो तो मुझमें हारने की हिम्मत है।
इबादत ए इश्क बस इतना है तु रहे सदा पास मेरे मै रहू सदा एहसासो मे तेरे!
प्यार लिखने के लिए प्यार का होना बहुत जरूरी है। बिना जहर का स्वाद पिए कोई कैसे बता सकता है?
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।