आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Aadhee chhod pooree ko dhaave, aadhee rahe na pooree paave Muhavara ka arth)
आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे मुहावरे का अर्थ – अधिक लालच करने से हानि ही होती है,अधिक लालची व्यक्ति को कुछ भी नहीं मिलता,अधिक लालच से अच्छा जो मिले उसी में संतुष्ट होना,अधिक लालच करना बुरा होता है।
Aadhee chhod pooree ko dhaave, aadhee rahe na pooree paave Muhavara ka arth – adhik laalach karane se haani hee hotee hai,adhik laalachee vyakti ko kuchh bhee nahin milata,adhik laalach se achchha jo mile usee mein santusht hona,adhik laalach karana bura hota hai.
दिए गए मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग
वाक्य प्रयोग: सोहन को एक अफवाह के द्वारा पता चला कि प्याज का दाम तेजी से बढ़ने वाला है तो सोहन ने अधिक मात्रा में प्याज खरीद लिया लेकिन अगले ही दिन उसे पता चला कि प्याज का भाव एकदम ही गिर गया है उसे अपनी लागत निकालना भी बहुत ही मुश्किल पड़ गया इसीलिए कहा जाता है कि आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे ।
वाक्य प्रयोग: मोहन ने बहुत ही सोच समझकर कपड़े का काम छोड़कर शेयर बाजार में पैसा लगा दिया लेकिन शेयर बाजार में जब पैसा लगा तो उसका शेयर एकदम से नीचे गिर गया और उसे काफी हानि हुई अगर वह कपड़े का काम करता तो शायद उसे इतनी हानि नहीं पहुंचती ऐसी परिस्थिति में कहा जाता है कि आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे।
वाक्य प्रयोग: जब कोई व्यक्ति किसी थोड़े से लाभ के लिए इस कार्य को वह कर रहा है उस कार्य को आधे में छोड़कर भागता है अर्थात के लालच में पड़ जाता है तब उसे वह ना थोड़ी चीज मिलती है और ना ही वह काम जो कि वह कर रहा था उसे ही पूरा कर पाता है ऐसी परिस्थिति में कहा जाता है कि आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे।
वाक्य प्रयोग: अक्सर हमें हमारे बड़े बुरे समझाते हैं कि हमें कभी भी लालच में नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि अधिक लालच करने से हमें हानि ही होती है और लालच में पड़कर व्यक्ति अपना अच्छा बुरा अच्छा और बुरा नहीं देख पाता और अपना हानि कर बैठता है और इसीलिए हमें हमेशा लालच से दूर रहना चाहिए ऐसी परिस्थिति में ही कहा जाता है कि आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे।
यहां हमने “आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे” जैसे बहुचर्चित मुहावरे का अर्थ और उसके वाक्य प्रयोग को समझा। आधी छोड़ पूरी को दावे आधी रहे ना पूरी पावे मुहावरे का अर्थ है कि अधिक लालच अधिक मोह माया अधिक लाभ के लिए किया गया कार्य अक्सर लोगों को नीचे गिरा देती है इसीलिए हमें हमेशा अपने ऊपर संयम रखना चाहिए और संतुष्ट इसे आगे बढ़ना चाहिए ना की लालच में पड़कर अपना ही नुकसान करना चाहिए क्योंकि संतोषम परम सुखम संतोष ही सबसे बड़ा सुख है संतोष से ही आप अपने जीवन में तरक्की और सफलता को प्राप्त करते हैं। चुकी यह मुहावरा है और मुहावरा और असामान्य अर्थ प्रकट करता है इसीलिए यहां इस मुहावरे का अर्थ दोहरा लाभ प्राप्त करने से हैं।
मुहावरे परीक्षाओं में मुख्य विषय के रूप में पूछे जाते हैं। एक शब्द के कई मुहावरे हो सकते हैं।यह जरूरी नहीं कि परीक्षा में यहाँ पहले दिये गए मुहावरे ही पूछा जाए। परीक्षा में सभी किसी का भी मुहावरे पूछा जा सकता है।
मुहावरे का अपना एक भाग है प्रत्येक पाठ्यक्रम में, छोटी और बड़ी कक्षाओं में मुहावरे पढ़ाया जाता है, कंठस्थ किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यह एक मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।
परीक्षा के दृष्टिकोण से मुहावरे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरे का अपना-अपना भाग होता है। चाहे वह पेपर हिंदी में हो या अंग्रेजी में यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।
मुहावरे कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। यदि इसे ध्यान से समझा जाए तो याद करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसे समझ समझ कर ही लिखा जा सकता है।
अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग
ईमान बेचना | आवाज़ उठाना |
इधर की उधर करना | अपना रख पराया चख |
अकेला हँसता भला न रोता भला | आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास |
1000+ हिंदी मुहावरों के अर्थ और वाक्य प्रयोग का विशाल संग्रह