हिंदी पत्र पत्रिकाओं की सूची | Hindi Patrikayen
हिंदी के पहले समाचार पत्र का नाम “उदंत मार्तंड” था। जिसे पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने 30 मई 1826 को कलकत्ता से संपादित किया था। कलकत्ता पत्र-पत्रिकाओं के संपादन का मुख्य केंद्र था इसीलिए यहां पर महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं के संपादन हुए जिनमे उदंत मार्तंड, बंगदूत, मार्तंड, प्रजा मित्र और समाचार सुधा वर्षण का प्रकाशन मुख्य था।
शुरू में यह पांचो पत्रिका सप्ताह में एक बार निकलती थी और सुधा वर्षण नाम की पत्रिका एक दैनिक पत्रिका थी। सभी पत्र-पत्रिकाओं के संपादन में दो से तीन भाषाओं का प्रयोग किया जाता था। उसी समय ‘सुधाकर’ और ‘बनारस अखबार’ नाम के पत्र आते थे जो साप्ताहिक थे और इनका प्रकाशन काशी से होता था। बुद्धि प्रकाश सर प्रजा हितैषी नाम के पत्रों को आगरा से प्रकाशित किया जाता था। तत्वबोधिनी नाम की साप्ताहिक पत्रिका को बरेली से प्रकाशित किया जाता था।
सप्ताहिक पत्रिका मालवा का प्रकाशन मालवा से तथा वृतांत जम्मू से और ज्ञान प्रदायिनी पत्रिका का प्रकाशन लाहौर से होता था। यह दोनों ही मासिक पत्रिकाएं थी। इन पत्र-पत्रिकाओं के संपादन का मुख्य उद्देश्य जनता के विचारों में सुधार, जागरूकता तथा अच्छी भावना को विकसित करना, अन्याय और अत्याचार के विरोध में आवाज उठाना इत्यादि था। हालांकि इन पत्रिकाओं में जिन भाषा का प्रयोग किया जाता था वह बहुत ही साधारण किस्म की टूटी फूटी से हिंदी भाषा थी।
प्रमुख पत्र पत्रिकाएं और उनके संपादक
हिंदी भाषा में पत्रकारिता का इतिहास बहुत बड़ा रहा है जिसका हिंदी भाषा और साहित्य में बहुत महत्व है। इस कारण यह परीक्षा के दृष्टिकोण से भी अति महत्वपूर्ण है, बहुत से बड़े स्तर के प्रतियोगी परीक्षाओं में पत्र-पत्रिकाओं से जुड़े हुए प्रश्न पूछे जाते हैं।
पत्र पत्रिकाओं की सूची संपादक एवम् वर्ष नीचे दिए जा रहे हैं-
1 . भारतेंदु पूर्व युग की पत्र पत्रिकाएं और संपादक (1826- 1867 ई.)
हिंदी के पहले समाचार पत्र का नाम उदंत मार्तंड था जिसका संपादन 30 मई 1826 से शुरू हुआ है इसके प्रति हर मंगलवार को निकलती थी और इसका मासिक मूल्य ₹2 था। उदंत मार्तंड के पत्र में मध्य देशीय भाषा के नाम से खड़ी भाषा को लिखित किया गया है । इस पत्रिका का अंतिम प्रकाशन 4 दिसंबर 1827 को हुआ था।
इसमें संपादक द्वारा लिखी गई सूक्ति:
“आज दिवस लौं उग चुक्यो मार्तंड उदंत
अस्ताचल को जात है दिन कर दिन अब अंत”
- दूसरी पत्रिका का नाम बंगदूत था जिसे सन 1929 में कलकत्ता से प्रकाशित किया गया था इस पत्रिका को तीन मुख्य भाषा बांग्ला फारसी और हिंदी में निकाला जाता था इसका संपादन नीलरतन हलधर करते थे यह पत्र सप्ताह में एक बार रविवार को प्रकाशित होता था इसका मूल्य ₹1 था।
- सन 1845 में राजा शिवप्रसाद सिंह द्वारा “सितारे हिंद” और “बनारस अखबार” नाम की पत्रिका निकाली गई । जिसमे उर्दू और हिंदी दोनों ही भाषा थी यह पत्रिका हिंदी प्रदेश से निकलने वाली प्रथम पत्रिका थी इसमें देवनागरी लिपि का प्रयोग हुआ था इससे पहले जितने भी पत्र प्रकाशित हुए थे वे सभी बंगाल से प्रकाशित होते थे काफी दिनों तक जनता इसे हिंदी का पहला पत्र समझती रही।
- सन 1846 में मौलवी नसीरुद्दीन द्वारा कलकत्ता से मार्तंड नामक पत्रिका निकाली गई जो 5 भाषाओं में प्रकाशित की जाती थी हिंदी, उर्दू ,बांग्ला ,फारसी और अंग्रेजी।
- सन 1858 में प्रथम बार कलकत्ता से समाचार सुधा वर्षण नाम की हिंदी दैनिक पत्रिका निकाली गई।
- जिसके संपादक श्याम सुंदर सेन जीत है इस पत्रिका में हिंदी और बांग्ला 2 भाषाओं का प्रयोग किया जाता था।
यूजीसी केयर से जुड़ी हुई पत्र पत्रिकाओं की सूचियां निम्न है
भारतेंदु पूर्वकाल के जितने भी समाचार पत्र प्रकाशित हुए उनमें उर्दू पत्र प्रधान थे। बहुत से ऐसे भी पत्र थे जिन्हे उर्दू के साथ-साथ हिंदी में भी छापा गया। हिंदी भाषा वाली पत्रिकाएं केवल भाषा प्रेम के कारण प्रकाशित होती थी पत्रिकाओं में भाषा की स्थिरता में कमी थी और यह नियमित तौर पर प्रकाशित नहीं होती थी।
भारतेंदु पूर्व युग की प्रमुख पत्रिकाएं निम्न है
- पत्रिका – उदंत मार्तंड (सप्ताहिक पत्रिका)
संपादक -जुगल किशोर
प्रकाशन स्थान – कलकत्ता
वर्ष – 1826 - पत्रिका – बंग दूत (सप्ताहिक पत्रिका)
संपादक -राजा राममोहन राय
प्रकाशन स्थान – कलकत्ता
वर्ष – 1829 - पत्रिका – प्रजा मित्र (सप्ताहिक पत्रिका)
प्रकाशन स्थान – कलकत्ता
वर्ष – 1834 - पत्रिका – बनारस अखबार (सप्ताहिक पत्रिका)
संपादक -राजा शिवप्रसाद सिंह
प्रकाशन स्थान – बनारस
वर्ष – 1845 - पत्रिका – मार्तंड (सप्ताहिक पत्रिका)
संपादक -मोहम्मद नसीरुद्दीन
प्रकाशन स्थान – कलकत्ता
वर्ष – 1846 - पत्रिका – सुधाकर (सप्ताहिक पत्रिका)
संपादक -बाबू तारा मोहन मित्र
प्रकाशन स्थान – काशी
वर्ष – 1850 - पत्रिका – साम्य दंड मार्तंड (सप्ताहिक पत्रिका)
संपादक -जुगल किशोर
प्रकाशन स्थान – कलकत्ता
वर्ष – 1850 - पत्रिका – बुद्धि प्रकाश (सप्ताहिक पत्रिका)
संपादक – मुंशी सदासुखलाल
प्रकाशन स्थान -आगरा
वर्ष – 1852 - पत्रिका – प्रजा हितैषी (सप्ताहिक पत्रिका)
संपादक -राजा लक्ष्मण सिंह
वर्ष – 1855
2.भारतेंदु युग की पत्र पत्रिकाएं और संपादक
हिंदी के पत्र पत्रिकाओं के विकास की गति भारतेंदु युग में सबसे ज्यादा रही, भारतेंदु हरिश्चंद्र ने साहित्यिक पत्रिका कवि वचन सुधा को 1869 में प्रवर्तित किया तथा तब से हिंदी की पत्रिकाएं तेजी से प्रकाशित होने लगी। कवि वचन सुधा नाम की पत्रिका में पुराने कवियों द्वारा जो कविताएं लिखी गई थी इन्हीं का संपादन होता था। आगे चलकर 1873 में भारतेंदु जी ने हरिश्चंद्र मैगजीन नाम की मासिक पत्रिका का संपादन किया जिसके 8 भाग प्रकाशित होने के बाद इसका नाम बदलकर हरिश्चंद्र चंद्रिका कर दिया गया। यह वही पत्रिका है जिसमें हिंदी गद्य का परिष्कृत रूप सबसे पहले सामने आया। 1873 में ही भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा बालबोधिनी नाम की एक पत्रिका निकाली गई जो स्त्रियों की शिक्षा के संबंध पर आधारित था।
सन 1870 में अल्मोड़ा शहर से अल्मोड़ा समाचार नामक साप्ताहिक पत्रिका निकली, जिसे बाद में द्वै – मासिक कर दिया गया। हिंदी प्रदीप नामक एक और पत्रिका को श्री बालकृष्ण भट्ट जी ने करीब 35 वर्षों तक संपादित किया। लेकिन बाद में सरकारी हस्तक्षेप के कारण यह पत्रिका छपनी बंद हो गई।
बद्रीनारायण चौधरी द्वारा संपादित “आनंद कादंबिनी” नामक पत्रिका जो मिर्जापुर से प्रकाशित होती थी ,इसी आनंद कादंबिनी में पुस्तकों की आलोचना से संबंधित लेख निकाले गए। प्रताप नारायण मिश्र द्वारा 15 मार्च 1183 से संपादित 12 पृष्ठों की मासिक पत्रिका छपती थी जिसका नाम ब्राम्हण था. रामकृष्ण वर्मा द्वारा “भारत जीवन” नाम की पत्रिका को संपादित किया गया सन 1884 में।
इस पत्रिका का नामकरण स्वयं भारतेंदु हरिश्चंद्र ने किया था।
सन 1883 में अवध के राजा रामपाल सिंह द्वारा ‘हिंदुस्तान’ नामक एक मासिक पत्रिका का प्रकाशन इंग्लैंड किया गया।
लगभग 2 सालों तक इसका प्रकाशन इंग्लैंड से होता रहा इस पत्रिका की भाषा हिंदी और अंग्रेजी थी तथा बाद में इसे उर्दू भाषा में भी प्रकाशित किया जाने लगा और इसकी समय सीमा मासिक से बदलकर साप्ताहिक कर दिया गया।
हिंदी और अंग्रेजी भाषा के जो भी लेख छप पर आते थे उन्हें राजा साहब स्वयं लिखते थे। और अंग्रेजी भाषा के लेख को जॉर्ज टेंपल द्वारा संकलित किया जाता था। जब राजा साहब का भारत वापस लौट कर आना हुआ (1 नवंबर 1885) उसी समय से ‘हिंदुस्तान’ को दैनिक पत्रिका में और केवल एक मात्र भाषा हिंदी से ही प्रकाशित किया जाने लगा।
हिंदुस्तान पत्रिका की एक और यह विशेषता रही है कि पंडित महामना मदन मोहन मालवीय इसके संपादक रह चुके हैं। कुछ अन्य लोग बालमुकुंद गुप्त प्रताप नारायण मिश्र और गोपाल राम गहमरी भी इस पत्रिका के सहायक संपादक रह चुके हैं।
भारतेंदु युग के प्रमुख पत्रिकाओं की सूची निम्न है
- पत्रिका – कवि वचन सुधा (मासिक)
संपादक -भारतेंदु हरिश्चंद्र
प्रकाशन स्थान – काशी
वर्ष – 1868 - पत्रिका – बिहार बंधु
संपादक -पंडित केशव राम भट्ट
प्रकाशन स्थान – बिहार प्रांत
वर्ष – 1871 - पत्रिका – हरिश्चंद्र मैगजीन (मासिक)
संपादक -भारतेंदु हरिश्चंद्र
प्रकाशन स्थान – बनारस
वर्ष – 1873 - पत्रिका – बालबोधिनी (मासिक)
संपादक -भारतेंदु
प्रकाशन स्थान – बनारस
वर्ष – 1874 - पत्रिका – सदादर्श (मासिक)
संपादक -लाला श्रीनिवास दास
प्रकाशन स्थान – दिल्ली
वर्ष – 1874 - पत्रिका – काशी पत्रिका (सप्ताहिक)
संपादक -बलदेव प्रसाद
प्रकाशन स्थान – अलीगढ़ - पत्रिका – भारत बंधु (साप्ताहिक)
संपादक -तोताराम
प्रकाशन स्थान – अलीगढ़ - पत्रिका – भारत मित्र (साप्ताहिक)
संपादक -छोटू लाल मिश्रा और दुर्गा प्रसाद मिश्रा
प्रकाशन स्थान – कलकत्ता
वर्ष – 1877 - पत्रिका – हिंदी प्रदीप (मासिक)
संपादक -बालकृष्ण भट्ट
प्रकाशन स्थान – प्रयाग
वर्ष – 1877 - पत्रिका – आनंद कादंबिनी (मासिक)
संपादक -बद्रीनारायण चौधरी
प्रकाशन स्थान – मिर्जापुर
वर्ष – 1881 - पत्रिका – ब्राह्मण (मासिक)
संपादक -प्रताप नारायण मिश्र
प्रकाशन स्थान – कानपुर
वर्ष – 1883 - पत्रिका – भारतेंदु
संपादक -पंडित राधाचरण गोस्वामी
प्रकाशन स्थान – वृंदावन
वर्ष – 1884 - पत्रिका – भारत जीवन (साप्ताहिक)
संपादक -रामकृष्ण वर्मा
वर्ष – 1884 - पत्रिका – देवनागरी प्रचारक
प्रकाशन स्थान – मेरठ - पत्रिका – प्रयाग समाचार
संपादक -देवकीनंदन त्रिपाठी
प्रकाशन स्थान – लखनऊ - पत्रिका – हिंदुस्तान (दैनिक)
संपादक -राजाराम पाल सिंह
प्रकाशन स्थान – इंग्लैंड - पत्रिका – हिंदुस्तान (दैनिक)
संपादक -राजाराम पाल सिंह
प्रकाशन स्थान – इंग्लैंड
3. द्विवेदी युग की पत्र पत्रिकाएं और संपादक
हिंदी की पत्र पत्रिका के प्रकाशन में द्विवेदी युग का स्वर्णिम इतिहास है इसे स्वर्ण काल कहा जाता है।
गौरीशंकर हीराचंद्र ओझा, मुंशी देवी प्रसाद, चंद्रधर शर्मा गुलेरी और श्यामसुंदर दास ने 1896 ईस्वी में मिलकर एक पत्रिका जिसका नाम नागरी प्रचारिणी पत्रिका है उसका संपादन किया पत्रिका के अन्य संपादक रामचंद्र शुक्ल और केशव प्रसाद मिश्र भी थे।
पत्रिका सरस्वती का प्रथम अंक बाबू जगन्नाथ दास रत्नाकर और बाबू श्यामसुंदर दास द्वारा संपादित किया गया और दूसरे वर्ष में सरस्वती का संपादन श्यामसुंदर दास द्वारा ही किया गया। 1903 मैं सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन स्थान काशी से इलाहाबाद हो गया और इसे महावीर प्रसाद द्विवेदी जी संपादित करने लगे। चित्रकार रवि वर्मा जी द्वारा पौराणिक चित्रों को बनाया जाता था और महावीर प्रसाद द्विवेदी जी उन्हीं छात्रों पर कवियों से कविता लिखवाते थे।
पत्रिका सरस्वती के बाद जो जिस पत्रिका ने सबसे अधिक लोकप्रियता पाई वह थी विशाल भारत नामक पत्रिका ने, जो बनारसी दास चतुर्वेदी जी ने संपादित की थी। इस पत्रिका के माध्यम से कुछ विशेष अंक निकाले गए जैसे कला अंक और राष्ट्रीय अंक।
कुछ अन्य संपादक अज्ञेय और मोहन सिंह सेंगर तथा श्री राम शर्मा जी भी इस पत्रिका से जुड़े रहे।
अपनी पत्रिका विशाल भारत के माध्यम से चतुर्वेदी जी ने घासलेट साहित्य के विरोध में आंदोलन को नया मुकाम दिया। कस्मे देवाय? के माध्यम से उन्होंने साहित्य और साहित्य लिखने वालों के सामने यह प्रश्न उठाया कि वे किस विषय पर लिखें और किसके लिए लिखे। श्री चतुर्वेदी जी द्वारा मधुकर नामक पत्रिका का संपादन किया गया ज्योति मगर से प्रकाशित होती थी इस पत्रिका के द्वारा उन्होंने बुंदेलखंड की संस्कृति और लोक साहित्य का परिचय हिंदी जगत को दिया।
सरस्वती पत्रिका और विशाल भारत पत्रिका के बाद जो पत्रिका सबसे अधिक प्रभावी रही वह थी हंस पत्रिका। इसी पत्रिका द्वारा 1933 में अपना एक अंक निकाला गया जिसे काशी विशेषांक के नाम से जानते हैं। बाद में ‘हंस’ को जैनेंद्र कुमार तथा शिवरानी देवी द्वारा 1936 में संपादित किया गया।
कुछ समय बाद शिवदान सिंह चौहान और श्रीपति राय भी हंस के संपादक रहे। हिंदी साहित्य में रिपोतार्ज लिखने की एक प्रथा होती है यह प्रथा इसी पत्रिका से शुरू हुई।
श्री कृष्ण कांत मालवीय संपूर्णानंद और प्रेमचंद जी ने मर्यादा नामक पत्रिका को संपादित किया मर्यादा पत्रिका भी हिंदी पत्र-पत्रिकाओं के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। कालूराम ने 1913 में प्रभा नामक पत्रिका का प्रकाशन किया जो खंडवा से निकलती थी। इसी पत्रिका को बाद में माखनलाल चतुर्वेदी जी ने और बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ ने कानपुर से प्रकाशित किया।
‘विश्व वाणी’ की स्थापना श्री सुंदरलाल जी द्वारा की गई. जबकि इसे इला चंद जोशी ने संपादित किया। इसी पत्रिका की बौद्ध संस्कृति अंक वाला भाग महादेवी वर्मा के संपादन में छपा। कुछ समय बाद “अंतरराष्ट्रीय अंक” “चीन अंक” “सोवियत संस्कृति अंक” जैसे कई महत्वपूर्ण अंगों को इस में प्रकाशित किया गया।
द्विवेदी युग प्रकाशित होने वाली प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं का विवरण निम्न है
- पत्रिका – नागरी नीरद (सप्ताहिक)
संपादक – बद्रीनारायण चौधरी
प्रकाशन स्थान – मिर्जापुर
वर्ष – 1893 - पत्रिका -नागरी प्रचारिणी पत्रिका (त्रैमासिक)
प्रकाशन स्थान – काशी
वर्ष – 1896 - पत्रिका -उपन्यास (मासिक)
संपादक -गोपाल राम गहमरी
प्रकाशन स्थान – काशी
वर्ष – 1898 - पत्रिका -सरस्वती (मासिक)
संपादक -चिंतामणि घोष
प्रकाशन स्थान – काशी
वर्ष – 1900 - पत्रिका -सुदर्शन (मासिक)
संपादक -देवकीनंदन /माधव
प्रकाशन स्थान – काशी
वर्ष – 1900 - पत्रिका -समालोचक (मासिक)
संपादक -गुलेरी
प्रकाशन स्थान – जयपुर
वर्ष – 1902 - पत्रिका – अभ्युदय (साप्ताहिक)
संपादक -मदन मोहन मालवीय
प्रकाशन स्थान – प्रयाग - पत्रिका -इंदु (मासिक)
संपादक -अंबिका प्रसाद गुप्त
प्रकाशन स्थान – काशी
वर्ष – 1909 - पत्रिका -मर्यादा (मासिक)
संपादक -कृष्णकांत मालवीय
प्रकाशन स्थान – प्रयाग
वर्ष – 1909 - पत्रिका -प्रताप (साप्ताहिक)
संपादक -गणेश शंकर विद्यार्थी
प्रकाशन स्थान – कानपुर
वर्ष – 1913 - पत्रिका -प्रभा
संपादक -कालूराम
प्रकाशन स्थान – खंडवा
वर्ष – 1913 - पत्रिका -पाटलिपुत्र
संपादक -काशी प्रसाद जयसवाल
प्रकाशन स्थान – पटना
वर्ष – 1914 - पत्रिका -श्री शारदा
संपादक -नर्मदा प्रसाद मिश्र
वर्ष – 1916
4. छायावादी युग में प्रकाशित पत्र पत्रिकाएं और उनके संपादक
महिला से जुड़ी समस्याओं और समाज में सुधार लाने हेतु प्रकाशित हुई जिस पत्रिका ने सबसे अधिक ख्याति बटोरी, उस पत्रिका का नाम ‘चांद’ था।
चांद में”फांसी अंक”और “मारवाड़ी अंक” निकलते थे इस पत्रिका से निकली हुई इन दोनों अंको ने समाज को एक अलग दिशा प्रदान की।
श्री दुलारे लाल भार्गव की पत्रिका ‘माधुरी’ लखनऊ से प्रकाशित होती थी इस पत्रिका को बाद में रूप नारायण पांडे ,कृष्ण बिहारी मिश्र तथा प्रेमचंद जी ने सन 1928 से लेकर 1931 तक संपादित किया। कोलकाता से निकलने वाली ‘मतवाला के संपादन में महादेव प्रसाद सेठ तथा बाद में शिवपूजन सहाय और निराला जी जुड़े रहे।
असहयोग आंदोलन का समय 1920-21 के आस -पास कई पत्रिकाएं निकाली गई इनमें कर्मवीर, खंडवा से निकलने वाला ‘स्वराज’, गोरखपुर से निकलने वाला ‘स्वदेश’तथा वर्धा से प्रकाशित ‘राजस्थान केसरी’ अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।
‘हिंदी नवजीवन’ नामक महत्वपूर्ण साप्ताहिक जिसका नाम बदलकर बाद में हरिजन सेवक रख दिया गया। यह पत्रिका गांधी जी की थी। कुछ समय तक इसी पत्रिका के संपादक श्री वियोगी हरि जी भी रहे।
छायावादी पत्र पत्रिकाओं की सूची का विवरण निम्न है
- पत्रिका -चांद (साप्ताहिक)
संपादक -महादेवी वर्मा
प्रकाशन स्थान – प्रयाग
वर्ष – 1920 - पत्रिका -देश (सप्ताहिक)
संपादक -राजेंद्र प्रसाद
प्रकाशन स्थान – पटना
वर्ष – 1920
3. पत्रिका -नवजीवन (सप्ताहिक)
संपादक -गांधी
प्रकाशन स्थान – अहमदाबाद
वर्ष – 1921
- पत्रिका -माधुरी
संपादक -दुलारे लाल भार्गव
प्रकाशन स्थान – लखनऊ
वर्ष – 1922 - पत्रिका -मतवाला (साप्ताहिक)
संपादक -महादेव प्रसाद सेठ
प्रकाशन स्थान – कोलकाता
वर्ष – 1923 - पत्रिका -कर्मवीर (सप्ताहिक)
संपादक -माखनलाल चतुर्वेदी
प्रकाशन स्थान – जबलपुर
वर्ष – 1924 - पत्रिका -कल्याण (मासिक)
संपादक -हनुमान प्रसाद पोद्दार
प्रकाशन स्थान – गोरखपुर
वर्ष – 1925 - पत्रिका -सुकवि (मासिक)
संपादक -मोहन प्यारे शुक्ला
प्रकाशन स्थान – कानपुर
वर्ष – 1927 - पत्रिका -विशाल भारत (मासिक)
संपादक -बनारसीदास चतुर्वेदी
प्रकाशन स्थान – कोलकाता
वर्ष – 1928 - पत्रिका -सुधा (मासिक)
संपादक -दुलारे लाल भार्गव
प्रकाशन स्थान – लखनऊ
वर्ष – 1929 - पत्रिका -हंस (मासिक)
संपादक -प्रेमचंद्र
प्रकाशन स्थान – बनारस
वर्ष – 1930 - पत्रिका – माया
संपादक – क्षितिंद्र मोहन मिश्रा
प्रकाशन स्थान – प्रयाग
वर्ष – 1930 - पत्रिका -आदर्श & मौजी
संपादक -शिवपूजन सहाय
प्रकाशन स्थान – कोलकाता - पत्रिका – जागरण (सप्ताहिक)
संपादक – शिवपूजन सहाय
प्रकाशन स्थान – बनारस
वर्ष – 1932
5. छायावादोत्तर युग की पत्र-पत्रिका तथा उनके संपादक
पत्रिका एवं संपादक |
प्रकाशन स्थान |
वर्ष |
साहित्य सन्देश- बाबू गुलाब राय |
मासिक, आगरा |
1937 |
भारत- नंद दुलारे वाजपेयी |
अर्धसप्ताहिक, इलाहाबाद |
– |
सैनिक- कृष्ण दत्त पालीवाल |
आगरा |
– |
रूपाभ- पन्त/ नरेंद्र शर्मा |
मासिक |
1938 |
विप्लव- यशपाल |
लखनऊ, मासिक |
1938 |
विश्वभारती- हजारी प्रसाद द्विवेदी |
त्रैमासिक, बंगाल |
1942 |
आजकल- प्रवीन कुमार उपाध्याय |
मासिक, दिल्ली |
1945 |
प्रतीक- अज्ञेय |
द्वैमासिक, इलाहाबाद |
1947 |
दृष्टिकोण- नालिनविलोचन शर्मा |
पटना |
1948 |
चिनगारी- कुशवाहा ‘कांत’ |
मासिक, मिर्जापुर |
1948 |
कल्पना- आर्येन्द्र शर्मा |
द्वैमासिक, हैदराबाद |
1949 |
धर्मयुग- धर्मवीर भारती |
साप्ताहिक, बम्बई |
1950 |
आलोचना- शिवदान सिंह चौहान |
त्रैमासिक, दिल्ली |
1951 |
नये पत्ते- लक्ष्मी कान्त वर्मा & रामस्वरूप चतुर्वेदी |
इलाहाबाद |
1953 |
नयी कविता- जगदीश गुप्त & रामस्वरुप चतुर्वेदी |
अर्द्धवार्षिक, इलाहाबाद |
1954 |
ज्ञानोदय- कन्हैया लाल मिश्र |
मासिक, कलकत्ता, |
1955 |
निकष- धर्मवीर भारती & लक्ष्मीकांत वर्मा |
साप्ताहिक, इलाहाबाद |
1956 |
कृति- नरेश मेहता |
दिल्ली |
1958 |
समालोचक- रामविलास शर्मा |
मासिक, आगरा |
1958 |
पहल- ज्ञानरंजन |
त्रैमासिक, जयपुर |
1960 |
सारिका- रतनलाल |
दिल्ली |
1960 |
क ख ग- रघुवंश, लक्ष्मीकांत वर्मा & रामस्वरूप चतुर्वेदी |
त्रैमासिक, इलाहाबाद |
1963 |
दिनमान- रघुवीर सहाय |
साप्ताहिक, दिल्ली |
1965 |
पूर्वाग्रह- अशोक वाजपेयी |
मासिक, भोपाल |
1974 |
समास- अशोक वाजपेयी |
मासिक, भोपाल |
1974 |
समकालीन भारतीय साहित्य- इंद्रनाथ चौधरी |
द्वैमासिक, साहित्य अकादमी |
1980 |
हंस- राजेंद्र यादव |
मासिक, दिल्ली |
1984 |
वर्तमान साहित्य- विभूति नारायण राय |
इलाहाबाद |
1984 |
कथादेश- हरि नारायण |
मासिक, दिल्ली |
1997 |
नया खून- मुक्तिबोध |
मध्य प्रदेश |
– |
नया ज्ञानोदय- रवीन्द्र कालिया |
मासिक, दिल्ली |
2003 |
6.वर्तमान पत्र पत्रिकाओं की सूची
- पत्रिका -हंस मासिक
संपादक-संजय सहाय
प्रकाशन स्थान – दिल्ली - पत्रिका -पाखी मासिक
संपादक- अपूर्व जोशी
प्रकाशन स्थान – दिल्ली - पत्रिका -बया मासिक
संपादक-गौरीनाथ - पत्रिका -पहल
संपादक- ज्ञानरंजन - पत्रिका -अंतिम जन
संपादक- दीपक श्री ज्ञान - पत्रिका -लमही
संपादक- विजय राय - पत्रिका -पक्षधर अर्धवार्षिक
संपादक- विनोद तिवारी
प्रकाशन स्थान -गाजियाबाद - पत्रिका -आलोचन त्रेमासिक
संपादक- संजीव कुमार &आशुतोष कुमार
प्रकाशन स्थान – दिल्ली - पत्रिका -नया ज्ञानोदय
संपादक- लीलाधर मंडलोई - पत्रिका -बहुवचन
संपादक- अशोक मिश्र - पत्रिका – व्यंग यात्रा
संपादक- प्रेम जनमेजय - पत्रिका -समालोचन
संपादक -अरुण देव - पत्रिका – वांग्मय पत्रिका
संपादक – डा एम. फिरोज़ अहमद - पत्रिका – परिकथा
संपादक – विजय राय - पत्रिका – डा हरीश नवल
संपादक – गगनांचल - पत्रिका -अक्षर वार्ता
संपादक -प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा - पत्रिका – साखी (त्रैमासिक)
संपादक -सदानंद शाही - पत्रिका -पल प्रतिपल
संपादक -देश निर्मोही - पत्रिका -समकालीन भारतीय साहित्य
संपादक -बृजेंद्र कुमार त्रिपाठी - पत्रिका – अनभै सांचा
संपादक – द्वारिका प्रसाद चारुमित्र - पत्रिका -तद्भव
संपादक – अखिलेश - पत्रिका – नया पथ
संपादक – मुरली मनोहर प्रसाद सिंह/चंचल चौहान - पत्रिका – साक्षात्कार
सम्पादक – हरीश भटनागर
7.प्रमुख दैनिक पत्र तथा उनके संपादक
- पत्रिका – आगरा अखबार
संपादक – जॉन एंडसन
वर्ष – 1832 ई. (फारसी में), 1833 ई.(अंग्रेजी में) - पत्रिका – मालवा अखबार वर्ष – 1849, ई.
- पत्रिका – मारवाड़ गजट
सम्पादक -होरीलाल
प्रकाशन स्थान -जोधपुर
वर्ष – 1866 - पत्रिका – भारतोदय
सम्पादक – सीताराम शर्मा
प्रकाशन स्थान -कानपुर
वर्ष – 1855 - पत्रिका -आज
सम्पादक – बाबू विष्णुराव परंडकर
प्रकाशन स्थान -वाराणसी
वर्ष -1920 - पत्रिका -जनसत्ता
प्रकाशन स्थान -दिल्ली
वर्ष -1930 - पत्रिका -हिंदुस्तान
सम्पादक -सत्यदेव विद्यालंकार
प्रकाशन स्थान -दिल्ली
वर्ष -1933 - पत्रिका -नवजीवन
संपादक -भगवती चरण वर्मा
प्रकाशन स्थान -लखनऊ
वर्ष -1947 - पत्रिका -रविवार
सम्पादक -एम.जे अकबर/सुरेंद्र प्रताप सिंह/उदयन शर्मा
वर्ष -1977 - पत्रिका -अमर उजाला
संपादक – डोरीलाल अग्रवाल ‘आनंद ‘
प्रकाशन संस्थान – बेलनगंज आगरा - पत्रिका – आज
संस्थापक -शिव प्रसाद गुप्त
अन्य संपादक -बाबू विष्णुराव परंडकर
प्रकाशन स्थान -काशी
वर्ष -1920
अन्य हिन्दी व्याकरण