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पत्रकार सुचेता दलाल का जीवन परिचय

हमारे देश में आजादी के प्रारंभ से ही पत्रकारों का सम्मान रहा है। इन्होनें शुरूआत से ही भारतीय जनता को सही दिशा देने का काम किया है। शायद इसीलिये ही मिडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। जो नीर्भीक होकर देश के सामने सच्चाई को रखते हैं, जिसकी वजह से वो कई बार देश और दुनिया में प्रसिद्धी भी पा लेते हैं।

ऐसे ही एक प्रसिद्धी पाने वाली पत्रकार है सुचेता दलाल, जिन्होने देश के सबसे बड़े शेयर मार्केट के घोटाले को देश के सामने उजागर किया था, जिसे 1992 का हर्षत मेहता का घोटाला भी कहते हैं। इसी घोटाले का पर्दाफाश करने के कारण उन्हे दुनिया भर में पहचान हासिल की।

Sucheta Dalal Biography in Hindi

तो आज के इस लेख में हम आपको सुचेता दलाल से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां देने जा कर रहे हैं। इस लेख में सुचेता दलाल की शिक्षा, उम्र, करियर, पति और परिवार से जुड़ी जानकारियों के बारे में विस्तार से बताया है।

पत्रकार सुचेता दलाल का जीवन परिचय (जन्म, परिवार, शिक्षा, पति, करियर, किताबें, सम्मान, विवाद)

सुचेता दलाल का संक्षिप्त परिचय

नामसुचेता दलाल
जन्म और स्थान1962, मुंबई (महाराष्ट्र)
शिक्षाLLB, LLM (बॉम्बे यूनिवर्सिटी)
परिवारदेवाशीष बासु (पति)
उम्र58 वर्ष
स्टेटसविवाहित
पेशाजर्नलिस्ट (पत्रकार)
सम्मानपद्म श्री, चमेली देवी पुरस्कार

सुचेता दलाल कौन है?

सुचेता दलाल भारत के प्रसिद्ध वरिष्ठ पत्रकार है। सुचेता दलाल ने अपने पत्रकारिता के करियर में बहुत सारे ऐसे गलत कामों के पर्दाफाश किए हैं, जिनके कारण इन्हें कई बार पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है।

सुचेता दलाल ने अपने करियर की शुरुआत सबसे पहले 1984 ईस्वी में से की थी। इन्होंने अपने पूरे करियर में अपनी सभी कामों को बड़ी ईमानदारी के साथ किया और इन्होंने अपनी मेहनत और योग्यता के कारण द टाइम्स ऑफ इंडिया की वित्तीय संपादक भी बनी।

सुचेता दलाल का जन्म

देश भर में अपनी पहचान बनाने वाली वरिष्ठ पत्रकार सुचेता 1962 में महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पैदा हुई थी। सुचेता दलाल ने अपने जन्म से लेकर अब तक सिर्फ दो ही बातों को अपने जेहन में रखा और उन्होंने बड़े होकर अपने इन दोनों ही सपने को पूरा किया।

सुचेता दलाल ने जर्नलिस्ट बंद कर अपने कार्य को संभाला और दूसरी तरफ बिजनेस में रूचि होने के कारण इन्होंने व्यापारिक जर्नलिस्ट बनने की सोची।

सुचेता दलाल को प्राप्त शिक्षा

सुचेता ने अपनी शुरूआती स्कूली पढ़ाई मुंबई से ही की है। इसके बाद इन्होने कर्नाटक कॉलेज, धारवाड़ में स्टेटैस्टिक्स (B.Sc) में अपना ग्रेजुएशन पुरा किया। इसके अलावा सुचेता LLB और LLM में भी बॉम्बे यूनिवर्सिटी से डिग्री ले चुकी हैं।

सुचेता को बचपन से ही बिजनेस का शौक था मगर वो एक पत्रकार बनना चहाती थी। उन्होने अपने इन्हीं दोनों सपनों को पूरा किया और वो एक व्यापारिक जर्नलिस्ट बन गई।

सुचेता दलाल का परिवार

सुचेता दलाल अपने किसी भी निजी मामले को शेयर करना पसंद नहीं करती हैं और शायद इसी के वजह से अब तक उनके परिवार को किसी भी सदस्य का कोई अता पता नहीं है।

कई लोगों का ऐसा कहना भी है, सुचेता दलाल के माता पिता पहले ही गुजर गए हैं। परंतु अब तक इसके विषय में किसी को भी स्पष्ट और पूरी जानकारी प्राप्त नहीं है।

सुचेता दलाल के पति

सुचेता दलाल की शादी एक बहुत ही अच्छे परिवार में हुई है। सुचेता दलाल के पति का नाम देवाशीष बासु है और यह पैसे से एक जर्नलिस्ट और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी है। देवाशीष बासु जर्नलिस्ट होने के साथ-साथ मनीलाइफ मैगजीन के मालिक भी है। सुचेता दलाल को अभी तक कोई भी बच्चा नहीं है।

सुचेता दलाल की शारीरिक बनावट

सुचेता दलाल की लंबाई 5 फीट 2 इंच है। इसके अलावा सुचेता दलाल के आंखों का रंग हल्का भूरा, बालों का रंग डार्क ब्राउन है।

सुचेता दलाल का करियर

सुचेता नें पत्रकार के रूप में अपने करियर का सफर 1984 की एक पत्रिका फॉर्च्यून इंडिया से शुरू किया था। इसके बाद सुचेता 1990 में द टाइम्स ऑफ इंडिया व्यवसाय और अर्थशास्त्र के विंग में एक पत्रकार बन गई। अपनी मेहनत और योग्यता के कारण सुचेता कुछ ही समय बाद द टाइम्स ऑफ इंडिया की वित्तीय संपादक बन गई थी। इसके बाद सुचेता नें 1998 तक टाइम्स ऑफ इंडिया काम किया।

सुचेता इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप में एक परामर्श संपादक रही, जिसके बाद उनके पति देवाशीष बासु नें मनीलाइफ नाम से एक पत्रिका शुरु की, जिसमें सुचेता ने अपना लेखन दिया। आज सुचेता इस पत्रिका की प्रबंधन संपादक भी हैं।

2010 में उन्होने मनीलाइफ फाउंडेशन को भी शुरू किया था। इसके अलावा सुचेता नें कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के निवेशक शिक्षा और संरक्षण कोष में एक सदस्य के रूप में 6 साल काम भी किया।

1992 के घोटाले का पर्दाफाश करन की कहानी

सुचेता दलाल नें अपने पेशे का बखूवी इस्तेमाल करते हुए देश के कई बड़े घोटालों और स्कैमों को देश की जनता के सामने रखा। लेकिन सचेता दलाल को सबसे अधिक प्रसिध्दि 1992 के हर्षत मेहता स्कैम के कारण मिली।

दरअसल 1992 में सुचेता द टाइम्स ऑफ इंडिया में थी, जहाँ उन्होने ने स्टॉक मार्केट के व्यापार की छान-बीन करते हुए देश के सबसे बड़े स्कैमरों में से एक हर्षद मेहता की पोल पट्टी खोली थी।

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हर्षत महता बैंको में अपनी पहचान का फायदा उठा कर बड़े घोटाले को अंजाम दे रहा था। सुचेता ने देश को बताया कि किस तरह हर्षत मेहता 15 दिन के लिए बैंकों से लोन लेता था और किस तरह दूसरे लोगों से उसने पैसे लेकर 4 हजार करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया था।

सुचेता की पत्रकारिता एवं जाँच-पड़ताल के कारण पुलिस नें अपनी जाँच की, जिसमें हर्षत मेहता को दोषी पाया गया और उसको जेल हो गई। अपनी इसी पत्रकारिता के दम पर उन्हे देश और दुनिया में पहचान मिली।

मगर सुचेता दलाल ने केवल हर्षत मेहता स्कैम को ही उजागर नहीं किया था। उन्होंने अपने पूरे करियर में कई बड़े घोटालों को देश के सामने रखा था, जिसमें केतन पारेख घोटाला (2001), C. R. भंसाली स्कैम, IDBI घोटाला और एनरॉन घोटाला शामिल है।

यह भी पढ़े: हर्षद मेहता की जीवनी व घोटाले की पूरी कहानी

सुचेता के द्वारा लिखी गई कुछ खास किताबें

सुचेता दलाल एक अच्छी लेखिका भी है, जिसका जलवा उन्होने कई बड़ी पत्रिकाओं में भी दिखाया। लेकिन सुचेता केवल पत्रिकाओं मेें ही अपने लेखन का प्रदर्शन नहीं किया बल्कि वो कई मशहूर किताबें भी लिख चुकी हैं।

जिनमें एडी श्रॉफ: टाइटन ऑफ फाइनेंस एंड फ्री एंटरप्राइज (A. D. Shroff: Titan of Finance and Free Enterprise 2000), द स्कैम: हू वोन, लॉस्ट, हू गॉट अवे (The Scam: Who Won, who Lost, who Got Away1993) उनकी सबसे ज्यादा फैमस किताबें हैं।

सुचेता दलाल को दिये गए पुरस्कार और सम्मान

सुचेता दलाल नें कई बड़े घोटालों की पोल घोल कर देश के लिए जो काम किया, उसके लिए उन्हे कई बड़े पुरूस्कारों से सम्मनित किया गया है।

2006 में सुचेता को पत्रिकारिता में अपने अमुल्य योगदान के कारण उस समय के राष्ट्रपति डॉ० ए. पी. जे अब्दुल कलाम के द्वारा पद्म श्री अवार्ड मिला था।

Sucheta Dalal Award
source: wikipedia

वर्ष 1992 ईस्वी में सुचेता दलाल को मीडिया फाउंडेशन की तरफ से चमेली देवी पुरस्कार प्रदान कराया गया था। हर्षद मेहता घोटाले पर काम करने के लिए सुचेता को वुमन ऑफ सब्सटेंस डिग्री से भी सुभोषित किया गया।

सुचेता दलाल स्कैम 1992 में

हंसल मेहता द्वारा निर्देशित “Scam 1992 – The Harshad Mehta story” वेब सीरीज 9 अक्टूबर 2020 को सोनी लिव एप्लीकेशन पर लॉन्च हुई। इसमें सुचेता दलाल की भूमिका श्रेया धनवंतरी ने निभाई है। यह फ़िल्म सुचेता दलाल की बुक The Scam: Who Won, who Lost, who Got Away पर आधारित है।

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सुचेता दलाल से जुड़ी रोचक जानकारियां

  • सुचेता अपनी निजी जिंदगी को कभी भी मिडिया के सामने नहीं बताती। इसी कारण लोग इनके परिवार के बारे में ज्यादा नहीं जानते, उन्होने केवल इतना ही बताया है कि Debashis Basu उनके पति हैं और वो एक लेखिका है।

सुचेता अपने बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताती, इसलिए उनकी कुल सम्पत्ति के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। मगर कुछ रिपोर्ट और अनूमानों के मुताबिक उनकी कुल सम्पत्ति 10 लाख है।

सुचेता दलाल को लिखने का बहुत शौक है। इसलिए वो अक्सर निवेशक-संबंधित, पूंजी बाजार, बुनियादी ढांचा क्षेत्र और उपभोक्तओं से जुड़े मुद्दों पर लिखती रहती हैं।

सुचेता नें एक बहुत ही फैमस उद्योगपति, अर्थशास्त्री और बैंकर एडी श्रॉफ की आत्मकथा को भी लिखा, जिसे लोग श्रॉफ: टाइटन ऑफ फाइनेंस एंड फ्री एंटरप्राइज के नाम से भी जानते हैं।

सुचेता अक्सर अपने सेमिनार आयोजित करती रहती है और टीवी पर कई टॉपिकों तथा विषयों पर लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए विचार विमर्श करती है। आप यूट्यूब पर उनके कई विडियोंस देख सकते हैं, जिसमें वो कई विषयों पर अपने किमती विचार रखती हुई मिल जाएगी।

सुचेता अपनी क्रेडिट हेल्पलाइन के जरिये म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस के लिए रिड्रेसल मैकेनिज्म और दूसरे वित्तीय मामलों में लोगों की मदद करती हैं।

वर्तमान में उनकी आयु 55 वर्ष है और ये कई प्रकार की सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में अपनी सेवाएं दे रही हैं।

कई लोग पूछते हैं कि 1992 के घोटाले का पता लगाने में सुचेता की किन लोगों नें मदद की या सुचेता के सूचना स्त्रोत कौन थे? रीपब्लिक वर्ल्ड डॉट कॉम पर प्रकाशित हुए एक लेख के अनुसार S.B.I के पीआर विभाग में काम करने वाले शरद भिलारी पहले शख्स थे, जिन्होंने सुचेता को हर्षता मेहता के स्कैम के बारे में सबसे पहले जानकारी दी। करमचान ने भी सुचेता को कई महत्वपूर्ण जानकारीयां दी।

जबकि कुछ लोग बताते हैं कि उस समय के आरबीआई के गवर्नर एस वेंकटरमनन भी सुचेता के सूचना स्त्रोत में शामिल थे।

सुचेता दलाल से जुड़े विवाद

अभी हाल ही में सुचेता दलाल एक बहुत ही बड़ी कॉन्ट्रोवर्सी में फंस चुकी हैं, जिसमें नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा वर्ष 2015 में मनी स्टाइल पत्रिका पर एक-दो नहीं बल्कि 100 करोड़ रुपए का मानहानि को लेकर के 1 केस दर्ज किया गया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा इन पर आरोप लगाया गया है कि पत्रिका में इनकी छवि को खराब किया गया है।

अंतिम शब्द

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Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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