Lamha Shayari in Hindi
लम्हा शायरी |Lamha Shayari in Hindi
जलने दो ज़माने को चलो एक साथ चलते हैं,
नयी दुनिया बसाने को चलो एक साथ चलते हैं,
हमें जीवन का हर लम्हा तुम्हारे नाम करना है,
यही वादा निभाने को चलो एक साथ चलते हैं।
मैं कुछ लम्हा और तेरा साथ चाहता था,
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था,
सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर,
मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था।
तुमसे दूरी का एहसास जब सताने लगा,
तेरे साथ गुज़ारा हर लम्हा याद आने लगा,
जब भी कोशिश की तुम्हें भुलाने की,
तू और भी इस दिल के करीब आने लगा।
मेरा हर लम्हा चुरा लिया आपने,
आँखों को एक चाँद दिया आपने,
हमें जिंदगी दी और किसी ने,
पर प्यार इतना देकर जीना सिखा दिया आपने।
Read Also: ब्रोकन हार्ट शायरी
तेरी आवाज़ सुनने को तरश्ता है दिल मेरा,
तेरी एक झलक पाने को बेकरार है दिल मेरा,
अपनी ज़िन्दगी का हर लम्हा तेरे साथ गुज़ारू,
हर पल बस यही चाहता है दिल मेरा।
सारी उम्र आंखो मे एक सपना याद रहा,
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,
ना जाने क्या बात थी उनमे और हममे,
सारी महफ़िल भूल गए वह चेहरा याद रहा ।
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे,
वो हमे एक लम्हा न दे पाए प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बैठे।
Lamha Shayari in Hindi
हर लम्हा अपनी पलकों पर बिठाया तुझे,
फिर भी ये इश्क़ मेरा न रास आया तुझे,
किस्मत की भी है यह अजीब दास्ताँ,
कभी हंसाया तो कभी रुलाया मुझे.
अकसर गुमसुम रहने वाला नग्मा हूँ मैं,
आपकी यादो में रहने वाला लम्हा हूँ मैं,
आप मेरी जान हो तो एक बात बताओ,
आपके होते हुए भी क्यों तन्हा हूँ मैं।
न जाने क्यूँ वक़्त इस तरह गुजर जाता है,
जो वक़्त था वो पलट कर सामने आता है,
और जिस वक़्त को हम दिल से पाना चाहते हैं,
वो तो बस एक लम्हा बनकर बीत जाता है।
लाख बंदिशें लगा ले दुनिया हम पर,
मगर हम दिल पर काबू नहीं कर पाएंगे,
वो लम्हा आखिरी होगा जीवन का हमारा,
जिस दिन हम यार तुझको भूल जायेंगे।
इस दिल को अगर तेरा एहसास नहीं होता,
तो दूर भी रह कर के यूँ पास नहीं होता,
इस दिल ने तेरी चाहत कुछ ऐसे बसा ली है,
एक लम्हा भी तुझ बिन कुछ खास नहीं होता।
Read Also: नफरत शायरी
मेरा हर लम्हा चुराया आपने,
आँखों को एक ख्वाब दिखाया आपने,
हमें ज़िन्दगी दी किसी और ने,
पर प्यार में जीना सिखाया आपने.
******
अगर जिंदगी में जुदाई ना होती,
तो कभी किसी की याद आई ना होती,
साथ ही गुजरता हर लम्हा तो शायद,
रिश्तों में इतनी गहराई ना होती.
Lamha Shayari in Hindi
क्या बताऊँ कैसे खुद को दर-ब-दर मैंने किया,
उम्र भर किस किस के हिस्से का सफ़र मैंने किया,
तू तो नफरत भी न कर पायेगा इस शिद्दत के साथ,
जिस बला का प्यार बेखबर तुझसे मैंने किया।
एक तो तेरी आवाज़ याद आएगी,
तेरी कही हुई हर बात याद आएगी,
दिन ढल जायेगा, रात को याद आएगी,
हर लम्हा पहली मुलाकात याद आएगी.
अगर जिंदगी में जुदाई ना होती;
तो कभी किसी की याद आई ना होती;
साथ ही गुजरता हर लम्हा तो शायद;
रिश्तों में इतनी गहराई ना होती।!!!!
दिल की धड़कनो को एक लम्हा सब्र नहीं,
शायद उसको अब मेरी ज़रा भी कदर नहीं,
हर सफर में मेरा कभी हमसफ़र था वो,
अब सफर तो हैं मगर वो हमसफ़र नहीं।
याद जब आती है तुम्हारी तो सिहर जाता हूँ मैं,
देख कर साया तुम्हारा अब तो डर जाता हूँ मैं,
अब न पाने की तमन्ना है न खोने का डर,
जाने क्यूँ अपनी ही चाहत से मुकर जाता हूँ मैं।
Read Also: एक लाइन शायरी
लाख बंदिशें लगा ले ये दुनिया हम पर,
मगर हम दिल पर काबू नहीं कर पाएंगे,
वो लम्हा आखिरी होगा ज़िन्दगी का हमारा,
जिस दिन हम यार तुझको भूल जायेंगे।
जरा साहिल पे आकर वो थोड़ा मुस्कुरा देती,
भंवर घबरा के खुद मुझ को किनारे पर लगा देता,
वो ना आती मगर इतना तो कह देती कि आँऊगी,
सितारे, चाँद, सारा आसमान राहों में बिछा देता।
उतना हसीन फिर कोई लम्हा नहीं मिला,
तेरे जाने के बाद कोई भी तुझ सा नहीं मिला,
सोचा करूँ मैं एक दिन खुद से ही गुफ्तगू,
लेकिन कभी मैं खुद को तन्हा नहीं मिला।
*****
कैसे कहें कि आपके बिन यह ज़िंदगी कैसी है,
दिल को हर पल जलाती यह बेबसी कैसी है,
न कुछ कह पाते हैं और न कुछ सह पाते हैं,
न जाने तक़दीर में लिखी यह आशिकी कैसी है।
तिनकों से बना पल, पल से बना लम्हा,
और लम्हों ने वक़्त को चुना,
हर पल कोई किसी के साथ नहीं रह सकता,
इसीलिए तो खुदा ने यादों को चुना।
Lamha Shayari in Hindi
इश्क़ में हर लम्हा ख़ुशी का एहसास बन जाता है,
दीदार-ए-यार भी खुदा का दीदार बन जाता है,
जब होता है नशा मोहब्बत का,
तो अक्सर आईना भी ख्वाब बन जाता है।
गुजरते लम्हों में सदियाँ तलाश करता हूँ,
प्यास इतनी है कि नदियाँ तलाश करता हूँ,
यहाँ पर लोग गिनाते है खूबियां अपनी,
मैं अपने आप में कमियाँ तलाश करता हूँ।
लम्हा लम्हा सांसें ख़तम हो रही हैं,
ज़िंदगी मौत के पहलू में सो रही है,
उस बेवफा से ना पूछो मेरी मौत की वजह,
वो तो ज़माने को दिखाने के लिए रो रही है।
यादें अगर आँसू होती तो चली जाती,
यादें अगर लिखावट होती तो मिट जाती,
यादें ज़िंदगी में बसा वो लम्हा हैं,
जो लाख कोशिशों के बाद भी
लफ़्ज़ों में नहीं सिमट पाती।
Read Also