कहानी तथा उपन्यास में क्या अंतर है?

कहानी तथा उपन्यास दोनों ही साहित्य के अंग है। दोनों में अलग-अलग अंतर हैं तथा यह दोनों ही मिलकर साहित्य को अत्यधिक मजबूत और आकर्षक बनाते हैं। हमारा भारतीय साहित्य कहानी और उपन्यास के आधार पर ही स्थित है। कहानी उपन्यास की तुलना में छोटी होती है, परंतु दोनों की ही अपनी विशेषता और अपना महत्व है।

प्राचीन काल से ही कहानी और उपन्यास लिखे जाते आ रहे हैं। कहानी छोटी होती है तथा यह सीमित होती है जबकि उपन्यास विस्तृत से लिखे गए अत्यंत बड़े होते हैं। दोनों का ही अपना अपना महत्व होता है और दोनों ही एक दूसरे में अलग-अलग महत्व रखते हैं। तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको कहानी तथा उपन्यास में अंतर बताएंगे।

upanyas aur kahani mein antar

कहानी किसी एक समय या परिस्थिति पर आधारित हो सकती हैं। कहानी किसी घटना या दुर्घटना पर स्थित हो सकती हैं, कहानी किसी व्यक्ति या विषय वस्तु पर आधारित हो सकती हैं। इसीलिए कहानी की अपनी एक सीमा होती है, जो कुछ समय में समाप्त हो जाती है। लेकिन उपन्यास बड़े भूभाग हेतु लिखे जाते हैं। उपन्यास का क्षेत्र विस्तृत होता है। कहानी की तुलना में उपन्यास अत्यंत बड़े होते हैं।

कहानी तथा उपन्यास में क्या अंतर है?

कहानी का अर्थ

कहानी शब्द का अर्थ “कुछ कहना, शब्दों में बयां” करना होता है। किसी घटना को, किसी जगह को, किसी व्यक्ति को, किसी दुर्घटना को, किसी वाक्य को या किसी भी विषय वस्तु को कुछ शब्दों में बयां करना हो सकता है। उसे कहानी कहते हैं।

कहानी कुछ समय में समाप्त हो जाती है। जैसे कोई घटना घटित हुई है, तो उसके ऊपर कहानी लिखी गई है। तो उसे कुछ शब्दों में और कुछ ही समय में बयां कर दी जाती हैं।

हमारे साहित्य में कहानी का अत्यंत महत्व है। कहानी से ही मिलकर साहित्य बना या हम यूं कह सकते हैं कि हमारे साहित्य में कहानी का बहुत बड़ा हाथ है। कहानियों को मिलाकर ही हमारे साहित्यकार निर्माण किया गया है।‌ कहानी किसी भी समय या विषय वस्तु या फिर व्यक्ति की हो सकती हैं। इसीलिए वर्तमान समय तक भारत की करोड़ों की संख्या में कहानियां प्रचलित हैं। कहानियों की अनेक सारी किताबें हैं, पुस्तकें हैं। जिनमें अलग-अलग क्षेत्र और विषय से संबंधित कहानियां लिखी गई है।

कहानियों का प्रचलन हमारे दैनिक जीवन से जुड़ा हुआ है। प्राचीनतम काल से ही भारत में कहानियां चली आ रही है। इतिहासकार किसी घटना व्यक्ति या विषय वस्तु पर कहानियां लिखा करते थे, किसी स्थल पर भी कहानी लिखी जा सकती हैं।‌ इसीलिए हमें बचपन से ही कहानियां सुनाई जाती है और पढ़ाई जाती आ रही है।

उपन्यास क्या होते हैं

उपन्यास का अर्थ किसी बड़ी घटना, व्यक्ति, विषय वस्तु या जगह के बारे में विस्तार से व्याख्या करना। उसके अंश को जगाना, उपन्यास कहा जाता है। उपन्यास कहानी की तुलना में अत्यंत विस्तृत से लिखा जाता है। जहां कहानी को कुछ समय में बयां कर सकते हैं, वहीं पर उपन्यास को समाप्त करने में काफी समय लग जाता है।

उपन्यास किसी भी जगह को विस्तार से दर्शाता है। उस जगह का वजूद, उस जगह की खूबसूरती, उस जगह का इतिहास, उस जगह पर होने वाले कामकाज, उस जगह पर मौजूद सभी विषय वस्तु, पेड़ पौधे, मानव, जमीन, जल कल्याण,ज्ञके बारे में प्रत्येक चीज बारीकी से दर्ज की जाती हैं।

उपन्यास का हमारे साहित्य में एक बहुत बड़ा योगदान है। उपन्यास के आधार पर ही हमारा साहित्य जाना जाता है। प्राचीनतम काल से ही अनेक सारे कवि और लेखकों द्वारा उपन्यास लिखे जाते आ रहे हैं। वर्तमान समय में भी अनेक सारी उपन्यास लिखे जाते हैं। उपन्यास पर आधारित अनेक सारी किताबें उपलब्ध है।

उपन्यास हमारे भारत को बयां करते हैं। भारत की संस्कृति को बयां करते हैं। भारत के अर्थ को बयां करते हैं। भारत की विविधता को भी बयां करते हैं।

कहानी तथा उपन्यास में अंतर

  • कहानी उपन्यास की तुलना में छोटी होती है, इसकी कम समय सीमा होती है जबकि उपन्यास विस्तृत होते हैं।
  • कहानी में पात्रों की संख्या कम होती हैं तथा इसे कम शब्दों में बयां किया जाता है जबकि उपन्यास में पत्रों की संख्या अधिक होती हैं और इसे अधिक समय में बयां किया जा सकता है।
  • कहानी में कम संवाद होते हैं तथा कुछ ही शब्दों में संवाद की जाते हैं जबकि उपन्यास में अधिक शब्दों में संवाद किए जाते हैं, जिनकी मात्रा भी अधिक होती हैं।
  • कहानी तथा उपन्यास दोनों की दशा और दिशा अलग अलग होती है दोनों ही अलग-अलग तरह से निर्माण करती है।‌ परंतु दोनों की एक ही जड़ साहित्य है।
  • कहानी को किसी भी घटना का जिक्र करके लिखा जा सकता है, परंतु उपन्यास को चित्र और चरित्र के आधार पर वर्णन करके लिखा जाता है।
  • कहानी किसी स्थान या एक समय से जुड़ी हुई होती है जबकि उपन्यास सदियों एवं युगो युगो तक जुड़ा हुआ होता है।
  • कहानी में किसी एक ही कथा या घटना का जिक्र होता है जबकि उपन्यास में अनेक तरह के प्रंशग और रंग रूप देखने को मिलता है।

कहानी और उपन्यास का अपना एक इतिहास रहा है। भारत के प्राचीनतम काल से साहित्य की दृष्टि से कहानी और उपन्यास ने अपना महत्वपूर्ण स्थान कायम किया है। वर्तमान समय में भले ही साहित्य की रोनक कम हो गई है, लेकिन कहानी और उपन्यास आज भी काम आते हैं।

बता दें कि कहानी और उपन्यास मिलकर साहित्य में एक बहुत बड़ा योगदान प्रस्तुत करते हैं। कहानी और उपन्यास में अनेक प्रकार की समानता है, तो अनेक प्रकार की भीन्नता है, जो हमने आपको इस आर्टिकल में विस्तार से बता दिया है।

निष्कर्ष

कहानी तथा उपन्यास दोनों ही एक दूसरे के पहलू हैं। प्राचीनतम काल से ही भारत के विद्वान, सज्जन पुरुष, धार्मिक गुरु, भक्ति गुरु, तप करने वाले, ज्ञानी लोग, रचनाकार, कहानीकार, इतिहासकार, विशेषज्ञ, इत्यादि अनेक तरह के लोग उपन्यास और कहानियों का निर्माण करते थें। यह उपन्यास व कहानियां हमारी संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण अंग है, इनसे मिलकर हमारा साहित्य बनता है।

कहानी तथा उपन्यास में क्या अंतर है? इस विषय में पूरी जानकारी विस्तार से आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बता दी है। यदि आप इस विषय में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को शुरुआत से लेकर अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें। आपको कहानी और उपन्यास में अंतर पता चल जाएगा। साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि कहानी क्या होती है?‌ कहानी तथा उपन्यास में क्या अंतर है? कहानी और उपन्यास का साहित्य में क्या योगदान है और यह क्यों जरूरी है?

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी हुई यह जानकारी आपके लिए जरूर ही उपयोगी साबित हुई होगी। यदि आपका इस जानकारी से संबंधित कोई भी प्रश्न है, तो आप बेझिझक कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न का जल्द से उत्तर दे सकें। यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया है, तो इसे आप अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी इस विशेष जानकारी के बारे में पता चल सकें।

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