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नफरत शायरी

Nafrat Shayari in Hindi

Nafrat Shayari in Hindi
Images :-Nafrat Shayari in Hindi

नफरत शायरी |Nafrat Shayari in Hindi

तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो,
मैं प्यार का इस्तीफा जिंदगी भर नहीं दूंगा।

जब चाहा उसने अपना बनाया मुझे मन
भरने पर उसने ठुकराया मुझे गुस्सा
आता था सिर्फ उसके झूठे प्यार पर
अब नफरत करना उसने सिखाया मुझे !

अदावत तो है अपनी
नफरतों के रहनुमाओं से।
जो दिल में दे जगह उससे
भला न क्यूँ सुलह कर लें।।

क़त्ल तो लाजिम है इस बेवफा शहर में,
जिसे देखो दिल में नफरत लिये फिरता है।

उसने मुझ से नफरत मरते
दम तक करने की कसम खा ली है,
और मैंने भी उसे प्यार मरते
दम तक करने की कसम खा ली है !!

नफरतों के जहां में हमको
प्यार की बस्तियां बसानी हैं,
दूर रहना कोई कमाल नहीं,
पास आओ तो कोई बात बने

मैं काबिले नफरत हूँ,
तो छोड़ दे मुझको।
तू मुझसे यूँ दिखावे की
मोहब्बत न किया कर।।

लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,
नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है।

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प्यार करना सिखा है
नफरतो की कोई जगह नही।
बस तु ही तु है इस दिल मे,
दूसरा कोई और नही।।

******

उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ

जा तुझे मौका दिया,
जी भर के नफरत कर ले,
और जब नफरत से जी भर जाए,
तो प्यार को मौका देना.. !!

कभी उसने भी हमे चाहत का पैगाम लिखा था
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है !

जो मुझसे नफरत करते हैं
शौक से करें।
हर शख्स को मैं अपनी
मोहब्बत के काबिल नहीं समझती।।

नफरत करनी हर किसी को नहीं आती,
ये तो बस प्यार में जख्मी लोगों का काम है.. !!

हमें बरबाद करना है तो हमसे प्यार करो,
नफरत करोगे तो खुद बरबाद हो जाओगे।

Nafrat Shayari in Hindi

बैठकर सोचते है अब कि क्या खोया क्या पाया
उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर !

न मोहब्बत संभाली गई,
न नफरतें पाली गईं,
अफसोस है उस जिंदगी का,
जो तेरे पीछे खाली गई।

जब नफरत की बात उठेगी तो
सबसे पहला नाम हमारा आएगा,
क्योंकि नफरत करने में
हमने रिकॉर्ड जो बना रखे हैं !!

हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत
का सलीक़ा ही नहीं,
जा किसी और का
होने की इजाज़त है तुझे

खुदा सलामत रखना उन्हे जो हमसे
नफरत करते है प्यार न सही नफरत
ही सही कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते है !

ज़्यादा कुछ नहीं बदला
उसके और मेरे बीच में।
पहले नफरत नहीं थी
और अब प्यार नहीं है।।

नफरत तुम बेशक कर लो हमसे,
हम तो करते रहेंगे प्यार,
तुम्हें युहीं चाहेंगे जब तक है दम !!

अगर इतनी ही नफरत है हमसे तो,
दिल से कुछ ऐसी दुआ करो,
की आज ही तुम्हारी दुआ भी पूरी हो जाये,
और हमारी ज़िन्दगी भी।

कुछ लोग तो मुजसे सिर्फ इसलिए
भी नफरत करते है क्योकि बहुत
सारे लोग मुझसे प्यार करते है !

इश्क़ करे या नफरत इजाज़त है उन्हें।
हमे इश्क़ से अपने कोई शिकायत नही।।

नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं,
जब भी मिलते है कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं।

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जो हमारी नफरत के भी लायक नहीं थे,
हम उन्ही से बेशुमार प्यार कर बैठे !!

कभी उसने भी हमें मोहब्बत का पैगाम लिखा था,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।

कुछ दगाबाज़ी हम भी तेरे ऐतबार से करेंगे।
तुझसे नफ़रत भी जालिम ज़रा प्यार से_करेंगे।।

हमारी दुआ थी कि
वो नफरत खत्म करदें,
उनकी दुआ थी
की हम ये रिश्ता ही खत्म करदें !!

हाँ मुझे रस्म ए मोहब्बत का सलीक़ा ही नही
जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे !

मुझसे नफरत करनी है
तो इरादे मजबूत रखना।
जरा से भी चूके
तो महोब्बत हो जायेगी।।

एक ही अर्ज है बनावटी प्यार न कर मुझसे,
इससे अच्छा तो नफरत कर मगर दिल से कर !!

******

तुम नफरत करो या मोहब्बत,
दोनों हमारे हक में बेहतर हैं,
नफरत करोगे तो हम तुम्हारे दिमाग में,
मोहब्बत करोगे तो दिल में बस जायेंगे।

तुम्हे पता था की मुझे
तोड़ना इतना आसान नही
इसलिए तुमने प्यार का
फ़रेबी खेल खेला मेरे साथ !

हक़ से दो तो तुम्हारी नफरत भी कबूल हमें।
खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें।।

उसकी बेवफ़ाई देख कर रहते हैं बेचैन,
उससे नफरत न कर
बैठें इस बात से रहते हैं बेचैन !!

Nafrat Shayari in Hindi

गुजरे हैं इश्क़ में हम इस मुकाम से
नफरत सी हो गई है मोहब्बत के नाम से
हम वो नहीं जो मोहब्बत में रो कर के
जिंदगी को गुजार दे…
अगर परछाई भी तेरी नजर आ जाए
तो उसे भी ठोकर मार दें।

खुदा सलामत रखना उन्हें,
जो हमसे नफरत करते हैं,
प्यार न सही नफरत ही सही,
कुछ तो है जो वो हमसे करते हैं।

तेरी नफरतो को प्यार की खुशबु बना देता
मेरे बस मेअगर होता तुझे उर्दू सीखा देता !

देख के हमको वो सर झुकाते हैं,
बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं।
नफरत हैं तो कह देते हमसे,
गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं।।

मोहब्बत भी जबर्दस्त थी,
और नफरत भी जबर्दस्त है।
जो भी किया जबर्दस्त ही किया है !!

इश्क़ या खुदा को दिल मे बसा लो दिल से
नफरत हमेशा के लिए खत्म हो जायेगी !

कुछ लोग तो मुझसे
सिर्फ इसलिए भी नफरत करते हैं।
क्योंकि..बहुत सारे
लोग मुझसे प्यार करते हैं।।

मोहब्बत के बदले नफरत
मिले तो कोई गम नहीं,
क्योंकि मोहब्बत को पाने
के लिए यहाँ लोग भी कम नहीं !!

मोहब्बत करने से फुरसत नहीं मिली यारो,
वरना हम करके बताते नफरत किसको कहते है।

नफरत तेरी बुलंदियों पे थी,
फिर भी तुझे चाहा था।
ए सनम तूने ही आवाज ना लगाई,
हमने तो तुझे हर लम्हे में पुकारा था।।

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जब रिश्तों में प्यार कम और
नफ़रतें ज्यादा होती हैं,
तो उन रिश्तों के ख़तम
होने की उम्मीद भी ज्यादा होती हैं !!

एहसास बदल जाते हैं
बस और कुछ नहीं,
वरना नफरत और
मोहब्बत एक ही दिल में होती है।

नफरत को हम प्यार देते हैं
प्यार पे खुशियां वार देते हैं।
बहुत सोच समझ कर
हमसे कोई वादा करना ऐ दोस्त।
हम पर वादे पर जिंदगी गुजार देते हैं।।

मोहब्बत जीवन से जाएगी तो नफरत रह जाती है,
और जीवन में नफरत ही नफरत रह जाती है !!

कुछ जुदा सा है मेरे महबूब का अंदाज,
नजर भी मुझ पर है और नफरत भी मुझसे ही।

किसी ने मुझसे पूछा
तुम्हारा शौक क्या है मैने हंस
कर कहा नफरत करने
वालो से मोहब्बत करना !

काश कि दिल पर
अपना अख्तियार होता।
ना नफरत होती ना प्यार होता।।

नफरत बदसूरती से नहीं
बदसूरत दिल से होती है,
क्योंकि धोखा तो
खूबसूरत चेहरे ही देते हैं ……..!!!

*****

नफरत हमने सीखी नही कभी दिल से।
हम तो बस मौहब्बत
ही रखते है हर किसी से।।

मेरे नाम से इतनी नफरत करते हैं वो,
नफरत के बहाने से ही
सही मेरा नाम तो लेते हैं वो !!!

फिर यूँ हुआ के गैर को दिल से लगा लिया,
अंदर वो नफरतें थी के बाहर के हो गये।

प्यार, एहसान, नफरत,
दुश्मनी जो चाहो वो मुझसे करलो।
आप की कसम वही दुगुना मिलेगा।

Nafrat Shayari in Hindi

मुझे शिकवा मेरे नफरत
करने वालों से नहीं है,
शिकवा तो मुझे मुझसे
झूठी मोहब्बत करने वालों से है !!

ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा,
मैं खुद तन्हा रहा पर दिल को तन्हा नहीं रखा,
तुम्हारी चाहतों के फूल तो महफूज रखे हैं,
तुम्हारी नफरतों की पीड़ को जिंदा नहीं रखा।

तेरी जुदाई में और तो कुछ ना हो सका।
बस मोहब्बत से नफरत हो गयी ।।

नफरत की आग फैलाने
में तो चंद पल ही लगते हैं,
मगर मोहब्बत का फूल
खिलाने के लिए पूरी जिन्दगी बीत जाती है !!

एक नफरत ही है जिसे,
दुनिया चंद लम्हों में जान लेती है, वरना..
चाहत का यकीन दिलाने में तो
ज़िन्दगी बीत जाती है।

वो वक़्त गुजर गया जब मुझे तेरी आरज़ू थी
अब तू खुदा भी बन
जाए तो मै सज़दा न करूँ!

जब से पता चला है की नफरत ही
हमारी जिन्दगी का अंजाम है,
तब से हम जिन्दगी को हथेली पर लिए घूमते हैं !!

चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,
देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,
जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,
सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह।

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चाह कर भी मुँह फेर नही पा रहे हो
नफरत करते हो या इश्क निभा रहे हो !

तूने ज़िन्दगी को मेरी
इस क़दर कुछ यूँ मोड़ा हैं।
कि अब मोहब्बत भी नफरत भी,
दोनों थोड़ा थोड़ा हैं।।

उनकी इतनी नफरत ने ही
हमें उनका दीवाना बना रखा है,
अगर उन्होंने मोहब्बत हमसे
कर ली तो हमारा क्या हाल होगा …..!!!

मत रख इतनी नफ़रतें
अपने दिल में ए इंसान,
जिस दिल में नफरत होती है
उस दिल में रब नहीं बसता।

उसकी नफरत का जहर
इतना चढ़ गया है ,
की अब किसी की भी
मोहब्बत का स्वाद नहीं चढ़ता !!

उनकी नफरत बता रही है।
हमारी मोहब्बत गज़ब की थी।।

ग़ज़ब की एकता देखी लोगों की ज़माने में,
ज़िन्दों को गिराने, मुर्दों को उठाने में..!!!

न मोहब्बत संभाली गई न
नफरते पाली गई अफसोस है उस
जिंदगी का जो तेरे पीछे खाली गई !

गुज़रे है आज इश्क के उस मुकाम से।
नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से।।

*******

ऐसी मोहब्बत न करना जो सिर्फ दिल्लगी हो ,
ऐसी मोहब्बत न करना की बाद में पछतावा हो जाये ,
देखना ऐसी मोहब्बत न करना, कहीं नफरत न हो जाये….!!

सुनो न.बेहद गुस्सा करते हो आजकल।
नफरत करने लगे हो
या ईश्क ज्यादा हो गया।।

उसको पाने के लिए में बहुत सी हदें पार कर बैठा ,
एक रिश्ते को जोड़ने के लिए कईं रिश्तों को दूर कर बैठा,
उसकी मोहब्बत पाने के लिए खुद से ही नफरत कर बैठा….!!

नफ़रत करना है तो इस क़दर करना।
के हम दुनिया से चले जाए पर
तेरी आँख में आंशु ना आए।।

यूँ ही नहीं कोई बेइन्तेहाँ
नफरत कर बैठता है,
जब किसी को बेवफाई मिले
तो बेइन्तेहाँ नफरत कर बैठता है….!!

जो आदमी लिमिट मे रहता है वो
ज़िन्दगी भर लिमिट मे ही रह जाता है !

एक नफरत ही नहीं दुनिया
में दर्द का सबब फ़राज़।
मोहब्बत भी सकूँ वालों
को बड़ी तकलीफ़ देती है।।

Nafrat Shayari in Hindi

मोहब्बत के बदले मोहब्बत तो हर कोई करता है,
नफरत के बदले मोहब्बत कोई कोई करता है….!!

देखना मेरी तुम्हारी नफरतो मे
खाख ना हो जाए सबकुछ
हम दोनो को भी आखिर मे
रहना तो है इसी बस्ती मे !

दुनिया को नफरत का
यकीन नहीं दिलाना पङता।
मगर लोग मोहब्बत
का सबूत ज़रूर मॉगते हैं।।

दुनिया का यही बड़ा दस्तूर है,
नफरत के लिए हमें सबूत नहीं चाइये होता,
मोहब्बत को साबित करने
के लिए हमें सबूत चाइये होता….!!

कैसे उन्हें भुलाऊँ मोहब्बत
जिन्होने की मुझको तो वो भी
याद है नफ़रत जिन्होने की !

मेरे पास वक्त नही है, नफ़रत करने का उन लोगो से,
जो मुझसे नफऱत किया करते है।
क्योंकि मैं व्यस्त हूँ उन लोगो मे
जो मुझसे प्यार किया करते है।।

नफरत की कड़वाहट
जब आपका मन भर जाये,
तो चले आना मेरे पास
में मोहब्बत की मिठास चखा दूंगा !!

अजीब सी आदत और गजब की
फितरत है मेरी मोहब्बत हो कि
नफरत हो बहुत शिद्दत से करता हू !

पहले इश्क़, फिर दर्द, फिर बेहद नफरत।
बड़ी तरकीब से तबाह किया तुमने मुझको।।

कैसे करें नफरत उससे हम जिससे
हमने मरते दम तक मोहब्बत
करने का वादा किया है !!

पूरी दुनिया नफरतो की
आग मे जल रही है
फिर भी ना जाने क्यो
लोगों को ठंड लग रही है !

हमारी अदा पे तो नफरत
करने वाले भी फ़िदा हैं।
तो फिर सोच प्यार करने
वालो का किया हाल होता होगा।।

फिर कहीं से नफरत के सिक्के मिलेंगे​,
ये हथेली आज फिर खुजला रही है​ !!

नफरत करने की दवा बता दो यारो।
वरना मेरी मौत की
वजह मेरा प्यार ही होगा।।

वक़्त हर दर्द और हर
नफरत को ख़तम कर देता है,
मगर कुछ दर्द और
नफरत कभी ख़तम नहीं होते हैं !!

प्यार करता हूँ इसलिए फ़िक्र
करता हूँ जो नफ़रत करता
तो तेरा जिक्र तक न करता !

नफरतें लाख मिलीं पर मोहब्बत न मिली,
ज़िन्दगी बीत गयी मगर राहत न मिली।
तेरी महफ़िल में हर एक को हँसता देखा,
एक मैं था जिसे हँसने की इजाजत न मिली।।

मुझे ऑनलाइन देखते ही तेरा
ऑफलाइन हो जाना उफ़
यह तेरी डिजिटल नफरत !

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सनम तेरी नफरत में वो दम नहीं
जो मेरी चाहत को मिटा दे।
ये मोहब्बत है कोई खेल नहीं
जो आज हंस के खेला और कल रो कर भुला दे।।

नाराजगी, डर,
नफरत या फिर प्यार।
कुछ तो जरुर है
जो तुम मुझ से दूर-दूर रहते हो।।

नफरतो को जलाओ
मोहब्बत की रौशनी होगी
वरना इंसान जब भी जले हैं
ख़ाक ही हुए है !

में अकेला वारिस हूँ
तेरी तमाम नफरतों का, ऐ मेरी जान।
और तू सारे शहर में
प्यार बाटती फिर रही है।।

हमसे नफरत तभी करना
जब आप हमारे बारे मै जानते हो
तब नही जब किसी से सुना हो !

प्यार करता हु इसलिए फ़िक्र करता हूँ।
नफरत करुगा तो जिक्र भी नही करुगा।।

हमे नफ़रत पसंद है
लेकिन दिखावे का प्यार नही !

कर लूं एक बार तेरा दीदार
जी भर के, मेरे दोस्त।
मेरी मोहब्बत और तेरी नफरत
के बीच का फासला खत्म हो जाएगा।।

नफरत है मुझे आज
जालिम तेरे उस रुखसार से।
जिसे देख कर मैं
अक्सर दीवाना हुआ करता था।।

*****

ना जाने क्यु कोसते है लोग बदसुरती को
बरबाद करने वाले तो हसीन चेहरे होते है !

ये मेरे दिल की जिद है
की प्यार करुँ तो सिर्फ तुमसे करूँ।
वरना तुम्हारी जो फितरत है
वो नफरत के भी काबिल नहीं।।

हाथ में खंजर ही नहीं आंखो मे पानी भी चाहिए
ऐ खुदा मुझे दुश्मन भी खानदानी चाहिए !

नाराजगी डर नफरत या फिर
प्यार कुछ तो जरुर है जो
तुम मुझसे दूर दूर रहते हो !

Nafrat Shayari in Hindi

वो इनकार करते हैं इक़रार के लिए,
नफऱत भी करते हैं तो प्यार करने के लिए।
उल्टी चाल चलते हैं ये इश्क़ करने वाले,
आंखे बंद करते हैं दीदार के लिए।।

उन्हे नफरत हुयी सारे जहाँ से
अब नयी दुनिया लाये कहाँ से !

इसी लिए तो बच्चो पे नूर सा बरसता है
शरारतें करते है साजिशे तो नही करते !

मुझे नफरत है इस मोहब्बत के नाम से,
क्यूँ बिना कसूर तडपा तडपाकर मारा है मुझे।

है खबर अच्छी के आजा मुँह तेरा मीठा करे
नफरतें तेरी हुई है बा खुशी दिल को कबूल !

नफरत है इस रविवार से मुझे,
ये दिलाती है और भी
तेरी याद खाली वक्त में।।

अगर हमारी उल्फतों से तंग आ
जाओ तो बता देना हमें नफरत तो
गवारा है मगर दिखावे की मोहब्बत नही !

हमें भुलाकर सोना तो तेरी
आदत ही बन गई है ऐ सनम
किसी दिन हम सो गए तो
तुझे नींद से नफ़रत हो जायेगी !

हमे बर्बाद करना है तो हमसे प्यार करो
नफरत करोगे तो खुद बर्बाद हो जाओगे !

एक नफरत ही है जिसे दुनिया
चंद लम्हों मैं जान लेती है
वरना चाहत का यकीन दिलाने
में तो ज़िन्दगी बीत जाती है !

हंसने के बाद क्यो रुलाती है दुनिया
जाने के बाद क्यो भुला देती है ये दुनिया
जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी थी
जो मरने के बाद भी जला देती है ये दुनिया !

नफरत करोगे तो अधुरा किस्सा हूँ मैं
मोहब्बत करोगे तो तुम्हारा ही हिस्सा हूँ मे !

मुझसे नफरत ही करनी है
तो इरादे मजबूत
रखना ज़रा से भी चुके
तो मोहब्बत हो जाएगी !

होते है शायद नफरत मे ही पाकीजा
रिश्ते वरना अब तो तन से लिबास
उतारने को लोग मोहब्बत कहते है !

छोटी सी इस कहानी को
एक और फ़साना मिल गया
उनको हमसे नफ़रत का
एक और बहाना मिल गया !

कदर करनी है तो जीते जी करो
अरथी उठाते वक़्त तो नफरत
करने वाले भी रो पड़ते है!

मेरे दिल को यु कैद ना कर ए पगली
दिल के नवाब हेए तेरे पिंजरे के पंछी नही !

वो लोग अपने आप में कितने अज़ीम थे
जो अपने दुश्मनों से भी नफ़रत न कर सके !

जिस क़दर नफ़रत बढ़ाई उतनी
ही क़ुर्बत बढ़ी अब जो महफ़िल
मे नही है वो तुम्हारे दिल मे है !

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Rahul Singh Tanwar
Rahul Singh Tanwar
राहुल सिंह तंवर पिछले 7 वर्ष से भी अधिक समय से कंटेंट राइटिंग कर रहे हैं। इनको SEO और ब्लॉगिंग का अच्छा अनुभव है। इन्होने एंटरटेनमेंट, जीवनी, शिक्षा, टुटोरिअल, टेक्नोलॉजी, ऑनलाइन अर्निंग, ट्रेवलिंग, निबंध, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान जैसे विविध विषयों पर कई बेहतरीन लेख लिखे हैं। इनके लेख बेहतरीन गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं।

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