जावेद अख़्तर शायरी
Javed Akhtar Shayari In Hindi जावेद अख़्तर शायरी |Javed Akhtar Shayari In Hindi तमन्ना फिर मचल जाए,अगर तुम मिलने आ जाओयह मौसम ही बदल जाए,अगर तुम मिलने आ जाओ बहाना ढूँडते रहते हैं कोई रोने काहमें ये शौक़ है क्या
Javed Akhtar Shayari In Hindi जावेद अख़्तर शायरी |Javed Akhtar Shayari In Hindi तमन्ना फिर मचल जाए,अगर तुम मिलने आ जाओयह मौसम ही बदल जाए,अगर तुम मिलने आ जाओ बहाना ढूँडते रहते हैं कोई रोने काहमें ये शौक़ है क्या
Mast Shayari In Hindi मस्त शायरी |Mast Shayari In Hindi मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहींफिर भी खुश हूँ मुझको उससे कोई गिला नहींऔर कितने आसू बहाऊ उसके लिएजिसको खुदा ने मेरे नशीब में लिखा नहीं ख्वाबो में आते
Zulf Shayari in Hindi जुल्फों पर शायरी |Zulf Shayari in Hindi तेरी जुल्फे इशारो में कह गयी मुझे,मैं भी शामिल थी तुझे बर्बाद करने में. जुल्फ खुली रखती हु मै,दिल बाँधने के लिए। खोल दे इन काली जुल्फों को ,बरसात
Zamana Shayari in Hindi जमाना शायरी |Zamana Shayari in Hindi ज़माना चाहता है क्यों,मेरी फ़ितरत बदल देना,इसे क्यों ज़िद हैआख़िर,फूल को पत्थर बनाने की.. औकात नहीं थी ज़माने कीजो हमारी कीमत लगा सकेपर कमबख्त इश्क मेंक्या गिरे मुफ्त में नीलाम
Ehsaas Shayari in Hindi Ehsaas Shayari in Hindi | एहसास शायरी अपनी हालात का ख़ुद एहसास नहीं मुझको,मैंने औरों से सुना है कि परेशान हूं मैं ये मत पूछ एहसास की शिद्दत क्या थी,धूप ऐसी थी कि साये को भी
Aankhein Shayari in Hindi Aankhein Shayari in Hindi | निगाह शायरी उठती नहीं है आँख किसी और की तरफ,पाबन्द कर गयी है किसी की नजर मुझे,ईमान की तो ये है कि ईमान अब कहाँ,काफ़िर बना गई तेरी काफ़िर-नज़र मुझे। जो
Alfaaz Shayari In Hindi Alfaaz Shayari In Hindi | अल्फ़ाज़ शायरी ज़िन्दगी यूँ ही बहुत कम है,मोहब्बत के लिए,फिर एक दूसरे से रूठकरवक़्त गँवाने की जरूरत क्या है। डाल दो अपनी दुआ के,चंद अल्फाज मेरी झोली में,क्या पता आपके लब
Apne Shayari in Hindi अपने शायरी | Apne Shayari in Hindi कुछ खूबसूरत से पल किस्सा बन जाते हैं,जाने कब जिंदगी का हिस्सा बन जाते हैं,कुछ लोग अपने होकर भी अपने नहीं होते, औरकुछ बेगाने होकर भी जीवन का हिस्सा
Gam Shayari in Hindi Gam Shayari in Hindi | गम शायरी उस शख्स का ग़म भी कोई सोचे,जिसे रोता हुआ ना देखा हो किसी ने। लोग कहते है हम मुश्कुराते बहुत हैऔर हम थक गए दर्द छुपाते छुपाते ना ख़ुशी
Gareebi Shayari in Hindi गरीबी पर शायरी | Gareebi Shayari in Hindi गरीबों की औकात ना पूछो तो अच्छा है,इनकी कोई जात ना पूछो तो अच्छा है।चेहरे कई बेनकाब हो जायेंगे ,ऐसी कोई बात ना पूछो तो अच्छा है। फ़ेक