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अकेला हँसता भला न रोता भला मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

अकेला हँसता भला न रोता भला मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Akela hansata bhala na rota bhala Muhavara ka arth)

अकेला हँसता भला न रोता भला मुहावरे का अर्थ – सुख-दु:ख में साथी की आवश्यता पड़ती है, व्यक्ति ना अकेला रो सकता है और ना ही अकेला हँस सकता है,सुख दु:ख में साथी होने चाहिए।

Akela hansata bhala na rota bhala Muhavara ka arth – sukh-dukh mein saathee kee aavashyata padatee hai, vyakti na akela ro sakata hai aur na hee akela hans sakata hai,sukh du:kh mein saathee hone chaahie.

दिए गए मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

वाक्य प्रयोग: सोहन ने दीपावली में अपने सभी दोस्तों को घर पर बुलाया ताकि वह उसके साथ दीपावली की खुशी मना सकें इसीलिए कहा जाता है कि अकेला हंसता भला ना रोता भला हमें हर सुख दुख में अपने दोस्तों की आवश्यकता पड़ती ही है।

वाक्य प्रयोग: सोहन के घर में पूजा थी और उसके घर में कोई नहीं था जो कि उसकी पूजा में मदद कर सके तो फिर उसके पड़ोसी उसकी पूजा में आकर उसकी सहायता की ऐसी परिस्थिति में कहा जाता है कि अकेला हंसता भला ना रोता भला।

वाक्य प्रयोग: मोहन के घर में जब दुख का पहाड़ टूटा तो उसके सभी दोस्त और उसके परिवार के सभी सदस्य ने उसका हिम्मत बढ़ाया और उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया ऐसी परिस्थिति में ही कहा जाता है कि अकेला हंसता भला ना रोता भला अगर वह अकेला दुखों से जूझता रहता तो वह कभी आगे नहीं बढ़ पाता उसके दोस्तों ने और उसके परिवार ने उसकी मदद की और उसे आगे बढ़ने में मदद की।

वाक्य प्रयोग: भगवान ने हमें अपने दोस्त और परिवार और भाई-बहन दिए हैं जिनके साथ हम अपनी खुशियों को बांटते हैं अपने गम को बांटते हैं और उनके भी दुख को साझा करते हैं उनकी भी खुशियां को अपने साथ साझा करते हैं क्योंकि व्यक्ति ना अकेला हंसता भला होता है ना अकेला रोता भला होता है उन्हें हर सुख दुख में एक अच्छे साथी की आवश्यकता पड़ती है।

यहां हमने “अकेला हँसता भला न रोता भला” जैसे बहुचर्चित मुहावरे का अर्थ और उसके वाक्य प्रयोग को समझा। अकेला हंसता भला ना रोता भला मुहावरे का अर्थ है कि सुख दुख में साथी की आवश्यकता पड़ती है व्यक्ति ना अकेला रोता सकता है और ना ही अकेला आ सकता है उसे अपनी खुशियों को बांटने के लिए लोगों की आवश्यकता पड़ती ही है और लोगों के साथ वह अपनी खुशियों को बांटकर अपनी खुशी को 4 गुना कर लेता है और अपने दुख को बांट कर अपने दुख को कम कर लेता है क्योंकि अकेले अगर हम अपने सुख-दुख को झेलते रहेंगे तो हमें कुछ समझ में नहीं आएगा और हम एक बंद कमरे में बंद रह जाएंगे इसीलिए हमें लोगों से मिलना चाहिए उनसे बात करनी चाहिए और उनके साथ अपने सुख-दुख को साझा करना चाहिए ताकि हमें नई नई राह मिले नए-नए रास्ते मिले और आगे बढ़ने के लिए नई दिशा में ले मिले। चुकी यह मुहावरा है और मुहावरा और असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए यहां इस मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करने से हैं।

मुहावरे परीक्षाओं में मुख्य विषय के रूप में पूछे जाते हैं। एक शब्द के कई मुहावरे हो सकते हैं।यह जरूरी नहीं कि परीक्षा में यहाँ पहले दिये गए मुहावरे ही पूछा जाए। परीक्षा में सभी किसी का भी मुहावरे पूछा जा सकता है।

मुहावरे का अपना एक भाग है प्रत्येक पाठ्यक्रम में, छोटी और बड़ी कक्षाओं में मुहावरे पढ़ाया जाता है, कंठस्थ किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यह एक मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

परीक्षा के दृष्टिकोण से मुहावरे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरे का अपना-अपना भाग होता है। चाहे वह पेपर हिंदी में हो या अंग्रेजी में यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरे कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। यदि इसे ध्यान से समझा जाए तो याद करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसे समझ समझ कर ही लिखा जा सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग

अपनी नींद सोना, अपनी नींद जागनाअक्ल बड़ी या भैंस
अच्छी मति जो चाहो, बूढ़े पूछन जाओअपनी गाँठ पैसा तो, पराया आसरा कैसा
आकाश चूमनाआवाज़ उठाना

1000+ हिंदी मुहावरों के अर्थ और वाक्य प्रयोग का विशाल संग्रह 

Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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