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रक्षाबंधन पर कविता

Poem on Raksha Bandhan in Hindi: रक्षा बंधन का त्यौहार भाई बहिन का एक मीठा त्यौहार और भाई बहिन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। श्रावण महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को यह पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है।

इस पोस्ट में भाई-बहन के पवित्र रिश्ते पर हिन्दी कविताएं शेयर की है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह रक्षाबंधन कविताएँ पसंद आयेंगी। इन हिंदी कविताओं को आगे शेयर जरूर करें।

रक्षाबंधन पर कुछ कविताएँ (Poem on Raksha Bandhan in Hindi)

रक्षाबंधन कविता (Raksha Bandhan Poem)

प्रीत के धागो के बंधन में,
स्नेह का उमड़ रहा संसार,
सारे जग में सबसे सच्चा,
होता भाई बहन का प्यार,
नन्हे भैया का है कहना,
राखी बांधो प्यारी बहना।

सावन की मस्तीली फुहार,
मधुरिम संगीत सुनती है,
मेघों की ढोल ताप पर,
वसुंधरा मुस्काती है।

आया सावन का महीना,
राखी बांधो प्यारी बहना।

धरती ने चाँद मामा को.
इंद्रधनुषी राखी पहनाई,
बिजली चमकी खुशियों से,
रिमझिम जी ने झड़ी लगाई।

राजी ख़ुशी सदा तुम रहना,
राखी बाँधों प्यारी बहना।

Raksha Bandhan ki Kavita
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Poem on Raksha Bandhan in Hindi

राखी का आज त्यौहार है
बहन भाई के लिए बहुत खास है
लाया खुशियों की बहार है
रेशम के धागे से बंधा प्यार है।

बहनें आज भाइयों को
कुमकुम का तिलक लगाती हैं
अपने प्यारे हाथों से
भाई को मिठाई खिलाती है।

भाई की सूनी कलाई पर
रेशम का धागा बांधती है
बदले में भाई से रक्षा का
अनमोल वायदा पाती है।

भाई भी सुंदर सुंदर तोहफे
बहनों के लिए लाते हैं
तोहफे में क्या मिलने वाला है
बहनें उत्सुक रहती हैं।

बहनें भी भाई की
सलामती की दुआ करती है
खुश रहो तुम सदा भैया
यही प्रार्थना करती है।

बहन भाई का एक दूसरे पर
होता अटूट विश्वास है
रेशम के धागे से ये
बंधा हुआ त्यौहार है।

यह भी पढ़े: रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है और रक्षाबंधन की शुरुआत कैसे हुई?

Raksha Bandhan Poem in Hindi

राखी आयी खुशियां लायी
बहन आज फूलें न समाई
रखी, रोली और मिठाई
इन सब से थाली खूब सजाई!

बांधे भाई के कलाई पे धागा
भाई से लेती हैं वादा
रखी की लाज भैया निभाना
बहन को कभी भूल न जाना!

भाई देता बहन को वचन
दुःख उसके सब कर लेंगा हरन
भाई बहन का प्यार हैं
त्यौहार रखी का न्यारा हैं!

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रक्षाबंधन पर छोटी सी कविता

आज बहन ने बड़े प्रेम से
रंग बिरंगा चौक बनाया
इसके बाद चौक के ऊपर
अपने भैया को बिठाया
रंग बिरंगी राखी बाँधी
फिर सुंदर सा तिलक लगाया
गोल गोल रसगुल्ला खाकर
भैया मन ही मन मुस्कुराया
थाल सजाकर दीप जलाकर
भैया की आरती उतारी
मन ही मन में कहती बहना
भैया रखना लाज हमारी
करना सदा बहन की रक्षा
भैया तुमको समझता है
कच्चे धागों का ये बंधन
रक्षा बंधन कहलाता है

रक्षाबंधन पर कविता

त्योहार भाई -बहन का
राखी का त्योहार है आया
जीवन का उपहार है लाया
भाई -बहन का प्यार लाया
राखी संग खुशियां आयीं
बहना जब राखी लायी
बोली मेरी रक्षा करना
ढेर सारी मिठाई खिलाई
मैंने उससे राखी बंधवाई
शुभ रक्षाबंधन की सब को
है बधाई जी बधाई।
हैप्पी रक्षा बंधन

दीदी जब सावन में,
काली मिट्टी पर उग आए,
हरे पौधों को देखता हूँ,
तो मेरी साँवली कलाई पर,
हरे रंग का रेशम,
खुद ब खुद,
उग आता है,
मैं अपने माथे पर,
सुर्ख रोली ढूँढता हूँ,
और,
जब सहर आसमाँ के माथे पर,
वही लाल रोली मलती है,
तो हल्का-सा टीका मुझे भी,
लगा जाती है!!

बरसात जब बूँदों का अक्षत,
मेरे सर पर छिड़कती है,
तो मैं होश में आता हूँ,
और,
सूनी कलाई, सूनी दुनिया,
सूना माथा पाता हूँ!!
दीदी, कभी भोर, कभी मिट्टी,
कभी बारिश बन कर आओ,
शायद मैं अकेला हूँ,
मुझे साथ ले जाओ…

-दिव्यांशु शर्मा

Raksha Bandhan Kavita in Hindi

झंकार कर दो

वह मरा कश्मीर के हिम-शिखर पर जाकर सिपाही,
बिस्तरे की लाश तेरा और उसका साम्य क्या?
पीढ़ियों पर पीढ़ियाँ उठ आज उसका गान करतीं,
घाटियों पगडंडियों से निज नई पहचान करतीं,
खाइयाँ हैं, खंदकें हैं, जोर है, बल है भुजा में,
पाँव हैं मेरे, नई राहें बनाते जा रहे हैं।
यह पताका है,
उलझती है, सुलझती जा रही है,
जिन्दगी है यह,
कि अपना मार्ग आप बना रही है।
मौत लेकर मुट्ठियों में, राक्षसों पर टूटता हूँ,
मैं, स्वयं मैं, आज यमुना की सलोनी बाँसुरी हूँ,
पीढ़ियाँ मेरी भुजाओं कर रहीं विश्राम साथी,
कृषक मेरे भुज-बलों पर कर रहे हैं काम साथी,
कारखाने चल रहे हैं रक्षिणी मेरी भुजा है,
कला-संस्कृति-रक्षिता, लड़ती हुई मेरी भुजा है।
उठो बहिना,
आज राखी बाँध दो श्रृंगार कर दो,
उठो तलवारों,
कि राखी बँध गई झंकार कर दो।

– माखनलाल चतुर्वेदी

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Raksha Bandhan Par Kavita

भैया मेरे

अच्छे भैया मेरे…
सबसे प्यारे भैया मेरे…
तुम हो मेरे रखवाले…
मुझसे ये राखी बन्धवाले…
तेरे साथ मैं चलूँगी..
मेरे साथ तुम चलना…
तेरी रक्षा मैं करुगी..
मेरी रक्षा तुम करना..
राखी का ये बंधन प्यारा..
इस बंधन को बांधे रखना..
टूटे ना रिश्तो का धागा…
मजबूत अपने इरादे रखना…
जब मैं तुमसे रूठ जाऊं..
तो तुम मुझे मनाना..
जब-जब मैं रोऊँ..
तुम मुझे हंसाना..
मेरे भैया दूर ना जाना..
मुझसे तुम राखी बंधवाना..
प्यारे प्यारे भैया मेरे …
सबसे अच्छे भैया मेरे….

Raksha Bandhan Kavita

राखी बांधत जसोदा मैया

राखी बांधत जसोदा मैया।
विविध सिंगार किये पटभूषण, पुनि पुनि लेत बलैया।।

हाथन लीये थार मुदित मन, कुमकुम अक्षत मांझ धरैया।
तिलक करत आरती उतारत अति हरख हरख मन भैया।।

बदन चूमि चुचकारत अतिहि भरि भरि धरे पकवान मिठैया।
नाना भांत भोग आगे धर, कहत लेहु दोउ मैया।।

नरनारी सब आय मिली तहां निरखत नंद ललैया।
सूरदास गिरिधर चिर जीयो गोकुल बजत बधैया।।

रक्षाबंधन कविता

राखी

हर सावन में आती राखी,
बहना से मिलवाती राखी…

चाँद सितारों की चमकीली,
कलाई को कर जाती राखी…

जो भूले से भी ना भूले,
मनभावन क्षण लाती राखी,
अटूट-प्रेम का भाव धागे से
हर घर में बिखराती राखी…

सारे जग की मूल्यवान
चीजों से बढकर भाती राखी.
सदा बहन की रक्षा करना,
भाई को बतलाती राखी!!

Raksha Bandhan Poems in Hindi

Raksha Bandhan Kavita in Hindi

कैसी भी हो एक
बहन होनी चाहिए….
बड़ी हो तो माँ – बाप
से बचाने वाली…..
छोटी हो तो हमारे…
पीठ पीछे छुपने वाली….
बड़ी हो तो चुपचाप हमारे
पॉकेट में पैसे रखने वाली…
छोटी हो तो चुपचाप पैसे
निकाल लेने वाली…
छोटी हो या बड़ी
छोटी – छोटी बातों
पे लड़ने वाली
एक बहन होनी चाहिए
खुद से ज्यादा हमे
प्यार करने वाली एक
बहन होनी चाहिये

raksha bandhan poem in hindi
Image: raksha bandhan poem in hindi

रक्षाबंधन कविता

भाई बहन

राखी के धागे हलके फुल्के.. जज़्बातों मे गहरा वज़न टिका,
वह रिश्ता सबसे उत्तम है.. जिस मे रक्षा का है वचन जुड़ा।
रक्षाबंधन पर्व हर वर्ष हो.. इस रीत से सबका ह्रदय जुड़ा,
भाई बहन का एक ही मन है.. अद्वितीय सूत्र की गाँठ बँधा।

कैसे भावनाएँ जन्म ले भीतर..? कैसे उत्पन्न परवाह हो..?
चुपचाप जो बैठे बहन कही तो.. बेचैनी भाई के शब्दों मे हो,
दुआ के थाल दो नैना भरकर.. बहना माँगे भाई का सदा भला..
ईश्वर से विनती इतनी है.. पावन रिश्ता यह रहे खरा।

रंग सुनहरे धागों के.. चमक धमक सजावट हो..
मन भावन है नाम राखी का.. राखी का अर्थ रक्षा हो,
दूर पास.. हम कही रहे.. हुँ बहन! है सौभागय मेरा..
वीर हाथ जो सर पर रख दे.. स्पर्श छाप बन माथे सजे सदा।

राखी के धागे नही हलके फुल्के.. भाई बहन प्रेम हर रेशे जुड़ा..
चोखा है.. अनोखा है.. कई कड़ियों से यह नाता जुड़ा,
रक्षाबंधन पर हर बहना.. माँगे भाई का जीवन हो सुख से भरा..
ह्रदय कोश से.. नैनो से.. शब्दों से सौंपूँ आशीष सदा।

“राखी के धागे हलके फुल्के.. जज़्बातों मे गहरा वज़न टिका,
भाई बहन का एक ही मन है.. अद्वितीय सूत्र की गाँठ बँधा।

भाई बहन का शुभ दिन है आज

भाई बहन का शुभ दिन है आज
कलाई पर सजा है राखी का ताज
बहना की आँखों में है बहुत प्यार
भाई के हाथों मिलेगा आज उपहार
रक्षा करेगा भाई देता है वचन
यूं ही साथ रहेंगे हर जनम
आओ मिलकर खाएं हम मिठाई
रक्षा बंधन की सबको बधाई!

raksha bandhan par kavita
Image: raksha bandhan par kavita

Raksha Bandhan Kavita

भैय्या तेरी कलाई पर रक्षा का धागा बांधती हूँ
तेरी लंबी उम्र की ईश्वर से दुआ मैं मांगती हूँ।

सौभाग्य मेरा है भैय्या यह,
तुझको पा कर धन्य हूँ मैं।

तू परछाई बनकर साथ रहा,
यह बात मैं भी जानती हूँ।

मेरे राह के काटों को,
तूने अपनी ओर मोड़ लिया।

जब-जब टूट कर बिखरी हूँ,
तूने आकर फिर जोड़ दिया।

यह रीति बनी बिटिया के लिए,
एक दिन घर छोड़ कर जाना है।

तुमने न पराया किया मुझे,
मेरी हिम्मत बनकर साथ रहे।

तुम में बसते हैं माता-पिता,
तुझमें ही मेरा संसार है।

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राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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