चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Chaar din ki chandni fear andheri raat muhavare ka arth)
चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात मुहावरे का अर्थ – कुछ समय के सुख के बाद दुःख तो आना ही है।
Chaar din ki chandni fear andheri raat muhavare ka arth – kuchh samay ke sukh ke baad duhkh to ana hi hai
दिए गए मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
वाक्य प्रयोग: जब भी कोई नेता जीता है तो वह बड़े बड़े वादे करते हैं लेकिन यह वादे बस चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात के समान होती है।
वाक्य प्रयोग: सोहन एक नेता बनना चाहता है इसीलिए मैं बड़े-बड़े कार्य कर रहा है लेकिन सभी गांव वाले जानते हैं कि यह नेता बनने के कुछ दिन के ही काम है बाद में यह नजर तक नहीं आएगा ऐसी स्थिति में ही कहा जाता है कि चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात।
वाक्य प्रयोग: गांव में आज बिजली आई है लेकिन लोगों को यह विश्वास नहीं हो रहा कि यह बिजली हमेशा रहेगी क्योंकि उन्हें यह विश्वास है कि यह बिजली चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ही रहेगी।
वाक्य प्रयोग: एक व्यापारी ने अपने धंधे को बढ़ाने के लिए काफी सारे से लगाएं और आप जब सभी ग्राहक उनके दुकान में आने लगे हैं तो उन्होंने सारे सेल को बंद कर दिया है किसे कहा जाता है कि चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात पहले तो उसने सामान आधे में बेचा और अब उन्हीं सामानों का दाम दोगुना ले रहा है।
यहां हमने “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात” जैसे बहुचर्चित मुहावरे का अर्थ और उसके वाक्य प्रयोग को समझा। चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात मुहावरे का अर्थ होता है कि कुछ समय का दुख और फिर कुछ समय का दुख और फिर वही दुख। इसका सबसे अच्छा उदाहरण है कि अक्सर आपने देखा होगा कि गांव में अक्सर बिजली की समस्या होती है लेकिन जब भी इलेक्शन का समय होता है तो गांव में बिजली आ जाती है तो गांव वाले इस बिजली को देखकर यही कहते हैं कि यह बिजली चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ही होगी। चुकी यह मुहावरा है और मुहावरा और असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए यहां इस मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करने से हैं।
मुहावरे परीक्षाओं में मुख्य विषय के रूप में पूछे जाते हैं। एक शब्द के कई मुहावरे हो सकते हैं।यह जरूरी नहीं कि परीक्षा में यहाँ पहले दिये गए मुहावरे ही पूछा जाए। परीक्षा में सभी किसी का भी मुहावरे पूछा जा सकता है।
मुहावरे का अपना एक भाग है प्रत्येक पाठ्यक्रम में, छोटी और बड़ी कक्षाओं में मुहावरे पढ़ाया जाता है, कंठस्थ किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यह एक मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
परीक्षा के दृष्टिकोण से मुहावरे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरे का अपना-अपना भाग होता है। चाहे वह पेपर हिंदी में हो या अंग्रेजी में यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरे कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। यदि इसे ध्यान से समझा जाए तो याद करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसे समझ समझ कर ही लिखा जा सकता है।
अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग
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