Home > Education > कहानी और उपन्यास में अंतर क्या है?

कहानी और उपन्यास में अंतर क्या है?

कहानी और उपन्यास दोनों ही साहित्य के अंग है। Kahani Aur Upnyas Mein Antar हैं तथा यह दोनों ही मिलकर साहित्य को अत्यधिक मजबूत और आकर्षक बनाते हैं।

हमारा भारतीय साहित्य कहानी और उपन्यास के आधार पर ही स्थित है। कहानी उपन्यास की तुलना में छोटी होती है, परंतु दोनों की ही अपनी विशेषता और अपना महत्व है।

upanyas aur kahani mein antar

प्राचीन काल से ही कहानी और उपन्यास लिखे जाते आ रहे हैं। दोनों का ही अपना अपना महत्व होता है और दोनों ही एक दूसरे में अलग-अलग महत्व रखते हैं।

कहानी किसे कहते हैं?

कहानी शब्द का अर्थ “कुछ कहना, शब्दों में बयां करना” होता है। किसी घटना को, किसी जगह को, किसी व्यक्ति को, किसी दुर्घटना को, किसी वाक्य को या किसी भी विषय वस्तु को कुछ शब्दों में बयां करना, उसे कहानी कहते हैं।

कहानी कुछ समय में समाप्त हो जाती है। जैसे कोई घटना घटित हुई है तो उसके ऊपर कहानी लिखी गई है। तो उसे कुछ शब्दों में और कुछ ही समय में बयां कर दी जाती हैं।

हमारे साहित्य में कहानी का अत्यंत महत्व है। कहानी से ही मिलकर साहित्य बना या हम यूं कह सकते हैं कि हमारे साहित्य में कहानी का बहुत बड़ा हाथ है। कहानियों को मिलाकर ही हमारे साहित्यकार निर्माण किया गया है।‌

कहानी किसी भी समय या विषय वस्तु या फिर व्यक्ति की हो सकती हैं। इसलिए वर्तमान समय तक भारत की करोड़ों की संख्या में कहानियां प्रचलित हैं। कहानियों की अनेक सारी किताबें हैं, पुस्तकें हैं। जिनमें अलग-अलग क्षेत्र और विषय से संबंधित कहानियां लिखी गई है।

कहानियों का प्रचलन हमारे दैनिक जीवन से जुड़ा हुआ है। प्राचीनतम काल से ही भारत में कहानियां चली आ रही है। इतिहासकार किसी घटना व्यक्ति या विषय वस्तु पर कहानियां लिखा करते थे, किसी स्थल पर भी कहानी लिखी जा सकती हैं।‌ इसलिए हमें बचपन से ही कहानियां सुनाई जाती है और पढ़ाई जाती आ रही है।

उपन्यास किसे कहते हैं?

उपन्यास का अर्थ किसी बड़ी घटना, व्यक्ति, विषय वस्तु या जगह के बारे में विस्तार से व्याख्या करना। उसके अंश को जगाना, उपन्यास कहा जाता है।

उपन्यास कहानी की तुलना में अत्यंत विस्तृत से लिखा जाता है। जहां कहानी को कुछ समय में बयां कर सकते हैं, वहीं पर उपन्यास को समाप्त करने में काफी समय लग जाता है।

उपन्यास किसी भी जगह को विस्तार से दर्शाता है। उस जगह का वजूद, उस जगह की खूबसूरती, उस जगह का इतिहास, उस जगह पर होने वाले कामकाज, उस जगह पर मौजूद सभी विषय वस्तु, पेड़ पौधे, मानव, जमीन, जल कल्याण के बारे में प्रत्येक चीज बारीकी से दर्ज की जाती हैं।

उपन्यास का हमारे साहित्य में एक बहुत बड़ा योगदान है। उपन्यास के आधार पर ही हमारा साहित्य जाना जाता है। प्राचीनतम काल से ही अनेक सारे कवि और लेखकों द्वारा उपन्यास लिखे जाते आ रहे हैं। वर्तमान समय में भी अनेक सारी उपन्यास लिखे जाते हैं। उपन्यास पर आधारित अनेक सारी किताबें उपलब्ध है।

उपन्यास हमारे भारत को बयां करते हैं। भारत की संस्कृति को बयां करते हैं। भारत के अर्थ को बयां करते हैं। भारत की विविधता को भी बयां करते हैं।

कहानी और उपन्यास में अंतर

कहानी और उपन्यास दोनों की दशा और दिशा अलग अलग होती है, दोनों ही अलग-अलग तरह से निर्माण करती है।‌ परंतु दोनों की एक ही जड़ साहित्य है।‌

कहानी छोटी होती हैउपन्यास बड़ा होता है।
कहानी कम समय सीमा में होती हैउपन्यास विस्तृत होता है।
कहानी में पात्रों की संख्या कम होती हैं तथा इसे कम शब्दों में बयां किया जाता है।उपन्यास में पत्रों की संख्या अधिक होती हैं और इसे अधिक शब्दों में बयां किया जा सकता है।
कहानी में कम संवाद होते हैं तथा कुछ ही शब्दों में संवाद किये जाते हैं।उपन्यास में अधिक शब्दों में संवाद किए जाते हैं, जिनकी मात्रा भी अधिक होती हैं।
कहानी को किसी भी घटना का जिक्र करके लिखा जा सकता है।उपन्यास को चित्र और चरित्र के आधार पर वर्णन करके लिखा जाता है।
कहानी किसी स्थान या एक समय से जुड़ी हुई होती है।उपन्यास सदियों एवं युगों-युगों तक जुड़ा हुआ होता है।
कहानी में किसी एक ही कथा या घटना का जिक्र होता है।उपन्यास में अनेक तरह के प्रंशग और रंग रूप देखने को मिलता है।

कहानी और उपन्यास का अपना एक इतिहास रहा है। भारत के प्राचीनतम काल से साहित्य की दृष्टि से कहानी और उपन्यास ने अपना महत्वपूर्ण स्थान कायम किया है। वर्तमान समय में भले ही साहित्य की रोनक कम हो गई है, लेकिन कहानी और उपन्यास आज भी काम आते हैं।‌

बता दें कि कहानी और उपन्यास मिलकर साहित्य में एक बहुत बड़ा योगदान प्रस्तुत करते हैं। कहानी और उपन्यास में अनेक प्रकार की समानता है तो अनेक प्रकार की भिन्नता है।‌

kahani aur upnyas mein antar

निष्कर्ष

कहानी और उपन्यास दोनों ही एक दूसरे के पहलू हैं। प्राचीनतम काल से ही भारत के विद्वान, सज्जन पुरुष, धार्मिक गुरु, भक्ति गुरु, तप करने वाले, ज्ञानी लोग, रचनाकार, कहानीकार, इतिहासकार, विशेषज्ञ इत्यादि अनेक तरह के लोग उपन्यास और कहानियों का निर्माण करते थे।

यह उपन्यास व कहानियां हमारी संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण अंग है, इनसे मिलकर हमारा साहित्य बनता है। कहानी और उपन्यास में अंतर की पूरी जानकारी विस्तार से इस आर्टिकल में बताई है।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, इसे आगे शेयर जरुर करें। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।

यह भी पढ़ें

टेलीविजन का आविष्कार किसने और कब किया था?

200+ महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान एवं करेंट अफेयर्स

डायनासोर का अंत कैसे हुआ और डायनासोर कैसे मरे?

251+ प्रसिद्ध हिंदी कहावतें अर्थ सहित

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

Related Posts

Leave a Comment