Nitish Rajput Biography in Hindi: नमस्कार दोस्तों, यहां पर हमने नीतीश राजपूत के बारे विस्तार से बताया है। इस लेख में हमने नीतीश राजपूत की विकी, बायोग्राफी, परिवार, उम्र और शिक्षा के बारे में विस्तार से बताया है।
नीतीश एक यूट्यूबर, सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर हैं। इन्होंने टिकटोक पर अपने वीडियोस बनाना शुरू किया था। टिकटोक पर नीतीश के विडियो मोटिवेशनल और ज्ञानवर्धक होते थे, जिससे इनको काफी प्रसिद्धी हासिल हुई थी। लेकिन टिकटोक अब इंडिया में बैन है। अभी नीतीश अपने वीडियोस यूट्यूब पर साँझा करते हैं।
नीतीश ने TikTok Vs YouTube टॉपिक पर एक विडियो बनाया था, जो काफ़ी चर्चा में रहा और इसके कारण नीतीश को काफ़ी पहचान भी मिली। यूट्यूब पर और भी नीतीश के वीडियोस है, जिनका अच्छा प्रदर्शन है और लोग उन्हें पसंद भी कर रहे हैं। एजुकेशन सिस्टम पर नीतीश ने एक विडियो बनाई थी, जो काफी वायरल हुई थी और कई सुर्खियाँ बटोरी।
आपको बता दें कि नीतीश हिंदुस्तान टाइम और एफएम 93.5 रेडियो पर भी दिखाई दिए है। हमने इस लेख में नीतीश राजपूत से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है। तो आप हमारे इस लेख के अंत तक बने रहे।
नीतीश राजपूत का जीवन परिचय (Nitish Rajput Biography in Hindi)
नाम | नीतीश राजपूत |
जन्म और स्थान | 4 अक्टूबर 1989, सुल्तानपुर (उतरप्रदेश) |
शिक्षा | B.Tech. (GBTU University) |
उम्र | 33 वर्ष |
स्टेटस | विवाहित |
पेशा | Entrepreneur, YouTuber And Indian Digital Social Activist |
नागरिकता और धर्म | भारतीय (नागरिकता), हिन्दू (धर्म) |
नीतीश राजपूत का जन्म और परिवार (Nitish Rajput Family)
नितीश राजपूत का जन्म उतरप्रदेश के सुल्तानपुर में 4 अक्टूबर 1989 को हुआ। नीतीश के पिता आईएसपी फर्म चलाते हैं और माता गृहिणी है। इनके जन्म के लगभग एक वर्ष बाद इनका परिवार रुद्रपुर में रहने लिए आ गया और फिर रुद्रपुर में कुछ वर्ष बिताने के बाद पूरा परिवार दिल्ली में रहने के लिए चला गया। नीतीश ने अपना अधिकतर समय दिल्ली में ही बिताया।
नीतीश राजपूत की शिक्षा (Nitish Rajput Education)
जब नीतीश मिडिल स्कूल में थे तब वे उच्च शिक्षा के लिए हॉस्टल में भी रहे और नीतीश ने गौतम बुध यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश (GBTU University) से B.Tech. की डीग्री हासिल की है।
नीतीश राजपूत का करियर (Nitish Rajput Career)
जब नीतीश राजपूत के सामने करियर को शुरुआत करने का समय आया तो उनके पास दो विकल्प थे पहला तो डॉक्टर की पढ़ाई करें और दूसरा इंजीनियरिंग बने। इन्हें यह तो पता था कि यदि वह इंजीनियरिंग की तैयारी करेंगे तो इन्हें कोटा जाना पड़ेगा, जहां पर जो लोग आईआईटी नहीं निकाल पाते हैं, वही लोग आईआईटी निकालने के तरीके बताते हैं।
उन्होंने अपने पिता से कोटा जाने से मना कर दिया लेकिन इंजीनियरिंग से बच नहीं पाए। उसके बाद जैसे तैसे इन्होंने इंजीनियरिंग का कोर्स पूरा किया। लेकिन इन्हें इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी। कोर्स पूरा करने के बाद इनके पास दो और विकल्प थे। पहला तो यह अपने गांव जाकर पिता के व्यवसाय को संभाले।
लेकिन, इन्हें पता था कि यदि अपने पिता के व्यवसाय को संभालते हैं तो भले ही कितना भी अच्छा इस व्यवसाय में क्यों ना करें इन्हें पॉकेट मनी के समान ही पैसे मिलेंगे और इन्हें लिमिटेड पैसे में अपनी लाइफ जीनी होगी, इसीलिए वे यह नहीं करना चाहते थे।
दूसरा विकल्प इनके पास था जो बहुत ही प्रसिद्ध है, वह है सरकारी नौकरी। हालांकि इसके बारे में इन्हें कुछ खास जानकारी नहीं थी। इसलिए इन्होंने पहले अन्य लोगों से सरकारी नौकरी के फायदे और नुकसान के बारे में पूछा। इससे इन्हें पता चला कि सरकारी नौकरी यदि वे पा लेते हैं तो इन्हें कभी कोई इस नौकरी से निकाल नहीं पाएगा।
लेकिन बाद में इन्हें सरकारी नौकरी से अच्छा कारपोरेट का ही क्षेत्र अच्छा लगा। कारपोरेट सेक्टर में नीतीश राजपूत ने पहले कर्मचारी के रूप में फिर मैनेजर के रूप में और फिर उससे भी बड़े पदों पर काम किया और धीरे-धीरे इनके पास महंगे फोन, अच्छी कार सब कुछ आ गई, जो हर किसी की ख्वाब होती हैं।
लेकिन इन चीजों से इन्हें इतनी खुशी नहीं मिल रही थी। जिसके बाद एक बार इन्होंने “द सीक्रेट ऑफ हैप्पीनेस” नाम की एक किताब पढ़ी। इस किताब से इन्हें एक बात तो सीखने को मिल गई थी कि मोबाइल, बड़ा घर, मंहगी गाड़ी, बैंक बैलेंस भले ही लोगों के ख्वाब हो लेकिन इससे मिलने वाली खुशियां कुछ पल के लिए ही होती है और यह ख्वाब अनंत होते हैं।
एक इच्छा पूरी करते हैं तो आपको इससे बड़ा पाने की इच्छा हमेशा लगे ही रहती है। इसीलिए नीतीश राजपूत ने इस किताब से असली खुशी समझने के बाद वे चींटी गोप समिति करके एक एनजीओ है में शामिल हो गए।
इस एनजीओ में नीतीश ने जमीनी स्तर पर काम करना शुरू किया, उसके बाद उन्होंने अपने आसपास के कई जरूरतमंदों की मदद की। वे लोगों में अवेयरनेस फैलाना चाहते थे। लेकिन वे जानते थे कि वे एक समय में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं पहुंचा पाएंगे। ऐसे में उन्हें टिक टॉक करके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बारे में पता चला।
उसके बाद टिक टॉक पर वे कई सारी जानकारी पूर्ण वीडियो बनाना शुरू करने लगे। जब टिक टॉक बैन हो गया तब इन्होंने अपना यूट्यूब चैनल भी बनाया। नीतीश भारत में समाज को गलत दिशा में ले जाने वाले विवादास्पद विषयों पर अप्रत्यक्ष रूप से टिप्पणी भी रखते हैं। नीतीश के विचार हमेशा समाज को अँधेरे से प्रकाश की और ले जाने वाले होते हैं।
नीतीश के YouTube Vs TikTok विवाद पर बने विडियो ने लोगों पर काफी सकारात्मक प्रभाव डाला। आपको बता दें कि नीतीश को रेड एफएम 93.5 पर अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। नीतीश का यूट्यूब पर चैनल है, जिसने कम समय में ही अधिक सब्सक्राइबर हासिल किये है। नवम्बर 2022 तक नीतीश के 1.2M सब्सक्राइबर है।
आपको बता दे कि नीतीश के विडियो पर व्यू उनके सब्सक्राइबर्स से भी ज्यादा आते हैं। इससे आप उनकी प्रसिद्धता का आंकलन कर सकते हैं। एक सामान्य लड़के से एक प्रतिष्ठित सोशल मीडिया व्यक्तित्व तक नीतीश राजपूत की यह यात्रा वास्तव में भविष्य की पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। जिस तरह से नीतीश सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत करते हैं, यकीनन उन्हें भारत के Best Social Influencer और Motivators में से एक बनाता है।
Red FM 93.5 के एक इन्टरव्यू में नीतीश ने बताया था कि वह वर्तमान में United States based MNC में बिजनेस हेड के रूप में काम कर रहे हैं और डिजिटल प्लेटफार्म जैसे Instagram और YouTube पर कन्टेन्ट क्रिएट करते हैं।
नीतीश राजपूत ने किस तरीके से आत्मविश्वास बढ़ाया?
नीतीश राजपूत जिस तरीके से आज अपने वीडियो में बहुत जोश के साथ लोगों को अपने कथनों से प्रेरित करते हैं पहले इस तरह नहीं कर पाते थे। इन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि जब इन्हें किसी डिबेट में बोलना होता था तो लगता था मानो इनके आंख के सामने कैमरे का फ्लैश पड़ गया हो और चारों तरफ अंधेरा छा गया हो।
जिसके बाद उन्हें ऐसा महसूस होने लगा था कि जो अच्छे से डिबेट कर सकते हैं, उनमें अलग से खासियत होती है। इसीलिए वे लोगों के बीच बोलने की हिम्मत रखते हैं। लेकिन इनके पिता के द्वारा कहे गए एक कथन ने इन्हें बहुत ही प्रेरित किया है।
इनके पिता हमेशा ही इन्हें कहते थे कि जब तक तुम अपने बात को रख नहीं सकते तब तक तुम्हारा कोई भी वैल्यू नहीं करेगा। जिसके बाद एक बार उनके पिता ने इन्हें एक डिबेट में जाने से पहले कहा था कि तुम उस डिबेट में “आई डोंट एंग्री विद यू” कहना।
जिसके बाद नितिश राजपूत ने अपने उस डिबेट में आई डोंट एंग्री विद यू कहा, जिसके बाद डिबेट की सभी लोग उन्हें कहने लगे कि यदि आप इस बात पर डिसएग्री हैं तो आप ही इस बात को समझा दीजिए। इसके बाद नीतीश राजपूत के पास बहुत ज्यादा समय था और उन्होंने अपने कथनों को बहुत अच्छे से व्यक्त किया।
इस तरीके से लोगों के बीच बोलने का डर उनका खत्म हुआ और उनके अंदर आत्मविश्वास जागा। इस डिबेट में अच्छे प्रदर्शन करने के बाद इन्हें समझ में आ गया था कि जो अच्छे से बोल सकते हैं, उनमें अलग से खासियत नहीं होता है बल्कि जो मेहनत करता है, वही अच्छा करता है।
नीतीश राजपूत सोशल मीडिया (Nitish Rajput Social Media)
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