हिंदी व्याकरण में एक महत्वपूर्ण अंग अव्यय होता है। अव्यय के भागों में विस्मयादिबोधक भी एक भाग है। यहां पर हम विस्मयादिबोधक के बारे में जानेंगे।
यहां पर हम विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं, विस्मयादिबोधक अव्यय के उदाहरण, विस्मयादिबोधक के भेद (vismayadibodhak ke bhed), विस्मयादिबोधक चिन्ह आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
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विस्मयादिबोधक किसे कहते हैं?
विस्मयादिबोधक अव्यय ऐसे वाक्य को कहते हैं, जिन वाक्यों में आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा करना आदि के भाव आते हो, तो उन वाक्यों को विस्मयादिबोधक वाक्य कहते हैं।
इन वाक्यों में सामान्यतः विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) का प्रयोग किया जाता है।
विस्मयादिबोधक शब्द ऐसे शब्द होते हैं, जो वक्ता या लेखक अपने शब्दों को हर्ष शोक नफरत विस्मय या ग्लानी आदि भावों को व्यक्त करता हो, उसे विस्मयादिबोधक कहते हैं। इनका चिन्ह (!) होता है।
विस्मयादिबोधक के उदाहरण
- अरे वहां! चले जाओ नहीं तो मार खाओगे।
- हाय! यह क्या हुआ।
- हाय! अब तुम यहां से कैसे जाओगे।
- अरे! राधा कब आ गई।
- वाह! रमेश ने तो कमाल ही कर दिया।
विस्मयादिबोधक के भेद
विस्मयादिबोधक 10 प्रकार के होते हैं, जो निम्न है:
- शोक बोधक
- तिरस्कार बोधक
- विस्मयादिबोधक
- संबोधन बोधक
- हर्ष बोधक
- भय बोधक
- आशीर्वाद बोधक
- अनुमोदन बोधक
- विदास बोधक
- विवशता बोधक
शोक बोधक: शोक बोधक ऐसे शब्द है, जिनमें हाय!, बाप रे!, बाप रे बाप!, हे राम!, ओह!, उफ़!, त्राहि–त्राहि!, आह!, हा! आदि जैसे शब्द आते हैं, उन शब्दों को शोक बोधक शब्द कहते हैं।
उदाहरण
- हे राम! मोहन के साथ यह क्या हो गया।
- बाप रे बाप! तुमको किसने पीटा।
- उफ़! तेरी अदा।
तिरस्कार बोधक: तिरस्कार बोधक ऐसे शब्द होते हैं, जिसमें तिरस्कार का भाव हो, जैसे छि:!, थू-थू, धिक्कार!, हट!, धिक्!, धत!, चुप! आदि के भाव आते हो, उन शब्दों को तिरस्कार बोधक शब्द कहते हैं।
उदाहरण
- दोस्त के नाम पर धिक्कार है! तुम तो मेरा एक भी मदद नहीं किए।
- हट! यहां से।
- चुप! करो तुम लोग बहुत बोलती है।
- चुप! हो जाओ और मैं अपना बेज्जती नहीं सह सकता।
स्वीकृति बोधक: स्वीकृति बोधक ऐसे शब्द होते हैं, जिसमें स्वीकार का बोध हो। जैसे अच्छा!, ठीक!, हाँ!, जी हाँ!, बहुत अच्छा!, जी! आदि जैसे शब्द आते हैं, उन्हें स्वीकार बोधक शब्द कहते हैं।
उदाहरण
- जी हां! मैं हूं खलनायक।
- अच्छा! तुम ही हो क्या जो पीके देख रहे थे।
- अच्छा! तो हम चलते हैं।
विस्मयादि बोधक: विस्मयादिबोधक ऐसे शब्द होते हैं, जिनमें विस्मय में का भाव आता है। जैसे अरे!, क्या!, ओह!, सच!, हैं!, ऐ!, ओहो!, वाह! आदि जैसे शब्द आते हैं, इन शब्दों को विस्मयादिबोधक शब्द कहते हैं।
उदाहरण
- सच! कह रहा है दीवाना, दिल-दिल न किसी से लगाना।
- ओहो! तुम ही थे क्या, कल जिसने मेरे घर पर आकर डोर-बेल बजा कर भाग गए थे।
- वाह! क्या बात कर रहे हैं, तुम तो सफल हो गए।
संबोधन बोधक: संबोधन बोधक ऐसे शब्द होते हैं, जिनमें संबोधन का शब्द आता हो भाव आता हो जैसे हो!, अजी!, ओ!, रे!, री!, अरे!, अरी!, हैलो!, ऐ! आदि जैसे शब्दों को संबोधन बोधक शब्द कहते हैं।
उदाहरण
- हेलो! कौन बोल रहे हो।
- अजी! सुनते हो देखो कौन आया है।
हर्षवर्धन बोधक: हर्ष बोधक शब्द ऐसे शब्द होते हैं, जिसमें हर्ष उल्लास का भाव आता हो जैसे वाह-वाह!, धन्य!, अति सुन्दर!, अहा!, शाबाश!, ओह! आदि जैसे शब्द आते हैं।
उदाहरण
- शाबाश! बेटा तुम ने कर दिखाया।
- अति सुंदर! तुमने तो बहुत अच्छा चित्र बनाया।
- वाह! तुम्हारा मैच तो बहुत ही कमाल का था।
भय बोधक: ऐसे शब्द होते हैं, जिन्हें भय का भाव होता है। जैसे बाप रे बाप!, ओह!, हाय!, उई माँ!, त्राहि–त्राहि! आदि जैसे शब्द को हम भय बोधक शब्द कहते हैं।
उदाहरण
- कोरोना के बजे से त्राहि-त्राहि! मच गई है।
- बाप रे बाप! तुमको इतना किसने मारा।
आशीर्वाद बोधक: आशीर्वाद बोधक ऐसे शब्द को कहते हैं, जिस शब्द में आशीर्वाद देने का भाव आता हो जैसे दीर्घायु हो!, जीते रहो! आदि जैसे सर को हम आशीर्वाद बोधक कहते हैं।
उदाहरण
- जीते रहो! पुत्र तुम्हें संसार की सारी खुशियां मिले।
- दीर्घायु हो! पुत्र तुम दूधो नहाओ पूतो फलो।
अनुमोदन बोधक: अनुमोदन बोधक एक ऐसे शब्द होते हैं, जिसमें अनुरोध का भाव आता हो। जैसे हाँ, हाँ!, बहुत अच्छा!, अवश्य! आदि जैसे शब्द को हम अनुमोदन बोधक शब्द कहते हैं।
उदाहरण
- अवश्य! भगवान हमेशा तुम्हारे साथ रहेंगे।
- हां हां! सच बोलने से भगवान हमेशा साथ देते हैं।
- हां हां! आप सही बोल रहे हो।
विदास बोधक: विदास बोधक ऐसे शब्द होते हैं, जिनमें विदा भाव आता हो। जैसे अच्छा!, अच्छा जी!, टा-टा! आदि जैसे शब्द को हम विदास बोधक शब्द कहते हैं।
उदाहरण
- अच्छा! तो हम चलते हैं।
- टा-टा! फिर आएंगे हम मिलने।
विवशता बोधक: विवशता बोधक शब्द होते हैं, जिनमें विवशता का भाव आता हैं। जैसे काश!, कदाचित्!, हे भगवान! आदि जैसे शब्द का प्रयोग हो, ऐसे शब्द को विवशता बोधक शब्द कहते हैं।
उदाहरण
- काश। कोई लड़का मुझे प्यार करता।
- कदाचित। तुम सही बोल रही हो लेकिन किसी भी बात को मानने के लिए सबूत की जरूरत होती है।
- हे भगवान। मेरी किस्मत को क्या हो गया।
FAQ
विस्मयादिबोधक अव्यय ऐसे वाक्य को कहते हैं, जिन वाक्यों में आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा करना आदि के भाव आते हो, तो उन वाक्यों को विस्मयादिबोधक वाक्य कहते हैं। जैसे: अरे वहां! चले जाओ नहीं तो मार खाओगे, हाय! यह क्या हुआ आदि।
विस्मयादिबोधक 10 प्रकार के होते हैं, जो निम्न है: शोक बोधक, तिरस्कार बोधक, विस्मयादिबोधक, संबोधन बोधक, हर्ष बोधक, भय बोधक, आशीर्वाद बोधक, अनुमोदन बोधक, विदास बोधक, विवशता बोधक।
1. वाह! रमेश ने तो कमाल ही कर दिया। 2. वाह! रमेश ने तो कमाल ही कर दिया। 3. हाय! यह क्या हुआ।
विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) होता है।
निष्कर्ष
यहां पर हम विस्मयादिबोधक की परिभाषा (vismayadibodhak ki paribhasha), विस्मयादिबोधक चिन्ह के उदाहरण, विस्मयादिबोधक के भेद, विस्मयादिबोधक चिन्ह आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है।
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