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इंतज़ार शायरी

Intezaar Shayari in Hindi

Intezaar Shayari in Hindi
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Intezaar Shayari in Hindi |इंतज़ार शायरी

एक रात वो गया था जहाँ बात रोक के,
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के।

फरियाद कर रही है यह तरसी हुई निगाह,
देखे हुए किसी को ज़माना गुजर गया।

ऐ मौत उन्हें भुलाए ज़माने गुजर गए,
आ जा कि ज़हर खाए ज़माने गुजर गए,
ओ जाने वाले आ कि तेरे इंतजार में,
रास्ते को घर बनाए ज़माने गुजर गए।

एक मुलाक़ात की आस में
मैं ज़िंदगी गुज़ार लूंगा,
तुम हां तो कहो तुम्हारे
लिए उम्र भर इंतज़ार करूंगा।

दिन भर भटकते रहते हैं
अरमान तुझसे मिलने के,
न ये दिल ठहरता है
न तेरा इंतज़ार रुकता है।

ये कह-कह के हम दिल को समझा रहे हैं,
वो अब चल चुके हैं वो अब आ रहे हैं।

आंखों का इंतज़ार तुम पर
आकर ही तो खत्म होता है,
फिर चाहे वो हकीकत या फिर ख्वाब।

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वो तारों की तरह रात भर चमकते रहे,
हम चाँद से तन्हा सफ़र करते रहे,
वो तो बीते वक़्त थे उन्हें आना न था,
हम यूँ ही सारी रात करवट बदलते रहे।

*******

किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इंतज़ार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूंढ़ता है खामोशी से तुझे।

खुद हैरान हूँ मैं अपने सब्र का पैमाना देख कर,
तूने याद भी ना किया,
और मैंने इंतज़ार नहीं छोड़ा।

कल भी तुम्हारा इंतज़ार था,
आज भी तुम्हारा इंतज़ार है,
और हमेशा तुम्हारा ही इंतज़ार रहेगा।

कहीं वो आ के मिटा दें न इंतज़ार का लुत्फ़,
कहीं क़ुबूल न हो जाए इल्तिजा मेरी।

एक लम्हे के लिए मेरी नजरों के सामने आजा,
एक मुद्दत से मैंने खुद को आईने में नहीं देखा।

Intezaar Shayari in Hindi

आँखों ने जर्रे-जर्रे पर सजदे लुटाये हैं,
क्या जाने जा छुपा मेरा पर्दानशीं कहाँ।

तुम्हारी यादों पर इख़्तियार हो नही सकता,
लौट आओ के अब इंतज़ार हो नही सकता।

जीने की ख्वाइश में हर रोज़ मरते हैं,
वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं,
जूठा ही सही मेरे यार का वादा,
हम सच मानकर ऐतबार करते हैं।

मुझको अब तुझ से मोहब्बत नहीं रही,
ऐ ज़िन्दगी तेरी भी मुझे ज़रूरत नहीं रही,
बुझ गये अब उसके इंतज़ार के वो दीये,
कहीं आस-पास भी उस की आहट नहीं रही।

हर आहट पर साँसें लेने लगता है,
इंतज़ार भी भला कभी मरता है।

उम्मीद भी बड़े कमाल की चीज़ होती है,
सब्र गिरवी रख इंतज़ार थमा देती है।

क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है,
एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है,
लगने लगते हैं अपने भी पराये,
और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है।

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ये इंतज़ार न ठहरा कोई बला ठहरी,
किसी की जान गई आपकी अदा ठहरी।

ये जो पत्थर है आदमी था कभी,
इस को कहते हैं इंतज़ार मियां।

इंतज़ार के इन लम्हों में,
ज़माना ना जीत जाए,
इंतज़ार करते-करते कहीं,
ज़िन्दगी ना बीत जाए।

तड़प के देखो किसी की चाहत में,
तो पता चलेगा, कि इंतजार क्या होता है,
यूं ही मिल जाए, कोई बिना चाहे,
तो कैसे पता चलेगा, कि प्यार क्या होता है।

कब आ रहे हो मुलाकात के लिये,
हमने चाँद रोका है एक रात के लिये।

हालात कह रहे हैं मुलाकात नहीं मुमकिन,
उम्मीद कह रही है थोड़ा इंतज़ार कर।

किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी,
इंतज़ार तेरा…मुझे पूरा मरने भी नहीं देता।

राह चलते तू औरों का दामन थाम ले,
मगर मेरे प्यार को भी तू थोड़ा पहचान ले,
कितना इंतज़ार किया है तेरे इश्क़ में मैंने,
जरा इस दिल की बेताबी को भी तू जान ले।

*****

आँखें रहेंगीं शाम-ओ-शहर मुन्तज़िर तेरी,
आँखों को सौंप देंगे तेरा इंतज़ार हम।

वादा है खुद से अगर तुम ना
मिली इतना दूर चला जाऊंगा तुझसे,
फिर इंतजार करती रह जाओगी,
कभी ना मिल पाऊंगा तुझसे।

तुम देखना यह इंतज़ार रंग लायेगा ज़रूर,
एक रोज़ आँगन में
मौसम-ए-बहार आएगी ज़रूर।

आँखों के इंतज़ार का दे कर हुनर चला गया,
चाहा था एक शख़्स को जाने किधर चला गया,
दिन की वो महफिलें गईं रातों के रतजगे गए,
कोई समेट कर मेरे शाम-ओ-सहर चला गया।

Intezaar Shayari in Hindi

हम इस इंतज़ार में रह गए कि
वो हमें इंतज़ार नही करवाएँगे,
हमें क्या खबर थी कि वो खुद
ही हमारा इंतज़ार कर रहे थे।

उनकी आवाज़ सुनने को बेकरार रहते हैं,
शायद इसी को दुनिया में प्यार कहते हैं,
काटने से भी जो ना कटे वक्त,
उसी को मोहब्बत में इंतज़ार कहते हैं।

इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा,
यादें कटती हैं ले ले कर नाम तेरा,
मुद्दत से बैठे हैं यह आस पाले,
कि कभी तो आएगा कोई पैगाम तेरा।

मेरे दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो,
इंतज़ार उसका है जिसे मेरा एहसास तक नहीं।

मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा,
तुम मेरे रूह में समाये हुए हो,
तुमको कैसे मैं भुलाऊँगा।

हाथ कि लकीरों पर ऐतबार कर लेना,
भरोसा हो तो किसी से प्यार कर लेना,
खोना पाना तो नसीबों का खेल है,
ख़ुशी मिलेगी बस थोड़ा इंतज़ार कर लेना।

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इक मैं कि इंतज़ार में घड़ियाँ गिना करूँ,
इक तुम कि मुझसे आँख चुराकर चले गये।

आधी से ज्यादा शबे-ग़म काट चुका हूँ,
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है।

लाश को मैंने अपनों के
लिए इंतज़ार करते देखा है,
यकीन मानो, हस्ते खिलते परिवार को मैंने
टूटते बिखरते देखा है।

******

फिर आज कोई ग़ज़ल तेरे नाम न हो जाये,
कहीं लिखते लिखते शाम न हो जाये,
कर रहे हैं इंतज़ार तेरी मोहब्बत का,
इसी इंतज़ार में ज़िन्दगी तमाम न हो जाये।

उसे भुला दे मगर इंतज़ार बाकी रख,
हिसाब साफ न कर कुछ हिसाब बाकी रख।

जान देने का कहा मैंने तो हँसकर बोले,
तुम सलामत रहो हर रोज के मरने वाले,
आखिरी वक़्त भी पूरा न किया वादा-ए-वस्ल,
आप आते ही रहे मर गये मरने वाले।

आँखों को इंतज़ार का दे कर हुनर चला गया,
चाहा था एक शख़्स को जाने किधर चला गया,
दिन की वो महफिलें गईं रातों के रतजगे गए,
कोई समेट कर मेरे शाम-ओ-सहर चला गया।

Intezaar Shayari in Hindi

बस यूँ ही उम्मीद दिलाते हैं ज़माने वाले,
कब लौट के आते हैं छोड़ कर जाने वाले।

मेरे मरने के बाद मुझे जलाना मत दफ़ना देना,
जो अगर खोली उसने कभी
कब्र मेरी तो उसे इंतज़ार करता मिलुंगा।

उनकी अपनी मरजी हो,
तो वो हमसे बात करते है,
और हमारा पागलपन देखो क़ि
सारा दिन उनकी मरजी का इंतजार करते है।

दिल जलाओ या दिए आँखों के दरवाज़े पर,
वक़्त से पहले तो आते नहीं आने वाले।

यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है,
यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है।

पलकों पर रूका है समन्दर खुमार का,
कितना अजब नशा है तेरे इंतजार का।

रात भर जागते रहने का सिला है शायद,
तेरी तस्वीर सी महताब में आ जाती है।

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कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँख में हमको भी इंतज़ार दिखे।

उसी तरह से हर एक ज़ख्म खुशनुमा देखे,
वो आये तो मुझे अब भी हरा-भरा देखे,
गुजर गए हैं बहुत दिन रफाकत-ए-शब में,
एक उम्र हो गई चेहरा वो चाँद-सा देखे।

न कोई वादा न कोई यक़ीं न कोई उम्मीद,
मगर हमें तो तेरा इंतज़ार करना था।

तेरे हिज्र के गम में हम यूँ ज़ार ज़ार होते जा रहे हैं,
इंतज़ार करते करते ख़ुद इंतज़ार होते जा रहे हैं।

मुझे हर पल तेरा इंतज़ार रहता है,
हर लम्हा मुझे तेरा एहसास रहता है,
तुझ बिन धडकनें रुक सी जाती हैं,
कि तू दिल में धड़कन बनके रहता है।

तमाम रात मेरे घर का एक दर खुला रहा,
मैं राह देखता रहा वो रास्ता बदल गया।

*******

आँखों से नूर बह गया किसी के इंतज़ार का,
पथराई आँखों में अब ग़म भी नहीं प्यार का।

एक आरज़ू है पूरी अगर परवरदिगार करे,
मैं देर से जाऊं और वो मेरा इंतज़ार करे।

एक उम्र गुज़ार दी हमने तेरे इंतज़ार में,
कि अब तो वक्त़ भी
हमसे इजाज़त ले-लेकर गुज़रता है।

उठ-उठ के किसी का इंतज़ार करके देखना,
कभी तुम भी किसी से प्यार करके देखना।

किसी रोज़ होगी रोशन मेरी भी ज़िंदगी,
इंतज़ार सुबह का नहीं तेरे लौट आने का है।

सर्द शाम की निग़ाह में
भी किसी का इंतज़ार था,
मुड़ मुड़ के वो भी देखती
रही रास्ता किसी का।

Intezaar Shayari in Hindi

वो इंतज़ार भी क्या जिसमें कोई बेसब्री ना हो,
वो प्यार भी क्या जिसमें कोई दिलचस्पी ना हो।

कुछ बातें करके वो हमें रुला के चले गए,
हम न भूलेंगे यह एहसास दिला के चले गए,
आयेंगे कब वो अब तो यह देखना है उम्र भर,
बुझ रही है आग जिसे वो जला कर चले गए।

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यूँ है,
इन्कार करने पर चाहत का इकरार क्यूँ है,
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद,
फिर भी हर मोड़ पर उसका इंतजार क्यूँ है।

आदतन तुमने कर दिये वादे,
आदतन हमने भी ऐतबार किया,
तेरी राहों में हर बार रुककर,
हमने अपना ही इंतजार किया।

लगता है हमारे इम्तिहान की घड़ी आ गई है,
शायद इसलिए इंतज़ार करने को कहा है उन्होंने।

अब तेरी मोहब्बत पर मेरा हक तो नहीं सनम,
फिर भी आखिरी साँस तक तेरा इंतजार करेंगे।

तुम एतबार की बात करते हो,
हमे तुम्हारे इंतज़ार से भी प्यार है।

रात क्या होती है हमसे पूछिए,
आप तो सोये सवेरा हो गया।

आप करीब ही न आये इज़हार क्या करते,
हम खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते,
साँसे साथ छोड़ गयीं पर खुली रखी आँखें,
इस से ज्यादा किसी का इंतज़ार क्या करते।

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इक पल गुज़रता नहीं था तेरे बिना,
इक उम्र कट रही है तेरे इंतज़ार में।

एक अरसा गुज़र दिया मैने तेरे इंतज़ार में,
एक अरसे से तूने मुझे मुड़कर नहीं देखा।

कभी ख़ुशी से ख़ुशी की तरफ नहीं देखा,
तुम्हारे बाद किसी की तरफ नहीं देखा,
ये सोच कर कि तुम्हारा इंतजार लाजिम है,
तमाम उम्र घड़ी की तरफ नहीं देखा।

कभी मिलो तो ऐसे ना मिलना कि,
तू सामने हो और तेरा इंतज़ार हो।

सुबह कहती है मुझसे ज़रा जल्दी उठा कर,
कोई मेरे इंतज़ार में रात भर नहीं सोता।

बेखुदी ले गई कहाँ हमको,
देर से इंतज़ार है अपना,
रोते फिरते हैं सारी-सारी रात,
अब यही बस रोज़गार है अपना।

*****

आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं,
हर वक़्त आपको ही बस याद करती हैं,
जब तक ना कर लें दीदार आपका,
तब तक वो आपका इंतज़ार करती हैं।

कोई मिलता ही नहीं हमसे हमारा बनकर,
वो मिले भी तो एक किनारा बनकर,
हर ख्वाब टूट के बिखरा काँच की तरह,
बस एक इंतज़ार है साथ सहारा बनकर।

ग़जब किया तेरे वादे पर ऐतबार किया,
तमाम रात किया क़यामत का इंतज़ार किया।

Intezaar Shayari in Hindi

एक बार मुड़कर तो देखा होता,
आंखें आज भी तेरा इंतज़ार करती है,
सुबह शाम हर पहर,
खुदा से ये तेरे लिए ही फरियाद करती है।

टूट गया दिल पर अरमान वही है,
दूर रहते हैं फिर भी प्यार वही है,
जानते हैं कि मिल नहीं पायेंगे,
फिर भी आँखों में इंतज़ार वही है।

देखा न होगा तू ने मगर इंतज़ार में,
चलते हुए वक़्त को ठहरते हुए भी देख।

डर लगता है,
ये सोचकर कि कहीं वे ना मिले,
तो क्या होगा
जिनकी इंतज़ार में मैं जिंदा हूं।

उनका भी कभी हम दीदार करते थे,
उनसे भी कभी हम प्यार करते थे,
क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी
पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते थे।

फिर से ना लौटा वो शख़्स,
एक बार चले जाने के बाद,
शायद मेरे इंतज़ार की कसक,
भूल गया वो अपनी मंज़िल की चाह में।

तमाम उम्र तेरा इंतज़ार कर लेंगे,
मगर ये रंज रहेगा कि ज़िन्दगी कम है।

नम आँखों में तेरा इंतज़ार लिए बैठा हूँ,
कुछ खास नहीं बस इश़्क
का इज़हार लिए बैठा हूँ।

इक रात वो गया था जहाँ बात रोक के,
अब तक रुका हुआ हूँ वहीं रात रोक के।

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अरमानों की डोली में,
सात रंग के सपने सजे,
तेरे आने के इंतज़ार में,
पलकें बिछाए हम खड़े।

तमाम उम्र यूँ ही हो गयी बसर अपनी,
शबे-फिराक गयी, रोजे-इंतज़ार आया।

इंतज़ार कब तलक करेगी ए रूह,
चाँद में उलझे लोग तारों
की बात नहीं किया करते।

*****

चले भी आओ तसव्वर में मेहरबां बनकर,
आज इंतज़ार तेरा दिल को हद से ज्यादा है।

मेरी रात को तेरी आधी रात का इंतज़ार रहता है,
क्यूँ न हो भला
आख़िर उसी में छुपा मेरे लिए तेरा प्यार रहता है।

यकीन है कि ना आएगा इस से मिलने कोई,
तो फिर इस दिल को मेरे इंतज़ार किसका है।

प्यार हो तुम मेरे पता है
जरूर वापस आओगे,
तब तक करूँगा इंतज़ार
तुम्हारा ये वादा रहा हमारा।

Intezaar Shayari in Hindi

जीने की ख्वाहिश में हम रोज़ मरते हैं,
वो आये न आये मगर इंतज़ार करते हैं,
झूठा ही सही पर मेरे यार का वादा है,
हम सच मान कर ऐतबार करते हैं।

कभी उनकी याद करना,
कभी उनकी बात करना,
साल कुछ इस तरह गुज़र गया,
किसी के इंतज़ार में।

कुछ रोज़ ये भी रंग रहा तेरे इंतज़ार का,
आँख उठ गई जिधर बस उधर देखते रहे।

लोग इंतज़ार में है
के इक रोज़ क़यामत आयेगी,
मेरे यहाँ उस क़यामत का
हर रोज़ आना जाना है।

फुरसत पड़े तो याद कर लेना हमें,
कि जी रहे हैं हम तेरे इंतज़ार में।

अदब से कर रहा हूँ
दिलबर तेरा इंतजार,
लौट आयेगा एक दिन
अगर सच्चा होगा प्यार।

ये भींगी पलकें आज भी तुम्हारे इंतज़ार में हैं,
एक दिन वापस लौट आओगे तुम,
ये दिल को ऐतबार आज भी है।

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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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