आसमान में आज फिर यह कैसा धूआ है लगता है आज फिर किसी आशिक ने सिगरेट को छुआ है
होठों पर रख की सिगरेट जलाने की क्रिया अपने होठों पर तुम्हारे होठों की छुअन की।
कोशिश तो सब करते है लेकिन सबका राज नही होता ….. Attitude तो सबके पास है लेकिन हमारे जैसा अंदाज नही होता
हाँ पीता हूँ मैं सिगरेट अब ये मत पूछना क्यों पीता हूँ बस अच्छी लगती हैं और सुकून मिलता हैं। हाँ पता हैं खराब होती हैं। पर अब छोड़ भी नहीं सकता..
पीने की capacity, जीने की strength, अकाउंट का balance, और नाम का खौफ कभी कम नहीं होना चाहिए
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करना… जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ मे क्या मांगना…
दुनिया में रहकर, दुनिया के साथ तो लोग चलते है हम तो Attitude में रहकर, दुनिया में छाती ठोक कर चलते है
Smoking Attitude Status in Hindi
सिगरेट की तरह हो गयी है जिंदगी हर दिन जल रही हैं बुझने के लिए..
तेवर न दिखाओ तो लोग आँख दिखाने लग जाते हैं
वक़्त रहते संभाल लो मुझे कहीं तुम मुझे खो दो और तुम्हे खबर भी न हो !
खामोश रहती है हर वक्त वो चुपचाप मेरी ही सुनती जाती है। जब चाहता हूं आगोश मैं लेना उसको चुपके से मेरे होठों पर लग जाती है
तू भी आजमा ले ऐ जिन्दगी तुझे किसने रोका है ……. Attitude अपना बेमिसाल है , जिसे देखकर तू क्या? … हर कोई चौका है
लाजिमी है उसका खुद पे गुरूर करना, हम जिसे चाहे वो मामूली हो भी नही सकती…..
तेरे आने से पहले भी मुझे सिगरेट नहीं संभाला था तेरे जाने के बाद भी उसी ने संभाला है
क्या मिलेगा धुँआ उड़ाने से.. बेवजह खुद को मिटाने से.. खोखला कर खुद को भीतर से.. क्या हासिल होगा ज़माने से !!
बेटा ज्यादा उछ्लो मत … हम सब इशारे समझते है और अच्छे से औकात दिखाते है
मेरी उम्र इतनी तो नहीं फिर भी.ना जाने क्यों?? बड़े बड़े आशिक़ मुझे सलाम करते है …!!
पीता हैं कोई शौक से.. तो कोई दर्द से.. तू ही नही बचेगा.. तो क्या गिला करेगा रब से !!
दोस्ती दिल से की तो जान दे भी दूँगा , दुश्मनी गलती से भी की तो जान भी ले लूँगा
हम आज भी अपने हुनर मे दम रखते है ।। फट जाती है लोगो की जब हम कदम रखते है।।
जैसा भी हूं अच्छा या बुरा अपने लिये हूं, मै खुद को नही देखता औरो की नजर से
माना कि नुकसानदेह है ये सिगरेट, लेकिन तेरे फरेब से ज़्यादा तो नहीं।
ठहर सके जो ……..लबों पे हमारे, हँसी के सिवा, है मजाल किसकी..
फिक्र भूल जाने को पीता हूँ तलब मिटाने को पीता हूँ तू मेरी खातिर दम तोड़ती और मैं तेरे दम से जीता हूँ
दुश्मन से क्या लड़ेंगे , अपनों से तो फुर्सत मिले
माना के तेरी नज़र के काबिल नहीं हूँ मैं, कभी उन से भी पूछ, जिन्हें हासिल नहीं हूँ मैं!!
सिगरेट का धुआं तुझे राख कर रहा है। छोड़ इसे क्यों जिंदगी खाक कर रहा है।।
ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर समझौता करूँ, शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं।l
मेने अपनी बैचेनी का एक हिस्सा जलाया था कुछ देर पहले, लोगो को सिर्फ सिगरेट नज़र आई.
उड़ा दो इन सांसों को धुएं में ये ज़िन्दगी आग से कम थोड़े है.
बुरे हैं हम तभी तो जी रहे हैं , अच्छे होते तो दुनिया कहाँ जीने देती
मै झुकता हूँ हमेशा आँसमा बन के …जानता हूँ कि ज़मीन को उठने की आदत नही…….
सिगरेट इक लानत है जो हमारे नौजवानों को तबाह कर रही है आओ मिल के इस लानत को ख़त्म करें इक पैकेट तुम ख़त्म करो इक पैकेट हम ख़त्म करते हैं
पहली सिगरेट हो, या पहली बीयर, कोई भी खरीदकर नहीं पीता हमेशा कोई न कोई दानवीर, हाथ में देकर कहता है – पी ले, कुछ नहीं होगा.
हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है, वरना किसी के मन में खौंफ पेदा करने के लिए तो बस नाम ही काफी हे
एक तनहा रात में आप की याद आई याद को मिटाने के लिए हमने सिगरेट जलाई सिगरेट ने भी क्या कुदरत दिखाई धुएं ने आपकी तस्वीर बनाई
पगली तू हमारी बराबरी क्या करेगी, हम तो cigrate भी snapdeal से मंगवाते हैं और खाली पैंकेट को olx पे बेचते हैं।
अगर ज़िन्दगी में शान से जीना है तो थोड़ा attitude और style तो दिखाना पड़ता है
तरक्की की फसल, हम भी काट लेते..! थोड़े से तलवे, अगर हम भी चाट लेते..!!
कभी खामोसी भी बहुत कुछ कह जाती है तद्पाने के लिए याद रह जाती है क्या फर्क पड़ता है विल्स हो या गोल्ड फ्लैक जलने के बाद सिर्फ राख रह जातीं है .
एक लत सी लगी थी मुझे तेरी अब सिगरेट फूंक के ही काम चला रहा हूँ.
style मेरा , character मेरा , life मेरी , but problem दुनिया को हो रही है
लोग पूछते हैं की तुम क्यूँ अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं करते, हमने कहा जो लब्जों में बयां हो जाये सिर्फ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते…!!!
मौत के बाद याद आ रहा है कोई सिगरेट मेरी कबर पर जला रहा है कोई या रब दो पल की मोहलत और दे दे मुझे अकेले अकेले सुट्टा लगा रहा है कोई
ये शाम ढले तो क्या होगा? रात फिर एक सुबह होगा। कश में बीतेगी जिंदगी मेरी। हर तरफ धुआं धुआं होगा।
किसी को इतना भी मजबूर ना करो कि उसकी ख़ामोशी टूटे और वो तुम्हारी धज्जियाँ उड़ा दे
उधार के उजाले से चमकने वाले चाँद कि आँखों में चुभता हूँ जुगनू हूँ थोडा लेकिन खुद का उजाला लेके घूमता हूँ
बेचैनी जब भी बढ़ती है धुंए में उड़ा देता हूँ , और लोग कहते हैं मैं सिगरेट बहुत पीता हूँ
कुछ लोग अच्छे लगते है बस शक्ल से
तुझे तो मोहब्बत भी तेरी ऒकात से ज्यादा की थी … अब तो बात नफरत की है , सोच तेरा क्या होगा…
मेरी सिगरेट छुड़ाने की तलब थी जिसको, उसी ने और तलब देके मुझे छोड़ दिया…
दिल चाहता है ज़ोर – ज़ोर से तालीयाँ बजाऊँ और बीच में उसका मुँह हो
मेरे बारे मे कोइ राय मत बनाना गालिब. मेरा वक्त भी बदलेगा.. तेरी राय भी.”…!!!
सुनो, मेरे शब्दों को इतनी शिद्दत से ना पढ़ा करो कुछ याद रह गया तो हमें भूल नहीं पाओगे !!
पता नही था के एक शाम ऐसी भी आएगी जो तुझे पसंद नुही था वही सबं मुझसे करवाएगी. तेरे प्यार मे जला वो कम लगा मुझको इसलिये दिलको अब ये सिगरेट भी जलाएगी।
कुछ लोगों से उन्ही के लहजे से बात की जाए तो बुरा मान जाते
इस सिगरेट में फजीलत तो कोई नहीये फिकर मिटाती है तभी पीता हूँ
आग लगाना मेरी फितरत में नही है .. मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर.
खूब ही मुझे पिलाई ज़ा रही है, यू कश-पें-कश लगाई जा रही है… ये कौन चल बसा है अंदर मेरे, किसकी चिता जलाई जा रही है!! !!
बात नफरत की होती तो शिद्दत से करते , मोहब्बत से तो अपना 36 का आंकड़ा है
मैं जानता हूँ मुझे कुछ नही मिलता इससेये मेरी उम्र घटाती है तभी पीता हूँ
छीन कर हाथो से सिगरेट वो कुछ इस अंदाज़ से बोली , कमी क्या है इन होठों में जो तुम Gold_Flake पे मरते हो।
नशा चाहे सिंगरेट का हो या किसी की आँखों का सड़ता तो कलेजा ही है।
आज कल लडकियाँ भी लड़कों से कम नहीं, मजाल है कि घर का कोई काम कर ले
रोक दो मेरे ज़नाजे को जालिमोमुझ में जान आ गई हैपीछे मुड़ के देखो कमीनो सिगरेट की दूकान आ गई है .
सिगरेट की तरह हो तूम मेरे जिन्दंगी मै जब जलाया तो आफत बन गयी और बूझाया तो आदत बन गयी।
मैं झुक जाऊँ तो मसला आसान हो जायेगा, लेकिन इससे मेरे किरदार का बड़ा नुकसान हो जायेगा
सिगरेट इक लानत हैजो हमारे नौजवानों को तबाह कर रही हैआओ मिल के इस लानत को ख़त्म करें इक पैकेट तुम ख़त्म करोइक पैकेट हम ख़त्म करते हैं
सिखा ना सकी जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे, फिर करीब से कुछ चेहरे पढ़े और ना जाने कितने सबक सीख लिए।
वो नशा ही क्या जो चन्द घँटों में उतर जाए। नशा तो वो है जो वजूद छीन ले।
उसने कहा, तुम मुझे ज़हर लगती हो, मैंने भी बोल दिया, खा के मर जा
एक तनहा रात में आप की याद आईयाद को मिटाने के लिए हमने सिगरेट जलाईसिगरेट ने भी क्या कुदरत दिखाईधुएं ने आपकी तस्वीर बनाई
जो मुंह तक उड़ रही थी अब लिपटी है पाँव से….. बारिश क्या हुई मिटटी की फितरत बदल गई….
सिगरेट aur मेरी कई बार लड़ाई ho चुकी है।
वक्त – वक्त कि बात है — आज आपका है…. तो उड लिजिये …. कल हमारा होगा तो सीधा उडा देंग
पता नहीं इसमे क्या जादू है हर बार mujh मना लेती है. Aur GImere haatho se mere होठों se लगालेती है!
वक्त का पहिया घूमता है तो जिन्दगी बदल जाती है …. और मेरा दिमाग घूमता है तो दुश्मनों की किस्मत बदल जाती है
लोग कहते हे सिगरेट पीने से कलेजा जलता हे… और हम कहते हे सिगरेट तभी पी जाती हे जब कलेजा जलता हे।
कोई तो जरूर बात होगी इस नशे में साहब, हर नशा करने वाले का मकसद ऐश करना नहीं होता।
आप बेशक हमारी सिगरेट को बुरा बोलो, पर ये भी एक वक्त के बाद खत्म हो जाती हैं।
दिखाकर Attitude कर दिया Block उसने चन्द मिनटों में ,वक्त ले रहा है हिसाब मेरी जुदाई का अब उससे दिन और घन्टों में
आप बताओ आपकी याद का क्या करे? ये कमबख्त तो दिन ब दिन बढ़ती ही जाती हैं।
Smoking करना अगर आपकी शान है तो babu कहते तो आप मुझे भी जान है। और ये तो आप भी जानते है की शान से ज्याद जरूरी jaan है।
उतना ही बोलो जितना सुन सको , लोग भी मुह में जुबां रखते है. सिर्फ तुम ही नहीं
हम उन लोगों में से नहीं जो गूगल पर स्टेटस खोजते है ….. मेरा स्टेटस लोग गूगल पर खोजते है
तुमने अभी देखि कहा है। मेरी नफ़रत की इन्तहा, मैं वो हूँ जिस नैं खुद को भी नहीं चाहा है आज तक!!
तजुर्ब की बात मत करना जनाब, हम बारिश में भी सिगरेट जला देते है।
ये होठ तेरे होठों के लायक नहीं है अब इन होंठो ने धुएं को चूमना सीख लिया है..।।
कुछ सही तो कुछ खराब कहते है , लोग हमे बिगड़ा हुआ नवाब कहते है
Cigrette की धूएं को में बादल कहता हूं। मेरे यारों से पूछो, खुदको में पागल कहता हूँ। जिनके दूर हो जाने के खयाल से रूह कांप उठती थी मेरी, अब उस नाम वाले हर सख्स से में दूर रहता हूं।
कल से एक ही काम होगा हमारा नाम और दुश्मनों का काम तमाम होगा
लत बुरी हैं साहब !!!तो क्या करना एक कश में हर गम को दफा करना तलब हैं उसकी आर तलबगार हैं हम, बस एक बार फिर से नशा करना हैं
इतनी EGO ठीक नही है धरी की धरी रह जायगी… तू खड़ी खड़ी मुह
ना कोई मशवरा दीजिए, ना कोई राय दीजिए थोड़ा उदास है दिल, तो एक सिंगरेट और एक कप चाय दीजिए,
फाड़ेगी जब कोई और मुझे i love you कह जायगी
ना कोई मशवरा दीजिए, ना कोई राय दीजिए थोड़ा उदास है दिल, तो एक सिगरेट और एक कप चाय दीजिये।
हम भी सब के बाप है , जो उलझा हम से वो शमशान में राख है
उसने गुस्से से कहा.. आपकी तारीफ ? हमने प्यार से कहा.. जी भर के कीजिये
गुस्सा तो मुझे विरासत में मिला है
सिगरेट -जलाई थी तेरी याद भुलाने को, मगर कमबख्त धुएं ने तेरी E तस्वीर बना डाली ।
काश एक कश, तेरे लबों से मेरे लबों को मिल जाए ऑर ये शाम, शामें-रंगीन कहलाये ।।
बहुत सकून मिलता है जलने वालों को और जलाने में
धुए की तरह हर ग़म को उड़ाने को जी करता है,,, क्या करें मगर हमें तो smoking करना ही नहीं आता।
जीते जीते मैं भी, ख़त्म हो जाऊंगा एकदिन इस जलती सिगरेट की तरह, घुलमिल जाऊंगा धुवे जैसे इन हवाओं में कही, मिटाकर अस्तित्व मेरा रह जाऊंगा इस ज़मीपर मामूली राख़ बनकर।..
अपने भी Attitude के चर्चे अब हर एक की जुबान पर होंगे … जो आज हमे देखकर हँसते है , कल वो हमारे गुलाम होंगे
खामोशी और दर्द को पीते-पीते इतने थकगए.. नजाने कब सिगरेट की चार कश मरहम बन गए, यूँ तो पैमानों से अपना कोई वास्ता तक भी ना था कमबख्त जिंदगी को समझने मयखाने*पहुँचगए।
में करता हूँ उसे आन भी मेसेन, जवाब नहीं देती। एक सिगरेट ही अपनी सच्ची मोहबत हैं, जो तलाक नहीं देती।
सकूँन का वो सुट्टा बार है। जहा मे सिगरेट पिता हु और आती है कोई तेरी याद तो उसे धुर्यें से फुक देता हु।
अब दिल पर कब्जा सिर्फ सिगरेट का होगा क्या बुश बन जाता है कोई शख्स,
महन्न सिगरेट पी लेने से..? उन दिल तोड़ने वाली को भला, बुश क्यों नहीं कहते..?
आसमान में आज फिर यह कैसा धूआ है लगता है। आज फिर किसी आशिक ने -सिगरेट को छुआ है।
सिर्फ Attitude के दम पर दुश्मनों को हराना आसान होता…. तो आज हाथी जंगल का राजा, और शेर उसके कदमों की धूल होता
ऐ दोस्त तुम जरा आग दिखाओ मे कश लगता उनकी यादों को आन धुर्वे में उड़ाता हूँ.!! धुआंथा लेकिन मजा बहुत आया, थोड़ा सर घुमा, थोड़ा नशे में झुमा, दिमाग की टेंसन लेकिन भुला आया।
खुद में खुद को उलझाए जा रहा हूं, उसकी याद में सिगरेट जलाएं जा रहा हूं. रातों में आंसुओं को छुपाया जा रहा हूँ, उसकी याद में सिगरेट जलाएं जा रहा हूं.
हर चीज़ उठायी जा सकती है पर गिरी हुई सोच नहीं
मोहब्बत में मैं अपने सर एक ऐसी बला लेता हूं उसकी याद ना आए इसके डर से एक सिगरेट बुझती नहीं की दुसरी जला लेता हूं।
जिन्दगी तो खुद एक धुआँ है। और ये धुआँ आज है कल नहीं.. तो फ़िर Cigarette के धुएं की क्या ज़रूरत..
दिल बड़ा करो , बड़ी बातें तो सभी कर लेते हैं
तू ने कहा था ना की साथ में बैठ के सिगरेट का कश लगाएंगे तेरे इंतज़ार में आज भी वो आधी जली सिगरेट पड़ी है।
कुछ लोग सब कुछ सीख जाते हैं बस तमीज़ नहीं सीख पाते।
इज़्ज़त दो इज़्ज़त लो , नवाब होगे तुम अपने घर में
सुन तू मुझको छोड़ कर जा रही है तो एक आखिरी बात सुनती जा
सीधे -सीधे भाड़ में जाना Left Right मत जाना
अपनी बदमाशी का आलम कुछ ऐसा है दुश्मन तो दुश्मन साला जमाना भी हमसे खफा है
गोली चलाना हर किसी के बस में नही trigger पे पकड़ और सीने में अकड़ चाहिए
डोली सजा के ले जाने वालो मे से नही है हम … गोली चला के ठोकने वालो मे से है हम
छोटी-छोटी कोशिशें पर इरादे है बड़े, मुश्किल है हर कदम पर हम डटकर है खड़े
हमारे पूर्वज तो पत्थरों से आग लगाते थे, हम तो बातों से ही लगा देते है
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।