Hartalika teej poem in hindi: हमारे देश में मनाये जाने वाले त्योहारों और व्रतो में यह भी एक महत्वपूर्ण त्यौहार हैं। हरतालिका तीज के दिन महिलाएं निर्जला अवकाश करती हैं और इसे अपने महादेव को समर्पित करती हैं। इस व्रत से महिलाये अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं और महादेव जी की उपासना करती हैं।

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हरतालिका तीज पर कविता | Poem on Hartalika Teej in Hindi
हरतालिका तीज पर कविता
हरियाली तीज पर कविता
पावन सावन बीत गया
आगमन हो गया भादों का
हस्त नक्षत्र की तृतीया आई
हरतालिका तीज का व्रत लाई
तीज व्रत है सुहाग के रक्षा का
व्रत है श्रधा भक्ति और निष्ठा का
यह व्रत अति पावन है
यह व्रत निर्जल निराहार है
शिव पार्वती के पूजन का है शुभ प्रहर
सुहगनों का सोलह श्रृंगार का है पावन अवसर
देखो अम्बर भी छलका है
ये बादल का प्यार है
जो धरती पे उतरा है
धरा ने भी सोलह श्रृंगार किया है
धानी रंग का वस्त्र लिया है
मेहंदी उसके हाथ विराजे
जुगनु कण हिरक हार गले में साजे
धारण किये पुष्प आभूषण
कुसुमित हुए मुस्कुरा रही है
अचला भी आज तीज मना रही है
नव पल्लवों की हर्षित डाल
मही को आज सजा रही है
उल्लसित प्रवालों से धीरे धीरे
उसका रुप निखार रही है
प्रतीत होता है सम्पूर्ण प्रकृति
आज तीज मना रही है
Happy Hartalika teej Poem
Hariyali Teej Poems in Hindi
आया तीज का त्यौहार,
सखियों हो जाओ तैय्यार,
मेंहंदी हाथो में रचा के,
कर लो सोलह श्रृंगार,
चूड़ी खन खन खनके,
पायल छमछम बाजे,
बिंदी की चमक अपार,
आया तीज का त्यौहार।
डाली पर झूले डालें,
सखियों संग मौज मनाले,
हरियाली तीज का सब,
मिलजुलकर आनंद उठा ले,
देने खुशियां अपार,
आया तीज का त्यौहार।
मंदिर में दर्शन को जायें शिव जी का आशीर्वाद पाये,
होगा अमर सुहाग,
आया तीज का त्यौहार।
Hartalika Teej par kavita hini me
Hariyali Teej Kavita
सावन विगत आयो माह भादो
पावन हरितालिका तीज है लायो
भाद्रपद की हस्त नक्षत्र तृतीया
होता है शुभ व्रत तीज हरितालिका
यह व्रत है श्रद्धा,भक्ति,निष्ठा,विश्वास का
सौभाग्यवती स्त्रियों की
अखंड सौभाग्य की कामना का
ये शुभ दिन है अति पावन मंगलकारी
कठिन तप कर माँ पार्वती ने
इसी दिन पायो पतिरूप में भोलेभंडार
यह व्रत है संकल्प शक्ति का प्रतीक
अति मनोरम ,पावन,सुन्दर ,शुभ रीत
करूँ सुहागन सोलह श्रृंगार
रहूँ निर्जल और निराहार
चौकी सजाकर सुन्दर चौरा
स्थापित करूँ उसमें शिव और गौरा
शिव पार्वती की मिट्टी की मुर्ती बना
करूँ विधिवत ,श्रद्धा,भक्ति से पूजा
शिव को अर्पित करूँ जल,बेलपत्र,धतुरा
माँ को चढ़ाऊँ सुहागन का सामान सारा
पूजूँ सुहागन सुहाग का सिन्दूरहोरा
ले सिन्दूर माँग भरूं पूरा
युग – युग रहे अमर सुहाग हमारा
सुनु ध्यान मग्न हो तीज कथा
जागूं रातभर करू भजन किर्तन
प्रातःकाल चौरा विसर्जन
हाथ जोर कर करूँ प्रार्थना
अमर सुहाग की करूँ कामना
ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर
सभी बड़ों का आशीर्वाद लेकर
फिर व्रत खोलू विधीवत
जब तक जियूँ करूँ तीज व्रत
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