Best Hindi Novels: हिंदी साहित्य का विस्तार बहुत ही बड़ा है। हमारे देश में ज्यादातर लोग हिंदी बोलते हैं। हिंदी साहित्य में कई सारे महान साहित्यकार हुए, जिन्होंने कई सारे सुप्रसिद्ध उपन्यास लिखें। उनके द्वारा लिखी गई सभी उपन्यास आज के युवाओं को हिंदी साहित्य का सही ज्ञान दे सकता है। हिंदी के महत्व को बता सकता है और उन्हें भारतीय संस्कृति के विशेषता से अवगत करा सकता है।
इसीलिए आज इस इंटरनेट के समय में टेलीविजन और मोबाइल की दुनिया से थोड़ा सा समय निकाल कर आप एक बार किताबों को भी जरूर दें और एक बार महान हिंदी साहित्यकारों द्वारा लिखे गए हिंदी उपन्यास को जरूर पढ़ें।
यदि हिंदी उपन्यास पढ़ना चाहते हैं तो आज के इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें। आज के लेख में हम आपको 10 अच्छे हिंदी नोवेल्स (Best novels in Hindi) के बारे में बताएंगे, जिन्हें सुप्रसिद्ध उपन्यासों में जगह मिली है और इनके पाठकों की संख्या भी करोड़ों में है।
सर्वश्रेष्ठ 10 हिंदी उपन्यास | Best Hindi Novels
गबन (हिंदी)
मुंशी प्रेमचंद जी हिंदी साहित्य के महानतम साहित्यकारों में से एक हैं, जिन्होंने कई प्रसिद्ध उपन्यास लिखे हैं। यह उपन्यास गबन भी इनके लिखे गए लोकप्रिय रचनाओं में से एक माना जाता है। इस उपन्यास के जरिए मुंशी प्रेमचंद जी ने वर्ग और लिंग के मुद्दों को उजागर करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
इस उपन्यास के जरिए मुंशी प्रेमचंद जी ने सामाजिक परिवेश को लोगों के सामने दिखाते हुए मध्यम वर्ग का सजीव दर्पण प्रस्तुत किया है जो क्षणभंगुर दिखावट का स्वांग करता है।
उपन्यास के मूलनायक की बात करें तो वह रामनाथ नाम का युवक है, जो नैतिक रूप से कभी भी स्थिर न रह पाने के कारण वह अपने जीवन के सभी निर्णयों में कमजोर साबित होता है। वह अपनी सुंदर पत्नी जालपा की आभूषणों की चाह को पूरा करने के चक्कर में उसके व्यक्तिगत और आर्थिक दोनों पक्ष के बिगड़ने लगते हैं और वह काफी मुसीबत में फंसता चला जाता है।
यह कहानी काफी रोचक है, इसलिए यदि आप एक सामान्य मध्यमवर्ग परिवार के सामान्य समस्याओं के बारे में जानना चाहते हैं तो इस उपन्यास को एक बार जरूर पढ़ें। यह उपन्यास 300 पेज में है, जिसकी कीमत ₹117 है।
गोरा (हिंदी)
480 पेज के इस उपन्यास ‘गोरा’ को भारत के राष्ट्र कवि और बंगाली साहित्य के प्रमुख साहित्यकार में से एक रविंद्र नाथ टैगोर जी ने लिखा है। रविंद्र नाथ टैगोर जी ने काव्य, लघू कथाएं, नाटकों, सामाजिक नाटकों दार्शनिक और आलोचनात्मक निबंध और यात्रा वृत्तांतों से लेकर पत्र, संस्मरणों जैसे कई सारी रचनाएं की हैं। इन्होंने 2000 से भी ज्यादा गीतों की रचना की है।
इनके द्वारा लिखे गए उपन्यास में गोरा उपन्यास काफी प्रसिद्ध है, जो उनके द्वारा लिखे गए बारह उपन्यासों में से सबसे लंबा है। ये उपन्यास टैगोर जी के कलात्मक कृतियों से पूरी तरह चिह्नित है। यह उपन्यास ब्रिटिश राज के दौरान ही साल 1980 में कोलकाता में प्रकाशित हुआ।
इस उपन्यास में राजनीति और धर्म पर दार्शनिक बहस के अतिरिक्त मुक्ति, सार्वभौमिकता, भाईचारा, लिंग, नारीवाद, जाति, वर्ग, परंपरा, बनामशहरी अभिजात वर्ग बनाम ग्रामीण किसान, आधुनिकता, राष्ट्रवाद, औपनिवेशिक शासन और ब्रह्म समाज जैसे विषय भी शामिल है।
इस उपन्यास का मूलनायक गोरा है, जिसका कोई नाम जाति और धर्म ना होने पर परिस्थितियों ने उसे गोरा मोहन नाम दे दिया और उसे धर्म से हिंदू और जाती से ब्राह्मण बना दिया। हालांकि वह हिंदू धर्म का एक सच्चा पैरोकार साबित हुआ लेकिन धर्म ने उन्हें एक बहिष्कृत और अछूत कहकर खारिज कर दिया। यह उपन्यास रविंद्र नाथ टैगोर की उत्कृष्ट कृति है। इस उपन्यास की कीमत ₹168 है।
मृणालिनी
मृणालिनी उपन्यास बकिम चंद्र जी द्वारा रचित उनकी उत्कृष्ट रचनाओं में से एक है। बंकिमचंद्र द्वारा लिखी गई सभी उपन्यास और उनकी रचनाओं में उस समय के गंभीर मुद्दों को केंद्र बनाया है जिसमें धर्म, समाज, जाति और राजनीति जैसी चीजें भी शामिल है। उनके उपन्यासों में मध्यम वर्गीय भारतीय परिवारों का जीवन दृष्टिगोचर होता है।
बकिम चंद्र द्वारा लिखी गई कई सारी रचनाएं स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत थी। इस उपन्यास में मृणालिनी और देव चौधरी दो महत्वपूर्ण नायक और नायिका शामिल है। दोनों की ही भूमिका काफी प्रभावशाली है जहां एक ओर मृणाली प्रेम और विश्वास के विषयों के इर्द-गिर्द घूमती है तो वहीं देवी चौधरी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका को दर्शाते नजर आते हैं।
इस उपन्यास में एक ओर साम्राज्य विस्तार हेतु मुगलों के षड्यंत्र का संघर्ष करते हुए हिंदू राजा हेमचंद्र की गौरव गाथा शामिल है तो वहीं दूसरी और उनके प्रेम में दीवानी और दर-दर की ठोकरें खाती मृणाली की करुणा कथा भी पाठकों को काफी आकर्षित करती है।
उस दौर की ऐतिहासिक स्थितियों का सही मूल्यांकन करने के लिए बंकिमचंद्र द्वारा रचित मृणाली उपन्यास को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। यह उपन्यास 272 पेज का है जिसकी कीमत ₹187 हैं।
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आनंदमठ (हिंदी)
आनंदमठ भी बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित बंगाली और भारतीय साहित्य के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण उपन्यासों में से एक है। यह उपन्यास आठवीं शताब्दी के अंत में सन्यासी विद्रोह की पृष्ठभूमि से प्रेरित है, जिसे साल 1882 में प्रकाशित किया गया। यह बंगाली कथा पर आधारित है।
जब ब्रिटिश सरकार और नवाबों ने अकाल के बाद किसान और आम लोगों पर भारी कर लगा दिया था तब उत्तर बंगाल में सभी सन्यासी एक साथ आए थे और उनके खिलाफ एक बड़ा विद्रोह शुरू किए थे, उसी विद्रोह पर आधारित यह आनंदमठ उपन्यास पाठकों को काफी रोचक लग सकती है।
इसी पुस्तक में शामिल वंदे मातरम गीत को बाद में भारत का राष्ट्रीय गीत घोषित किया गया था। यह उपन्यास 160 पेज में शामिल है जिसकी कीमत ₹99 है।
बहुरानी
बहुरानी उपन्यास के रचनाकार भी रविंद्र नाथ टैगोर जी हैं। इनकी सभी रचना अद्भुत और अविस्मरणीय होती है, जो पाठकों को पढ़ने के लिए अपने आप मजबूर कर देता है। यह उपन्यास एक क्रूर राजा के चरित्र को दृष्टि गोचर करता है। उपन्यास में शामिल कहानी राजघराने की है, जिसमें एक राजा अपने बेटे से यह उम्मीद करता है कि वह आगे चलकर अपने पिता की तरह ही पराक्रमी बने और अनेक राज्यों पर विजय प्राप्त करके अपने राज्य का विस्तार करें।
परंतु राजा का पुत्र की ख्याति राज्य में एक दयालु राजकुमार के रूप में है, जिसे देख राजा को अपने पुत्र से ज्यादा उम्मीद नहीं रह जाती है और उसे इस बात का डर सताने लगता है कि कहीं पड़ोसी देश उसके पुत्र के भोलेपन का फायदा उठाकर उसके राज्य पर आक्रमन ना कर दें।
इसके बाद राजा अपने बेटे के इस प्रकार के चरित्र का दोष उसकी पत्नी यानी राजघराने की बहूरानी को देने लगता है। उसे लगता है कि बहुरानी के ही बहकावे में उसका पुत्र अपने पिता की इच्छाओं को अनदेखा करता है। हालांकि राजा एक कूटनीतिज्ञ होता है, जो शासन को रिश्ते से ज्यादा प्राथमिकता देता है।
यहां तक कि वह अपने मामा को भी मारने की योजना बनाता है लेकिन पुत्र पिता के बहकावे में नहीं आता इस तरीके से पिता की नजरों में अपने लिए अवज्ञा देख राजा निराश हो जाता है। यह उपन्यास आपको उस वातावरण में ले जाएगा और आपको एक ऐसा अनुभव देगा मानो आप भी उन्हीं पात्रों के बीच में है। यह उपन्यास 152 पेज का है जिसकी कीमत ₹99 है।
चित्रलेखा
चित्रलेखा उपन्यास के रचनाकार हिंदी साहित्य के सुप्रसिद्ध साहित्यकार भगवती चरण वर्मा है। इस उपन्यास पर दो बार फिल्म भी निर्देशित हो चुके हैं है। चित्रलेखा भगवतीचरण वर्मा द्वारा लिखा गया सबसे प्रसिद्ध उपन्यासों में से एक है बल्कि यह उपन्यास इनकी लोकप्रियता को उनके बराबर काल के साहित्यकारो द्वारा लिखे गए रचनाओं में उत्कृष्ट बनाता है।
उपन्यास चित्रलेखा की कथा पाप और पुण्य की समस्याओं पर आधारित है, जिसका मूल विषय है पाप क्या है? और उसका निवास कहां है? इन्हीं प्रश्नों के उत्तर खोजने के लिए महाप्रभु रत्नाबंर के दो शिष्य श्वेतांक और विशालदेव, सामंत बीजगुप्त और कुमारगिरि दो योगी के शरण में जाते हैं।
उनकी शरण में यह दोनों शिष्य काफी अनुभवों से गुजरते हैं और फिर अंत में निष्कर्षतह योगी इन्हें बताते हैं कि संसार में पाप तो कुछ भी नहीं है। यह तो मनुष्य के दृष्टिकोण की विषमता का दूसरा नाम है।
हम ना पाप करते हैं ना पुण्य करते हैं। हम वही करते हैं, जो हमें करना पड़ता है। इन प्रश्नों का जवाब आज के मनुष्य को बहुत ज्यादा जरूरी है, इसलिए इस उपन्यास को एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। इस उपन्यास में 199 पेज शामिल है। इस उपन्यास की कीमत ₹209 है।
गोदान
मुंशी प्रेमचंद जी ने कई सुप्रसिद्ध उपन्यासों की रचना की है, जिसमें उनके द्वारा रचित उपन्यास गोदान उनके जीवन का अंतिम और पूर्ण उपन्यास है, जिसे आधुनिक भारत के साहित्य के सबसे महान हिंदुस्तानी उपन्यासों में से एक माना जाता है। यह उपन्यास पहली बार 1936 में प्रकाशित हुआ था।
इस उपन्यास का केंद्र सामाजिक आर्थिक अभाव के साथ साथ गांव के गरीबों के शोषण पर आधारित है। गोदान ग्रामीण जीवन और कृषि संस्कृति का बखुबी चित्रन करता है। गोदान हिंदी उपन्यास के विकास का उज्वलतम प्रकाशस्तंभ है। इस उपन्यास के मूल नायक और नायिका होरी और धनिया है। इस उपन्यास में प्रगतिवाद, गांधीवाद और मार्क्सवाद का पूर्ण परिप्रेक्ष्य में चित्रण किया गया है। इस उपन्यास की कीमत ₹166 है। यह उपन्यास 360 पृष्टो का है।
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गुनाहों का देवता
257 पृष्ठ वाला यह उपन्यास गुनाहों का देवता मशहूर हिंदी उपन्यासकारक और पत्रकार धर्मवीर भारती द्वारा लिखे गए प्रसिद्ध उपन्यासों में से एक है। धर्मवीर भारती भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा नवाजे गए हैं। इनके द्वारा लिखा गया यह उपन्यास सर्वाधिक पढ़े जाने वाले प्रयासों में से एक हैं।
इस उपन्यास की रचना धर्मवीर भारती ने ब्रिटिश शासन के दौरान इलाहाबाद में की थी। यह उपन्यास प्रेम के अव्यक्त और अलौकिक रूप का सर्वश्रेष्ठ चित्रण करता है। अब तक इस उपन्यास के 100 से भी ज्यादा संस्करण छप चुके हैं। इसका 55 वां संस्करण 2009 में प्रकाशित किया गया। इस कहानी में चार मुख्य पात्र हैं, जिनका नाम चंदन, सुधा, विंती और पम्मी है। इस उपन्यास की कीमत ₹131 है।
मैला आंचल
मैला आंचल फणीश्वरनाथ रेणु द्वारा रचित उपन्यास है, जिसे साल 1954 में प्रकाशित किया गया। यह उपन्यास प्रेमचंद्र द्वारा लिखे गए उपन्यास गोदान के बाद हिंदी साहित्य के परंपरा में सबसे महत्वपूर्ण हिंदी उपन्यास माना जाता है। उपन्यास की कथावस्तु बिहार राज्य के पूर्णिया जिले के मीरगंज ग्रामीण जिंदगी पर आधारित है।
यह उपन्यास भारत के स्वतंत्रता के बाद के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक हालत का ग्रामीण संस्करण है। फणीश्वर नाथ रेनू का कहना है कि इस उपन्यास में फूल भी है, शूल भी है, धूल भी है, गुलाब भी है और कीचड़ भी है।
इस उपन्यास में गरीबी, रोग, भुखमरी, धर्म की आड़ में हो रहे व्यभिचार, शोषण, बाह्याडंबरों, अंधविश्वासों आदि सभी का चित्रण है। शिल्प की दृष्टि से यह उपन्यास सर्वश्रेष्ठ है। 160 पृष्ठ वाले इस उपन्यास की कीमत ₹150 है।
राग दरबारी
राग दरबारी उपन्यास के रचनाकार मशहूर लेखक और प्रशासनिक अधिकारी रहे श्रीलाल शुक्ल है। यह उपन्यास उनकी प्रसिद्ध व्यंग्य रचना है। इस उपन्यास के लिए इन्हें सन 1970 में साहित्य अकादमी पुरस्कार द्वारा सम्मानित भी किया गया। इस उपन्यास को 1968 में प्रकाशित किया गया था।
इस उपन्यास में श्रीलाल शुक्ल ने स्वतंत्रता के बाद के भारत के ग्रामीण जीवन का चित्रण किया है। उपन्यास के कहानी की कथावस्तु यूपी के एक बड़े शहर से कुछ दूर बसे गांव शिवपालगंज की है। यह उपन्यास 334 पृष्ठों में लिखा गया है। इसकी कीमत ₹274 है।
FAQ
हालांकि प्रेमचंद्र जी ने जीवन काल में कई सारे उपन्यासों की रचना की जिनमें गबन, गोदान, निर्मला कर्मभूमि जैसे कुछ उपन्यास काफी सुप्रसिद्ध हुए।
उपन्यास एक तरह की दीर्घ कथा होती है, जिसमें कई सारे पात्र होते हैं और कई सारी घटनाएं भी होती हैं।
नहीं दोनों में काफी अंतर होता है। उपन्यास एक दीर्घ कथा के ऊपर आधारित होता है। हालांकि इसका विषय केवल एक ही होता है वहीँ नाटक भी किसी एक विषय पर लिखे जाते हैं परंतु नाटक को रंगमंच पर प्रदर्शित किया जा सकता है और उसमें सभी पात्रों के चरित्र का वर्णन किया होता है और उसमें संवाद भी शामिल होते हैं।
गोरा, घरे बाइरे, चोखेर बाली, नष्टनीड़, योगायोग ये सभी उपन्यास रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखे सुप्रसिद्ध उपन्यासों में शामिल है।
चित्रलेखा उपन्यास भगवती चरण वर्मा द्वारा रचित है।
निष्कर्ष
आज के लेख में हमने आपको भारतीय हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार द्वारा रचित 10 सबसे अच्छे उपन्यासों (best novels to read) के बारे में बताया जिसकी रेटिंग भी अमेजॉन पर फोर स्टार से ज्यादा है। काफी लोगों ने इसे पढ़ा है और सकारात्मक रिव्यू भी दिया है। यदि आप एक हिंदी पाठक है और आपको नोवेल पढ़ना अच्छा लगता है तो आप इन्हें पढ सकते हैं।
हमें उम्मीद है कि यह लेख आपको एक सही उपन्यास का चयन करने में मदद करेगा। हालांकि यह सभी उपन्यास बहुत अच्छे हैं। यदि लेख सर्वश्रेष्ठ 10 हिंदी उपन्यास (Best Hindi Novels) अच्छा लगा हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जरूर शेयर करें। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो आप कमेंट सेक्शन में लिख कर पूछ सकते हैं।
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