Bhakti Kaal Ke Kavi: भक्ति काल हिंदी साहित्य का एक महत्वपूर्ण काल है। हिंदी साहित्य के इतिहास को अलग-अलग काल में बांटा गया है, जिसमें भक्ति काल का द्वितीय स्थान है।
भक्ति काल का समय तेरहवीं से सौलवीं शताब्दी के बीच का रहा। भक्ति काल को भक्ति का स्वर्ण युग भी कहा जाता है। क्योंकि इस काल के दौरान हिंदी साहित्य के महान कवि और लेखक हुए, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से भक्ति को चरम सीमा तक पहुँचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भक्ति काल में कई महत्वपूर्ण कृतियों का लेखन किया गया है, ऐसा साहित्य किसी और भाषा में नहीं मिलता है। इसकी तरह ना ही किसी अन्य भाषा का साहित्य जीवंत रह पाया है।
इस लेख में हम भक्तिकाल के प्रमुख कवियों के नाम और उनकी रचनाएँ कौनसी है के बारे में विस्तार जानकारी प्राप्त करेंगे।
भक्तिकाल के प्रमुख कवियों के नाम और उनकी रचनाएँ
भक्तिकाल को हिंदी साहित्य का स्वर्ण काल कहा गया है। इसके चार खंड किए गए है, जो निम्न है:
- सूफी काव्य
- संत काव्य
- राम भक्ति काव्य
- कृष्ण भक्ति काव्य
सूफी काव्य
क्र. सं. | काव्य | कवि |
1 | मधुमालती | मंझन |
2 | हंसावली | असाइत |
3 | मृगावती | कुतबन |
4 | माधवानल कामकंदला | आलम |
5 | चित्रावती | उसमान |
6 | सत्यवती कथा | ईश्वर दास |
7 | ज्ञान दीपक | शेख नबी |
8 | रूप मंजरी | नंद दास |
9 | रस रतन | पुहकर |
10 | इंद्रावती, अनुराग बाँसुरी | नूर मुहम्मद |
11 | आखिरी कलाम, पद्मावत, कन्हावत, अखरावट | जायसी |
12 | चंदायन या लोरकहा | मुल्ला दाऊद |
13 | लखमसेन पद्मावती कथा | दामोदर कवि |
संत काव्य
क्र. सं. | काव्य | कवि |
1 | बानी | रैदास |
2 | सुंदर विलाप | सुंदर दास |
3 | ग्रंथ साहिब में संकलित (संकलन- गुरु अर्जुन देव) | नानक देव |
4 | बीजक (मैनी, सबद, साखी; संकलन धर्मदास) | कबीरदास |
5 | ज्ञानबोध, रत्न खान | मलूक दास |
राम भक्ति काव्य
क्र. सं. | काव्य | कवि |
1 | राम आरती | रामानंद |
2 | पौरुषेय रामायण | नरहरि दास |
3 | राम भजन मंजरी, रामाष्टयाम | अग्र दास |
4 | भक्त माल | नाभादास |
5 | रामचन्द्रिका (प्रबंध काव्य) | केशव दास |
6 | रामचरित मानस (प्र०), विनयपत्रिका, गीतावली, कवितावली, कृष्ण गीतावली, दोहावली, जानकी मंगल, पार्वती मंगल, बरवै रामायण (प्र०), रामाज्ञा प्रश्नावली, राम लला नहछू वैराग्य संदीपनी | तुलसीदास |
7 | भरत मिलाप, अंगद पैज | ईश्वर दास |
भक्ति काल (पूर्व मध्यकाल) हिंदी साहित्य का सम्पूर्ण इतिहास जानने के लिए यहां क्लिक करें।
कृष्ण भक्ति काव्य
क्र. सं. | काव्य | कवि |
1 | हित चौरासी | हित हरिवंश |
2 | सुदामा चरित | नरोत्तमदास |
3 | भंवर गीत (प्रबंध काव्य), रास पंचाध्यायी | नंद दास |
4 | जुगलमान चरित्र | कृष्ण दास |
5 | फुटकल पद | गोविंद स्वामी |
6 | फुटकल पद | छीत स्वामी |
7 | फुटकल पद | कुंभन दास |
8 | परमानंद सागर | परममानंद दास |
9 | युगल शतक | श्री भट्ट |
10 | हरिदास जी के पद | स्वामी हरिदास |
11 | प्रेम वाटिका, दानलीला, सुजान रसखान | रसखान |
12 | रसलावनी, भक्त नामावली | ध्रुव दास |
13 | सूरसागर, भ्रमरगीत (सूरसागर से संकलित अंश), सूरसारावली, साहित्य लहरी | सूरदास |
14 | राग गोविंद, राग सोरठ के पद, नरसी जी का मायरा, गीत गोविंद टीका | मीराबाई |
15 | द्वादशयश, हितजू को मंगल, भक्ति प्रताप | चतुर्भुज दास |
विविध रचनाकर एवं रचनाएँ
क्र. सं. | काव्य | कवि |
1 | रस रतन | पुहकर कवि |
2 | पद्मिनी चरित्र | लालचंद |
3 | हनुमन्नाटक | बलभद्र मिश्र |
4 | पंचसहेली | छीहल |
5 | माधवानल कामकंदला | आलम |
6 | शत प्रश्नोत्तरी | मनोहर कवि |
7 | सुंदर श्रृंगार | सुंदर |
8 | काव्य कल्पद्रुम | सेनापति |
9 | रुक्मिणी मंगल, कवित्त संग्रह, छप्पय नीति | महापात्र नरहरि बंदीजन |
10 | कविप्रिया, रतनबावनी, रसिक प्रिया, विज्ञान गीता, जहाँगीर जस चंद्रिका, वीर सिंह देव चरित (प्र०) | केशव दास |
11 | रहीम दोहावली या सतसई, रहीम रत्नावली, बरवै नायिका भेद, श्रृंगार सोरठा, रास पंचाध्यायी, मदनाष्टक | रहीम (अब्दुर्रहीम खाने खाना) |
12 | भागवत दशम स्कंध भाषा, हरिचरित | लालच दास |
FAQ
विनयपत्रिका, वैराग्य संदीपनी, राम आरती, दोहावली, जानकी मंगल, अंगद पैज, रामाष्टयाम, राम लला नहछू आदि भक्ति काल की रचनाएं है।
तुलसीदास, कबीरदास, सूरदास, रसखान, मीराबाई आदि भक्ति काल के प्रमुख कवि है।
निष्कर्ष
इन हिंदी साहित्य तथा इनके साहित्यकार के बारे में हमें ज़रूर जानना चाहिए। हम तीव्र गती से तरक्की तो कर रहे हैं, मगर अपने साहित्य के बारे में हमें ज़्यादा ज्ञान नहीं हैं। यह सूची आपके हिंदी साहित्य के ज्ञान में वृद्धि करेगी।
यहां पर हमने भक्ति काल के कवि (Bhakti Kaal Ke Kavi), भक्तिकाल के प्रमुख कवियों के नाम और उनकी रचनाएँ आदि के बारे में विस्तार से जानकारी शेयर की है।
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